28 दिसंबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, दिसंबर 2023 जारी की
आज, रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का 28वां अंक जारी किया, जो वित्तीय स्थिरता के जोखिमों और वित्तीय प्रणाली की आघात सहनीयता पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है।
मुख्य बातें:
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वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है: धीमी संवृद्धि की संभावनाएँ; बृहद सार्वजनिक ऋण; बढ़ता आर्थिक विखंडन; और दीर्घकालिक भू-राजनीतिक संघर्ष।
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भारतीय अर्थव्यवस्था और घरेलू वित्तीय प्रणाली आघात-सहनीय बनी हुई है, जो सुदृढ़ समष्टि आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों, वित्तीय संस्थानों के बेहतर तुलन-पत्र, मुद्रास्फीति में कमी, बाहरी क्षेत्र की स्थिति में सुधार और निरंतर राजकोषीय समेकन द्वारा समर्थित है।
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सितंबर 2023 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का जोखिम-भारित आस्ति की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) और सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी1) अनुपात क्रमशः 16.8 प्रतिशत और 13.7 प्रतिशत था।
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एससीबी की सकल अनर्जक आस्ति (जीएनपीए) अनुपात सितंबर 2023 में कई वर्षों के निचले स्तर 3.2 प्रतिशत और निवल अनर्जक आस्ति (एनएनपीए) अनुपात 0.8 प्रतिशत तक कम होना जारी रहा।
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ऋण जोखिम के लिए मैक्रो तनाव परीक्षणों से पता चलता है कि एससीबी, न्यूनतम पूंजी अपेक्षाओं का अनुपालन करने में सक्षम होंगे, सितंबर 2024 में सिस्टम-स्तरीय सीआरएआर, आधार, मध्यम और गंभीर तनाव परिदृश्य के अंतर्गत क्रमशः 14.8 प्रतिशत, 13.5 प्रतिशत और 12.2 प्रतिशत अनुमानित है।
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सितंबर 2023 में क्रमशः सीआरएआर 27.6 प्रतिशत, जीएनपीए अनुपात 4.6 प्रतिशत और आस्ति पर रिटर्न (आरओए) 2.9 प्रतिशत के साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) क्षेत्र की आघात-सहनीयता में सुधार हुआ।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2023-2024/1555 |