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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत जारी निदेशों की वैधता अवधि को बढ़ाया जाना – इंडियन मार्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

25 जनवरी 2023

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत जारी
निदेशों की वैधता अवधि को बढ़ाया जाना –
इंडियन मार्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडियन मार्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) को जारी निदेशों की वैधता अवधि को 28 जनवरी 2023 से 27 अप्रैल 2023 तक अगले तीन (03) माह के लिए बढ़ा दिया है तथा ये समीक्षाधीन होंगे। बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत जारी दिनांक 28 जनवरी 2022 के निदेश DOS.CO.OCCD/185569/12.28.007/2021-22 द्वारा 28 जनवरी 2022 से निदेशाधीन रखा गया है।

दिनांक 27 जनवरी 2023 तक के लिए जारी निदेश की वैधता अवधि को दिनांक 25 जनवरी 2023 के निदेश DOR.MON.No.D-65/12.28.007/2022-23 द्वारा 28 जनवरी 2023 से 27 अप्रैल 2023 तक अगले तीन (03) माह के लिए बढ़ा दिया गया है तथा ये समीक्षाधीन होंगे। दिनांक 25 जनवरी 2023 के निदेश की प्रतिलिपि जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेशों को जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1613

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