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गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां

यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्‍पष्‍ट रूप से कहीं उल्‍लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्‍वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्‍यवस्‍था के उत्‍पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्‍धता सुनिश्चित करना, देश की वित्‍तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्‍थाओं की स्‍थापना करना, किफायती वित्‍तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्‍तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

अधिसूचनाएं


क्रेडिट/निवेश सकेन्द्रन मानदंड - क्रेडिट जोखिम हस्तांतरण

आरबीआई/2023-24/112
विवि.सीआरई.आरईसी.70/21.01.003/2023-24

15 जनवरी 2024

हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों सहित सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां

महोदया/महोदय,

क्रेडिट/निवेश सकेन्द्रन मानदंड - क्रेडिट जोखिम हस्तांतरण

कृपया समय-समय पर संशोधित निम्नलिखित अनुदेशों का संदर्भ ग्रहण करें: (i) मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 दिनांक 19 अक्टूबर 2023 के पैराग्राफ 32, 91 और 110.4.2 ("एनबीएफसी पर एमडी"); और (ii) मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021 दिनांक 17 फरवरी 2021 का पैराग्राफ 20 ("एचएफसी पर एमडी")।

2. एनबीएफसी पर एमडी के पैराग्राफ 110 के संदर्भ में बृहद एक्सपोजर फ्रेमवर्क (एलईएफ) के दिशानिर्देश एनबीएफसी-अपर लेयर (एनबीएफसी-यूएल) पर लागू होते हैं। तथापि, एनबीएफसी-बेस लेयर (एनबीएफसी-बीएल) और एनबीएफसी-मिडिल लेयर (एनबीएफसी-एमएल) यह एनबीएफसी पर एमडी के पैराग्राफ 32 और 91, एचएफसी पर एमडी का पैराग्राफ 20 और स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर) पर परिपत्र: एनबीएफसी के लिए संशोधित विनियामक ढांचा दिनांक 22 अक्टूबर 2021 में निर्धारित क्रेडिट/निवेश सकेन्द्रन मानदंडों द्वारा शासित होते हैं। एनबीएफसी में सकेन्द्रन मानदंडों की गणना में एकरूपता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, विद्यमान सकेन्द्रन मानदंडों की समीक्षा की गई है और निम्नवत निर्णय लिया गया है:

ए. एनबीएफसी-एमएल के लिए विनियम

3. एक्सपोज़र की गणना - क्रेडिट जोखिम अंतरण उपकरण

किसी प्रतिपक्षकार का कुल एक्सपोज़र जिसमें ऑन और ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोज़र दोनों शामिल हैं, की गणना एनबीएफसी पर एमडी और एचएफसी पर एमडी में पूंजी गणना के लिए निर्धारित विधि के आधार पर की जाती है; अर्थात, ऑन-बैलेंस शीट एक्सपोज़र को बकाया राशि1 में गिना जाता है, जबकि तुलनपत्रेतर एक्सपोज़र को पूंजी आवश्यकताओं के तहत निर्धारित क्रेडिट रूपांतरण कारक को लागू करके क्रेडिट जोखिम के समकक्ष में परिवर्तित किया जाता है।

इसके अलावा, एनबीएफसी पर एमडी के अनुबंध XIV के अनुसार, क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) को वर्तमान में अंतर्निहित प्रतिपक्षकार के एक्सपोजर की भरपाई के लिए क्रेडिट जोखिम हस्तांतरण उपकरण के रूप में अनुमति दी गई है। अब से, एनबीएफसी-एमएल के एक्सपोजर की भरपाई नीचे सूचीबद्ध क्रेडिट जोखिम अंतरण उपकरणों से भी की जाएगी:

ए. अग्रिमों के विरुद्ध उधारकर्ता की ओर से संपार्श्विक के रूप में रखा गया नकद मार्जिन/जमानती राशि/सुरक्षा जमा, जिसके लिए समंजन करने का अधिकार उपलब्ध है;

बी. केंद्र सरकार द्वारा गारंटीशुदा दावे जिन पर पूंजी गणना के लिए शून्य प्रतिशत जोखिम भार लगता है;

सी. राज्य सरकार द्वारा गारंटीशुदा दावे जिन पर पूंजी गणना2 के लिए 20 प्रतिशत जोखिम भार लगता है;

डी. सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई), कम आय वाले आवास के लिए क्रेडिट जोखिम गारंटी फंड ट्रस्ट (सीआरजीएफटीएलआईएच) और राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) के तहत व्यक्तिगत योजनाओं की क्रेडिट गारंटी योजनाओं के अंतर्गत जारी की गई गारंटियाँ 'विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा - क्रेडिट गारंटी योजनाएं (सीजीएस) द्वारा गारंटीकृत एक्सपोजर के जोखिम भार' पर दिनांक 07 सितंबर 2022 के परिपत्र की समय-समय पर संशोधित की शर्तों को पूरा करने के अधीन है।

बशर्ते कि क्रेडिट जोखिम अंतरण उपकरण के रूप में पात्र होने के लिए, गारंटी प्रत्यक्ष, स्पष्ट, अपरिवर्तनीय और शर्तरहित होगी।

4. ऋण/निवेश संकेन्द्रण मानदंडों से छूट

एनबीएफसी पर एमडी के पैराग्राफ 91 और एचएफसी पर एमडी के पैराग्राफ 20 के संदर्भ में पहले से ही क्रेडिट/निवेश सकेन्द्रन मानदंडों से छूट प्राप्त एक्सपोजर के अलावा, नीचे सूचीबद्ध एक्सपोजर को भी क्रेडिट/निवेश सकेन्द्रन मानदंडों से छूट दी जाएगी:

ए. भारत सरकार और राज्य सरकारों के लिए एक्सपोजर जो एनबीएफसी3 पर लागू पूंजी नियमों के तहत शून्य प्रतिशत जोखिम भार के लिए पात्र हैं;

बी. एक्सपोज़र जहां मूलधन और ब्याज की पूरी गारंटी भारत सरकार3 द्वारा दी जाती है।

5. प्रकटीकरण: वर्तमान में एनबीएफसी पर एमडी के अनुबंध XXII के पैराग्राफ 3.5.4 और एचएफसी पर एमडी के अनुबंध IV के पैराग्राफ 3.7.4 के अनुसार, वर्ष के दौरान जहां एनबीएफसी ने विवेकपूर्ण एक्सपोजर सीमा को पार कर लिया है, वहां एक्सपोजर को वार्षिक वित्तीय विवरणों में खातों के नोट्स में प्रकट किया जाना आवश्यक है। अब से, प्रकटीकरण आवश्यकताओं के लिए एक्सपोज़र सीमा की गणना इस परिपत्र के पैराग्राफ 3 और 4 के अनुसार की जाएगी।

बी. एनबीएफसी-बीएल के लिए विनियम

6. एकल उधारकर्ता/पार्टी और उधारकर्ताओं के एकल समूह/पार्टियों दोनों के लिए क्रेडिट/निवेश सकेन्द्रन सीमा हेतु एनबीएफसी-बीएल आंतरिक बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति लागू करेगा। एक्सपोज़र की गणना एनबीएफसी-एमएल के समान तर्ज पर होगी जैसा कि इस परिपत्र के पैराग्राफ 3 और 4 में उल्लेख किया गया है।

सी. एनबीएफसी-यूएल के लिए विनियम

7. एनबीएफसी पर एमडी के पैराग्राफ 110.4.2 का संदर्भ ग्रहण करें जो क्रेडिट जोखिम अंतरण उपकरणों को सूचीबद्ध करता है। यह स्पष्ट किया जाता है कि क्रेडिट जोखिम हस्तांतरण साधन के रूप में पात्र होने के लिए, गारंटी प्रत्यक्ष, स्पष्ट, अपरिवर्तनीय और शर्त रहित होगी।

8. उपरोक्त अनुदेश यह परिपत्र जारी होने की तिथि से लागू होंगे।

9. एलईएफ और क्रेडिट/निवेश सकेन्द्रन मानदंडों के लिए अन्य सभी नियम और शर्तें विद्यमान अनुदेशों के अनुसार जारी रहेंगी।

भवदीय,

(वैभव चतुर्वेदी)
मुख्य महाप्रबंधक


1 नेटिंग की अनुमति केवल उन आस्तियों के लिए है जहां मूल्यह्रास या अशोध्य और संदिग्ध ऋणों के लिए प्रावधान किए गए हैं।

2 एनबीएफसी-एमएल द्वारा एक्सपोजर की भरपाई के लिए उपयोग की जाने वाली राज्य सरकार की गारंटी की सीमा तक, एक्सपोजर 20% के लागू जोखिम भार के साथ राज्य सरकार को हस्तांतरित हो जाएगा। राज्य सरकार पर एक्सपोज़र के स्थानांतरण के लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है।

3 एनबीएफसी पर एमडी के अध्याय IX और एचएफसी पर एमडी के अध्याय IV के अनुसार।

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