आरबीआई/2024-25/82
विवि.एफ़आईएन.आरईसी.सं.46/26.03.001/2024-25
10 अक्तूबर 2024
सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां (एआरसी)
महोदय/ महोदया,
एआरसी द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) को जानकारी प्रस्तुत करना
'साख सूचना कम्पनियों को सूचना प्रस्तुत करना1' पर दिनांक 25 नवम्बर 2010 के परिपत्र संख्या डीएनबीएस (पीडी-एससी/आरसी). सीसी. संख्या 23/26.03.001/2010-11 के अनुसार, एआरसी को कम-से-कम एक सीआईसी का सदस्य बनने के लिए सूचित किया गया था। इन दिशानिर्देशों को बैंकों और एनबीएफसी पर लागू दिशानिर्देशों के साथ संरेखित करने के लिए और बैंकों तथा एनबीएफसी द्वारा एआरसी को ऋण हस्तांतरण के बाद उधारकर्ताओं के क्रेडिट इतिहास पर नज़र (ट्रैक बनाए) रखने के उद्देश्य से, इन दिशानिर्देशों को निम्नानुसार संशोधित किया गया है।
2. सीआईसी की सदस्यता: एआरसी सभी सीआईसी के सदस्य बन जाएंगे और समय-समय पर संशोधित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित2 समरूप (यूनिफ़ॉर्म) क्रेडिट रिपोर्टिंग फार्मेट के अनुसार सीआईसी को अपेक्षित डेटा प्रस्तुत करेंगे।
3. जानकारी प्रस्तुत करना: एआरसी अपने द्वारा एकत्रित/रखी गई सूचना को पाक्षिक3 आधार पर या साखसूचना कंपनी विनियमन, 2006 के विनियमन 10 (ए) (i) और (ii) के अनुसार एआरसी और सीआईसी के बीच पारस्परिक रूप से सहमत छोटे अंतराल पर नियमित रूप से अद्यतन रखेंगे।
4. अस्वीकृत डेटा का सुधार: एआरसी को सीआईसी से प्राप्त अस्वीकृत डेटा को सुधारना होगा तथा ऐसे डेटा की प्राप्ति के सात दिनों के भीतर उसे सीआईसी के पास अपलोड करना होगा।
5. सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना: एआरसी के पास सीआईसी से संबंधित मामलों के लिए एक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) होगी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित सर्वोत्तम प्रथाएं शामिल होंगी:
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एआरसी को सीआईसी को पहचानकर्ता जानकारी सहित अपेक्षित ग्राहक जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
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एआरसी यह सुनिश्चित करेंगे कि सीआईसी को प्रस्तुत किए गए रिकॉर्ड नियमित रूप से अद्यतन किए जाएं तथा अंतिम किस्त सहित पुनर्भुगतान का कोई भी मामला रिपोर्ट किए बिना न छोड़ा जाए।
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अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने को केंद्रीकृत करके तथा सीआईसी को सूचना उपलब्ध कराकर पुनर्भुगतान सूचना को अद्यतन न करने की घटनाओं से बचा जा सकता है।
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एआरसी को सीआईसी के साथ समन्वय करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा।
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ग्राहकों की शिकायत निवारण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी, विशेषकर साखसूचना के अद्यतनीकरण/परिवर्तन से संबंधित शिकायतों के संबंध में।
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साख सूचना के संबंध में शिकायत निवारण को शिकायत निपटान के लिए विद्यमान प्रणालियों, यदि कोई हो, के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए।
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एआरसी को साखसूचना के अद्यतनीकरण, परिवर्तन, विवादों के समाधान आदि के संबंध में सीआईसीआरए और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों एवं विनियमों के तहत निर्धारित अवधि का पालन करना चाहिए। इस संबंध में साखसूचना कंपनी नियम, 2006 के नियम 20 और 21 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। निर्धारित समय-सीमा से विचलन की निगरानी की जानी चाहिए तथा बोर्ड को प्रस्तुत की जाने वाली आवधिक रिपोर्टों/समीक्षाओं में उस पर टिप्पणी की जानी चाहिए।
6. प्रयोग की गई शक्तियां
यह परिपत्र वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्रचना एवं प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 12 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है।
7. प्रयोज्यता
ये दिशानिर्देश सभी एआरसी पर लागू होंगे।
8. प्रारंभ
एआरसी को 01 जनवरी 2025 तक इन दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली और प्रक्रियाएं स्थापित करनी होंगी।
भवदीय,
(जे. पी. शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक
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