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मिन्ट स्ट्रीट मेमो

348 kb दिनांक : 23 अप्रैल 2018

मिन्ट स्ट्रीट मेमो सं. 11
सीपीआई मुद्रास्फीति पर आवास किराया भत्ता में वृद्धि का प्रभाव

प्रज्ञा दास1

सारांश

यह पेपर 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों के बाद आवास किराया भत्ते (एचआरए) में वृद्घि का हेडलाइन मुद्रास्फीति पर प्रभाव का अध्ययन करता है। यह देखा गया है कि एचआरए वृद्धि ने आकलित आवास मुद्रास्फीति को काफी बढ़ा दिया जिसका शीर्ष प्रभाव लगभग 35 आधार अंक तक है। यह प्रभाव अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में देखा गया है। पेपर दर्शाता है कि अभी तक हेडलाइन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर एचआरए वृद्धि का वास्तविक प्रभाव वैसा ही रहा है जैसा रिज़र्व बैंक द्वारा अपने पांचवे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, दिसंबर 2017 में पूर्वानुमान आकलन में किया गया था।

1. परिचय

14 मई 2016 में भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम में संशोधन के साथ नए युग की शुरुआत हुई जिसके द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक को मौद्रिक नीति बनाने के लिए स्पष्ट अधिदेश उद्देश्य दिया गया। मौद्रिक नीति बनाने के कार्य लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्य (एफआईटी) ढांचे में अंतरित हो गया जिसका मुख्य लक्ष्य वृद्धि के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना है। मूल्य स्थिरता को स्पष्ट रूप से 4 प्रतिशत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति के रूप में निर्धारित किया गया है जिसमें +/- 2 प्रतिशत2 का सहनशीलता बैंड रहेगा। दशक जिसमें शुरुआती वर्षों में लगातार उच्च/दोहरे अंकों में मुद्रास्फीति देखी गई, एफआईटी अपनाने के बाद मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम होकर सहनशीलता बैंड में जा रही है।

अन्य बातों के साथ-साथ पिछले वर्ष के मध्य से सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास किराया भत्ते ने आकलित मुद्रास्फीति को बढ़ाया है। यह पेपर पहले आवास सूचकांक संकलन की पद्धति का वर्णन करता है और हेडलाइन मुद्रास्फीति पर एचआरए के प्रभाव का आकलन करने के तरीके के बारे में बताता है। दूसरा, यह 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) द्वारा वृद्धि करने से पहले और बाद में आवास मुद्रास्फीति की प्रगति की माप करता है। अंततः आवास सूचकांक संकलन और प्रसार के महत्वपूर्ण निहितार्थ निकाले गए हैं।

2. सीपीआई में आवास सूचकांक का निर्माण

सीपीआई में आवास 10.07 के भार के साथ प्रमुख घटक है। आवास के अंदर, आवास किराये का भार 9.51 प्रतिशत है और अन्य विविध आवास सेवाओं का 0.56 प्रतिशत है। केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) केवल शहरी केंद्रों के लिए आवास सूचकों का संकलित करता है। आवास सूचकांक के लिए सीएसओ द्वारा किराये और स्व-स्वामित्व वाले घरों को देखा जाता है। स्व-स्वामित्व घरों का किराया निकालने के लिए, इस प्रकार के किराये वाले आवास पर देय बाजार किराये का उपयोग किया जाता है। इसे किराया समकक्ष दृष्टिकोण3 कहा जाता है। सीएसओ किराये वाले और स्व-स्वामित्व घरों के राज्य-वार आंकड़ों का उपयोग करता हैं जिन्हें किराये के आंकड़ों4 को संयुक्त करने के लिए भार के रूप में कमरों की विभिन्न संख्या (एक, दो, तीन, चार या इससे अधिक) के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। ये भार आवास स्थिति पर सर्वेक्षण (जुलाई-दिसंबर 2012) से प्राप्त किए गए हैं। यह सर्वेक्षण घरों की कालिक स्थिति का आकलन करता है अर्थात क्या वे स्व-स्वामित्व या किराये वाले हैं। किराये पर लिए घरों के लिए सर्वेक्षण आगे यह निश्चित करता है कि ये नियोक्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए है या निजी रूप से किराये पर लिए गए हैं।

आवास किराया सूचकांक के संकलन के लिए सीएसओ ने पुनः आवास किराया सर्वेक्षण कराया है जिसमें 310 कस्बों के 1,114 बाजारों में फैले 13,368 किराये वाले घरों के स्थायी नमूने को कवर किया गया है। नमूना स्थायी बना रहा है जिसमें मार्जिन पर विस्थापन हुआ जब बार-बार प्रतिक्रिया नहीं मिलती है। इन घरों में से, लगभग 13.7 प्रतिशत सरकारी आवास हैं। निजी रूप से किराये वाले घरों के लिए, किरायेदारों द्वारा भुगतान किए गए वास्तविक किराये को एकत्र किया जाता है। तथापि, सरकारी आवास के मामले में, किराये में लाइसेंस शुल्क और निवासी द्वारा त्यागा गया एचआरए शामिल होता है – निवासी का रैंक जितना उच्चतर होगा, परिकलित किराया उतना ही अधिक होगा और निवासी का रैंक जितना नीचा होगा, परिकलित किराया उतना ही कम होगा।5

आवास किराया सूचकांक संकलित करने के लिए सीएसओ द्वारा “श्रृंखला आधार” पद्धति का उपयोग किया जाता है। इस पद्धति के अनुसार, सभी बाजारों में नमूना घरों के छठवें हिस्से (अर्थात 2228 घर) के प्रतिनिधि उप-नमूने का हर महीने सर्वेक्षण किया जाता है ताकि पूरे नमूने को छह माह में कवर किया जा सके। तदनुसार, उदाहरण के लिए जुलाई के महीने में सर्वेक्षण किए गए घरों को दुबारा आने वाली जनवरी में देखा जाता है, जिनका अगस्त में सर्वेक्षण किया जाता है, उनका फरवरी में दुबारा सर्वेक्षण किया जाता है और यह प्रक्रिया इसी प्रकार आगे बढ़ती है। चूंकि किराया बार-बार रिसेट नहीं किया जाता है, यह पद्धति किराये से संबंधित गतिविधियों को उचित ढंग से लेती है। जबकि किराये के आंकड़ों को प्रत्येक माह किराये वाले घरों के छठवें हिस्से के लिए एकत्र किया जाता है, किराया सूचकांक के संकलन के लिए छह महीनों के आंकड़ों का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, दिसंबर 2017 के लिए आवास सूचकांक बनाने के लिए जुलाई-दिसंबर 2017 के महीनों के दौरान एकत्र किए गए किराये के आंकड़ों का उपयोग किया जाता है।

3. 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के अंतर्गत एचआरए की वृद्धि का सीपीआई पर प्रभाव

जुलाई 2017 में, 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के अंतर्गत संशोधित एचआरए संरचना प्रभावी हो गयी। 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों का मूल वेतन 2.57 फैक्टर तक बढ़ गया। तदनुसार, एचआरए 105.6 प्रतिशत अर्थात सीपीसी से पहले के स्तर से दुगने से अधिक तक संशोधित हो गया (अनुलग्नक 1, सारणी 1)।

सीपीआई पर एचआरए वृद्धि का प्रभाव

आवास सूचकांक संकलन के श्रृंखला आधार पद्धति के अंतर्गत नमूना घरों के उप-श्रेणी के किराये में तेज वृद्धि के चलते हेडलाइन मुद्रास्फीति से अनुमान के आधार पर छह महीनों में धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना थी, यह अगले छह महीनों के लिए उच्च स्तर पर बनी रही और इसके बाद इसका प्रभाव कम हुआ। नमूना घरों में से, लगभग 13.7 प्रतिशत सरकारी आवास हैं (केंद्र, राज्यों और अन्य)। यदि इन सभी आवासों का एचआरए 1.5.6 प्रतिशत तक बढ़ गया, आवास किराये का भार सीपीआई में 9.51 प्रतिशत है, तो हेडलाइन मुद्रास्फीति में शीर्ष वृद्धि लगभग 140 आधार अंकों की होगी।6 यह वृद्धि धीरे-धीरे होगी क्योंकि इन आवासों के छठवें हिस्से को जुलाई 2017 से शुरू करते हुए प्रत्येक माह देखा जाता है और यह वृद्धि 18 महीनों में धीरे-धीरे मिट जाएगी (सारणी 1)।

सारणी 1: एचआरए वृद्धि का प्रभाव (आधार अंकों में)
महीना हेडलाइन मुद्रास्फीति$
जुलाई-17 23
अगस्त-17 46
सितंबर-17 69
अक्तूबर-17 92
नवंबर-17 115
दिसंबर-17 138
जनवरी-18 138
फरवरी-18 138
मार्च-18 138
अप्रैल-18 138
मई-18 138
जून-18 138
जुलाई-18 115
अगस्त-18 92
सितंबर-18 69
अक्तूबर-18 46
नवंबर-18 23
$ आवास किराया मुद्रास्फीति धीरे-धीरे प्रत्येक महीने में β = (1/6 x 13.7/100 x 105.6) x 100 आधार अंकों तक बढ़ेगी। हेडलाइन मुद्रास्फीति प्रत्येक माह (9.51/100 x β) आधार अंकों तक बढ़ेगी।

तथापि जुलाई 2017 में, एचआरए केवल केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए बढ़ाया गया था। श्रृंखला आधार पद्धति में नमूने में केंद्रीय सरकार आवासों को कुल सरकारी आवासों का एक-चौथाई मानते हुए, इन आवासों के छठे हिस्से ने जुलाई 2017 में आवास किराये में 105.6 प्रतिशत तक की वृद्धि की रिपोर्ट की। छह महीनों में, नमूने में सभी केंद्रीय कर्मचारी आवासों को कवर किया गया और प्रत्येक आवास ने इस प्रकार की वृद्धि की रिपोर्ट की। इसे देखते हुए, 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के एचआरए अवार्ड का हेडलाइन मुद्रास्फीति पर प्रभाव अनुमान के अनुसार दिसंबर 2017 तक 35 आधार अंकों तक होने की संभावना थी, जो अगले छह महीनों तक उसी स्तर पर बना रहेगा और फिर धीरे-धीरे 2018 के अंत तक कम हो जाएगा।

यदि सभी राज्य (अर्थात नमूना सरकारी आवासों का शेष तीन-चौथाई) 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के समान एचआरए वृद्धि लागू करते हैं और प्रभाव अप्रैल 2018 से दिखना शुरू हो जाता है, तो हेडलाइन मुद्रास्फीति से और बढ़ने की संभावना है जहां प्रभाव लगभग 100-105 आधार अंकों तक हो सकता है और यह 2019 के अंत तक कम हो सकता है (चार्ट 1)।

7वें सीपीसी और राज्यों के एचआरए पंचाट के कारण, हेडलाइन मुद्रास्फीति में समान मात्रा में वृद्धि, को आरबीआई द्वारा अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट (एमपीआर) और नीति वक्तव्यों के माध्यम से सूचित किया गया था (अप्रैल 2016, अक्टूबर 2016, अप्रैल 2017, अक्टूबर 2017 के एमपीआर में अध्याय 1 और अप्रैल 2018; चौथी द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2017-18 - पैरा 15; पांचवा द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2017-18 - पैरा 19; और प्रथम द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2018-19 - पैरा 18)।

ऊपर वर्णित परिदृश्य से राज्य एचआरए वृद्धि अलग होने की संभावना है (चार्ट 1 में हरे रंग बार)। उदाहरण के लिए, यदि राज्य 7 वें सीपीसी जैसी वृद्धि को धीरे-धीरे लागू करते हैं, अप्रैल 2018 से प्रत्येक तिमाही में वृद्धि के तीसरे प्रभाव के साथ, तो वृद्धि अधिक क्रमिक और फैल जाएगी (चार्ट 1 में पीला रंग)। वैकल्पिक रूप से, यदि केवल आधे राज्य एकसमान एचआरए वृद्धि (और दूसरे नहीं) भिन्नकालीक समय में- जिसमें से आधे जुलाई 2018 और बचे हुए जनवरी 2019 में देते हैं – तो हेडलाईन मुद्रास्फीति में कम प्रभाव दिखाई देगा (चार्ट 1 में ग्रे बार)।

4. सीपीआई आवासीय मुद्रास्फीति का उद्भव – प्रवृत्ति और प्रगति

आवासीय मुद्रास्फीति, जो 2012 में उच्च एकल अंक में थी, धीरे-धीरे कम हो गई और 2015 और 2016 में औसत 5 प्रतिशत थी । आवास मुद्रास्फीति में हालिया गड़बड़ी जून 2017 में 4.7 प्रतिशत थी । जुलाई 2017 से, आवास मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ने लगी और 2018 में 8.3 प्रतिशत तक पहुंच गई (चार्ट 2 और सारणी 2)।


Table 2: Average Housing Inflation
Year Inflation (YoY %)
2012 9.2
2013 8.1
2014 6.1
2015 4.8
2016 5.3
2017:H1 4.9
2017:H2 6.5
2018:Jan-Mar 8.3
Note: H1 is January-June and H2 is July-December

जुलाई-मार्च 2013-2017 के दौरान हेडलाईन मुद्रास्फीति में आवास का योगदान सीपीआई में आवास के भार के करीब 10 प्रतिशत पर था। हेडलाईन मुद्रास्फीति में तेजी से वृद्धि के कारण, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एचआरए में वृद्धि के बाद ,जुलाई-मार्च के दौरान आवास का योगदान प्रतिशत महत्वपूर्ण रूप से बढ़ गया (10 प्रतिशत से 17.7 प्रतिशत) और आवास 2017-18 में हेडलाइन सीपीआई के प्रमुख चालकों में से एक बन गया ।जुलाई-मार्च 2013-2017 के दौरान हेडलाईन मुद्रास्फीति में आवास का योगदान सीपीआई में आवास के भार के करीब 10 प्रतिशत पर था। हेडलाईन मुद्रास्फीति में तेजी से वृद्धि के कारण, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एचआरए में वृद्धि के बाद, जुलाई-मार्च के दौरान आवास का योगदान प्रतिशत महत्वपूर्ण रूप से बढ़ गया (10 प्रतिशत से 17.7 प्रतिशत) और आवास 2017-18 में हेडलाइन सीपीआई के प्रमुख चालकों में से एक बन गया।

5. एचआरए का प्रभाव जो सीपीआई में प्रकट होता है

जुलाई 2017 से, सीपीआई में आवास सूचकांक 7वें सीपीसी के एचआरए वृद्धि के प्रभाव से जुड़ा हुआ है। इस प्रभाव को अलग करने के लिए,पिछले वर्ष की प्रवृत्ति का उपयोग करते हुए आवास सूचकांक को अनुमानित सूचकांक के साथ बदलकर सीपीआई का पुनर्निर्माण किया जाता है। पुनर्निर्मित सूचकांक की मुद्रास्फीति और देखी गई मुद्रास्फीति के बीच का अंतर दर्शाता है कि छह महीने से अधिक, एचआरए की वृद्धि ने धीरे-धीरे हेडलाईन मुद्रास्फीति को 35 बीपीएस तक बढ़ा दिया और मार्च 2018 के नवीनतम डेटा प्रिंट तक इसका प्रभाव बना रहा।7 सीपीआई में खाद्य और ईंधन को छोड़कर इसका प्रभाव दोगुना से अधिक था क्योंकि आवास किराए पर 20.1 प्रतिशत का भार है (चार्ट 3)8

आरबीआई द्वारा एमपीआर और मौद्रिक नीति वक्तव्य में किए गए पूर्व- मूल्यांकन में सेक्शन 3 में चर्चा की गई जानकारी का उपयोग किया गया है। उपर्युक्त विश्लेषण के आधार पर एचआरए प्रभाव, जैसा कि ऊपर बताया गया है, मुद्रास्फीति आरबीआई के आकलन के करीब निकली है।

आरबीआई ने बताया है कि नीतिगत उद्देश्यों के लिए, एचआरए पंचाट के सांख्यिकीय प्रत्यक्ष प्रभावों को देखा जाना चाहिए। तथापि, मुद्रास्फीति अपेक्षाओं को रीसेट करने के माध्यम से अप्रत्यक्ष प्रभाव, उदाहरणार्थ, मौद्रिक नीति प्रतिक्रिया की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए, एचआरए प्रभाव को अलग और प्रक्षेपित करना महत्वपूर्ण है।

6. डेटा निर्माताओं के लिए एक नोट

सीपीआई को अपने पहले सीपीसी संशोधन का सामना करना पड़ रहा है, सीपीआई पर एचआरए वृद्धि के वास्तविक प्रभाव के संबंध में निर्माताओं के लिए विश्लेषकों और नीति निर्माताओं के प्रश्नों को संबोधित करना चुनौतीपूर्ण होना चाहिए। यह देखते हुए कि मौद्रिक नीति का स्पष्ट प्राथमिक उद्देश्य अब‘विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना’ है और यह देखते हुए कि मूल्य स्थिरता सीपीआई का उपयोग करके मापा जाता है,एचआरए वृद्धि के प्रभाव को समझने और अलग करने की आवश्यकता पहले की तुलना में अधिक स्पष्ट है जब आरबीआई द्वारा उपयोग की जानेवाली मुख्य मुद्रास्फीति मेट्रिक थोक मूल्य सूचकांक थी।

एचआरए प्रभाव के अनुमान की सीमाएं

यह नोट सीपीसी पंचाट के तहत एचआरए में बदलाव के प्रति सीपीआई मुद्रास्फीति की संवेदनशीलता पर प्रकाश डालता है। हालांकि, विश्लेषण में कुछ सीमाएं हैं जो कि यह अनुमान लगाती है कि सरकारी घरों के अलावा अन्य की किराया गतिविधि अपरिवर्तित बनी हुई है। सरकार (केंद्रीय और अन्य) और अन्य में आवास सूचकांक के टूटने की अनुपस्थिति में, सीपीआई मुद्रास्फीति पर एचआरए प्रभाव का सटीक अनुमान प्रकाशित डेटा से, पूर्व में प्रकाशित से भी, प्राप्त नहीं किया जा सकता है। विश्लेषकों के लिए एचआरए के वास्तविक प्रभाव का आकलन करने के लिए, निम्नलिखित अवलोकन किए गए हैं :

सीपीआई में सरकारी आवास के कवरेज पर ध्यान देने की आवश्यकता है

राजस्थान, तमिलनाडु, असम और दिल्ली जैसी कई राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए 7 वें सीपीसी के समान वेतन और भत्ते में वृद्धि की घोषणा की है। उदाहरण के लिए, इन चार राज्यों में साथ में सीपीआई में 17.3 प्रतिशत का भार है ।9  इन राज्यों के लिए एचआरए में वृद्धि के भार और समय को देखते हुए, दिसंबर 2017 तक हेडलाईन सीपीआई को 11-12 बीपीएस तक बढ़ा दिया जाना चाहिए था । तथापि, मार्च 2018 तक, राज्य सरकारों के वेतन और भत्ते संशोधन के कारण सीपीआई मुद्रास्फीति पर कोई प्रभाव नहीं दिखता है। यह कई कारणों से हो सकता है। पहला, प्रशासनिक देरी से घोषणाओं और भत्ते के वास्तविक वितरण के बीच अंतराल हो सकता है। दूसरा, राज्य के विवेक / बाधाओं के कारण वितरण आंशिक या अवधि के दौरान फैल सकता है और इसके कारण,सीपीआई पर एक मौन प्रभाव दिखता है।

तीसरा, भले ही वितरण किए गए हों, वास्तविक प्रभाव उस राज्य के आवास नमूने में राज्य सरकार के घरों के हिस्से पर निर्भर करेगा। उदाहरण के लिए, दिल्ली के मामले में आवास मुद्रास्फीति गिर गई है (अनुलग्नक 2)। दिल्ली में वास्तविक आवास भंडार में केंद्रीय और दिल्ली राज्य सरकार के आवास की उचित संख्या शामिल होने की उम्मीद है।10 दिल्ली में जून 2017 और मार्च 2018 के बीच आवास मुद्रास्फीति में गिरावट से दिल्ली के आवास के नमूने में सरकारी घरों की अनुपस्थिति या कम कवरेज का या 'सरकार से अन्य' घरों में तेज गिरावट, का संकेत मिलता है;हालांकि, मौजूदा सीपीआई डेटा के साथ आकलन करना संभव नहीं है।

इस प्रकार, मुद्रास्फीति पर प्रभाव का आकलन करने के लिए राज्य अपने वेतन और भत्ते पुरस्कार को कब और कितनी मात्रा में लागू कर रहे हैं, केवल इसकी जानकारी पर्याप्त नहीं है। आवास के नमूने में राज्य सरकार के आवासों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्रभाव का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। डेटा उत्पादक किराया सर्वेक्षण के लिए आवासों के नमूने (310 कस्बों में सभी 1114 बाजारों में फैले हुए) को अंतिम रूप देते समय प्रातिनिधिक सरकारी घरों को ध्‍याान में रखने पर विचार कर सकते हैं, ताकि राज्यों में केंद्रीय और राज्य सरकार के घरों के वास्तविक हिस्से को पर्याप्त रूप से प्रतिबिंबित किया जा सके।.

अलग सूचकांक की आवश्यकता

चूंकि सीएसओ द्वारा सर्वेक्षण किए गए आवासों के नमूने में नियोक्ता द्वारा प्रदत्‍त आवास शामिल है, इसलिए सीएसओ सरकारी और अन्‍यों द्वारा आवास के लिए अलग-अलग आवास सूचकांक तैयार करने पर विचार कर सकता है। इससे निजी / बाजार किराया और सरकारी आवास में उभरते रुझानों के बारे में विश्लेषण और मौद्रिक नीति को जानकारी में सुविधा होगी।

7. निष्कर्ष टिप्पणियां

जुलाई 2017 से केंद्र द्वारा एचआरए में वृद्धि ने हेडलाइन मुद्रास्फीति पर सहवर्ती प्रभाव के साथ आवास मुद्रास्फीति को काफी हद तक बढ़ा दिया। यह नोट सीपीआई मुद्रास्फीति पर एचआरए में वृद्धि के प्रभाव का अध्ययन करता है और निम्नलिखित निष्कर्ष प्रस्‍तुत करता है:

ए) सीपीआई के पूर्वव्‍यापी विश्लेषण से पता चलता है कि 7 वें सीपीसी के एचआरए वृद्धि ने जुलाई 2017 से धीरे-धीरे बढ़ती मुद्रास्फीति प्रिंट को 35 बीपीएस के शीर्ष प्रभाव तक बढ़ा दिया।

बी) हालांकि कुछ राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए वेतन और भत्ते में समान संशोधन लागू किया है, लेकिन कई कारणों से डेटा में प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है। सबसे पहले, घोषणा और वास्तविक वितरण के बीच प्रशासनिक देरी हो सकती है। दूसरा, वितरण राज्यों के विवेकानुसार आंशिक / घिरा हुआ हो सकता है। तीसरा, भले ही वितरण किए गए हों, आवास के नमूने में राज्य सरकार के घरों का प्रतिनिधित्व प्रभाव को ग्रहण करने के लिए पर्याप्त न हो।

सी) रिज़र्व बैंक, मौद्रिक नीति रिपोर्ट और द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के माध्यम से, 7 वें सीपीसी से एचआरए में वृद्धि के प्रभाव के पूर्वानुमानित मूल्यांकन करता है। अभीतक इस प्रकार के विकासशील डेटा द्वारा इस मूल्यांकन का समर्थन किया गया है।

चूंकि नीति विश्लेषण के लिए एचआरए प्रभाव का उचित मूल्यांकन और समझ महत्वपूर्ण है, इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि सीपीआई ‍निर्माता निम्नलिखित पर विचार करें: (i) भविष्य के आधार पर संशोधन के लिए, प्रत्येक राज्य के लिए घर किराए पर डेटा एकत्र करने के लिए आवास के निश्चित नमूने की तैयारी करते समय, सरकारी घरों का प्रातिनिधिक हिस्सा राज्यों में केंद्रीय और राज्य सरकार के घरों के वास्तविक हिस्से को प्रतिबिंबित करें; और (ii) मौजूदा श्रृंखला के लिए, आगे बढ़ते हुए सामने आनेवाले राज्यों के विकसित प्रभाव, के लिए सरकारी आवासों और अन्य आवासों के लिए अलग से हाउसिंग इंडेक्स प्रकाशित किया जाए।


अनुलग्नक 1

तालिका 1: 7वें सीपीसी के तहत प्रभावी एचआरए वृद्धि
शहर (जनसंख्या) 6 वीं सीपीसी के तहत मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में एचआरए 7 वें सीपीसी के तहत मूल वेतन में वृद्धि 6 वीं सीपीसी के तहत मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में एचआरए पिछले मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में नया एचआरए 6 वीं सीपीसी के तहत मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में एचआरए
(1) (2) (3) (4) (5)=(3)*(4) (6)=((5)-(2))/(2)
X
(> 50 लाख)
30 2.57 24 61.7 105.6
Y
(5-50 लाख)
20 16 41.1 105.6
Z
(5 लाख से कम)
10 8 20.6 105.6
एचआरए में छठें सीपीसी एचआरए से औसत वृद्धि 105.6

अनुलग्नक 2

राज्यों में एचआरए प्रभाव

आवास मुद्रास्फीति पर एचआरए का प्रभाव ज्यादातर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में देखा गया था। लक्षद्वीप,अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में सबसे तेज वृद्धि देखी गई है, जहां आवास भंडार में केंद्र सरकार के आवासों का हिस्सा उच्च होने की उम्मीद है (चार्ट 1)। राज्यों में यह वृद्धि राज्यों द्वारा वेतन और भत्ता वृद्धि के कार्यान्वयन का प्रतिबिंब नहीं है, लेकिन संभवतः 7 वीं सीपीसी के एचआरए वृद्धि के बाद इन राज्यों में केंद्र के आवासों के एचआरए में वृद्धि से उत्पन्न हुआ है।


1 प्रज्ञा दास मौद्रिक नीति विभाग में निदेशक है। इस पेपर में व्यक्त विचार लेखिका के हैं और रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं। लेखिका केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय और श्रम ब्यूरो के अधिकारियों के मूल्यवान चर्चाओं को स्वीकार करती है। भूल-चूक, यदि कोई हो, तो लेखिका की है।

2 सीपीआई को ग्रामीण, शहरी और संयुक्त (ग्रामीण+शहरी) श्रृंखला के रूप में अलग-अलग छापा जाता है। संयुक्त सीपीआई को सीपीआई के रूप में संदर्भित किया जाता है। हेडलाइन मुद्रास्फीति की माप सीपीआई में वर्ष-दर-वर्ष बदलावों के द्वारा की जाती है।

3 उपभोक्ता मूल्य सूचक प्रस्तुत करने के लिए व्यवहारिक गाइड, युनाइटेड नेशन्स, न्यू यॉर्क और जिनीवा, 2009

4 मूल्यों की सांख्यिकी और जीवनयापन लागत पर तकनीकी परामर्शदात्री समिति के समूह की रिपोर्ट, सीएसओ, 2014

5 (13.7/100) x 105.6 x 9.51 ≈ 140 आधार अंक

6 भारतीय श्रम वर्ष पुस्तक 2015 के अनुसार, केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार क्रमश: 25.2 लाख और 71.8 लाख था। कर्मचारी शेयर के आधार पर, हाउसिंग स्टॉक में सरकारी आवास का एक चौथाई केंद्र सरकार के कर्मचारियों के रूप में माना जा सकता है।

7 चूंकि केंद्र सरकार के आवास पूरे देश में उपलब्ध है, इसका असर बहुत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में देखा गया था।

8 औद्योगिक श्रमिकों (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में जनवरी 2018 के प्रिंट में एचआरए प्रभाव देखा गया था जब छह मासिक संशोधन आवास सूचकांक ने आवास गति को 1.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.8 प्रतिशत कर दिया। अनुमान है कि जनवरी और फरवरी में, एचआरए प्रभाव ने सीपीआई-आईडब्लू मुद्रास्फीति को 110 बीपीएस तक बढ़ा दिया। यह प्रभाव सीपीआई में दिखाई देने से काफी बड़ा है, क्योंकि सीपीआई-आईडब्ल्यू (i) आवास में अधिक भार है और (ii) सरकारी आवासों का हिस्सा 34% अधिक है।

9 आवास सूचकांक के लिए अलग-अलग राज्यों का वेटेज उपलब्ध नहीं है।

10 निर्वाह व्‍यय और मूल्‍य की सांख्यिकी पर तकनीकी सलाहकार समिति के समूह, सीएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में किराए पर दिए गए घरों में नियोक्ता द्वारा प्रदत्‍त घरों का हिस्‍स लगभग 15 प्रतिशत है।

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