आरबीआई/2019-20/214
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 30
15 अप्रैल 2020
प्रति,
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया / महोदय
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीई) द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश: मध्यम अवधि रूपरेखा (एमटीएफ)
प्राधिकृत डीलर श्रेणी – I (एडी श्रेणी – I) बैंकों का ध्यान 17 अक्टूबर 2019 को जारी अधिसूचना सं. फेमा. 396/2019-आरबी के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ॠण लिखत) विनियमन, 2019, समय-समय पर यथा संशोधित, की अनुसूची-1 और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है।
2. रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निम्नलिखित निदेशों का अवलोकन भी अपेक्षित है:
क) 27 मार्च 2019 का एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.26;
ख) 30 मार्च 2020 का एपी (डीआईआर सीरीज परिपत्र सं.24;
ग) 30 मार्च 2020 का एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.25; और
घ) 30 मार्च 2020 का परिपत्र सं. एफएमआरडी. एफएमएसडी.सं. 25/14.01.006/2019-20;
3. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए निवेश सीमाओं में संशोधन
क. वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) और राज्य विकास ऋणों (एसडीएल) में एफपीआई निवेश की सीमा बिना किसी परिवर्तन के प्रतिभूतियों के बकाया स्टॉक का क्रमश: 6% और 2% रहेगी।
ख. 30 मार्च 2020 के एपी (डीआईआर श्रेणी) परिपत्र सं.25 के तहत निर्दिष्ट प्रतिभूतियों में पात्र निवेशकों द्वारा सभी निवेश एफएआर लागू होने की तारीख से पूर्णतया अभिगमयोग्य मार्ग (एफएआर) के अंतर्गत होंगे। इसके अलावा, निर्दिष्ट प्रतिभूतियों में सभी मौजूदा एफपीआई निवेशों को एफएआर के तहत माना जाएगा। एमटीएफ के तहत जी-सेकं के बकाया स्टॉक की गणना और सीमाओं के उपयोग स्तर को तदनुसार समायोजित किया गया है।
ग. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जी-सेक सीमा (पूर्ण रूप में) में दो उप-श्रेणियों – ‘सामान्य’ और ‘दीर्घावधि’– में बढ़ोतरी का आबंटन 50:50 पर बरकरार रखा जाएगा।
घ. एसडीएल की सीमा में संपूर्ण वृद्धि (पूर्ण रूप में) को एसडीएल की 'सामान्य' उप-श्रेणी में जोड़ा गया है।
4. तदनुसार, विभिन्न श्रेणियों के लिए संशोधित सीमाएं (पूर्ण रूप में), कॉर्पोरेट बांडों के लिए सीमा सहित 30 मार्च 2020 के ए.पी. (डीआईआर श्रेणी) परिपत्र संख्या 24 में की गई घोषणा के अनुसार निम्नानुसार होंगी (तालिका-1):
तालिका- 1: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए निवेश सीमाएं |
रु. करोड़ |
|
जी-सेक –सामान्य |
जी-सेक –दीर्घ अवधि |
एसडीएल –सामान्य |
एसडीएल - दीर्घ अवधि |
कार्पोरेट बांड |
जी-सेक –सामान्य |
वर्तमान एफपीआई सीमाएं |
2,46,100 |
1,15,100 |
61,200 |
7,100 |
3,17,000 |
7,46,500 |
अप्रैल-सित. 2020, की छमाही के लिए संशोधित सीमा |
2,34,531 |
1,03,531 |
64,415 |
7,100 |
4,29,244 |
8,38,821 |
अक्तू. 2020-मार्च 2021 की छमाही के लिए संशोधित सीमा |
2,34,531 |
1,03,531 |
67,630 |
7,100 |
5,41,488 |
9,54,280 |
5. प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंकों से अपेक्षित है कि वे इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को भी अवगत कराएं।
6. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो उन पर इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
भवदीया
(डिम्पल भांडिया)
महाप्रबंधक (प्रभारी) |