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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


पोतलदान-पूर्व और पश्चात रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समतुल्यीकरण योजना (आईईएस)

आरबीआई/2024-25/71
विवि.एसटीआर.आरईसी.41/04.02.001/2024-25

29 अगस्त 2024

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर),
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक और राज्य सहकारी बैंक (एडी श्रेणी-I लाइसेंस वाले अनुसूचित बैंक), और एक्ज़िम बैंक

महोदय/महोदया,

पोतलदान-पूर्व और पश्चात रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समतुल्यीकरण योजना (आईईएस)

कृपया दिनांक 22 फरवरी 2024 के परिपत्र संख्या विवि.एसटीआर.आरईसी.78/04.02.001/2023-24 द्वारा जारी अनुदेश देखें।

2. भारत सरकार ने दिनांक 28 जून 2024 के ट्रेड नोटिस संख्या 07/2024-2025 के साथ पठित दिनांक 10 जुलाई 2024 की ट्रेड नोटिस संख्या 08/2024-2025 के द्वारा पोतलदान-पूर्व और पश्चात रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समतुल्यीकरण योजना (आईईएस) को दिनांक 31 अगस्त 2024 तक बढ़ाने की अनुमति दी है। यह विस्तार 01 जुलाई 2024 से प्रभावी होगा और 31 अगस्त 2024 को समाप्त होगा।

3. इसके अतिरिक्त, सरकार ने योजना में निम्नलिखित संशोधनों की सूचना दी है:

  1. उधारकर्ताओं की पात्रता: दिनांक 01 जुलाई 2024 से केवल एमएसएमई निर्माता निर्यातक ही इस योजना के तहत पात्र होंगे। अत:, योजना का लाभ गैर-एमएसएमई निर्यातकों को उपलब्ध नहीं होगा, और ऐसे दावों पर दिनांक 30 जून 2024 के बाद विचार नहीं किया जाएगा।

  2. सबवेंशन राशि की सीमा: योजना की उपर्युक्त विस्तारित अवधि के लिए ब्याज समतुल्यीकरण प्रति आयातक-निर्यातक कोड (आईईसी) 1.66 करोड़ तक सीमित किया जाएगा।

4. उपरोक्तयोजना पर बैंक द्वारा जारी मौजूदा अनुदेशों के अन्य प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।

भवदीय

(वैभव चतुर्वेदी)
मुख्य महाप्रबंधक

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