01 जुलाई 2021
रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, जुलाई 2021 जारी की
आज, रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का 23वां अंक जारी किया, जो वित्तीय क्षेत्र के विकास और विनियमन से संबंधित समसामयिक मुद्दों के संदर्भ में वित्तीय स्थिरता के जोखिमों और वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है।
मुख्य बातें:
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सतत नीति समर्थन, सौम्य वित्तीय स्थिति और टीकाकरण की गति एक असमान वैश्विक सुधार का पोषण कर रही है।
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नीतिगत समर्थन ने वैश्विक स्तर पर गैर-निष्पादित ऋण युक्त बैंकों की वित्तीय स्थिति और ऋण-शोधन क्षमता और चलनिधि को मजबूत बनाए रखने में मदद की है।
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घरेलू मोर्चे पर, कोविड-19 की दूसरी लहर की गति ने आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है, लेकिन मौद्रिक, विनियामक और राजकोषीय नीति उपायों ने वित्तीय संस्थाओं के ऋण-शोधन क्षमता जोखिम को कम करने, बाजारों को स्थिर करने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद की है।
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मार्च 2021 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) बढ़कर 16.03 प्रतिशत और प्रावधानीकरण कवरेज अनुपात (पीसीआर) 68.86 प्रतिशत हो गया।
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समष्टि दबाव टेस्ट से संकेत मिलता है कि आधारभूत परिदृश्य के तहत एससीबी का सकल गैर-निष्पादित आस्ति (जीएनपीए) अनुपात मार्च 2021 में 7.48 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2022 तक 9.80 प्रतिशत; और गंभीर दबाव परिदृश्य के तहत 11.22 प्रतिशत तक हो सकता है, हालांकि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास कुल और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर, यहां तक कि दबाव में भी पर्याप्त पूंजी है।
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आगामी समय में, जैसा कि बैंक बहाल होती अर्थव्यवस्था में ऋण मांग पर प्रतिक्रिया करेंगी , उन्हें संभावित तुलन पत्र दवाब की तुलना में स्वंय को मजबूत करने के लिए अपनी पूंजी और चलनिधि की स्थिति को सुदृढ़ करने की आवश्यकता होगी।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/467 |