Click here to Visit the RBI’s new website

BBBPLogo

सरकार का बैंक और ऋण प्रबंधक

सरकार के बैंकिंग लेनदेनों का प्रबंध करना रिज़र्व बैंक की प्रमुख भूमिका है। सरकार को व्‍यक्ति, कारोबार और बैंकों की भांति अपने वित्‍तीय लेनदेनों, जिसके अंतर्गत जनता से संसाधनों का जुटाया जाना भी शामिल है, को दक्षतापूर्वक और प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए एक बैंकर की आवश्‍यकता पड़ती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


भारत सरकार के दिनांकित प्रतिभूतियों और ट्रेज़री बिलों के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी बोली सुविधा

(23 नवंबर 2017 तक अद्यतन)

सरकारी प्रतिभूतियों के लिए प्राथमिक बाजार में खुदरा भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों और ट्रेज़री बिलों की नीलामी में गैर-प्रतिस्पर्धी बोली लगाने की सुविधा शुरू की गई है। इससे निवेशक स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियों के भारित औसत दर पर एक निश्चित संख्या में प्रतिभूतियों की खरीद करने में सक्षम होगा।

1. योजना में कौन-कौन भाग ले सकते हैं?

गैर-प्रतिस्पर्धी बोली लगाने की योजना में भागीदारी खुदरा निवेशकों के लिए खुली है। खुदरा निवेशक में कोई व्यक्ति, फर्म, कंपनी, कार्पोरेट बॉडी, संस्थाएं, भविष्य निधि, ट्रस्ट या भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित अन्य किसी संस्था शामिल हैं।

2. क्या सभी नीलामियों में गैर-प्रतिस्पर्धी बोली लगाने की अनुमति होगी?

किसी नीलामी में गैर-प्रतिस्पर्धी बोली सुविधा की उपलब्धता की सूचना संबंधित प्रेस प्रकाशनी में घोषित की जाएगी और सूचना रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी।

3. गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के लिए ऑफर राशि क्या होगी?

भारत सरकार के दिनांकित प्रतिभूतियों और ट्रज़री बिलों की निर्दिष्ट नीलामियों में, अधिसूचित राशि के 5 प्रतिशत तक गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियों को अधिसूचित राशि के भीतर अनुमति होगी। अर्थात, अधिसूचित राशि यदि 1,000 करोड़ है, तो गैर-प्रतियोगी बोलीदाताओं के लिए आरक्षित राशि 50 करोड़ होगी और शेष 950 करोड़ प्रतिस्पर्धी नीलामियों के लिए लगाए जाएंगे।

4. पात्र निवेशक नीलामियों में कैसे भाग ले सकते हैं?

पात्र निवेशक सीधे भाग नहीं ले सकते, उन्हें एक एग्रीगेटर/ फेसिलिटेटर के माध्यम से आना होगा।

5. एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर कौन है?

एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर से तात्पर्य अनुसूचित बैंक या प्राथमिक डीलर या प्राथमिक नीलामी के गैर-प्रतिस्पर्धी खंड में निवेशकों से प्राप्त बोलियों को एकत्र करते हुए एकल बोली प्रस्तुत करने हेतु अनुमति प्रात निर्दिष्ट शेयर बाज़ार से है।

6. बोली लगाने के लिए न्यूनतम/ अधिकतम राशि क्या है?

बोली लगाने के लिए न्यूनतम राशि 10,000 (अंकित मूल्य) होगी और 10,000 के गुणकों में होगी। केवल भारत सरकार के दिनांकित प्रतिभूतियों की नीलामी के संदर्भ में एकल गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के लिए अधिकतम राशि प्रत्येक नीलामी में प्रत्येक प्रतिभूति के लिए 2,00,00,000 (अंकित मूल्य) से अधिक नहीं होनी चाहिए।

7. इस योजना के तहत निवेशक कितने बोली लगा सकते हैं?

इस योजना के तहत एक निवेशक प्रत्येक निर्दिष्ट नीलामी में एग्रीगेटर के माध्यम से केवल एक ही बोली कर सकता है। जिस एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर के माध्यम से निवेशक बोली प्रस्तुत करता है वे निवेशक द्वारा किसी अन्य एग्रीगेटर/ फेसिलिटेटर के माध्यम से बोली न लगाए जाने की पुष्टि के रूप में निवेशक से वचनपत्र प्राप्त करते हुए उसे रेकॉर्ड के रूप में रखा जाएगा।

8. क्या कोई आवेदन पत्र है?

हाँ, यह भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध है। एग्रीगेटर/ फेसिलिटेटर जिसके माध्यम से आवेदन किया जा रहा है, वे फॉर्म प्राप्त करने के लिए निवेशक को सहायता देंगे।

9. निवेशक प्रतिभूति के लिए भुगतान कैसे करेगा?

गैर-प्रतिस्पर्धी बोलीदाता एग्रीगेटर या फैसिलिटेटर को भुगतान करेगा जिसके माध्यम से उसने बोली लगाई है और जिनसे उनकी प्रतिभूतियां प्राप्त की हैं।

10. क्या इस सेवा के लिए एग्रीगेटर या फैसिलिटेटर का प्रभार होगा?

एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर अपने ग्राहकों को यह सेवा प्रदान करने के लिए कमीशन के रूप में प्रति 100 के लिए छह पैसे वसूल सकते हैं। ऐसी लागतों को बिक्री मूल्य में शामिल किया जा सकता है या ग्राहकों से अलग-अलग वसूल किया जा सकता है। लेकिन फंडिग कोस्ट जैसे कोई अन्य लागत मूल्य में जोड़ा जाना अनुमत नहीं है।

11. गैर-प्रतिस्पर्धी बोलीदाता को भुगतान के तौर तरीके के बारे में कैसे पता चलेगा?

प्रतिभूतियों की लागत, जहां भी लागू हो उपार्जित ब्याज़ और कमीशन ग्राहकों से प्राप्त करने के तौर तरीके फेसिलिटेटर द्वारा तैयार किया जाना चाहिए और इस प्रयोजन के लिए ग्राहक के साथ निष्पादित करार में इसे स्पष्ट रूप से कहा जाना चाहिए।

12. गैर-प्रतिस्पर्धी बोलीदाताओं को किस दर पर आवंटन मिलेगा?

गैर-प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में आवंटन प्रतिस्पर्धी बोलीदाताओं के लिए सभी आवंटन के भारित औसत मूल्य पर होगा। उपज आधारित नीलामी के मामले में गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियों के लिए आवंटन मूल्य पर पहुंचने के लिए भारित औसत उपज का उपयोग किया जाता है।

13. भारतीय रिज़र्व बैंक गैर-प्रतिस्पर्धी बोलीदाताओं को बोली कैसे आवंटित करेगा?

भारतीय रिज़र्व बैंक गैर-प्रतिस्पर्धी खंड के तहत एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर को बोलियों को आवंटित करेगा, जो बाद में बोलीदाताओं को आवंटित करेगा।

14. प्रतिभूतियों को कैसे जारी किया जाएगा?

भारतीय रिज़र्व बैंक केवल एसजीएल फॉर्म में प्रतिभूति जारी करेगा। इन प्रतिभूतियों को एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर के सीएसजीएल खाते में जमा किया जाएगा। उनके द्वारा प्रतिभूतियों को निवेशकों के गिल्ट खाते में या डिमटेरियलाईज़्ड खाते में में क्रेडिट किया जाएगा।

15. अगर गैर-प्रतिस्पर्धी बोली की राशि आरक्षित राशि से अधिक है तो भारतीय रिज़र्व बैंक गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियों को कैसे आवंटित करेगा?

यदि कुल राशि की बोली गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से आरक्षित राशि से अधिक है, तो आवंटन यथानुपात आधार पर किया जाएगा।

उदाहरण:

गैर-प्रतिस्पर्धी आधार पर आवंटन के लिए आरक्षित राशि यदि 10 करोड़ है और गैर-प्रतिस्पर्धी खंड के लिए बोली की कुल राशि 12 करोड़ है। आंशिक आवंटन प्रतिशत = 10/12 = 83.33% है। अर्थात्, प्रत्येक बैंक या पीडी या विनिर्दिष्ट शेयर बाज़ार जो पात्र निवेशकों से प्राप्त गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियों को प्रस्तुत किया है उन्हें कुल जमा राशि का 83.33% प्राप्त होगा। यह ध्यान दिया जाए कि आबंटित राशि 10,000/- के गुणकों में होना सुनिश्चित करने के लिए आंशिक आबंटन अनुपात से वास्तविक आबंटन अलग हो सकते हैं।

16. अगर गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के अंतर्गत बोली राशि आरक्षित राशि से कम है?

यदि गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के अंतर्गत बोली की कुल राशि आरक्षित राशि से कम है, तो सभी आवेदकों को आवंटित किया जाएगा और प्रतिस्पर्धी नीलामी के लिए उपलब्ध राशि में कमी को जोड़ा जाएगा।

17. एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर आंशिक आवंटन कैसे करेगा?

यह एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने ग्राहकों को उन्हें बोलियां आवंटित करने के समान तरीके से (या तो पूर्ण या आंशिक) प्रतिभूतियां आवंटित करें।

18. यदि प्रतिभूति जारी करने की तारीख के बाद प्रतिभूतियों के लिए भुगतान एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर को दिया जाता है तो क्या होगा?

चूंकि एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर को जारी होने की तारीख पर भुगतान करना पड़ता है, अगर ग्राहक द्वारा प्रतिभूति जारी करने की तारीख के बाद भुगतान किया जाता है तो ग्राहक द्वारा एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर को देय कंसिडरेशन राशि में उपार्जित ब्याज शामिल होगा।

19. निवेशक को कितने दिनों में प्रतिभूति प्राप्त होगी?

ग्राहकों को प्रतिभूतियों का अंतरण नीलामी की तारीख से पांच कार्य दिवसों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। यह एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर की जिम्मेदारी है।

Server 214
शीर्ष