26 अप्रैल 2021
आरबीआई बुलेटिन – अप्रैल 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपने मासिक बुलेटिन के अप्रैल 2021 के अंक को जारी किया। बुलेटिन में मौद्रिक नीति घोषणा, वर्ष 2021-22, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 5-7 अप्रैल 2021, मौद्रिक नीति रिपोर्ट - अप्रैल 2021, एक भाषण, चार आलेख और वर्तमान सांख्यिकी शामिल हैं।
ये चार आलेख हैं: I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. भारत में एआरसी: उनके कारोबारी परिचालन और एनपीए समाधान में भूमिका का अध्ययन; III. क्षमता उपयोग और मुद्रास्फीति के बीच संबंध: भारतीय विनिर्माण क्षेत्र का एक अध्ययन; और IV. भारत में खुदरा भुगतान की आदतें - एक प्रायोगिक सर्वेक्षण से साक्ष्य।
I. अर्थव्यवस्था की स्थिति
भारत जहाँ नए संक्रमणों की भयंकर वृद्धि से जूझ रहा है, वहीं इसके प्रत्युत्तर में एक मजबूत नीतिगत पहल भी आकार ले रही है। भारत में आर्थिक गतिविधि कोविड-19 के नए हमले के खिलाफ मोर्चे पर डटी हुई है। संपर्क-गहन क्षेत्रों के अलावा, गतिविधि संकेतक काफी हद तक मार्च में सुदृढ़ बने रहे और पूर्व-महामारी के स्तर से भी आगे बढ़े। कोविड-19 के उभार पर यदि समय से काबू नहीं पाया गया तो प्रतिबंधों के लंबे समय तक चलने और आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान के जोख़िम हैं जिसके परिणाम मुद्रास्फीति दबाव रूप में आ सकते हैं। महामारी संबंधी प्रोटोकॉल, तेजी से टीकाकरण, अस्पताल और अनुषंगी क्षमता में तेजी लाना तथा महामारी के बाद समष्टि-आर्थिक व वित्तीय स्थिरता के साथ मजबूत व टिकाऊ संवृद्धि वाले भविष्य पर भरपूर ध्यान देना ही आगे का रास्ता है।
II. भारत में एआरसी: उनके कारोबारी परिचालन और एनपीए समाधान में भूमिका का अध्ययन
आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां (एआरसी) भारत में आस्ति समाधान तंत्र में महत्वपूर्ण भागीदार हैं। कई अन्य देशों के विपरीत, जिन्होंने बैंकिंग संकट या संकट जैसी परिस्थितियों के बाद पूर्व-निर्धारित अवधि के अस्तित्व वाली आस्ति प्रबंधन कंपनियों के सार्वजनिक क्षेत्र के मॉडल के साथ प्रयोग किया, भारत, पहले से चले आ रहे वित्तीय क्षेत्र सुधारों के तौर पर, एआरसी को निजी क्षेत्र की संस्थाओं के रूप में लेकर आया ।
प्रमुख बातें:
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समय के साथ एआरसी की संख्या में वृद्धि के बावजूद, एआरसी उद्योग में प्रबंधनाधीन आस्तियों और जारी प्रतिभूति रसीदों (एसआर) का संकेंद्रण रहा है।
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इन कंपनियों के पूंजी आधार को व्यापक बनाने और बढ़ाने के लिए नीतिगत स्तर पर ज़ोर देने के बावजूद, वे मुख्य रूप से पूँजी के घरेलू स्रोतों, विशेष रूप से बैंकों पर निर्भर हैं।
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बही मूल्य की तुलना में अधिग्रहण लागत अनुपात में धीमी वृद्धि के बावजूद यह कम बना हुआ है और सभी एआरसी और आर्थिक क्षेत्रों में इसमें व्यापक भिन्नता है।
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एआरसी ने मुख्य रूप से समाधान की पद्धति के रूप में भुगतान दायित्वों की अवधि के पुनर्निर्धारण का सहारा लिया है।
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एआरसी की बहियों में पुराने एसआर का काफी संकेंद्रण है।
III. क्षमता उपयोग और मुद्रास्फीति के बीच संबंध: भारतीय विनिर्माण क्षेत्र का अध्ययन
यह आलेख मुद्रास्फीति के अनुमान के संदर्भ में विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता उपयोग (सीयू) की प्रभावकारिता का आकलन करने का प्रयास करता है ।
प्रमुख बातें:
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विनिर्माण क्षेत्र में क्रयादेश पुस्तक, स्टॉक और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण (ओबीआईसीयूएस) आधारित सीयू दर अर्थव्यवस्था में मांग की स्थितियों में उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
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यह आलेख सीयू में चक्रीय पैटर्न और मूल्य परिवर्तन के साथ इसके संबंधों का अध्ययन करने के लिए एक वैकल्पिक (व्हार्टन) विधि का उपयोग करके सीयू की एक लंबी समय श्रृंखला की गणना करता है।
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अध्ययन में पाया गया है कि सीयू और डब्ल्यूपीआई-विनिर्माण आधारित मुद्रास्फीति के बीच संबंध समय के साथ बदलते हैं और विनिर्माण मुद्रास्फीति के भावी पथ के आकलन के लिए समग्र स्तर सीयू का विवेकपूर्ण अर्थ लगाने की आवश्यकता है ।
IV. भारत में खुदरा भुगतान की आदतें - पायलट सर्वेक्षण से साक्ष्य
यह आलेख दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 के दौरान छह शहरों में डिजिटल भुगतान की जागरूकता और उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए छह शहरों में व्यक्तियों के खुदरा भुगतान की आदतों पर एक पायलट सर्वेक्षण के परिणाम प्रस्तुत करता है।
प्रमुख बातें:
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सर्वेक्षण के परिणामों ने उत्तरदाताओं के बीच डिजिटल भुगतान के बारे में व्यापक जागरूकता का संकेत दिया, जिसमें डिजिटल भुगतान के पक्ष में जो बात थी, वह थी इसकी सुविधा ।
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अर्थमितीय आकलन के अनुसार बैंक खातों के स्वामित्व, साक्षरता के स्तर और उपयोगकर्ताओं की आय के साथ जागरूकता का सकारात्मक संबंध है।
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महत्वपूर्ण बात यह है कि सर्वेक्षण के परिणामों ने भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में बुनियादी सुरक्षा मानकों (सेफ्टी नॉर्म्स) के बारे में आम जनता को अधिक जागरूक बनाने की आवश्यकता का संकेत दिया है।
अगले अंक से आरबीआई का मासिक बुलेटिन हर महीने की 15 तारीख के आसपास प्रकाशित किया जाएगा।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/112 |