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भुगतान और निपटान प्रणाली

अर्थव्‍यवस्‍था की समग्र दक्षता में सुधार करने में भुगतान और निपटान प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अंतर्गत राशि-मुद्रा, चेकों जैसी कागज़ी लिखतों के सुव्‍यवस्थित अंतरण और विभिन्‍न इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यमों के लिए विभिन्‍न प्रकार की व्‍यवस्‍थाएं हैं।

प्रेस प्रकाशनी


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भुगतान विनियामक बोर्ड का गठन

30 सितंबर 2025

भुगतान विनियामक बोर्ड का गठन

वित्त अधिनियम, 2017 के माध्यम से संदाय और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम, 2007) की धारा 3 में हाल ही में किए गए संशोधन, वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत सरकार द्वारा 6 मई 2025 को जारी राजपत्रित अधिसूचना के साथ 9 मई 2025 से प्रभावी हो गए। इस अधिसूचना के साथ, पूर्ववर्ती भुगतान और निपटान प्रणाली विनियमन और पर्यवेक्षण बोर्ड (बीपीएसएस) जो भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की एक समिति है, को 9 मई 2025 से भुगतान विनियामक बोर्ड द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।

2. भुगतान विनियामक बोर्ड का गठन पीएसएस अधिनियम, 2007 की धारा 3 (2) के अंतर्गत किया गया है, जिसमें निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं:

पीएसएस अधिनियम, 2007 के अंतर्गत नियुक्ति/ नामित भुगतान विनियामक बोर्ड के सदस्य
पीएसएस अधिनियम, 2007 की धारा क्रम सं. नाम  
3 (3) (ए) 1 गवर्नर अध्यक्ष
3 (3) (बी) 2 उप गवर्नर
भुगतान और निपटान प्रणाली के प्रभारी
सदस्य
3 (3) (सी) 3 कार्यपालक निदेशक
भुगतान और निपटान प्रणाली के प्रभारी
सदस्य
3 (3) (डी) 4 सचिव
वित्तीय सेवाएं विभाग
सदस्य
5 सचिव
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
सदस्य
6 श्रीमती अरुणा सुंदरराजन
आईएएस (सेवानिवृत्त)
सदस्य
भुगतान विनियामक बोर्ड विनियमन, 2025 के विनियम 3(2) के अनुसार, आरबीआई के प्रधान विधि परामर्शदाता बोर्ड की बैठकों में स्थायी आमंत्रित सदस्य हैं।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1202

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