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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

प्रेस प्रकाशनी


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भारतीय रिज़र्व बैंक ने कारोबार के स्वरूप और निवेश के लिए विवेकपूर्ण विनियमन संबंधी परिपत्र का मसौदा जारी किया

4 अक्तूबर 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने कारोबार के स्वरूप और निवेश के लिए विवेकपूर्ण विनियमन संबंधी परिपत्र का
मसौदा जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज ‘कारोबार के स्वरूप और निवेश के लिए विवेकपूर्ण विनियमन’ संबंधी परिपत्र का मसौदा जारी किया। परिपत्र के मसौदे पर बैंकों और अन्य हितधारकों से 20 नवंबर 2024 तक टिप्पणियाँ आमंत्रित की गई हैं।

परिपत्र के मसौदे पर प्रतिक्रिया निम्नलिखित पते पर:

मुख्य महाप्रबंधक
पंजीकरण एवं प्राधिकरण समूह
विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय
12वीं/13वीं मंजिल, भारतीय रिज़र्व बैंक केंद्रीय कार्यालय भवन
शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट
मुंबई – 400001

या

विषय पंक्ति "कारोबार के स्वरूप और निवेश के लिए विवेकपूर्ण विनियमन संबंधी परिपत्र के मसौदे पर प्रतिक्रिया" के साथ ईमेल द्वारा भेजी जा सकती है।

पृष्ठभूमि

मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवाएँ) निदेश, 2016 के पैराग्राफ 4 और 5, बैंकों द्वारा कारोबार के स्वरूप और निवेश के लिए विवेकपूर्ण विनियमन पर विनियमों को समेकित करते हैं। रिज़र्व बैंक ने इन विनियमों की समीक्षा इस उद्देश्य से की है कि बैंकों के मुख्य कारोबार को अन्य जोखिम वाले गैर-मुख्य कारोबार से अलग रखा जाए और साथ ही बैंकों को वित्तीय सेवाओं/गैर-वित्तीय सेवा कंपनियों और वैकल्पिक निवेश निधियों में निवेश करने के लिए परिचालनगत स्वतंत्रता प्रदान की जाए।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1225

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