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विदेशी मुद्रा प्रबंधक

भारतीय रुपए के बाहरी मूल्‍य के निर्धारण के लिए बाज़ार-आधारित प्रणाली में परिवर्तन के साथ विदेशी मुद्रा बाज़ार ने सुधार अवधि की शुरुआत से ही भारत में ज़ोर पकड़ा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


अस्वीकारण : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न तथा फेमा अधिसूचना (अधिसूचनाओं)/ मास्टर निदेश(निदेशों)/ ए.पी. डीआईआर परिपत्र (परीपत्रों) के बीच किसी प्रकार की असंगति (असंगतियाँ) होने की स्थिति में परवर्ती को सही माना जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक सौदों का भारतीय रुपये (आईएनआर) में निपटान

अस्वीकरण: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों का यह संकलन केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से उपलब्ध कराया गया है। इस एफएक्यू और फेमा, 1999 और उसके तहत जारी किए गए नियमों/ विनियमों/ निदेशों / अनुमतियों के बीच यदि किसी प्रकार की विसंगति का मामला सामने आता है, तो जो भी अनुदेश बाद में जारी हुए हैं, वे मान्य होंगे।

प्रश्न 1: विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता (एसआरवीए) विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसरण में खोले गए मौजूदा रुपया वोस्ट्रो खाते से किस रूप में भिन्न है?

उत्तर: अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक लेनदेनों के भारतीय रुपए (आईएनआर) के माध्यम से निपटान की व्यवस्था मौजूदा प्रणाली में की गई एक अतिरिक्त व्यवस्था है। एसआरवीए खाता खोलने के लिए पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होती है, जोकि रुपया वोस्ट्रो खाते के बिलकुल विपरीत है।

प्रश्न 2: इस व्यवस्था में नया क्या है?

उत्तर: भारतीय रुपये (आईएनआर) के माध्यम से निपटान की व्यवस्था मौजूदा प्रणाली के साथ की गई एक अतिरिक्त व्यवस्था है, जो मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्राओं का उपयोग करती है और यह एक प्रकार से पूरक व्यवस्था के रूप में काम करेगी। इससे वास्तविक (मुक्त रूप से परिवर्तनीय) मुद्रा पर निर्भरता कम होगी।

प्रश्न 3: क्या ऐसे विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते खोलने के लिए रिज़र्व बैंक का अनुमोदन आवश्यक है?

उत्तर: हां, विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता खोलने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी। साझेदार देश के बैंक हेतु विशेष रूपया वोस्ट्रो खाता खोलने के इच्छुक बैंक की वित्तीय स्थिति अच्छी होनी चाहिए और वह कारोबारी तौर पर समुत्थानशील भी होना चाहिए। दूसरा, उनके पास व्यापार/ निवेश लेनदेन को सुविधा प्रदान करने का अनुभव और इससे संबंधित अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करने की क्षमता होनी चाहिए। तीसरा, संबंधित साझेदार देश के बैंकों के साथ उस एडी बैंकों के अच्छे कॉरिस्पॉण्डेंट रिलेशन भी होने चाहिए।

प्रश्न 4: कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकिंग क्या है?

उत्तर: कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकिंग का आशय किसी मध्यस्थ या एजेंट के रूप में कार्य करना है, जिसमें बैंकों को आपस में तार-अंतरण (वायर ट्रान्सफर) की सुविधा देना, व्यापारिक लेनदेन करना, जमाराशियां स्वीकार करना और दूसरे बैंक की ओर से दस्तावेज़ जुटाना करना, आदि शामिल हैं। घरेलू बैंक आमतौर पर कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकों की सेवाओं का उपयोग उन लेनदेनों के लिए करते हैं, जो प्रायः विदेशों में प्रारम्भ होते हैं या ऐसे लेनदेन जिनका अंतिम निपटान विदेशों में होता है। घरेलू बैंक विदेशी वित्तीय बाजारों तक अपनी पहुंच बनाने और विदेशों में शाखाएं खोले बिना अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिए कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकों का उपयोग करते हैं।

प्रश्न 5: क्या यह व्यवस्था बैंक-से-बैंक आधार पर होगी या फिर यह देश-से-देश स्तर की व्यवस्था होगी?

उत्तर: यह अनिवार्य रूप से एक बैंक-से-बैंक स्तर की व्यवस्था है जो कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकिंग व्यवस्था के समान ही है।

प्रश्न 6: किसी भारतीय प्राधिकृत व्यापारी बैंक में विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता खोलने की प्रक्रिया क्या है?

उत्तर: विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता खोलने के लिए अनुमोदन हेतु एडी बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक को अपने प्रस्ताव/ अनुरोध के साथ निम्नलिखित जानकारी प्रस्तुत करें :

ए) प्राधिकृत व्यापारी बैंक और व्यापारिक साझेदार देश में स्थित कॉरिस्पॉण्डेंट बैंक के बीच हुई व्यवस्था और निधियों के प्रवाह का ब्यौरा।

बी) स्पेशल रुपया वोस्ट्रो खाते के लिए कॉरेस्पोंडेंट बैंकिंग रिलेशनशिप की मांग करने वाले विदेशी बैंकों से संबंधित संक्षिप्त टिप्पणी।

सी) कॉरिस्पॉण्डेंट बैंक द्वारा एडी बैंक को प्रेषित किए गए अनुरोध-पत्र की प्रतिलिपि।

डी) एडी बैंक द्वारा इस बात का पुष्टि-पत्र कि रिज़र्व बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों {दिनांक 25 फरवरी 2016 का मास्टर निदेश-अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) निदेश, 2016) (समय-समय पर यथासंशोधित)} के अनुसार कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकिंग रिलेशन स्थापित करते समय एडी बैंक द्वारा समुचित सावधानी बरती गई है।

ई) विशेष वोस्ट्रो खाता खोलने वाले उक्त एडी बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि कॉरिस्पॉण्डेंट बैंक किसी ऐसे देश या क्षेत्राधिकार का नहीं है, जिसका नाम अद्यतन एफएटीएफ पब्लिक स्टेटमेंट में उच्च जोखिम वाले और असहयोग करने वाले देशों/ क्षेत्राधिकारों के रूप में शामिल हो जिनके लिए एफएटीएफ ने प्रतिकार स्वरूप कदम उठाने का आह्वान किया है।

एफ़) प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस बात की पुष्टि करें कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि संबंधित बैंक के विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते में होने वाले सभी लेनदेनों में 11 जुलाई 2022 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.10 में दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए।

जी) कॉरिस्पॉण्डेंट बैंक से संबंधित वित्तीय मापदंड, जोकि प्रस्ताव के लिए आवश्यक होते हैं, को ई-मेल द्वारा fedcotrade@rbi.org.in से अग्रिम रूप में प्राप्त कर लिया जाए, ताकि एडी बैंक इसे अपने प्रस्ताव के साथ प्रस्तुत कर सके।

प्रश्न 7: क्या विदेशी बैंक की भारतीय शाखा किसी अन्य देश में स्थित मुख्यालय शाखा/ किसी अन्य शाखा का विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता खोलने के लिए पात्र है?

उत्तर: हां, बशर्ते विदेशी बैंक की भारतीय शाखा एडी बैंक हो। यह इसी प्रकार के अन्य खातों के मामले में यथालागू रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के अधीन होगा।

प्रश्न 8: क्या व्यापारिक साझेदार देशों के बैंकों के मौजूदा रुपया वोस्ट्रो खातों को नई प्रणाली के तहत विशेष रुपया वोस्ट्रो खातों के रूप में उपयोग किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं।

प्रश्न 9: क्या विदेशी बैंक (कॉरिस्पॉण्डेंट बैंक) अलग-अलग प्राधिकृत व्यापारी बैंकों के साथ एक से अधिक विशेष रुपया वोस्ट्रो बनाए खाते रख सकते हैं?

उत्तर: हाँ।

प्रश्न 10: क्या भारत में स्थित कोई एडी बैंक किसी अन्य देश के साथ केवल एक ही विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता खोल सकता है?

उत्तर: नहीं। भारत में स्थित एडी बैंक एक ही देश के विभिन्न बैंकों के लिए कई विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते खोल सकते हैं।

प्रश्न 11: विनिमय दर कैसे निर्धारित की जाएगी?

उत्तर: दो व्यापारिक भागीदार देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दर बाजार द्वारा निर्धारित की जाएगी।

प्रश्न 12: मुद्राओं के युग्म के लिए प्रत्यक्ष संदर्भ दर (डाइरेक्ट कोट) के अभाव में आईएनआर और व्यापारिक भागीदार देश की मुद्रा के बीच विनिमय दर बाजार द्वारा कैसे निर्धारित होगी?

उत्तर: अधिकांश मुद्राओं के लिए विनिमय दर विदेशी मुद्रा बाजारों में निर्धारित की जाती है, खासकर यूएसडी, यूरो, जेपीवाई, आदि वैश्विक मुद्राओं के लिए ऐसा होता है। लेनदेन के संक्रमण चरण में, यदि दो मुद्राओं (जैसे:- आईएनआर और श्रीलंकाई रुपया) के बीच प्रत्यक्ष विनिमय दरों को निर्धारित करने वाला कोई बाजार उपलब्ध नहीं है, तो उन मामलों में दो व्यापारिक भागीदार देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दर उस आधार पर निर्धारित होगी, जहां प्रत्येक करेंसी के बदले वैश्विक मुद्राओं में परिवर्तन के लिए बाजार उपलब्ध है। इन्हें क्रॉस करेंसी दर के माध्यम से निर्धारित किया जाएगा।

प्रश्न 13: क्या यह व्यवस्था विशिष्ट देशों के साथ सीमापारीय भुगतान की कठिनाइयों का समाधान करेगी?

उत्तर: यह नीति किसी विशिष्ट देश को लक्षित कर के नहीं बनाई गई है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में भारतीय रुपये (आईएनआर) के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने हेतु लागू किए जा रहे सुविचारित उपायों का एक हिस्सा है।

प्रश्न 14: क्या विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते में शेष राशि को संप्रत्यावर्तित किया जा सकता है?

उत्तर: विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) में शेष राशि को मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा और/ अथवा अंतर्निहित लेनदेन के आधार पर उस लाभार्थी व्यापारिक साझेदार देश की मुद्रा में प्रत्यावर्तित किया जा सकता है, जिसके लिए खाते में क्रेडिट किया गया था। उदहरणार्थ : एसवीआरए के माध्यम से आयात भुगतान के लिए किसी भी रुपया वोस्ट्रो खाते की तरह विदेशी निर्यातक को मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में या विदेशी निर्यातक की घरेलू मुद्रा में निधियों को विप्रेषित किया जा सकता है।

प्रश्न 15: क्या एसवीआरए में शेष आईएनआर पर हुई आय को संप्रत्यावर्तित किया जा सकता है?

उत्तर: हां, खाते में शेष आईएनआर से हुई आय को यथालागू विनियामक दिशानिर्देशों और कर प्रावधानों के अधीन संप्रत्यावर्तित किया जा सकता है।

प्रश्न 16: क्या विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते में शेष राशि का उपयोग एफडीआई, ईसीबी के लिए किया जा सकता है?

उत्तर: एसआरवी खातों में शेष जमाराशि आईएनआर में परिवर्तित विदेशी मुद्रा प्रवाह के समान ही है, अतः वर्तमान फेमा ढांचे के तहत किसी भी अनुमत चालू और पूंजी खातेगत लेनदेन के लिए उक्त जमाराशि का उपयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 17: ऐसे कौन-से निवेश हैं जिनमें अधिशेष की राशि का निवेश किया जा सकता है?

उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों और निर्धारित सीमाओं के अनुसार सरकारी ट्रेजरी बिलों, सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति है। इसके अलावा, लेनदेन में शामिल देश आपसी सहमति से और यथालागू विनियामक और सांविधिक दिशानिर्देशों के अनुपालन में निवेश के नए आयाम भी स्थापित कर सकते हैं।

प्रश्न 18: क्या विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) में जमा शेष को अंतरित किया जा सकता है?

उत्तर: किसी एक विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) में जमा शेष को उसी देश के किसी अन्य बैंक के एसआरवीए खाते में अंतरित किया जा सकता है। एसआरवीए से उसी देश के रुपया वोस्ट्रो खाते में अंतरण की अनुमति है किंतु इसे विलोमतः नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 19: क्या विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) में शेष आईएनआर को हेज किया जा सकता है?

उत्तर: हां, यथालागू दिशानिर्देशों के तहत अंतर्निहित लेनदेन के आधार पर आईएनआर एक्सपोजर को हेज किया जा सकता है।

प्रश्न 20: एडी बैंक में रखे विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते की निधियों से ट्रेजरी-बिल और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए, क्या खाताधारक को संबंधित विदेशी बैंक से एफपीआई लाइसेंस लेने की आवश्यकता है?

उत्तर: नहीं।

प्रश्न 21: सीमापारीय लेनदेन की रिपोर्टिंग की ज़िम्मेदारी भारत में स्थित एडी बैंक या कॉरिस्पॉण्डेंट बैंक, किसकी होगी?

उत्तर: व्यापारिक साझेदार देश के प्रतिनिधि बैंक के विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते में होने वाले लेनदेन की रिपोर्टिंग के लिए भारत में स्थित एडी बैंक जिम्मेदार होगा।

प्रश्न 22: नयी व्यवस्था से भारतीय व्यापारियों को कैसे लाभ होगा?

उत्तर: चूंकि लेन-देन भारतीय रुपये में निपटाए जाएंगे, अतः यह भारतीय निर्यातकों और आयातकों के लिए विनिमय दर जोखिम को कम करेगा।

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