बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

प्रेस प्रकाशनी


(302 kb )
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण की रूपरेखा (एसएसएएफ) पर चर्चा पत्र जारी किया

25 जनवरी 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण की रूपरेखा (एसएसएएफ) पर चर्चा पत्र जारी किया

30 सितंबर 2022 को जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने एआरसी मार्ग के अलावा, दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रस्ताव दिया था। यह घोषणा की गई थी कि प्रस्तावित रूपरेखा की प्रासंगिक ढांचे का विवरण देने वाला एक चर्चा पत्र जल्द ही जारी किया जाएगा। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज एसएसएएफ पर चर्चा पत्र जारी कर हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

चर्चा पत्र में मुख्यतः रूपरेखा के नौ प्रासंगिक क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिसमें आस्ति ब्रह्मांड, आस्ति पात्रता, न्यूनतम जोखिम प्रतिधारण, विशेष प्रयोजन इकाई और समाधान प्रबंधक के लिए नियामक रूपरेखा, समाधान प्रबंधक के लिए वित्त तक पहुंच, पूंजी उपचार, उचित तत्परता, ऋण वृद्धि और मूल्यांकन शामिल हैं। मानक आस्तियों के प्रतिभूतिकरण की रूपरेखा के साथ संरचनात्मक रूप से संरेखित रखने के प्रयास करते हुए, यह अन्य क्षेत्राधिकारों में प्रस्तुत किए गए समान रूपरेखाओं पर आधारित है।

टिप्पणियाँ 28 फरवरी 2023 तक मुख्य महाप्रबंधक, ऋण जोखिम समूह, विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, 12वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई – 400001 को अथवा ई-मेल द्वारा "दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण की रूपरेखा (एसएसएएफ) पर चर्चा पत्र" की विषय पंक्ति के साथ प्रस्तुत की जा सकती हैं।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1614

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष