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गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां

यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्‍पष्‍ट रूप से कहीं उल्‍लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्‍वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्‍यवस्‍था के उत्‍पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्‍धता सुनिश्चित करना, देश की वित्‍तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्‍थाओं की स्‍थापना करना, किफायती वित्‍तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्‍तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

अधिसूचनाएं


आईडीएफ़-एनबीएफ़सी के लिए विनियामक ढांचे की समीक्षा

आरबीआई/2023-24/54
विवि.एसआईजी.एफ़आईएन.आरईसी.31/03.10.001/2023-24

18 अगस्त 2023

सभी इंफ्रास्ट्रेंक्चर डेब्ट फंड-एनबीएफ़सी (आईडीएफ़-एनबीएफ़सी)

महोदय/ महोदया,

आईडीएफ़-एनबीएफ़सी के लिए विनियामक ढांचे की समीक्षा

आधारभूत संरचना क्षेत्र को वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आईडीएफ़-एनबीएफ़सी को सक्षम बनाने और एनबीएफ़सी द्वारा आधारभूत संरचना को वित्तपोषण को नियंत्रित करनेवाले विनियमों को समानीकरण करने के लिए भारत सरकार के साथ विचार-विमर्श करने के बाद आईडीएफ़-एनबीएफ़सी पर लागू दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है।

2. आईडीएफ़-एनबीएफ़सी के लिए संशोधित विनियामक ढांचा अनुबंध में दिया गया है। ये दिशानिर्देश इस परिपत्र की तारीख से प्रभावी होंगे।

भवदीय,

(जे.पी.शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

आईडीएफ़ एक ट्रस्ट या एक कंपनी के रूप में स्थापित किया जाता है। ट्रस्ट आधारित आईडीएफ़, आईडीएफ़-म्यूचुअल फंड (आईडीएफ़-एमएफ़) के रूप में पंजीकृत होता है और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनायमित है जबकि कंपनी आधारित आईडीएफ़, आईडीएफ़-एनबीएफ़सी के रूप में पंजीकृत होता है और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विनायमित है।

2. परिभाषा

आईडीएफ़-एनबीएफ़सी का मतलब है जमाराशि स्वीकार नहीं करनेवाली एनबीएफ़सी जिसको – (i) प्रारंभ होने के बाद परिचालन तिथि (सीओडी) वाली उन बुनियादी परियोजनाओं को पुनर्वित्त करने जिन्होंने कम से कम एक वर्ष का संतोषजनक वाणिज्यिक संचालन पूरा कर लिया है; और (ii) प्रत्यक्ष ऋणदाता के रूप में टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) परियोजनाओं के वित्तपोषण की अनुमति है।

3. निवल स्वामित्व वाली निधियां (एनओएफ) और विनियामक पूंजी

आईडीएफ-एनबीएफसी के पास कम से कम 300 करोड़ रुपये का एनओएफ और न्यूनतम 15 प्रतिशत (10 प्रतिशत की न्यूनतम टियर 1 पूंजी के साथ) का जोखिम भारित आस्तियों के प्रति पूंजी अनुपात (सीआरएआर) होना चाहिए।

4. निधि जुटाना

(i) आईडीएफ-एनबीएफसी न्यूनतम पांच साल की परिपक्वता वाले रुपये या डॉलर मूल्य वर्ग के बांड जारी कर धन जुटाएँगे। बेहतर परिसंपत्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) की दृष्टि से आईडीएफ-एनबीएफसी घरेलू बाजार से छोटी अवधि के बॉन्ड और वाणिज्यिक पत्रों (सीपी) के माध्यम से अपनी कुल बकाया उधारी के 10 प्रतिशत तक की सीमा तक धन जुटा सकते हैं।

(ii) बॉन्ड माध्यम के अलावा, आईडीएफ-एनबीएफसी बाहरी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के तहत ऋण माध्यम से भी धन जुटा सकते हैं। हालांकि, ऐसी उधारी पांच साल की न्यूनतम अवधि के अधीन होगी और ईसीबी ऋण भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से नहीं लिया जाना चाहिए।

(iii) ईसीबी के संबंध में, आईडीएफ-एनबीएफसी को आरबीआई के विदेशी मुद्रा विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन भी करना होगा।

5. एक्सपोज़र सीमाएँ

आईडीएफ-एनबीएफसी के लिए एक्सपोज़र सीमाएँ एकल उधारकर्ता/ पार्टी के लिए उनकी टियर 1 पूंजी का 30% और उधारकर्ताओं/पार्टियों के एकल समूह के लिए उनकी टियर 1 पूंजी का 50% होगी।

6. जोखिम भार

आईडीएफ-एनबीएफसी के सीआरएआर की गणना के लिए, उनकी आस्तियों को एनबीएफसी-निवेश और क्रेडिट कंपनियों (एनबीएफसी-आईसीसी) पर लागू जोखिम-भार के अनुसार जोखिम-भारित किया जाएगा।

7. प्रायोजक और त्रिपक्षीय समझौते की आवश्यकताएँ

7.1 पूर्व के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत, आईडीएफ-एनबीएफसी को किसी बैंक या एनबीएफसी-इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी-आईएफसी) द्वारा प्रायोजित किया जाना आवश्यक था। आईडीएफ-एनबीएफसी के लिए प्रायोजक की आवश्यकता अब हटा दी गई है और आईडीएफ-एनबीएफसी के शेयरधारकों की एनबीएफसी-आईएफसी सहित अन्य एनबीएफसी पर लागू पहलुओं के अधीन समीक्षा की जाएगी।

7.2 पहले, आईडीएफ-एनबीएफसी को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश के लिए रियायतग्राही और परियोजना प्राधिकरण के साथ त्रिपक्षीय समझौता करने की आवश्यकता होती थी। त्रिपक्षीय समझौते की आवश्यकता को अब वैकल्पिक बना दिया गया है।

8. अन्य विनियामक मानदंड

एनबीएफसी-आईसीसी पर लागू आय- निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधान मानदंडों सहित अन्य सभी नियामक मानदंड आईडीएफ-एनबीएफसी पर लागू होंगे।

9. एनबीएफसी द्वारा आईडीएफ-एमएफ के प्रायोजन को नियंत्रित करने वाले दिशानिर्देश

9.1 सभी एनबीएफसी, सेबी द्वारा निर्धारित शर्तों के अलावा, निम्नलिखित शर्तों (लेखापरीक्षित वित्तीय विवरणों के आधार पर) के अधीन आरबीआई की पूर्व मंजूरी के पश्चात आईडीएफ-एमएफ को प्रायोजित करने (म्यूचुअल फंड के लिए सेबी विनियमों द्वारा परिभाषित प्रायोजन) के लिए पात्र होंगे:

(i) एनबीएफसी के पास न्यूनतम एनओएफ 300 करोड़ और सीआरएआर 15 प्रतिशत होना चाहिए;

(ii) इसका निवल एनपीए निवल अग्रिमों के 3 प्रतिशत से कम होगा;

(iii) यह कम से कम 5 वर्षों से अस्तित्व में रहा हो;

(iv) यह पिछले तीन वर्षों से लाभ अर्जित कर रहा हो और इसका प्रदर्शन संतोषजनक हो;

(v) आईडीएफ-एमएफ में निवेश के बाद एनबीएफसी का सीआरएआर इसके लिए निर्धारित नियामक न्यूनतम से कम नहीं होना चाहिए;

(vi) प्रस्तावित आईडीएफ-एमएफ में निवेश के लेखांकन के बाद एनबीएफसी एनओएफ के आवश्यक स्तर को बनाए रखना जारी रखेगा;

(vii) एनबीएफसी के संबंध में कोई पर्यवेक्षी चिंताएँ नहीं होनी चाहिए।

9.2 जो एनबीएफसी उपर्युक्त पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, उन्हें आईडीएफ-एमएफ को प्रायोजित करने के लिए पूर्व अनुमोदन हेतु आरबीआई के विनियमन विभाग से संपर्क करना होगा।

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