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सरकार का बैंक और ऋण प्रबंधक

सरकार के बैंकिंग लेनदेनों का प्रबंध करना रिज़र्व बैंक की प्रमुख भूमिका है। सरकार को व्‍यक्ति, कारोबार और बैंकों की भांति अपने वित्‍तीय लेनदेनों, जिसके अंतर्गत जनता से संसाधनों का जुटाया जाना भी शामिल है, को दक्षतापूर्वक और प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए एक बैंकर की आवश्‍यकता पड़ती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


मुद्रास्फीति सूचकांक बॉन्ड (आईआईबी)

1. वर्ष 1997 के दौरान पूंजीगत सूचकांक बॉन्ड (सीआईबी) के नाम पर मुद्रास्फीति सूचकांक बॉन्ड (आईआईबी) जारी किए गए थे। आईआईबी के नए उत्पाद पहले के सीआईबी से कैसे अलग है?

  • सीआईबी 1997 में जारी किए गए थे जो केवल मूलधन को मुद्रास्फीति से सुरक्षित रखते है न कि ब्याज भुगतान को।

  • आईआईबी के नवीन उत्पाद मूलधन और ब्याज भुगतनों दोनों को मुद्रास्फीति से सुरक्षा उपलब्ध कराएगा।

2. मूलधन और ब्याज दर दोनों को मुद्रास्फीति से सुरक्षा कैसे मिलेगी? क्या ब्याज के साथ मुद्रास्फीति घटक का भुगतान किया जाएगा?

  • मूलधन पर मुद्रास्फीति घटक का भुगतान ब्याज के साथ नहीं किया जाएगा बल्कि उक्त को सूचकांक अनुपात के साथ मूलधन गुणक द्वारा मूलधन में समायोजित किया जाएगा। शोधन के समय पर, समायोजित ब्याज या अंकित मूल्य, जो भी अधिक है का भुगतान किया जाएगा।

  • मुद्रास्फीति के सापेक्ष समायोजित मूलधन पर नियत कूपन दर का भुगतान करके मुद्रास्फीति के सापेक्ष ब्याज दर को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

  • आईआईबी पर नकदी प्रवाह का उदाहरण नीचे दिया गया है।

उदाहरण 1 (स्पष्टीकरण के लिए)
वर्ष अवधि वास्तविक कूपन मुद्रास्फीति सूचकांक सूचकांक अनुपात सूचकांक समायोजित मूलधन कूपन भुगतान मूलधन पुनर्भुगतान
I II III IV Vti=(IVti/IVt0) VI=(FV*V) VII=(VI*III) VIII
0 28 मई 2013 1.50% 100 1.00 100.0    
1 28 मई 2014 1.50% 106 1.06 106.0 1.59  
2 28 मई 2015 1.50% 111.8 1.12 111.8 1.68  
3 28 मई 2016 1.50% 117.4 1.17 117.4 1.76  
4 28 मई 2017 1.50% 123.3 1.23 123.3 1.85  
5 28 मई 2018 1.50% 128.2 1.28 128.2 1.92  
6 28 मई 2019 1.50% 135 1.35 135.0 2.03  
7 28 मई 2020 1.50% 138.5 1.39 138.5 2.08  
8 28 मई 2021 1.50% 142.8 1.43 142.8 2.14  
9 28 मई 2022 1.50% 150.3 1.50 150.3 2.25  
10 28 मई 2023 1.50% 160.2 1.60 160.2 2.40 160.2
उदाहरण 2 (स्पष्टीकरण के लिए)
0 28 मई 2013 1.50% 100.0 1.00 100 1.50  
1 28 मई 2014 1.50% 106.0 1.06 106 1.59  
2 28 मई 2015 1.50% 111.0 1.11 111 1.67  
3 28 मई 2016 1.50% 104.0 1.04 104 1.56  
4 28 मई 2017 1.50% 98.0 0.98 98 1.47  
5 28 मई 2018 1.50% 99.0 0.99 99 1.49  
6 28 मई 2019 1.50% 105.5 1.06 105.5 1.58  
7 28 मई 2020 1.50% 110.2 1.10 110.2 1.65  
8 28 मई 2021 1.50% 106.5 1.07 106.5 1.60  
9 28 मई 2022 1.50% 104.2 1.04 104.2 1.56  
10 28 मई 2023 1.50% 99.2 0.99 99.2 1.49 100

3. क्या पूंजीगत सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी?

  • हाँ, शोधन के समय समायोजित मूलधन और अंकित मूल्य (एफ़वी) से ज्यादा भुगतान करके पूंजीगत सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

  • यदि अपस्फीति के कारण एफ़वी समायोजित मूलधन से कम हो जाता है, तो एफ़वी का शोधन पर भुगतान किया जाएगा, इस प्रकार पूंजी को सुरक्षा प्राप्त होगी।

4. मुद्रास्फीति सुरक्षा के लिए डबल्यूपीआई का प्रयोग क्यों किया जाएगा? उक्त के लिए सीपीआई को क्यों नही ध्यान में लिया गया?

  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बड़े पैमाने पर लोगों को मुद्रास्फीति दर्शाता है और इसलिए, वैश्विक रूप में, सीपीआई या रिटेल मूल्य सूचकांक (आरपीआई) का केंद्रीय बैंक द्वारा मुद्रास्फीति लक्ष्य के साथ ही साथ आईआईबी में मुद्रास्फीति सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जाता है।

  • भारत में, पूरे भारत का सीपीआई जनवरी 2011 से जारी किया जा रहा है और यह स्थायी होने में कुछ समय लेगा। मौद्रिक नीति अपने मूल्य स्थिरीकरण के लिए डबल्यूपीआई को लक्षित करना जारी रखेगा। उक्त को देखते हुए, आईआईबी में मुद्रास्फीति संरक्षण के लिए डबल्यूपीआई पर विचार करने का निर्णय लिया है।

5. सूचकांक अनुपात की गणना के लिए क्या फार्मूला है?

  • सूचकांक अनुपात (आईआर) निर्गम तारीख पर संदर्भित डबल्यूपीआई के साथ निपटान तारीख पर संदर्भित डबल्यूपीआई के विभाजन द्वारा गणना की जाएगी।

  • उक्त के लिए फॉर्मूला निम्न है:

I1

6. अंतिम डबल्यूपीआई को चार महीने के दौरान क्यों प्रयोग किया गया?

  • अंतिम मासिक डबल्यूपीआई को कैलेंडर माह के पहली तारीख के लिए संदर्भित डबल्यूपीआई के रूप में प्रयोग किया जाएगा। आंतरायिक दिनों के लिए संदर्भ डब्ल्यूपीआई यानी लगातार दो महीनों के पहले दिनों के बीच 1 तारीखों के बीच की तारीखों की गणना प्रक्षेप के माध्यम से की जाएगी।

  • अंतर्वेशन के लिए, दो माह के अंतिम डबल्यूपीआई पूरे माह में उपलब्ध होने चाहिए। जैसा कि अंतिम डबल्यूपीआई ढाई माह का उपलब्ध है (उदाहरण: फरवरी 2013 का अंतिम डबल्यूपीआई मध्य मई 2013 में जारी होगा), अंतिम दो माह का डबल्यूपीआई चार माह के लिए केवल उपलब्ध होगा।

  • ऊपर को देखते हुए, चार माह के समय को अंतिम डबल्यूपीआई के लिए चुना गया जिससे कैलेंडर माह के पहले दिन के लिए संदर्भित डबल्यूपीआई के रूप में विचार किया जाए। उदाहरण के लिए दिसंबर 2012 का अंतिम डबल्यूपीआई को 1 मई 2013 के लिए संदर्भित डबल्यूपीआई के रूप में लिया जाएगा और जनवरी 2013 अंतिम डबल्यूपीआई को 1 जून 2013 के लिए सदर्भ डबल्यूपीआई के रूप में लिए जाएगा।

7. प्रतिदिन संदर्भित डबल्यूपीआई के अंतर्वेशन के लिए क्या फार्मूला है?

  • निर्दिष्ट तारीख के लिए सूचकांक अनुपात की गणना हेतु, कैलेंडर माह के पहले दिन के लिए और आगामी कैलेंडर माह के पहले दिन प्रतिदिन ‘संदर्भित डबल्यूपीआई’ का प्रयोग करके ‘संदर्भित डबल्यूपीआई’’ का रैखिक रूप से अंतर्वेशन किया जाएगा।

  • किसी भी दिन के लिए संदर्भित डबल्यूपीआई की गणना के लिए फार्मूला निम्न है:

I2

[Ref WPIM = Ref WPI for the first day of the calendar month in which Date falls, Ref WPIM+1 = Ref WPI for the first day of the calendar month following the settlement date, D = Number of days in month (e.g. 31 days in August), and t= settlement date (e.g. August 6)]

  • अंतर्वेशन के माध्यम से गणना किए गए प्रतिदिन संदर्भित डबल्यूपीआई का उदाहरण निम्न है:

दिनांक संदर्भित डबल्यूपीआई (दी गई) टी-1 डी संदर्भित डबल्यूपीआई (अंतर्वेशन)
1-मई-13 168.8      
2-मई-13   1 31 168.85
3-मई-13   2 31 168.90
4-मई-13   3 31 168.95
5-मई-13   4 31 168.99
6-मई-13   5 31 169.04
7-मई-13   6 31 169.09
8-मई-13   7 31 169.14
9-मई-13   8 31 169.19
10-मई-13   9 31 169.24
11-मई-13   10 31 169.28
12-मई-13   11 31 169.33
13-मई-13   12 31 169.38
14-मई-13   13 31 169.43
15-मई-13   14 31 169.48
16-मई-13   15 31 169.53
17-मई-13   16 31 169.57
18-मई-13   17 31 169.62
19-मई-13   18 31 169.67
20-मई-13   19 31 169.72
21-मई-13   20 31 169.77
22-मई-13   21 31 169.82
23-मई-13   22 31 169.86
24-मई-13   23 31 169.91
25-मई-13   24 31 169.96
26-मई-13   25 31 170.01
27-मई-13   26 31 170.06
28-मई-13   27 31 170.11
29-मई-13   28 31 170.15
30-मई-13   29 31 170.20
31-मई-13   30 31 170.25
1-जून-13 170.3      

8. यदि डबल्यूपीआई शृंखला के आधार वर्ष में संशोधन होता है, सूचकांक के लिए कैसे संशोधित शृंखला का प्रयोग होगा?

  • डबल्यूपीआई शृंखला प्रत्येक 10 वर्ष या अधिक वर्षों (उदा.1981-82, 1993-94 और 2004-05 में डबल्यूपीआई शृंखला के आधार वर्ष में परिवर्तन किया गया)

  • आधार वर्ष में किसी भी संशोधन को आधार वर्षों को जोड़कर निपटाया जाएगा ताकि बॉन्ड जारी करने की तारीख के बाद से अनुक्रमण उद्देश्य के लिए उसी आधार वर्ष के साथ एक सुसंगत डब्ल्यूपीआई श्रृंखला उपलब्ध हो।

9. मुद्रास्फीति के कारण देय ब्याज भुगतान और अर्जित पूंजीगत लाभ के का उपाय क्या होंगे?

  • आईआईबी पर ब्याज भुगतान और पूंजीगत लाभों पर वर्तमान कर प्रावधान लागू होंगे।

  • इन बॉन्डों के लिए कोई विशेष कर-उपाय नहीं होंगे।

10. गैर-प्रतिस्पर्धी बोली क्या है और उक्त में रिटेल निवेशक कैसे भागीदारी करेंगे?

  • नीलामी में ऐसे निवेशकों के भागीदारी के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी योजना बनायी है। इस योजना के अंतर्गत, निवेशकों को बोली की राशि निर्दिष्ट करनी अपेक्षित है और न कि मूल्य जिस पर पर वे सबस्क्राइब करना चाहते हैं। ऐसे निवेशकों को आबंटन प्रतिस्पर्धी बोली में आए भारित औसत मूल्य पर किया जाता है।

  • वर्तमान में नीलामी में, अधिसूचित राशि का 5 प्रतिशत तक गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के लिए आरक्षित है, जबकि रिटेल भागीदारी को बढ़ाने के लिए आईआईबी के मामले में अधिसूचित राशि का 20 प्रतिशत तक ऐसी बोली के लिए निर्धारित है।

  • रिटेल निवेशक प्राथमिक डीलर (पीडी) और बैंक के माध्यम से गैर-प्रतिस्पर्धी बोली में भागीदारी कर सकेंगे। वे ऐसी भागीदारी के लिए पीडी और बैंक के साथ गिल्ट खाता या डिमेट खाता खोल सकेंगे।

11. क्या विदेशी संस्थागत निवेशक (एफ़आईआई) आईआईबी में निवेश के लिए पात्र होंगे?

  • आईआईबी सरकारी प्रतिभूति होगी और जी-सेक में विभिन्न वर्गों के पात्र निवेशक, आईआईबी में भी निवेश करने के लिए पात्र होंगे।

  • एफ़आईआई आगामी आईआईबी में निवेश के लिए पात्र होंगे बशर्ते जी-सेक में उनके निवेश के लिए सीमा है (वर्तमान में यूएस डॉलर 25 बिलियन)।

12. क्या आईआईबी को द्वितीयक बाज़ार में ट्रेड किया जाएगा?

  • जैसा कि आईआईबी जी-सेक है, ये द्वितीयक बाज़ार में अन्य जी-सेक की तरह ट्रेड किए जा सकते हैं। निवेशक इन्हें एनडीएस-ओम, एनडीएस-ओम (वेब आधारित), ओटीसी बाज़ार और स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड कर सकेंगे।

13. क्या निवेशक वेब-आधारित प्लेटफॉर्म के माध्यम से आईआईबी के प्राथमिक नीलामी में भाग ले सकेंगे?

  • नहीं अभी तक ऐसा नहीं है।
  • प्राथमिक नीलामी के लिए वेब-आधारित प्लेटफॉर्म पर कार्य हालांकि प्रगति पर है और जब यह पूरा हो जाएगा, निवेशक आईआईबी सहित जी-सेक के प्राथमिक नीलामी में भाग ले सकेंगे।

14. क्या आईआईबी लघु -बिक्री और रेपों लेन देन के लिए पात्र होंगे?

  • आईआईबी जी-सेक हैं और इसलिए लघु-बिक्री और रेपो लेन-देन किया सकता है।

15. क्या आईआईबी सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) के लिए पात्र हैं?

  • आईआईबी जी-सेक है और अनुमोदित सरकारी बाज़ार उधारी कार्यक्रम के रूप में जारी किया गया है।
  • अतः, आईआईबी को स्वतः ही एसएलआर स्थिति मिल जाएगी।

16. आईआईबी के लिए निपटान चक्र क्या होगा?

  • आईआईबी के निपटान चक्र टी+1 होगा जैसा कि नियत दर के परंपरागत बॉन्ड।

17. आईआईबी के लिए दिन की गिनती क्या होगी?

  • अन्य जी-सेक की तरह, आईआईबी के लिए दिन की गिनती 30/360 है।

18. क्या इस लिखत का निर्गम सरकारी बाज़ार उधारी कार्यक्रम के अंतर्गत होगा?

  • हाँ, आईआईबी का निर्गम वर्ष 2013-14 के लिए सरकारी बाज़ार उधारी कार्यक्रम लगभग रु. 579,000 करोड़ के अंतर्गत है।

19. आईआईबी की परिपक्वता क्या होगी?

  • शुरुआत में आईआईबी 10 वर्षों के लिए निर्गमित किए जाएंगे।
  • जैसा कि यह सूचित किया गया कि चूंकि बेंचमार्क रखने और विविध बाज़ार मांगों को पूरा करने के लिए विभिन्न परिपक्वता बिन्दुओं पर आईआईबी जारी करना उचित है, बाद में परिपक्वता अंक बढ़ाए जा सकते हैं।

20. आईआईबी पर कूपन भुगतान की आवृत्ति क्या होगी?

  • अन्य जी-सेक की तरह, आईआईबी पर कूपन छमाही आधार पर भुगतान किए जाएंगे।
  • नियत कूपन दर, समायोजित मूलधन पर भुगतान किए जाएंगे।

21. आईआईबी के निर्गम की आवृत्ति क्या होगी?

  • 15 मई 2013 को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में निर्दिष्ट के अनुसार, आईआईबी 4 जून 2013 को शुरू हुआ और 2013-14 के दौरान प्रत्येक माह के अंतिम मंगलवार को उक्त जारी किया। इसमे जून 2013 का अंतिम मंगलवार भी शामिल होगा।

22. आईआईबी की नीलामी प्रतिफल आधारित या मूल्य आधारित होगी?

  • नियत दर परंपरागत बॉन्ड के मामले में, आईआईबी को प्रतिफल आधारित के माध्यम से निर्गम किया जाएगा और उसके बाद पुननिर्गम मूल्य आधारित नीलामी के माध्यम से होगा।

23. क्या आईआईबी प्राइमरी डीलरों द्वारा हस्ताक्षरित होंगे?

  • नियत दर जी-सेक की तरह, आईआईबी प्राइमरी डीलरों द्वारा हस्ताक्षरित होंगे।

24. प्रत्येक अंश के लिए आईआईबी के निर्गम आकार क्या होगा?

  • 15 मई 2013 के हमारे प्रेस विज्ञप्ति में निर्दिष्ट, प्रत्येक अंश का आकार रु. 1,000 करोड़ से 2,000 करोड़ होंगे।

25. क्या रिटेल निवेशकों के लिए आईआईबी की कोई विशिष्ट शृंखला है?

  • वर्तमान वित्तीय वर्ष के द्वितीय छमाही में रिटेल निवेशकों के लिए विशिष्ट शृंखला शुरू की गई थी (लगभग अक्तूबर 2013 के पास)

26. क्या आईआईबी के रिटेल शृंखला के उत्पाद ढांचा, सभी निवेशकों के आईआईबी के शृंखला के समान होगा?

  • रिटेल निवेशकों के लिए आईआईबी की शृंखला के उत्पाद ढांचा को अभी अंतिम रूप देना बाकी है। यह नियत समय पर तय किया जाएगा और उक्त को सर्वजनिल डोमेन में रखा जाएगा।

27. इन बॉन्डों के मूल्यांकन के लिए क्या कार्यप्रणाली होगी?

  • नियत आय मनी मार्केट और डिरेटिव एसोसियेशन ऑफ इंडिया (फिमडा) शीघ्र ही मूल्यांकन दिशानिर्देश जारी करेंगे।

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