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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


डिजिटल उधार दिशानिर्देश

[डिजिटल उधार पर दिशानिर्देश दिनांक ०२ सितंबर २०२२ के परिपत्र विवि.सीआरई.आरईसी.66/21.07.001/2022-23 के अन्तर्गत जारी किए गए थे]

प्रश्न १: क्या अगर किसी ऋण के जीवनचक्र में सभी प्रक्रियाएँ जैसे ग्राहक अधिग्रहण, क्रेडिट मूल्यांकन, ऋण अनुमोदन, संवितरण, वसूली, और संबंधित ग्राहक सेवा डिजिटल रूप किया गया है तो ही कोई उधार लेनदेन डिजिटल उधार की परिभाषा के अंतर्गत आएगा या ऊपर उल्लिखित कुछ प्रक्रियाएँ भौतिक मोड में भी की जा सकती है?

उत्तर: 'डिजिटल लेंडिंग' में आरई को परिचालन संबंधी नम्यता प्रदान करने के लिए डिजिटल लेंडिंग परिभाषा में ‘मुख्य रूप से निर्बाध डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग' वाक्यांश का उपयोग किया गया है। इसलिए भले ही ग्राहक के साथ कुछ भौतिक इंटरफेस मौजूद हो, फिर भी उधार ‘डिजिटल उधार’ की परिभाषा के अंतर्गत आएगा। तथापि, ऐसा करते समय, आरई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिशानिर्देशों के अंतर्निहित उद्देश्य का पालन किया गया है।

प्रश्न २: क्या कोई सेवा प्रदाता जिसे आरई ने अपनी कुछ क्रेडिट मध्यस्थता गतिविधियों को आउटसोर्स किया है, उधार सेवा प्रदाता (एलएसपी) की परिभाषा के भीतर आएगा, भले ही उधार लेनदेन 'डिजिटल उधार' की परिभाषा के अंतर्गत न आता हो?

उत्तर: दिनांक ०२ सितंबर २०२२ के परिपत्र के अनुलग्नक I के पैरा १ में निर्दिष्ट किया गया है कि ये दिशानिर्देश 'डिजिटल उधार' पर लागू होते हैं। इसलिए, यदि कोई उधार लेनदेन 'डिजिटल उधार' की परिभाषा के तहत अर्हता प्राप्त करता है, तो ही इस तरह के उधार की सुविधा देने वाले सेवा प्रदाता को एलएसपी के रूप में नामित किया जाएगा।

प्रश्न ३: क्या सभी एलएसपी को शिकायत निवारण अधिकारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता है?

उत्तर: केवल उन्हीं एलएसपी को नोडल शिकायत निवारण अधिकारी को नियुक्त करने की आवश्यकता है जिनका उधारकर्ताओं के साथ इंटरफेस है। तथापि, यह दोहराया जाता है कि आरई द्वारा लगाए गए सभी एलएसपी के कार्यों से उत्पन्न होने वाली शिकायतों का निवारण सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी आरई की ही होगी।

प्रश्न ४: क्या क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड – जारी करना और आचार, २०२२ पर मास्टर निदेशों के अनुसार किया गया क्रेडिट कार्ड पर ईएमआई कार्यक्रम डिजिटल उधार संबंधी दिशानिर्देशों के दायरे में शामिल होगा?

उत्तर: क्रेडिट कार्ड पर ईएमआई कार्यक्रम विशेष रूप से 'क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड पर मास्टर निदेश - जारी करना और आचार, २०२२ के पैरा 6 (बी) (iii)1 द्वारा नियंत्रित होते हैं। इस तरह के लेनदेन डिजिटल ऋण संबंधी दिशानिर्देशों के अंतर्गत नहीं आएंगे। तथापि, क्रेडिट कार्डों पर दिए जाने वाले अन्य ऋण उत्पाद जो मास्टर निदेश के उपर्युक्त पैरा के अंतर्गत कवर/परिकल्पित नहीं हैं, डिजिटल ऋण संबंधी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत निर्धारित नियमों द्वारा अभिशासित होंगे। इसके अलावा, दिशानिर्देश ईएमआई कार्यक्रमों सहित डेबिट कार्ड पर दिए गए सभी ऋणों पर भी लागू होंगे।

प्रश्न ५: फ्लोटिंग रेट लोन के मामले में एपीआर का खुलासा कैसे करें?

उत्तर: फ्लोटिंग रेट ऋणों के मामले में, एपीआर का खुलासा केएफएस के प्रारूप के अनुसार प्रचलित दर के आधार पर उत्पत्ति के समय पर किया जा सकता है। हालांकि, जब भी फ्लोटिंग दर बदलती है, संशोधित एपीआर लागू होने पर हर बार एसएमएस / ई-मेल के माध्यम से ग्राहक को केवल संशोधित एपीआर का खुलासा किया जाए।

प्रश्न ६: क्या एपीआर की गणना में बीमा शुल्क शामिल करना अनिवार्य है?

उत्तर: बीमा शुल्क एपीआर की गणना में केवल उस बीमा के लिए शामिल किया जाएगा जो ऋण उत्पादों से जुड़ा/ एकीकृत है, ऐसा इसलिए क्योंकि ये शुल्क ऐसे डिजिटल उधार की प्रकृति में अंतर्निहित हैं।

प्रश्न ७: क्या किसी उधार के लेन-देन में उधारकर्ता और ऋणदाता के बैंक खातों के बीच निधि के प्रवाह को एलएसपी सहित किसी तीसरे पक्ष द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं

प्रश्न ८: क्या भुगतान एग्रीगेटर्स (पीए) की सेवाओं का उपयोग ऋण संवितरण और पुनर्भुगतान के लिए किया जा सकता है?

उत्तर: डिजिटल उधार दिशानिर्देशों में अंतर्निहित सिद्धांत यह है कि एक एलएसपी को ऋणदाता से उधारकर्ता या इसके विपरीत संव्यवहार होने वाले निधि को इसके अंतर्गत शामिल नहीं होना चाहिए। जबकि, केवल पीए सेवाओं की पेशकश करने वाली संस्थाएं 'डिजिटल उधार देने पर दिशानिर्देशों' के दायरे से बाहर रहेंगी, एलएसपी की भूमिका निभाने वाले किसी भी पीए को भी डिजिटल ऋण दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।

प्रश्न ९: बकाया उधार के मामले में, डिजिटल ऋणों की वसूली/अदायगी वसूली एजेंट द्वारा उधारकर्ताओं से नकदी एकत्र करके की जा सकती है। क्या ऐसे मामलों को आरई के बैंक खाते में ऋण के सीधे पुनर्भुगतान की आवश्यकता से छूट दी जाएगी?

उत्तर: बकाया उधार के मामले में, जहां नितांत आवश्यक हो, आरई नकदी में ऋणों की वसूली के लिए भौतिक इंटरफेस का उपयोग कर सकते हैं। आरई को परिचालन संबंधी नम्यता वहन करने के लिए, ऐसे लेनदेन को आरई के बैंक खाते में ऋण के सीधे पुनर्भुगतान की आवश्यकता से छूट दी गई है। हालांकि, नकदी द्वारा की गई किसी भी वसूली को उधारकर्ता के खाते में विधिवत रूप से दर्शाया जाना चाहिए और आरई यह सुनिश्चित करेंगे कि एलएसपी को देय कोई भी शुल्क, शुल्क आदि का भुगतान सीधे उनके (आरई) द्वारा किया जाएगा और एलएसपी द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उधारकर्ता से वसूली की राशि से शुल्क नहीं लिया जाएगा।

प्रश्न १०: कुछ मामलों में, जैसे कि ऋण उत्पादों में वेतन के एवज में अग्रिम शामिल है, हालांकि वहां ऋण सीधे उधारकर्ता के बैंक खाते में संवितरित किया जाता है, लेकिन चुकौती कॉर्पोरेट नियोक्ता द्वारा की जाती है, जो वेतन से ईएमआई राशि काट लेता है। क्या ऐसे मामलों में भी यह सुनिश्चित करना होगा कि चुकौती सीधे उधारकर्ता के बैंक खाते से हो?

उत्तर: इस तरह के पुनर्भुगतान की अनुमति इस शर्त के अधीन दी जा सकती है कि कॉर्पोरेट नियोक्ता द्वारा उधारकर्ता के वेतन से राशि घटाकर ऋण चुकाया जाता है। इसके अलावा, आरई को यह सुनिश्चित करना होगा कि एलएसपी का ऐसे लेनदेन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धन के प्रवाह पर कोई नियंत्रण नहीं है। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चुकौती सीधे नियोक्ता के बैंक खाते से आरई को हो।

प्रश्न ११: सह-उधार लेनदेन के लिए, आरई के बीच धन के प्रवाह की सीमा तक उधारकर्ता के बैंक खाते में सीधे संवितरण से छूट दी गई है। क्या ऐसी छूट केवल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार देने के लिए किए गए सह- उधार लेनदेन के लिए उपलब्ध है?

उत्तर: गैर-पीएसएल ऋण के लिए आरई के बीच सह-ऋण व्यवस्था के लिए छूट को इस शर्त के अधीन बढ़ाया जा सकता है कि सह-उधार लेनदेन में आरई के अलावा किसी तीसरे पक्ष का किसी भी समय धन के प्रवाह पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं होना चाहिए।

प्रश्न १२: क्या ये दिशानिर्देश एमएसएमई उधार सहित कॉरपोरेट ऋणों पर भी लागू होते हैं?

उत्तर: ये दिशानिर्देश डिजिटल उधार दिशानिर्देशों के अनुसार 'डिजिटल उधार' की परिभाषा को पूरा करने वाले सभी लेन-देनों पर लागू होते हैं।

प्रश्न १३: क्या ये दिशानिर्देश उन मोबाइल बैंकिंग ऐप्स/बैंकों की वेबसाइटों पर भी लागू होते हैं, जहां एक अतिरिक्त वैशिष्ट्य के रूप में, व्यक्तिगत ऋण अथवा जमा के एवज में ऋण आवेदनों पर दिए जा रहे हैं?

उत्तर: ये दिशानिर्देश ऐसे सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिए जाने वाले 'डिजिटल ऋणों' पर लागू होते हैं, जो डिजिटल उधार दिशानिर्देशों पर हमारे ०२ सितंबर २०२२ के परिपत्र के अनुसार 'डिजिटल उधार ऐप/ प्लेटफॉर्म' (डीएलए) की परिभाषा को पूरा करते हैं।

प्रश्न १४: डिजिटल उधार दिशानिर्देशों के पैरा 4.2 में कहा गया है कि दंडात्मक ब्याज/लगाए गए शुल्क, ऋण की बकाया राशि पर आधारित होंगे। क्या न्यूनतर आधार पर दंडात्मक ब्याज/प्रभार लगाया जा सकता है?

उत्तर: चूक के अंतर्गत राशि अधिकतम सीमा के रूप में कार्य करेगी, जिस पर दंडात्मक शुल्क लगाया जा सकता है।

प्रश्न १५: चेक बाउंस अथवा अधिदेश विफलता शुल्क प्रति घटना के आधार पर लगाए जाते हैं। क्या इन शुल्कों को भी वार्षिक करना अनिवार्य है?

उत्तर: चेक बाउंस/ मैंडेट विफलता शुल्क जैसे दंडात्मक शुल्क, जो अनिवार्य रूप से प्रति घटना के आधार पर लगाए जाते हैं, वार्षिक नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि, इन शुल्कों को केएफएस में 'आकस्मिक शुल्कों के संबंध में विवरण' के अंतर्गत अलग से खुलासा किया जाना चाहिए।

प्रश्न १६: यदि ग्राहक कूलिंग-ऑफ़ अवधि के दौरान ऋण से बाहर निकलता है, तो क्या प्रसंस्करण शुल्क वापस करना आवश्यक है?

उत्तर: यदि ग्राहक कूलिंग-ऑफ़ अवधि के दौरान ऋण से बाहर निकलता है, तो उचित एकमुश्त प्रसंस्करण शुल्क को बरकरार रखा जा सकता है। यह, यदि लागू हो तो, केएफ़एस में ग्राहक को अग्रिम रूप से प्रकट किया जाना चाहिए। हालांकि, एपीआर की गणना के लिए प्रसंस्करण शुल्क को अनिवार्य रूप से शामिल करना आवश्यक होगा।

प्रश्न १७: उधारदाताओं द्वारा वसूली एजेंटों को केवल तभी नियुक्त किया जाता है जब वे अपचारी बन जाते हैं। मंजूरी के समय किसी विवरण को ऋणदाता कैसे विनिर्दिष्ट कर सकता है?

उत्तर: ऋण की स्वीकृति के समय, उधारकर्ता को ऋण चूक के मामले में उधारकर्ता से संपर्क करने के लिए अधिकृत सूचीबद्ध एजेंटों के नाम से अवगत कराया जा सकता है। हालांकि, यदि ऋण बकाया हो जाता है और उधारकर्ता को वसूली एजेंट को सौंपा गया है, तो वसूली एजेंट द्वारा वसूली के लिए उधारकर्ता से संपर्क करने से पहले ऐसे वसूली एजेंट के विवरण को ईमेल/एसएमएस के माध्यम से उधारकर्ता को सूचित किया जाना चाहिए।

प्रश्न १८: यदि केएफएस में एपीआर का खुलासा किया गया है, तो क्या एनबीएफसी पर लागू उचित व्यवहार संहिता के तहत उधारकर्ताओं को वार्षिक ब्याज दर का भी खुलासा करने की आवश्यकता है?

उत्तर: हाँ।


1 कार्ड जारीकर्ताओं को क्रेडिट कार्ड लेनदेन को समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में बदलने में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी, जिसमें परिवर्तन से पहले व्यापारी/कार्ड-जारीकर्ता द्वारा प्रदान की गई मूलधन, ब्याज और अग्रिम छूट को स्पष्ट रूप से इंगित किया जाएगा (इसे कोई लागत नहीं बनाने के लिए)। इसे क्रेडिट कार्ड बिल/स्टेटमेंट में भी अलग से दर्शाया जाएगा। ब्याज घटक के साथ ईएमआई रूपांतरण को शून्य-ब्याज / नो-कॉस्ट ईएमआई के रूप में छिपाया नहीं जाएगा।

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