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गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां

यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्‍पष्‍ट रूप से कहीं उल्‍लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्‍वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्‍यवस्‍था के उत्‍पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्‍धता सुनिश्चित करना, देश की वित्‍तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्‍थाओं की स्‍थापना करना, किफायती वित्‍तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्‍तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

प्रेस प्रकाशनी


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एनबीएफसी के लिए स्व-विनियामक संगठनों (एसआरओ) की मान्यता हेतु आवेदन आमंत्रित करना

19 जून 2024

एनबीएफसी के लिए स्व-विनियामक संगठनों (एसआरओ) की मान्यता हेतु आवेदन आमंत्रित करना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 21 मार्च 2024 को ‘रिज़र्व बैंक की विनियमित संस्थाओं के लिए स्व-विनियामक संगठनों की मान्यता हेतु बहुप्रयोजनीय ढांचा’ जारी किया था, जिसमें व्यापक मापदंड, अर्थात उद्देश्य, जिम्मेदारियाँ, पात्रता मानदंड, अभिशासन मानकों, आवेदन प्रक्रिया आदि विनिर्दिष्ट किए गए थे। यह भी उल्लेख किया गया था कि जब भी कोई क्षेत्रीय एसआरओ स्थापित करना अभीष्ट हो, तब एसआरओ की संख्या, सदस्यता आदि जैसे अन्य क्षेत्र-विशिष्ट दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएँगे।

2. अब उपरोक्त बहुप्रयोजनीय ढांचे के तत्वावधान में एनबीएफसी क्षेत्र के लिए एसआरओ की मान्यता के लिए आवेदन आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। आवेदक संस्था को बहुप्रयोजनीय ढांचे के अंतर्गत उल्लिखित पात्रता मानदंड और दिशा-निर्देशों को पूरा करना होगा, साथ ही उसे निम्नलिखित विशिष्ट निर्देशों को भी पूरा करना होगा:

ए. एनबीएफसी के लिए एसआरओ हेतु सदस्यता मानदंड

  1. एनबीएफसी क्षेत्र के लिए एसआरओ, मुख्य रूप से निवेश और ऋण कंपनियों (एनबीएफसी-आईसीसी), आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) और फैक्टर्स (एनबीएफसी-फैक्टर्स) की श्रेणियों में एनबीएफसी के लिए परिकल्पित है। तथापि, एसआरओ में एनबीएफसी की अन्य श्रेणियां भी सदस्य के रूप में हो सकती हैं।

  2. मान्यता प्राप्त एसआरओ में एनबीएफसी-आईसीसी, एचएफसी और एनबीएफसी-फैक्टर का अच्छा मिश्र होगा। छोटे एनबीएफसी को उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए, एसआरओ में स्केल आधारित विनियामक ढांचे के अनुसार बेस लेयर में एनबीएफसी की कुल संख्या का कम से कम 10% हिस्सा होगा और इसे सदस्यों के रूप में एनबीएफसी-आईसीसी और एनबीएफसी-फैक्टर वर्गीकृत किया जाएगा। एसआरओ के रूप में मान्यता दिए जाने के दो वर्ष के भीतर उपर्युक्त सदस्यता प्राप्त करने में विफल रहने पर एसआरओ को दी गई मान्यता रद्द की जा सकती है।

बी. एसआरओ को मान्यता देने संबंधी अन्य शर्तें

  1. आवेदक को रिज़र्व बैंक द्वारा एसआरओ के रूप में मान्यता दिए जाने के एक वर्ष के भीतर या एसआरओ के रूप में परिचालन शुरू करने से पहले, जो भी पहले हो, न्यूनतम दो करोड़ रुपये की निवल मालियत प्राप्त करनी होगी। इसके बाद, एसआरओ इसे निरंतर आधार पर बनाए रखेगा।

  2. एनबीएफसी क्षेत्र के लिए अधिकतम दो एसआरओ को मान्यता दी जाएगी, बशर्ते आवेदक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हों।

  3. भारतीय रिज़र्व बैंक की विनियमित संस्थाओं के लिए एसआरओ को मान्यता देने के लिए बहुप्रयोजनीय ढांचे में दिए गए दिशानिर्देशों का एसआरओ के आवेदन, मान्यता और कार्यप्रणाली के लिए पालन किया जाएगा।

  4. आवश्यकतानुसार, विभिन्न श्रेणियों की एनबीएफसी की जरूरतों को पूरा करने के लिए एसआरओ के भीतर विभिन्न वर्टिकल/ प्रभाग स्थापित किए जा सकते हैं।

3. एसआरओ के रूप में मान्यता प्राप्त करने के इच्छुक आवेदक अपना आवेदन ईमेल के माध्यम से या प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, द्वितीय तल, मुख्य कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई - 400 001 को 30 सितंबर, 2024 तक प्रस्तुत कर सकते हैं।

4. आवेदन सभी पहलुओं में पूर्ण होना चाहिए और बहुप्रयोजनीय एसआरओ ढांचे में निर्धारित निदेशों के अनुसार होना चाहिए। मान्यता प्रदान करने पर कोई भी निर्णय आवेदन अवधि के दौरान प्राप्त सभी आवेदनों पर विचार करने के बाद लिया जाएगा। इस मामले में रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/525

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