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गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां

यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्‍पष्‍ट रूप से कहीं उल्‍लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्‍वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्‍यवस्‍था के उत्‍पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्‍धता सुनिश्चित करना, देश की वित्‍तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्‍थाओं की स्‍थापना करना, किफायती वित्‍तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्‍तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

अधिसूचनाएं


उपभोक्ता ऋण और एनबीएफसी को बैंक ऋण से संबंधित विनियामक दिशा निर्देश

आरबीआई/2023-24/85
विवि.एसटीआर.आरईसी.57/21.06.001/2023-24

16 नवंबर 2023

वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एचएफसी सहित)

महोदया/महोदय

उपभोक्ता ऋण और एनबीएफसी को बैंक ऋण से संबंधित विनियामक दिशा निर्देश

कृपया 6 अक्टूबर, 2023 के गवर्नर के वक्तव्य का संदर्भ लें, जिसमें उपभोक्ता ऋण के कुछ घटकों में उच्च वृद्धि को दर्शाया गया है और बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अपने आंतरिक निगरानी प्रणाली को मजबूत करने, जोखिमों के संकेन्द्रण, यदि कोई हो, का समाधान करने व अपने हित में उपयुक्त सुरक्षा उपाय स्थापित करने हेतु सूचित किया गया है। उपभोक्ता ऋण में देखी गई उच्च वृद्धि और बैंक ऋण पर एनबीएफसी की बढ़ती निर्भरता को गवर्नर ने प्रमुख बैंकों और बड़े एनबीएफसी के एमडी/सीईओ के साथ क्रमशः जुलाई और अगस्त 2023 में हुए वार्ता में भी उजागर किया था।

2. इस संदर्भ में, निम्नलिखित दिशा-निर्देशों को प्रभावी बनाने का निर्णय लिया गया है:

ए. उपभोक्ता ऋण एक्सपोजर

(ए) वाणिज्यिक बैंकों का उपभोक्ता ऋण एक्सपोजर

वाणिज्यिक बैंकों पर लागू मौजूदा अनुदेशों1 के अनुसार, उपभोक्ता ऋण पर 100% जोखिम भार लगता है। एक समीक्षा के अंतर्गत, वाणिज्यिक बैंकों के उपभोक्ता ऋण एक्सपोजर (बकाया और साथ ही नए) पर लागू जोखिम भार को 25 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 125% करने का निर्णय लिया गया है। इन उपभोक्ता ऋण एक्सपोजर में वैयक्तिक ऋण शामिल हैं, लेकिन आवास ऋण, शिक्षा ऋण, वाहन ऋण और स्वर्ण द्वारा प्रतिभूत ऋण शामिल नहीं है।

(बी) एनबीएफसी का उपभोक्ता ऋण एक्सपोजर

मौजूदा मानदंडों2 के संदर्भ में, एनबीएफसी के ऋण एक्सपोजर पर आम तौर पर 100% का जोखिम भार लगता है। एक समीक्षा के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है कि आवास ऋण, शैक्षिक ऋण, वाहन ऋण, सोने के आभूषणों के विरुद्ध ऋण और माइक्रोफाइनेंस/एसएचजी ऋणों को छोड़कर, खुदरा ऋण के रूप में वर्गीकृत एनबीएफसी के उपभोक्ता ऋण एक्सपोजर (बकाया और साथ ही नए) पर 125% का जोखिम भार लगेगा।

(सी) क्रेडिट कार्ड प्राप्तियाँ

मौजूदा अनुदेशों के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों3 (एससीबी) के क्रेडिट कार्ड प्राप्तियों पर 125% जोखिम भार लगता है, जबकि एनबीएफसी4 के क्रेडिट कार्ड प्राप्तियों पर 100% का जोखिम भार लगता है। समीक्षा करने पर, एससीबी और एनबीएफसी के ऐसे एक्सपोज़र पर जोखिम भार को 25 प्रतिशत अंक बढ़ाकर क्रमशः 150% और 125% करने का निर्णय लिया गया है।

बी. एनबीएफसी को बैंक ऋण

मौजूदा मानदंडों के अनुसार, मुख्य निवेश कंपनियों को छोड़कर एनबीएफसी के प्रति एससीबी के एक्सपोजर के जोखिम भार का निर्धारण मान्यता प्राप्त बाह्य ऋण मूल्यांकन संस्थानों (ईसीएआई)5 द्वारा प्रदत्त रेटिंग के अनुसार किया जाता है। समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि उन सभी मामलों में जहां गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की बाह्य रेटिंग के अनुसार मौजूदा जोखिम भार 100% से कम है, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के ऐसे एक्सपोजरों पर जोखिम भार में 25 प्रतिशत अंक (दी गई बाह्य रेटिंग के अनुसार जोखिम भार के अतिरिक्त और ऊपर) की वृद्धि की जाए। इस प्रयोजन के लिए, एचएफसी को ऋण और एनबीएफसी को ऋण जो मौजूदा अनुदेशों के अनुसार प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में वर्गीकरण के लिए पात्र हैं, उन्हें बाहर रखा जाएगा।

सी. ऋण मानकों को मज़बूत करना

(ए) आरई उपभोक्ता ऋण के लिए अपनी मौजूदा क्षेत्रीय एक्सपोजर सीमाओं की समीक्षा करेंगे और यदि ऐसी सीमाएँ पहले से नहीं हैं, तो विवेकपूर्ण जोखिम प्रबंधन के हिस्से के रूप में उपभोक्ता ऋण के तहत विभिन्न उप-खंडों (जैसा कि बोर्ड द्वारा आवश्यक समझा जाए) के संबंध में बोर्ड अनुमोदित सीमाएं लागू करेंगे। विशेष रूप से, सभी असुरक्षित उपभोक्ता क्रेडिट एक्सपोजर के लिए सीमाएं निर्धारित की जाएंगी। ऐसी निर्धारित सीमाओं का कड़ाई से पालन किया जाएगा और जोखिम प्रबंधन समिति द्वारा निरंतर आधार पर उनकी निगरानी की जाएगी।

(बी) क्रेडिट मूल्यांकन, विवेकपूर्ण सीमा और एक्सपोजर उद्देश्यों के लिए आरई द्वारा दिए गए वे सभी टॉप-अप ऋण असुरक्षित ऋण माने जाएँगे; जो स्वाभाविक रूप से अव्मुल्यित होने वाली चल परिसंपत्तियों, जैसे वाहन, के आधार पर दिए जाते हैं।

3. उपर्युक्त अनुदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35ए; भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अध्याय IIIबी, और राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए, 32 और 33 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।

4. पैरा 2 सी (ए) के अलावा उपरोक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। सभी आरई जल्द से जल्द पैरा 2 सी (ए) के प्रावधानों का पालन करने का प्रयास करेंगे, लेकिन किसी भी तरह उन्हें 29 फरवरी, 2024 से पहले लागू करेंगे।

भवदीय,

(वैभव चतुर्वेदी)
मुख्य महाप्रबंधक


1 'मास्टर परिपत्र - बासल III पूंजी विनियमन' का पैरा 5.13.3 और 12 सितंबर, 2019 के क्रेडिट कार्ड प्राप्तियों के अतिरिक्त उपभोक्ता ऋण के लिए जोखिम भार

2 दिनांक 19 अक्टूबर, 2023 के भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - स्केल आधारित विनियमन) निर्देश, 2023 मास्टर निदेश का पैरा 84

3 'मास्टर परिपत्र - बासल III पूंजी विनियमन' का पैरा 5.13.3

4 एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और बीओबी फाइनेंशियल सॉल्यूशंस लिमिटेड, जिन्हें क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति है, दोनों एनबीएफसी पर लागू।

5 दिनांक 22 फरवरी के परिपत्र ‘एनबीएफ़सी के एक्सपोसरों के लिए जोखिम भार’ के साथ पठित दिनांक 12 मई 2023 के मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन’ का पैरा 5.8.1

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