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उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण

हमारी ग्राहक पहुंच नीति का लक्ष्य आमजनता को सूचना प्रदान करना है जिससे कि वे बैंकिंग सेवाओं के संबंध में अपनी अपेक्षाओं, विकल्पों और अधिकारों तथा बाध्यताओं के बारे में जान सकें। हमारे ग्राहक सेवा प्रयासों को ग्राहक के अधिकारों की रक्षा करने, ग्राहक सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने और संपूर्ण बैंकिंग क्षेत्र और रिज़र्व बैंक में शिकायत निवारण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए डिजाइन किया गया है।

प्रेस प्रकाशनी


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रिज़र्व बैंक ने बैंकों में शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए रूपरेखा जारी किया

27 जनवरी 2021

रिज़र्व बैंक ने बैंकों में शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए रूपरेखा जारी किया

रिज़र्व बैंक ने 4 दिसंबर 2020 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में जारी 'विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य' में घोषणा की थी कि बैंकों की शिकायत निवारण तंत्र की प्रभावकारिता को मजबूत करने और सुधारने के लिए जनवरी 2021 के दौरान एक व्यापक रूपरेखा तैयार की जाएगी।

तदनुसार, आज एक रूपरेखा जारी की गई जिसमें i) बैंकों द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर बढ़े हुए प्रकटन ii) बैंकों से अनुरक्षणीय शिकायतों के निवारण की लागत की वसूली, जिनके विरुद्ध बैंकिंग लोकपाल (ओबीओ) कार्यालयों में प्राप्त शिकायतों की संख्या उनके सहकर्मी समूह के औसत से अधिक है; और iii) ऐसे बैंकों के शिकायत निवारण तंत्र की रिज़र्व बैंक द्वारा गहन समीक्षा जिनके निवारण तंत्र में लगातार समस्याएँ हैं, शामिल है।

बैंकों के ग्राहकों और जनता के लिए शिकायतों का निवारण लागत-मुक्त होगा।

रूपरेखा का उद्देश्य, अन्य बातों के साथ-साथ बैंकों द्वारा प्राप्त शिकायतों की मात्रा और प्रकृति के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करना और साथ ही निवारण की गुणवत्ता और बदलाव का समय, संतोषजनक ग्राहक परिणामों को बढ़ावा देना और ग्राहक विश्वास में सुधार करना और जिन बैंकों के शिकायत निवारण तंत्र में समस्याएँ हैं उनके द्वारा लिए जाने वाले उपचारात्मक कदमों की पहचान करना है।

परिपत्र की तारीख से रूपरेखा लागू होगी।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/1002

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