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वित्तीय बाजार

सुचारू ढ़ंग से कार्य करने वाले, चलनिधि युक्त और लचीले वित्तीय बाजार मौद्रिक नीति अंतरण और भारत के विकास के वित्तपोषण में अपरिहार्य जोखिमों के आवंटन और अवशोषण में सहायता करते हैं।

अधिसूचनाएं


भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक) निदेश, 2023

आरबीआई/2023-24/98
एफएमआरडी.एफएमएसडी.07/03.07.35/2023-24

28 दिसम्बर, 2023

प्रति

बाज़ार के सभी पात्र सहभागी

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक) निदेश, 2023

कृपया दिनांक 26 जून, 2019 के वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2019 ('निदेश') की समीक्षा के संबंध में दिनांक 10 अगस्त, 2023 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैराग्राफ 1 का संदर्भ ग्रहण करें।

2. तदनुसार, रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित वित्तीय बाजारों में सभी बेंचमार्क प्रशासकों को शामिल करते हुए समग्र जोखिम-आधारित फ्रेमवर्क को स्थापित करने के लिए निदेशों की समीक्षा की गई है। संशोधित निदेश इसके साथ संलग्न हैं।

3. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45डब्ल्यू के साथ पठित धारा 45यू के तहत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में सक्षमकारी सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इन निदेशों को जारी किया गया है।

भवदीया,

(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्तीय बाज़ार विनियमन विभाग

अधिसूचना सं. एफएमआरडी.एफएमएसडी. 08/03.07.035/2023-24 दिनांक 28 दिसम्बर, 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक) निदेश, 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 02) (एतदपश्चात अधिनियम कहा जाएगा) की की धारा 45यू के साथ पठित, धारा 45डब्ल्यू के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, और दिनांक 26 जून, 2019 के परिपत्र एफएमआरडी.एफएमएसडी.17/03.07.035/2018-19 के माध्यम से अधिसूचित, वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2019 का अधिक्रमण करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (एतदपश्चात रिज़र्व बैंक कहा जाएगा) द्वारा एतदद्वारा निम्नलिखित निदेश जारी किए जाते हैं1

1. लघु शीर्षक, दायरा और प्रवर्तन

i. इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय बेचमार्क प्रशासक) निदेश, 2023 कहा जाएगा।

ii. ये निदेश वित्तीय बेंचमार्क प्रशासकों (एफबीए) पर लागू होंगे जो अधिनियम की धारा 45डब्ल्यू के अंतर्गत संदर्भित या निर्दिष्ट वित्तीय लिखतों पर पूर्ण या आंशिक रूप से आधारित बेंचमार्क(र्कों) का प्रबंधन करते हैं।

बशर्ते कि ये निदेश निम्नलिखित बेंचमार्क(र्कों) के संचालन पर लागू नहीं होंगे:

ए) भारत से बाहर प्रशासित और प्रयुक्त होने वाले बेंचमार्क;

बी) किसी व्यक्ति द्वारा निर्धारित और वित्तीय लिखतों के मूल्य निर्धारण या मूल्यांकन के उद्देश्य से व्यक्ति द्वारा आंतरिक रूप से उपयोग किए जाने वाले बेंचमार्क; और

सी) आंतरिक जोखिम प्रबंधन के उद्देश्य से रिज़र्व बैंक या भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त समाशोधन निगमों द्वारा उपयोग किए जाने वाले बेंचमार्क।

iii. वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2019 के अंतर्गत प्रदत्त कोई भी प्राधिकार या की गई कोई भी कार्रवाई इन निदेशों के अधीन की गई मानी जाएगी।

iv. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

2. परिभाषाएँ

  1. ‘प्रशासन’ का आशय है किसी बेंचमार्क के सृजन और प्रसरण में निहित सभी संस्तर और प्रक्रियाएँ।

  2. ‘बेंचमार्क’ का आशय है वित्तीय लिखतों या किसी अन्य वित्तीय संविदा के कीमत निर्धारण अथवा मूल्यांकन हेतु संदर्भ के रूप में प्रयुक्त होने वाली वित्तीय लिखतों से संबद्ध कीमतें, दरें, सूचकांक या इन सभी का संमिश्रण जिनकी संगणना आवधिक रूप से की जाती है।

  3. ‘संगणनकर्ता एजेन्ट’ का आशय है ऐसा व्यक्ति जो वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक द्वारा निर्धारित प्रविधि के अनुसार बेंचमार्क की संगणना करता है।

  4. ‘वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक’ (एफबीए) का आशय ऐसे व्यक्ति से है जो विशिष्ट बेंचमार्क (र्कों) के सृजन, परिचालन और प्रशासन पर नियंत्रण करता है।

  5. ‘वित्तीय लिखत’ का आशय है ऐसी लिखतें जिनका संदर्भ अथवा विनिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45डब्ल्यू में दिया गया है।

  6. ‘प्रविधि’, में बेंचमार्कों के प्रयोजन से लिखित नियमों और क्रियाविधियों को शामिल किया गया है जिनके अनुसार जानकारी का संग्रह और बेंचमार्क का निर्धारण किया जाता है।

  7. ‘गैर-विशिष्ट बेंचमार्क’ का आशय है ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के इतर कोई भी बेंचमार्क।

  8. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ का आशय है इन निदेशों के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के रूप में अधिसूचित कोई भी बेंचमार्क।

  9. ‘प्रस्तुतकर्ता’ का आशय है कोई भी प्राकृतिक अथवा विधिक व्यक्ति जो बेंचमार्क निर्धारण हेतु इनपुट डाटा प्रदान करता है।

3. बेंचमार्कों के प्रशासन पर प्रतिबंध

इन निदेशों में अन्यथा अनुमति के अलावा, कोई भी व्यक्ति इन निदेशों के दायरे में आने वाले बेंचमार्क का प्रबंधन नहीं करेगा।

4. एफबीए के लिए पात्रता मानदंड

i. एफबीए को भारत में निगमित कंपनी होना होगा।

ii. ‘विशिष्ट बेंचमार्क' का प्रबंधन करने वाले एफबीए को हर समय न्यूनतम ₹5 करोड़ का निवल मालियत बनाए रखना होगा। 'गैर- विशिष्ट बेंचमार्क' का प्रबंधन करने वाले एफबीए को हर समय न्यूनतम 1 करोड़ का निवल मालियत बनाए रखना होगा।

5. ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ की अधिसूचना

रिज़र्व बैंक घरेलू वित्तीय बाजारों में इसके उपयोग, सटीकता और सुसंगति को ध्यान में रखते हुए एक बेंचमार्क को 'विशिष्ट बेंचमार्क' के रूप में अधिसूचित कर सकता है।

6. एफबीए को प्राधिकृत करना

  1. भारतीय रिज़र्व बैंक से इन निदेशों के अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त किए बिना कोई भी एफबीए किसी ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ का संचालन नहीं करेगा।

  2. इन निदेशों के दायरे के अंतर्गत किसी बेंचमार्क का प्रशासन करने वाले / प्रशासन करने के इच्छुक एफबीए को रिज़र्व बैंक से प्राधिकार प्राप्त करना होगा। इस प्रयोजन से, बेंचमार्क के प्रशासक को मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, 9वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई - 400001 को आवेदन करना होगा।

  3. कोई एफबीए जो यह निदेश जारी होने की तारीख पर पहले से ही किसी बेंचमार्क का संचालन कर रहा है, उसे निदेश जारी होने की तारीख से तीन महीने के भीतर इन निदेशों के अंतर्गत प्राधिकार के लिए आवेदन करना होगा। ऐसे एफबीए रिज़र्व बैंक द्वारा उनके आवेदन के निस्तारण तक बेंचमार्क(र्कों) का संचालन जारी रख सकते हैं।

  4. यदि कोई एफबीए जो यह निदेश जारी होने की तारीख पर पहले से ही किसी ‘गैर-विशिष्ट बेंचमार्क’ का संचालन कर रहा है, और इन निदेशों के अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त करने का इच्छुक नहीं है, तो वह यह निदेश जारी होने की तारीख से तीन महीने के भीतर बेंचमार्क का संचालन बंद कर देगा।

  5. यदि रिज़र्व बैंक किसी 'गैर-विशिष्ट बेंचमार्क' को विशिष्ट बेंचमार्क के रूप में अधिसूचित करता है, तो 'गैर-विशिष्ट बेंचमार्क' को संचालन करने वाला एफबीए अधिसूचना की तारीख से तीन महीने के भीतर इन निदेशों के अंतर्गत बेंचमार्क को 'विशिष्ट बेंचमार्क' के रूप में संचालित करना जारी रखने के लिए प्राधिकार के लिए आवेदन करेगा।

  6. रिज़र्व बैंक प्राधिकार चाहने वाले आवेदक से ऐसी कोई अतिरिक्त सूचना या स्पष्टीकरण मांग सकता है, जो रिज़र्व बैंक की राय में प्रासंगिक हो और आवेदक रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर ऐसी अतिरिक्त जानकारी या स्पष्टीकरण प्रस्तुत करेगा।

  7. रिज़र्व बैंक सरकारी विभागों/एजेंसियों, अन्य विनियामकों या किसी अन्य प्राधिकारण से ऐसी कोई अतिरिक्त जानकारी भी प्राप्त कर सकता है, जो रिज़र्व बैंक की राय में आवेदन के निस्तारण के लिए प्रासंगिक हो।

  8. रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट होने के बाद कि आवेदक पात्रता मानदंडों को पूरा करता है; आवेदक द्वारा किसी सांविधिक/विनियामक प्रावधान का कोई प्रतिकूल निष्कर्ष/प्रेक्षण या महत्वपूर्ण उल्लंघन नहीं किया गया है; और आवेदक को प्राधिकार प्रदान करना लोक हित या देश की वित्तीय प्रणाली के लिए प्रतिकूल नहीं है, किसी आवेदक को बेंचमार्क संचालित करने का प्राधिकार दे सकता है। प्राधिकार की मंजूरी प्राधिकार पत्र में निर्धारित नियमों एवं शर्तों के अधीन हो सकता है।

  9. एफबीए को प्रदत्त प्राधिकार विशिष्ट बेंचमार्क(र्कों) के संचालन के लिए होगा और उस विशिष्ट बेंचमार्क(र्कों) को इंगित करेगा जिसके लिए प्राधिकार दिया गया है। ऐसा प्राधिकार अहस्तांतरणीय होगा।

  10. किसी बेंचमार्क को प्रशासित करने के लिए प्राधिकार प्रदान करने या अस्वीकार करने के संबंध में रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा।

7. ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के प्रशासन के लिए निदेश

i. प्राधिकृत एफबीए की समग्र जिम्मेदारी

एफबीए, अपने द्वारा प्रशासित ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के संबंध में निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होंगे:

ए) बेंचमार्क संगणना पद्धति के लिए;

बी) बेंचमार्क मानों के निर्धारण हेतु;

सी) बेंचमार्क मानों के प्रसारण हेतु;

डी) बेंचमार्क संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु;

ई) बेंचमार्क की आवधिक समीक्षा हेतु; और,

एफ) उक्त जिम्मेदारियों प्रभावी रूप से पूरा करने के लिए आवश्यक संगठनात्मक और प्रक्रिया नियंत्रणों की व्यवस्था है।

ii. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’- निरूपण, निर्धारण और समीक्षा

ए) एफबीए यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को संदर्भगत (निर्दिष्ट) वित्तीय लिखत को परिशुद्ध और विश्वसनीय रूप से अभिव्यक्त करने के लिए डिजाइन किया गया है।

बी) एफबीए यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ का निर्माण करने के लिए प्रयुक्त डेटा सक्रिय बाजार के निकटतम सौदों पर आधारित हैं। जहाँ ऐसे सौदे उपलब्ध नहीं हैं, तो बेंचमार्क का निर्माण करने के लिए प्रयुक्त किसी भी डेटा, जानकारी या विशेषज्ञ निर्णय के लिए तर्क संगतता को रिकार्ड करेंगे।
सी) एफबीए ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के निर्धारण हेतु डेटा इनपुट तारतम्यता और प्रयुक्त विशेषज्ञ निर्णय कार्रवाई से संबंधित क्रियाविधि को स्थापित और प्रकाशित करेंगे।

डी) एफबीए अपने द्वारा संचालित किए जा रहे ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ की संगणना में प्रविधि को उदाहरण सहित प्रलेखबद्ध करेंगे, और इसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे। इस प्रलेख में कम-से-कम निम्नलिखित विवरणों को शामिल किया जाएगा:

  1. बेंचमार्क की संगणना हेतु इनपुट;

  2. इनपुट का स्रोत;

  3. इनपुट के स्रोतों के चयन हेतु आधार और तरीका;

  4. प्रयुक्त गणितीय सूत्रों सहित संगणना की पद्धति;

  5. ऐसे अवसर जब इस प्रविधि का अनुसरण नहीं किया जाता अथवा नहीं हो सकता है और ऐसे अपवादस्वरूप मामलों में बेंचमार्क की संगणना हेतु अपनाए जाने वाले विकल्प;

  6. इस प्रविधि में निहित औचित्य और अपवादों का संव्यवहार; और

  7. बेंचमार्क संचालन में त्रुटियों के समाधान की नीति, जिसमें बेंचमार्क मूल्यों में कोई संशोधन भी शामिल है।

ई) एफबीए इस पद्धति में यदि कोई संशोधन करने का निर्णय लेते हैं तो ऐसे संशोधनों को प्रभावी करने से कम-से-कम 15 दिन पहले अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे। संशोधित की जाने वाली पद्धति के सभी पदों को इस घोषणा में प्रकट किया जाएगा और संशोधित पद्धति का स्पष्टीकरण उदाहरण सहित किए जाएगा।

एफ) बेंचमार्क संचालन प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर बाजार सहभागियों के साथ क्रियाकलापों हेतु एफबीए औपचारिक प्रक्रिया स्थापित करेंगे।

iii. संगठनात्मक और प्रक्रियात्मक नियंत्रण - निगरानी समिति की भूमिका

ए) ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ निर्धारण प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं की नियमित समीक्षा हेतु एफबीए समुचित निगरानी व्यवस्था विकसित करेंगे। निगरानी कार्य का निष्पादन ‘निगरानी समिति’ कही जाने वाली एक समिति द्वारा किया जाएगा, इस समिति की स्थापना खास तौर पर इसी कार्य को करने के लिए की जाएगी। एफबीए यह सुनिश्चित करेंगे कि निगरानी समिति में समिति के कार्य-कलापों के प्रभावी निर्वहन के लिए अपेक्षित कौशल और विशेषज्ञता वाले व्यक्ति शामिल होंगे।

बी) सदस्यों के चयन, चयन की प्रक्रियाओं, नामांकन, सदस्यों के निराकरण और प्रतिस्थापन और हित-संघर्षों की घोषणा सहित ‘निगरानी’ कार्य में निहित कार्यविधियों को प्रलेखबद्ध किया जाएगा और हिस्सेदारों को उपलब्ध कराया जाएगा।

सी) एफबीए को ऐसी नीति बनानी होगी जो यह सुनिश्चित करती हो कि निगरानी समिति में सभी प्रमुख हिस्सेदारों का उचित प्रतिनिधित्व है।

डी) कोई भी व्यक्ति इस निगरानी समिति में पाँच साल से अधिक के लिए सदस्य नहीं रहेगा लेकिन वह कितनी भी बार सदस्य रह सकेगा।

ई) निगरानी समिति की जिम्मेदारियों में कम-से-कम निम्नलिखित शामिल रहेंगे:

  1. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ की पद्धति की आवधिक समीक्षा;

  2. जब कभी भी विद्यमान ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को प्रतिस्थापित, निष्प्रभावी या संशोधित किया जाता है तो नए बेंचमार्क की तरफ निर्बाध अंतरण कराना;

  3. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ निर्धारक पद्धति में किसी भी परिवर्तन की समीक्षा और निगरानी और यह आकलन करना कि क्या परिवर्तित पद्धति बेंचमार्क द्वारा अभिव्यक्त किए जा रहे निहित चरांक समुचित रूप से प्रकट करती है;

  4. बेंचमार्क निर्धारण में शामिल किसी तृतीय पक्ष द्वारा किए गए क्रियाकलापों सहित ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के प्रबंधन और परिचालन की निगरानी करना;

  5. यह सुनिश्चित करना कि विशेषज्ञ निर्णय, यदि कोई है, का एफबीए द्वारा निर्धारित नीतियों के अनुसार पालन किया जाता है;

  6. लेखापरीक्षा रिपोर्टों में की गई सिफारिश के अनुसार उपचारात्मक कार्रवाइयों को लागू करने के लिए अनुवर्ती कार्रवाई करना।

एफ) योगदानकर्ता प्रतिष्ठानों (प्रस्तुतकर्ता) द्वारा योगदान के माध्यम से निर्धारित ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के मामले में ‘निगरानी’ समिति -

  1. एफबीए द्वारा जारी की गई आचार संहिता (इस निदेश के पैरा 7 iv (ई) में निर्धारित) के संबंध में प्रस्तुतकर्ता द्वारा किए जा रहे अनुपालन की निगरानी करेगी और प्रस्तुतकर्ताओं द्वारा इस संहिता के उल्लंघन को ठीक कराने के लिए प्रभावी प्रणाली स्थापित करेगी। निगरानी समिति के निष्कर्षों को की गई कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट सहित एफबीए के निदेशक मंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा; और

  2. संभावित असंगत अथवा संदेहास्पद प्रस्तुतियों को पकड़ने के लिए अधिकतम एक वर्ष तक नियमित समीक्षा करेगी और इसके पश्चात अनुवर्ती कार्रवाई आरंभ करेगी। इस प्रकार की प्रस्तुतियों और अनुवर्ती कार्रवाई की रिपोर्ट निदेशक मंडल को दी जाएगी।

iv. आंतरिक नियंत्रण

ए) एफबीए द्वारा डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के लिए डेटा संग्रहण, भंडारण, प्रोसेसिंग और प्रसरण पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा।

बी) विद्यमान और संभावित हित संघर्षों के अभिनिर्धारण, प्रकटन, प्रबंधन, निवारण अथवा बचाव के लिए वित्तीय बेंचमार्क संचालकों द्वारा नीतियों, क्रियाविधियों और नियंत्रण व्यवस्था को प्रलेखबद्ध और कार्यान्वित किया जाएगा। ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ निर्धारण प्रक्रिया और संचालक अथवा इसकी किसी संबद्ध इकाई के किसी अन्य कारोबार के बीच हो सकने वाले हित संघर्ष पर ध्यान भी ये ही देंगे। हित संघर्ष को न्यूनतम करने के लिए किए गए उपायों का विवरण देते हुए एक अलग प्रलेख एफबीए की वेबसाइट पर दिया जाएगा और इसकी प्रतिलिपि रिज़र्व बैंक को भी दी जाएगी। इन नीतियों और क्रियाविधियों की एफबीए द्वारा आवधिक समीक्षा और नवीकृत किया जाएगा।

सी) वित्तीय बेंचमार्क संचालक के भीतर भी रिपोर्टिंग लाइनों का समुचित संविभाजन रहेगा ताकि जिम्मेदारियों को परिभाषित और किसी भी हित संघर्ष से बचाव अथवा ऐसे हित संघर्षों की कल्पना को रोका जा सके।

डी) प्रस्तुतियों के आधार पर निर्धारित ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के मामले में, एफबीए निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होंगेः

  1. सुनिश्चित करें कि प्रस्तुतकर्ता, एक समूह के रूप में, अंतर्निहित चर के निर्धारण के उद्देश्य से उपयुक्त हैं जो बेंचमार्क का प्रतिनिधित्व करना चाहता है।

  2. उचित उपायों की एक प्रणाली की शुरुआत करें ताकि प्रस्तुतकर्ता द्वारा प्रस्तुतकर्ताओं के लिए आचार संहिता और प्रस्तुत करने के लिए संचालक की गुणवत्ता और अखंडता मानकों में परिभाषित प्रस्तुतीकरण दिशानिर्देंशों का पालन किया जा सकें।

  3. प्रस्तुतियों की प्रभावी निगरानी और जांच करने के लिए उपायों को नियोजित करें।

ई) प्रस्तुतकर्ताओं के लिए आचार संहिता

  1. एफबीए 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' की गणना के लिए इनपुट जमा करने वालों के लिए एक आचार संहिता तैयार करेंगे और इसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे। इस संबंध में एफबीए 16 अप्रैल 2014 के 'वित्तीय बेंचमार्क- बेंचमार्क प्रस्तुतकर्ताओं के लिए गवर्नेंस फ्रेमवर्क' पर आरबीआई के समय-समय पर यथासंशोधित परिपत्र का संदर्भ लेंगे।

  2. संहिता में परिचालन जोखिमों को कम करने और हितों के अंतर्विरोधों को खत्म करने के लिए उनके द्वारा उठाए जाने वाले कदमों को शामिल किया जाएगा। संहिता में रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकार रद्द किए जाने या एफबीए द्वारा बेंचमार्क को समाप्त किए जाने के कारण उत्पन्न संक्रमण अवधि के दौरान प्रस्तुतीकरण करने का प्रावधान भी शामिल होगा।

एफ) एफबीए के पास सामान्य व्यवसाय में व्यवधान को दूर करने के लिए एक व्यवसाय निरंतरता योजना और आकस्मिक प्रक्रियाएं होंगी।

जी) एफबीए अपनी नीतियों के अनुपालन के साथ-साथ रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों को सत्यापित करने के लिए आवधिक लेखापरीक्षा करेंगे।

एच) एफबीए पूरी बेंचमार्क संचालन प्रक्रिया की स्वतंत्र लेखापरीक्षा करेंगे जिसमें आवधिक आधार पर इनपुट, गणना प्रक्रिया और 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' के मूल्यों की लेखापरीक्षा शामिल होगी।

v. 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' से संबंधित कार्य की आउटसोर्सिंग

ए. एफबीए किसी भी एजेंसी/एजेंसियों, जिन्हें यह गणना एजेंट के रूप में कार्य करने के लिए कार्य को आउटसोर्स करता है या कोई अन्य कार्य जो बेंचमार्क के मूल्य को प्रभावित करता है, की भूमिकाओं और दायित्वों को निर्धारित करने वाली लिखित नीतियां लागू करेगा और नियमित रूप से नीतियों के अनुपालन की निगरानी करेगा।

बी. एफबीए आउटसोर्स किए गए कार्यों में शामिल परिचालन जोखिमों के प्रबंधन के लिए उचित आकस्मिक योजनाएं भी तैयार करेंगे।

सी. एफबीए डेटा और गणना प्रक्रिया पर पर्याप्त पहुंच और नियंत्रण बनाए रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि बेंचमार्क की गणना के लिए उपयोग किया जाने वाला डेटा केवल भारत में स्थित सिस्टमों में संग्रहित किया जाता है।

डी. 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' प्रशासन से संबंधित किसी भी कार्य के संबंध में, जिसे एफबीए किसी भी इकाई को आउटसोर्स करता है, एफबीए उन संस्थाओं के सभी कृत्यों और चूक के लिए जिम्मेदार होगा, जिन्हें उसने अपना काम आउटसोर्स किया है।

vi. शिकायत प्रबंधन

ए. एफबीए के पास 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' संचालन से संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति होगी।

बी. एफबीए 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' संचालन प्रक्रिया में किसी भी संभावित कदाचार या अनियमितताओं का जल्द पता लगाने के लिए एक प्रभावी 'भ्रष्टाचार सूचक’ (व्हिसलब्लोअर) नीति स्थापित करेगा।

vii. ऑडिट ट्रेल और डेटा संरक्षण

ए. एफबीए पांच साल की अवधि के लिए बेंचमार्क से संबंधित सभी लिखित रिकॉर्ड रखेगा, जो रिज़र्व बैंक को आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा।

बी. एफबीए डेटा की प्राप्ति /निर्माण की दिनांक से दस साल की अवधि के लिए 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' के संबंध में अपने पास मौजूद सभी डेटा को संरक्षित करेंगे। किसी भी मुकदमे/विवाद/मध्यस्थता/अधिनिर्णय से संबंधित डेटा को मामले/ मुकदमेबाजी/ विवाद/ मध्यस्थता/अधिनिर्णय के अंतिम निपटान के बाद दो वर्ष की अवधि के लिए संरक्षित किया जाएगा।

viii. बेंचमार्क प्रकाशन

ए. एफबीए को 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' को उन्हें जारी करने के दिन या जारी होने के 15 दिनों के अंतराल तक सार्वजनिक करना होगा।

8. 'गैर-महत्वपूर्ण बेंचमार्क' के संचालन हेतु एफबीए के लिए निदेश

i. एफबीए यह सुनिश्चित करेगा कि बेंचमार्क को संदर्भित (विनिर्दिष्ट) वित्तीय साधन का सटीक और विश्वसनीय प्रतिनिधित्व करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एफबीए उस बेंचमार्क की गणना करने के लिए कार्यप्रणाली को लिखित में रखेंगे जिसे वे संचालित कर रहे हैं। इसके अंतर्गत डेटा इनपुट के पदानुक्रम के बारे में प्रक्रिया, उपयोग किए गए विशेषज्ञ विवेक और इनपुट प्रस्तुत करने वालों के लिए आचार संहिता शामिल है और इसे वे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे। कार्यप्रणाली में कोई भी संशोधन ऐसे संशोधनों के प्रभावी होने से कम से कम 15 दिन पहले प्रकाशित किया जाएगा।

ii. एफबीए बेंचमार्क निर्धारण प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं के लिए एक उपयुक्त निरीक्षण कार्य विकसित करेगा और वर्ष में कम से कम एक बार बेंचमार्क की कार्यप्रणाली की समीक्षा करेगा।

iii. एफबीए डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए डेटा संग्रह, भंडारण, प्रसंस्करण और प्रसार पर प्रभावी आंतरिक नियंत्रण सुनिश्चित करेगा। एफबीए के पास सामान्य व्यवसाय में व्यवधान को दूर करने के लिए एक व्यवसाय निरंतरता योजना और आकस्मिक प्रक्रियाएं होंगी।

iv. एफबीए के पास बेंचमार्क संचालन से संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति होंगी।

v. एफबीए डेटा की प्राप्ति/निर्माण की दिनांक से तीन साल की अवधि के लिए उनके द्वारा संचालित बेंचमार्क के संबंध में अपने कब्जे में सभी डेटा संरक्षित करेंगे। किसी भी मुकदमे/विवाद/मध्यस्थता/अधिनिर्णय से संबंधित डेटा को मामले/ मुकदमेबाजी/विवाद/ मध्यस्थता/अधिनिर्णय के अंतिम निपटान के बाद दो वर्ष की अवधि के लिए संरक्षित किया जाएगा।

vi. एफबीए इन निदेशों, उनकी नीतियों के अनुपालन के साथ-साथ रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले किसी भी अनुदेश को सत्यापित करने के लिए आवधिक लेखापरीक्षा करेंगे।

vii. रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होने पर कि ऐसा करना आवश्यक है, 'गैर महत्वपूर्ण बेंचमार्क' का संचालन करने वाले एफबीए को इन निदेशों के अन्य प्रावधानों का अनुपालन करने के लिए अधिदेश दे सकता है जो 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' को संचालित करने वाले एफबीए पर लागू होता है। रिज़र्व बैंक एक 'गैर-महत्वपूर्ण बेंचमार्क' को 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' के रूप में भी अधिसूचित कर सकता है और अपने संचालक को 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' का संचालन करने वाले एफबीए के रूप में बैंक से प्राधिकरण लेने के लिए अधिदेश दे सकता है।

9. विनियामक निरीक्षण ढांचा

i. इन निदेशों के अंतर्गत प्राधिकृत सभी एफबीए रिज़र्व बैंक के विनियामक निरीक्षण ढांचे के अधीन होंगे जिसके अंतर्गत रिज़र्व बैंक, अन्य बातों के साथ-साथ, ऑनसाइट निरीक्षण कर सकता है या एफबीए की विशेष लेखापरीक्षा का निदेश दे सकता है।

ii. रिज़र्व बैंक एफबीए पर अतिरिक्त शर्तें या प्रतिबंध लगा सकता है यदि एफबीए इन निदेशों की शर्तों या प्राधिकरण की शर्तों के किसी अन्य नियमों, विनियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है।

10. रिपोर्टिंग

i. इन निदेशों के अंतर्गत प्राधिकृत सभी एफबीए समय-समय पर सूचित किए गए अनुसार निर्धारित समय-सीमा के भीतर और निर्धारित प्रारूपों में आंकड़े और रिपोर्ट रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करेंगे।

ii. एफबीए रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों/अनुदेशों के अनुपालन के संबंध में समय-समय पर निर्धारित समय-सीमा के भीतर और समय-समय पर सूचित किए गए प्रारूपों में आवधिक विवरणी/रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेंगे।

11. प्राधिकार को वापस लिया जाना

i. रिज़र्व बैंक प्रतिकूल निष्कर्षों/टिप्पणियों या किसी सांविधिक प्रावधानों या इन निदेशों के किसी भी प्रावधान या प्राधिकार की किसी शर्त के तथ्यात्मक उल्लंघन अथवा इस बात से संतुष्ट होने पर कि प्राधिकार का जारी रहना देश के सार्वजनिक हित या वित्तीय प्रणाली के लिए प्रतिकूल है, एक या एक से अधिक बेंचमार्कों के संचालन के लिए एफबीए को दिए गए प्राधिकार को वापस ले सकता है। एफबीए को अपने कार्यों का बचाव करने के लिए उचित अवसर प्रदान किए बिना रिज़र्व बैंक द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

ii. प्राधिकार वापस लिए जाने पर, एफबीए रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित तरीके और समयसीमा के भीतर बेंचमार्क का संचालन बंद कर देगा। रिज़र्व बैंक एफबीए को उसके द्वारा निर्धारित तरीके से बेंचमार्क को संचालित करना तब तक जारी रखने के लिए विनिर्दिष्ट कर सकता है जब तक कि एक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जाती है। इस अंतरिम अवधि के दौरान, जैसा रिज़र्व बैंक उचित समझे, एफबीए को तीसरे पक्ष की लेखापरीक्षा सहित संवृद्धित निगरानी के अधीन भी किया जा सकता है।

iii. प्राधिकार वापस लिए जाने के मामले में, एफबीए को मूल रूप में प्राधिकार पत्र रिज़र्व बैंक को सौंपना होगा।

iv. एफबीए संचालन बेंचमार्क (बेंचमार्कों) के प्राधिकरण को वापस लेने का रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा।

12. परिचालन की समाप्ति

i. कोई एफबीए जिसे इन निदेशों के तहत बेंचमार्क का संचालन शुरू करने या चलाने के लिए प्राधिकृत किया गया है, रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन के साथ अपना परिचालन बंद कर सकता है और रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित निबंधन और शर्तों का अनुपालन करेगा।

ii. रिज़र्व बैंक किसी ऐसे एफबीए को, जिसे समाप्त किया जाना प्रस्तावित है, तब तक बेंचमार्क का संचालन करने लिए जारी रख सकता है जब तक कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती है। इस अंतरिम अवधि के दौरान,रिज़र्व बैंक जैसा उचित समझे, एफबीए को तीसरे पक्ष की लेखापरीक्षा सहित संवृद्धित निगरानी के अधीन भी किया जा सकता है।

iii. परिचालन की समाप्ति के मामले में एफबीए को मूल रूप में प्राधिकरण पत्र रिज़र्व बैंक को सौंपना होगा।

iv. 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' का संचालन करने वाले एफबीए के पास निम्नलिखित से संबंधित लिखित नीति होगी:

ए. 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' को समाप्त करने का आधार;

बी. इसकी समाप्ति के लिए प्रक्रियाएं;

सी. जब भी किसी मौजूदा 'महत्वपूर्ण बेंचमार्क' को प्रतिस्थापित किया जाता है तो नए बेंचमार्क में निर्बाध अंतरण को सक्षम करने की प्रक्रिया;

डी. समाप्ति पर हितधारकों के साथ परामर्श; और

ई. विकल्प या वैकल्पिक प्रावधान।

13. इन निदेशों के प्रावधानों से छूट

रिज़र्व बैंक उसे दिए गए आवेदन पर और इस बात से संतुष्ट होने पर कि ऐसा करना आवश्यक है, जनता या देश की वित्तीय प्रणाली के हित में ऐसे निबंधनों या शर्तों या सीमाओं या प्रतिबंधों के अधीन, जो वह उचित समझे, इन निदेशों के किसी या सभी प्रावधानों से ऐसी किसी अवधि, किसी एफबीए को सामान्य तौर पर या ऐसी अवधि के लिए, जो विनिर्दिष्ट की जाए, छूट दे सकता है।

(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक


1 ये निदेश इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सिक्यूरिटीज कमीशन द्वारा जुलाई 2013 में जारी रिपोर्ट प्रिन्सिपल्‍स फॉर फाइनेन्शियल बेंचमार्क और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 28 जून 2013 को गठित वित्तीय बेंचमार्क समिति की रिपोर्ट में संस्तुत परिपाटियों पर आधारित हैं।

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