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गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां

यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्‍पष्‍ट रूप से कहीं उल्‍लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्‍वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्‍यवस्‍था के उत्‍पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्‍धता सुनिश्चित करना, देश की वित्‍तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्‍थाओं की स्‍थापना करना, किफायती वित्‍तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्‍तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

अधिसूचनाएं


क्रेडिट संस्थानों द्वारा साख सूचना कंपनियों को क्रेडिट जानकारी प्रस्तुति का अंतराल

आरबीआई/2024-25/60
विवि.एफआईएन.आरईसी.सं.32/20.16.056/2024-25

8 अगस्त, 2024

सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित, तथा भुगतान बैंक को छोड़कर)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक/केंद्रीय सहकारी बैंक
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी)
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (आवास वित्त कंपनियों सहित)
सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां
सभी साख सूचना कंपनियां

महोदय/महोदया

क्रेडिट संस्थानों द्वारा साख सूचना कंपनियों को क्रेडिट जानकारी प्रस्तुति का अंतराल

कृपया अन्य विषय के साथ दिनांक 15 जनवरी, 2015 के परिपत्र डीबीआर. सं. सीआईडी. बीसी. 60/20.16.056/2014-15 देखें, जिसके द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) और क्रेडिट संस्थानों (सीआई) को निर्देश दिए गए है कि वह अपनी एकत्रित/अनुरक्षित क्रेडिट जानकारी को मासिक आधार पर अथवा सीआई और सीआईसी के बीच सहमति से निर्धारित किए गए ऐसे छोटे अंतराल पर इसे नियमित रूप से अद्यतन रखें। डिजिटल प्रक्रियाओं द्वारा क्रेडिट अंडरराइटिंग में तेजी से परिवर्तन के समय को ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक है कि सीआईसी द्वारा प्रदान की गई क्रेडिट जानकारी रिपोर्ट (सीआईआर) अधिक वर्तमान सूचना को दर्शाती हो, जिससे ऋणदाता योग्य क्रेडिट निर्णय लेने में सक्षम हो सकें।

2. तदनुसार, प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (सीआईसीआरए, 2005) की धारा 11 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, यह निर्देश दिया जाता है कि सीआईसी और सीआई उनके द्वारा एकत्रित/अनुरक्षित क्रेडिट जानकारी को नियमित रूप से पाक्षिक आधार पर (अर्थात संबंधित माह की 15वीं और अंतिम तारीख को) अथवा सीआई और सीआईसी के बीच सहमति के अनुसार ऐसे छोटे अंतराल पर अद्यतन रखेंगे। सीआई द्वारा सीआईसी को क्रेडिट जानकारी का पाक्षिक प्रस्तुतीकरण संबंधित रिपोर्टिंग पखवाड़े के सात (7) कैलेंडर दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाए। इसके अतिरिक्त, दिनांक 26 अक्तूबर, 2023 के परिपत्र विवि. एफआईएन. आरईसी.49/20.16.003/2023-24 के अनुसार सीआईसी को अपने डेटा स्वीकृति नियमों के अनुसार, सीआई से प्राप्त क्रेडिट जानकारी डेटा को सीआई से प्राप्त होने के सात (7) कैलेंडर दिनों के भीतर दर्ज करना आवश्यक है। इसे अब संशोधित करके इसकी प्राप्ति के पांच (5) कैलेंडर दिन कर दिया गया है।

3. सीआईसी उन सीआई की सूची प्रदान करेंगे जो सूचना और निगरानी उद्देश्यों के लिए अर्धवार्षिक अंतराल (प्रत्येक वर्ष 31 मार्च और 30 सितंबर को) पर पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय को पाक्षिक डेटा प्रस्तुत करने की समयसीमा का पालन नहीं कर रहे हैं।

4. यह निर्देश 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी होंगे। हालाँकि, सीआई और सीआईसी को इन निदेशों को यथाशीघ्र, परंतु 1 जनवरी, 2025 के उपरांत नहीं, व्यवहार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

5. सीआईसी और सीआई जो उपरोक्त निदेशों का उल्लंघन करते हैं अथवा उनके पालन में चूक करते हैं, वह सीआईसीआरए, 2005 के प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।

भवदीय

(जे. पी. शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक

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