27 अगस्त 2013
दि टाइम्स ऑफ इंडिया
के आलेख के जवाब
में:
"टकसालों में नहीं
छपने वाले लाखों
नोट भारतीय रिज़र्व
बैंक की वॉल्टों
में पहुंच रहे
हैं"
दि टाइम्स ऑफ इंडिया
ने 4 अगस्त 2013 को में
एक समाचार छापा
गया कि "टकसालों
में नहीं छपने
वाले लाखों नोट
भारतीय रिज़र्व
बैंक की वॉल्टों
में पहुंच रहे
हैं"। यह न्यूज़
रिपोर्ट वर्ष 1999-2000
से 2010-11 की अवधि के
दौरान क्रमशः छापे
गए नोटों और प्राप्त
नोटों/आपूर्ति
किए गए नोटों पर
सूचना के अधिकार
के अंतर्गत करेंसी
नोट मुद्रण प्रेसों
और भारतीय रिज़र्व
बैंक से प्राप्त
जानकारी पर आधारित
इस आलेख में प्रकाशित
किए गए आंकड़ों
में अनेक विसंगतियां
हैं जिनके परिणामस्वरूप
रिपोर्टर द्वारा
गलत निष्कर्ष निकाला
गया है।
समाचार पत्र इस
निष्कर्ष पर पहुंचा
है कि टकसालों
में नहीं छापे
गए नोट भारतीय
रिज़र्व बैंक में
पहुंच रहे है, इस
समाचार का आधार
वे आंकड़े हैं
जिन्हें तालिका
1 में दिया गया
है जिसे इस आलेख
के साथ प्रकाशित
किया गया है।
तालिका I
|
रु. 500
|
(संख्या मिलियन
में)
|
वर्ष/प्रेस में
उत्पादन
|
नाशिक
|
देवास
|
बीआरबीएनएमपीएल
|
कुल
|
आरबीआई को की गई
आपूर्ति
|
अंतर
|
1
|
2
|
3
|
4
|
5
|
6
|
7
|
1999-00
|
8.567
|
35
|
लागू नहीं
|
43.567
|
41
|
2.567
|
2000-01
|
108.869
|
100
|
97
|
305.869
|
293
|
12 (15.436 मार्गस्थ)
|
2001-02
|
71.043
|
78
|
397
|
546.043
|
551
|
4.957 (10.479 मार्गस्थ)
|
2002-03
|
111.451
|
76.464
|
434
|
621.915
|
615
|
6.915 (17.394 मार्गस्थ)
|
2003-04
|
117.37
|
48.536
|
987
|
1152.906
|
1168
|
15.094 (2.3 मार्गस्थ)
|
2004-05
|
121.46
|
79
|
1071
|
1271.46
|
1252
|
19.46 (21.76 मार्गस्थ)
|
2005-06
|
185.101
|
49
|
416
|
650.101
|
661
|
10.899 (10.861 मार्गस्थ)
|
2006-07
|
293.163
|
101.72
|
1071
|
1465.883
|
1473
|
7.117
|
2007-08
|
259.536
|
216.312
|
1398
|
1873.848
|
1805
|
68.848
|
2008-09
|
971.24
|
90.96
|
2335
|
3397.21
|
3459
|
61.78 (10.80 मार्गस्थ)
|
2009-10
|
970.11
|
447.21
|
2600
|
4017.32
|
4008
|
9.327 (20.13 मार्गस्थ)
|
2010-11
|
870.24
|
349.66
|
2550
|
3769.91
|
4130
|
360.08 (20.13 मार्गस्थ)
|
रु.1000
|
(लाखों में सख्या)
|
वर्ष/प्रेस में
उत्पादन
|
नाशिक
|
देवास
|
बीआरबीएनएमपीएल
|
कुल
|
आरबीआई को की गई
आपूर्ति
|
अंतर
|
1999-00
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
2000-01
|
0
|
0
|
114
|
114
|
114
|
0 (मिलान)
|
2001-02
|
43.033
|
0
|
4
|
47.033
|
40
|
7.033 (मार्गस्थ)
|
2002-03
|
70.967
|
0
|
100
|
170.967
|
178
|
7.033
|
2003-04
|
82
|
0
|
131
|
213
|
209
|
4 (मार्गस्थ)
|
2004-05
|
0.3
|
0
|
253
|
253.3
|
257
|
3.7 (0.3 मार्गस्थ)
|
2005-06
|
0
|
0
|
130
|
130
|
130
|
0 (मिलान किंतु 0.3 मिलियन
नोट मार्गस्थ हैं)
|
2006-07
|
102.342
|
0
|
489
|
591.342
|
598
|
6.658 (प्राप्त किए गए
नोटों का आधिक्य)
|
2007-08
|
185.868
|
0
|
549
|
734.868
|
699
|
35.868 (मार्गस्थ)
|
2008-09
|
117.36
|
0
|
614
|
731.36
|
763
|
31.63 (4.23 मार्गस्थ)
|
2009-10
|
318.61
|
0
|
701
|
1019.61
|
1007
|
12.61 (16.85 मार्गस्थ)
|
2010-11
|
177.80
|
0
|
269
|
446.80
|
467
|
20.19 (16.85 मार्गस्थ)
|
इस तालिका में,
कॉलम 4 में, नोट मुद्रण
प्रेस - भारतीय
रिज़र्व बैंक नोट
मुद्रण प्राइवेट
लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल)
के आपूर्ति आंकड़ों
को गलत तरीके से
उत्पादन आंकड़ों
के रूप में दर्शाया
गया है।
कॉलम 6 में दिए गए
आंकड़े जो वर्ष
2006-07 में रु.1000 के नोट
के 598 मिलियन नोट
दर्शाते हैं, वे
गलत हैं। सही आंकड़ा
589 मिलियन नोट (भारतीय
रिज़र्व बैंक की
वार्षिक रिपोर्ट,
2006-07) हैं।
वर्ष 2010-11 के लिए इस
रिपोर्ट ने रिज़र्व
बैंक और बीआरबीएनएमपीएल
के आंकड़ों को
12 महीनों (अप्रैल-मार्च)
के लिए उपयोग किया
है जबकि भारतीय
प्रतिभूति मुद्रण
और टकसाल निगम
लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल)
नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर)
के लिए उपयोग करता
है।
फ्लॉटिंग स्टॉक
में बदलाव प्रेसों
में रखा गया है।
इसके अतिरिक्त
एक और नोट करने
लायक बात यह है
कि अन्य किसी उत्पादन
प्रक्रिया की भांति
करेंसी नोटों के
मुद्रण में भी
उत्पादन किए जाने
वाले बैंकनोटों
का स्टॉक और प्रवाह,
दोनों होते हैं,
तथा अन्य किसी
उत्पादन पेशे की
भांति बैंकनोट
की मुद्रण प्रक्रिया
में भी ऐसे बैंकनोटों
की कुछ मात्रा
होती है जिनका
प्रवाह वर्षों
तक रहता है।
जब इन सभी कारकों
पर विचार किया
जाता है तो आरोपित
अंतरों का समाधान
हो जाता है।
6 अगस्त 2013 को अपने
संस्करण में हुई
त्रुटि पर खेद
प्रकट करते हुए
दि टाइम्स ऑफ इंडिया
ने आरटीआई आवेदक
को उपलब्ध कराए
गए बीआरबीएनएमपीएल
के आंकड़ों की
सत्यनिष्ठा पर
अन्य सवाल उठाया
जिसमें दो समान
प्रश्नों के जवाब
में उपलब्ध कराई
गई संख्या के बीच
विसंगति के बारे
में बताया गया।
आंकड़े नीचे तालिका II में
दिए गए हैं:
तालिका II
|
आरटीआई के तहत
करेंसी प्रेसों
की भिन्न नोट संख्या
|
|
वर्ष
|
रु.1000
मूल्यवर्ग
|
रु. 500
मूल्यवर्ग
|
भारतीय रिज़र्व
बैंक नोट मुद्रण
प्राइवेट लिमिटेड,
जो भारतीय रिज़र्व
बैंक की एक सहायक
संस्था है, ने अपने
करेंसी नोट उत्पादन
के बारे में आरटीआई
में पूछे गए दो
समान प्रश्नों
के जवाब में दो
भिन्न संख्याएं
उपलब्ध कराई
1000 रुपए के नोटों
में 9.69 मिलियन नोटों
का अंतर हैं और
500 रुपए के नोटों
में 72.782 मिलियन नोटों
का अंतर है (संख्या
मिलियन में)
|
|
नवंबर 2011
|
दिसंबर 2011
|
नवंबर 2011
|
दिसंबर 2011
|
2000-01
|
115
|
114
|
104
|
97
|
2001-02
|
3.17
|
4
|
419.156
|
397
|
2002-03
|
100
|
100
|
409.964
|
434
|
2003-04
|
134
|
131
|
1006.372
|
987
|
2004-05
|
272.75
|
253
|
1069.548
|
1071
|
2005-06
|
117.534
|
130
|
427.052
|
416
|
2006-07
|
506.866
|
489
|
1095.948
|
1071
|
2007-08
|
561.496
|
549
|
1562.324
|
1398
|
2008-09
|
594.53
|
614
|
2211.175
|
2335
|
2009-10
|
689.344
|
701
|
2573.243
|
2600
|
Total
|
3094.69
|
3085
|
10878.78
|
10806
|
तथापि, तालिका
II के आधार पर बीआरबीएनएमपीएल
के आंकड़ों की
सत्यनिष्ठा पर
उठाया गया प्रश्न
भी गलत है। बीआरबीएनएमपीएल
के अनुसार:
तालिका में दर्शाए
गए दो भिन्न तारीखों
से संबंधित आंकड़ों
के ब्यौरे दो भिन्न-भिन्न
प्रश्नों के लिए
थे।
नवंबर 2011 को दिया
गया जवाब “रु.1000 और
रु. 500 के मुद्रण की
तारीख से प्रत्येक
वर्ष मुद्रित किए
गए रु. 1000 और रु. 500 के
नोटों के ब्यौरे
देना” प्रश्न के
लिए था। तदनुसार,
बीआरबीएनएमपीएल
ने अपनी प्रेसों
में मुद्रित नोटों
से संबंधित आंकड़े
उपलब्ध कराए।
दिसंबर 2011 में दिया
गया जवाब “बीआरबीएनएमपीएल
ने 1947 से दिसंबर 2010
तक भारतीय रिज़र्व
बैंक के आदेश के
अनुसार कितने भारतीय
करेंसी नोटों का
मुद्रण किया”।
तदनुसार, बीआरबीएनएमपीएल
ने रिज़र्व बैंक
की मांग के अनुसार
भारतीय रिज़र्व
बैंक को आपूर्ति
किए गए नोटों से
संबंधित आंकड़े
उपलब्ध कराए।
|