17 मार्च 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरबीआई ओम्बड्समैन का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 17 मार्च 2025 को मुंबई में आरबीआई ओम्बड्समैन का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का विषय था "शिकायत निवारण में परिवर्तन: एआई का लाभ"। इसमें प्रमुख बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, गैर-बैंक भुगतान प्रणाली संचालकों, साख सूचना कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और सीईओ, आरबीआई ओम्बड्समैन तथा रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर ने श्री स्वामीनाथन जे., उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशकों और सम्मेलन के प्रतिभागियों की उपस्थिति में सम्मेलन का उद्घाटन किया।
गवर्नर ने अपने उद्घाटन भाषण में पिछले कतिपय वर्षों में बैंकिंग सेवाओं में सुधार की दिशा में की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला। तथापि, उन्होंने ग्राहक अनुभव को उल्लेखनीय रूप से बेहतर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि शिकायत निवारण की किसी भी आवश्यकता को समाप्त किया जा सके। उन्होंने विनियमित संस्थाओं से अपने स्तर पर शिकायतों का प्रभावी ढंग से निवारण करने और आरबीआई ओम्बड्समैन के पास शिकायतों के आने से बचने के लिए अपने आंतरिक शिकायत निवारण ढांचे को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने केवाईसी प्रक्रियाओं में सुधार तथा विशेष रूप से डिजिटल धोखाधड़ी के बारे में ग्राहकों की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
डॉ. पुष्पक भट्टाचार्य, प्रोफेसर, आईआईटी बॉम्बे एवं आरबीआई की एफ़आरईई-एआई समिति के अध्यक्ष ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने विशेषतया ग्राहक सेवा और शिकायत निवारण के क्षेत्र में कुशल और मापनीय प्रणाली विकसित करने में लार्ज लैंग्वेज मॉडल की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने एआई को अपनाने में संभावित जोखिमों और चुनौतियों को भी रेखांकित किया और जिम्मेदार एआई के महत्व पर जोर दिया।
सम्मेलन में प्रौद्योगिकीय परिवर्तन के माध्यम से शिकायत निवारण और ग्राहक संरक्षण को मजबूत करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाने पर पैनल चर्चा भी हुई।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2399
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