आरबीआई/2024-25/101
विबविवि.डीआईआरडी.सं.09/14.03.004/2024-25
01 जनवरी, 2025
सभी पात्र बाजार प्रतिभागी
महोदया/महोदय,
वित्तीय बाजारों में एआईएफआई के रूप में एनएबीएफआईडी की प्रतिभागिता
कृपया 09 मार्च, 2022 की प्रेस विज्ञप्ति देखें जिसमें यह सूचित किया गया था कि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एल और 45एन तथा दिनांक 21 सितंबर 2023 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (बासल III पूंजी ढांचे पर विवेकपूर्ण विनियम, एक्सपोजर मानदंड, महत्वपूर्ण निवेश, निवेश पोर्टफोलियो मानदंडों का वर्गीकरण, मूल्यांकन और संचालन और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए संसाधन जुटाने के मानदंड) दिशानिर्देश, 2023 के अंतर्गत, रिज़र्व बैंक द्वारा राष्ट्रीय अवसंरचना और विकास वित्तपोषण बैंक (एनएबीएफआईडी) का अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एआईएफआई) के रूप में विनियमन और पर्यवेक्षण किया जाएगा, जो निर्दिष्ट करते हैं कि एआईएफआई, समय-समय पर यथासंशोधित मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव्) निदेश, 2022 और पुनर्खरीद संव्यवहार (रेपो) (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 के अनुसार, क्रेडिट डिफ़ॉल्ट स्वैप और रेपो लेनदेन कर सकते हैं।
2. इस संबंध में, संलग्न निम्नलिखित निदेशों को अद्यतन किया गया है, ताकि यह पर्याप्त रूप से स्पष्ट किया जा सके कि रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित वित्तीय बाजारों में एनएबीएफआईडी को एआईएफआई के रूप में भाग लेने की अनुमति है:
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मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट डेरिवेटिव) दिशानिदेश, 2022; और
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पुनर्खरीद संव्यवहार (रेपो) (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 (28 नवंबर, 2019 को अद्यतित)।
3. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
4. इस परिपत्र में निहित निदेश, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45यू के साथ पठित धारा 45 डब्ल्यू के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में इसे समर्थ बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।
भवदीया,
(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक |
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