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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


पोतलदान-पूर्व और पोतलदान-पश्चात रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समतुल्यीकरण योजना (आईईएस)

आरबीआई/2024-25/80
विवि.एसटीआर.आरईसी.45/04.02.001/2024-25

09 अक्‍तूबर 2024

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर),
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक और राज्य सहकारी बैंक (एडी श्रेणी-I लाइसेंस वाले अनुसूचित बैंक) और
एक्जिम बैंक

महोदय / महोदया,

पोतलदान-पूर्व और पोतलदान-पश्चात रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समतुल्यीकरण योजना (आईईएस)

कृपया दिनांक 20 सितंबर 2024 के परिपत्र संख्या विवि.एसटीआर.आरईसी.44/04.02.001/2024-25 द्वारा जारी अनुदेश देखें।

2. भारत सरकार ने दिनांक 30 सितंबर 2024 के ट्रेड नोटिस संख्या 18/2024-2025 द्वारा पोतलदान-पूर्व और पोतलदान-पश्चात रुपया निर्यात ऋण ('योजना') पर ब्याज समतुल्यीकरण योजना को दिनांक 31 दिसंबर 2024 तक तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति, योजना में निम्‍नलिखित संशोधनों के साथ दी है:

ए) प्रत्येक एमएसएमई का राजकोषीय लाभ, समग्र पर, दिनांक 31 दिसंबर 2024 तक वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 50 लाख तक सीमित रहेगा।

बी) तदनुसार, एमएसएमई निर्माता निर्यातक जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 30 सितंबर 2024 तक पूर्व में 50 लाख अथवा उससे अधिक का समतुल्यीकरण लाभ प्राप्त कर लिया है, वह बढ़ी हुई अवधि में किसी भी अन्य लाभ के लिए पात्र नहीं होंगे।

3. उपर्युक्त योजना पर बैंक द्वारा जारी मौजूदा अनुदेशों के अन्य नियम एवं शर्तें/ प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।

भवदीय

(वैभव चतुर्वेदी)
मुख्य महाप्रबंधक

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