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भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेहसाणा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, मेहसाणा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

18 जनवरी 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेहसाणा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, मेहसाणा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 दिसंबर 2023 के आदेश द्वारा मेहसाणा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, मेहसाणा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम - प्रतिभू/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक - स्पष्टीकरण' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनके हित हों', 'भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक – जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016' के अननुपालन और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 7.00 लाख (सात लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) ऐसे ऋण स्वीकृत किए, जिसमें बैंक के निदेशकों में से एक का रिश्तेदार गारंटीकर्ता था, (ii) अतिदेय परिपक्व सावधि जमाराशि पर परिपक्वता की तारीख से उनके पुनर्भुगतान की तारीख तक लागू दर पर ब्याज का भुगतान नहीं किया, और (iii) जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि में पात्र राशि अंतरित नहीं की। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन और उपर्युक्त सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

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