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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


हरित जमाराशियों के अंगीकरण हेतु ढांचा

'हरित जमाराशियों के अंगीकरण हेतु ढांचा' पर 11 अप्रैल, 2023 का परिपत्र

1. क्या विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए हरित जमाराशि जुटाना अनिवार्य है?

यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि आरई अपने ग्राहकों से हरित जमाराशि जुटाने का इरादा रखते हैं तो उन्हें इसमें निर्धारित ढांचे का पालन करना चाहिए।

2. क्या आरई के लिए हरित जमाराशि पर अलग-अलग ब्याज दरों की पेशकश करना स्वीकार्य है? यदि ढांचे के तहत जुटाई गई धनराशि हरित गतिविधियों या परियोजनाओं के लिए गैर आवंटित/अप्रयुक्त रहती है,तो क्या आरई द्वारा जमाकर्ताओं को देय ब्याज दर पर कोई प्रभाव पड़ता है? क्या हरित जमाराशि की समयपूर्व निकासी पर कोई प्रतिबंध है?

(ए) नीचे दिए गए मौजूदा दिशानिर्देश आरई को हरित जमाराशि पर अलग-अलग ब्याज दर की पेशकश करने की अनुमति नहीं देते हैं:

(बी) आरई अपने ग्राहकों को आय के आवंटन/उपयोग की परवाह किए बिना सहमत नियमों और शर्तों और उपरोक्त निर्देशों के अनुसार हरित जमाराशि पर ब्याज का भुगतान करेंगे।

(सी) हरित जमाराशि की समयपूर्व निकासी पर कोई प्रतिबंध नहीं है, हालांकि, आरई को ऊपर उल्लिखित मौजूदा दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इसके अलावा, समय से पहले निकासी का हरित जमाराशि की आय का उपयोग करके शुरू की गई गतिविधियों/परियोजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

3. ढांचे के अनुसार, हरित जमा की आवंटित आय को केवल एक वर्ष तक की परिपक्वता वाले चलनिधि लिखतों में निवेश किया जा सकता है। ये "चलनिधि लिखत" क्या हैं? क्या ऐसी कोई आवश्यकता है कि आय का अस्थायी आवंटन केवल एक वर्ष की अवधि के लिए हो? यदि आरई हरित जमाराशि की आय आवंटित करने में सक्षम नहीं हैं तो क्या कोई जुर्माना लगेगा?

(ए) मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार चलनिधि लिखत लेवल 1 उच्च गुणवत्ता वाली चलनिधि आस्ति हैं।

(बी) आरई अस्थायी रूप से हरित जमाराशि की आय, हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के लिए लंबित आवंटन, एक वर्ष तक की अधिकतम परिपक्वता वाले चलनिधि लिखतों में बनाए रख सकते हैं (इसे वित्तीय ढांचा (फाइनेंसिंग फ्रेमवर्क) (एफएफ) के तहत निर्दिष्ट करना होगा)।

(सी) ढांचे में हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के लिए आय के गैर-आवंटन के लिए किसी दंड की परिकल्पना नहीं की गई है; हालाँकि, यह पर्यवेक्षी समीक्षा के अधीन होगा।

4. क्या ढांचे जारी होने से पहले जुटाए गए हरित भंडार इसके अंतर्गत आते हैं? क्या आरई पहले हरित गतिविधियों/परियोजनाओं को वित्तपोषित कर सकते हैं और फिर बाद में हरित जमाराशियां जुटा सकते हैं?

(ए) यह ढांचा आरई द्वारा 01 जून, 2023 को या उसके बाद जुटाई गई हरित जमाराशि के लिए लागू है।

(बी) आरई ऐसा नहीं कर सकते कि पहले हरित गतिविधियों/परियोजनाओं को वित्तपोषित करेंऔर उसके बाद हरित जमाराशि जुटाएँ।

5. क्या ढांचे के तहत वित्त पोषित हरित गतिविधियों/परियोजनाओं को प्राथमिकता क्षेत्र के तहत वर्गीकृत करना स्वीकार्य है? क्या आरई द्वारा सॉवरेन ग्रीन बांड में किया गया निवेश इस ढांचे के अंतर्गत आता है?

(ए) हां, ढांचे के तहत वित्तपोषित हरित गतिविधियों/परियोजनाओं को प्राथमिकता क्षेत्र के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है, यदि वे समय-समय पर यथासंशोधित आरबीआई के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) दिशानिर्देशों [मास्टर निदेश विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.5/04.09.01/2020-21 दिनांक 04 सितम्बर 2020] में निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

(बी) चूंकि ढांचे में सूचीबद्ध गतिविधियां/परियोजनाएं वही हैं जो सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड्स (एसजीआरबी) ढांचे में दर्शाई गई हैं, एसजीआरबी में आरई द्वारा निवेश ढांचे के तहत कवर किया गया है।

6. क्या बैंक ग्राहकों को हरित जमाराशि पर ओवरड्राफ्ट सुविधा दे सकते हैं?

समय-समय पर संशोधित, 19 अप्रैल, 2022 को बैंकों द्वारा चालू खाते और सीसी/ओडी खाते खोलने पर समेकित परिपत्र में निहित अनुदेशों के अधीन, बैंकों को हरित जमाराशि के बदले ग्राहकों को ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान करने की अनुमति है।

7. क्या उपरोक्त ढांचे के तहत जुटाई गई जमा राशियां निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) द्वारा कवर की जाती है?

ढांचे के तहत जुटाई गई जमाराशियों को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम, 1961 और उसके तहत बनाए गए विनियमों, समय-समय पर किए गए संशोधनों के अनुसार डीआईसीजीसी द्वारा कवर किया जाता है।

8. क्या वित्तीय ढांचा (फाइनेंसिंग फ्रेमवर्क) (एफएफ) की बाह्य समीक्षा, तृतीय-पक्ष सत्यापन/आश्वासन और हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के प्रभाव आकलन के लिए संस्थाओं की भागीदारी के लिए कोई पात्रता मानदंड है?

आरई वित्तीय ढांचे की बाह्य समीक्षा, तृतीय-पक्ष सत्यापन/आश्वासन और हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के प्रभाव आकलन के लिए किसी भी उपयुक्त और प्रतिष्ठित घरेलू/अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी को नियोजित कर सकते हैं।

9. क्या हरित जमाराशि ढांचे को लागू करने वाले आरई को अपनी वेबसाइट पर वित्तीय ढांचा (फाइनेंसिंग फ्रेमवर्क) (एफएफ) की दो प्रतियां प्रकाशित करने की आवश्यकता है, अर्थात एक बाह्य समीक्षा से पहले और दूसरी बाह्य समीक्षा के बाद?

आरई को अपनी वेबसाइट पर एफएफ (एफएफ के कार्यान्वयन से पहले) पर बाह्य समीक्षक की राय के साथ एफएफ प्रकाशित करने की आवश्यकता है। एफएफ को दो बार यानी एक बार बाह्य समीक्षा से पहले और दूसरा बाद में प्रकाशित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

10. क्या ढांचे के अनुलग्नक 2 में निर्दिष्ट अनुसार जुटाई गई और उपयोग की गई जमा राशि का प्रकटीकरण बकाया राशि या वर्ष के दौरान जुटाई गई वास्तविक राशि को संदर्भित करता है?

वर्ष के दौरान जुटाई गई हरित जमाराशि की वास्तविक राशि और ऐसे निधि के उपयोग का प्रकटीकरण ढांचे के अनुबंध 2 के अनुसार किया जाना चाहिए।

11. क्या विदेशी बैंकों के पास हरित जमाराशि पर एकल वैश्विक नीति हो सकती है?

01 जून 2023 के बाद भारत में जुटाई गई हरित जमाराशि की ढांचे के प्रावधानों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, विदेशी बैंक हरित जमाराशि पर एक सामान्य वैश्विक नीति बना सकते हैं।

12. क्या हरित जमा को विदेशी मुद्रा में दर्शाया जा सकता है?

नहीं, मौजूदा ढांचा हरित जमाराशि को केवल भारतीय रुपये में मूल्यवर्गित करने की अनुमति देता है।


1 एफएक्यू का उद्देश्य 11 अप्रैल, 2023 के परिपत्र में शामिल अनुदेशों के अलावा कोई नया अनुदेश बनाने का नहीं है।

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