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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कुलितलई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया

5 दिसंबर 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कुलितलई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा दि कुलितलई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ)’ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और ‘शेयर पूंजी और प्रतिभूतियों के निर्गम और विनियमन – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

बैंक ने:

  1. एसएएफ के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन में, जमाराशियों पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली ब्याज दरों से अधिक ब्याज दर प्रस्तावित की, पात्र एकल उधारकर्ता एक्सपोज़र सीमा से अधिक ऋण स्वीकृत किए और मीयादी जमाराशियों की संपार्श्विक प्रतिभूति के सापेक्ष ऋण के अलावा नए ऋण और अग्रिम स्वीकृत किए; और

  2. अपने अंतिम मूल्यांकित सीआरएआर के विनियामक न्यूनतम 9% से कम होने के बावजूद अपने सदस्यों को शेयर पूंजी की वापसी की अनुमति दी।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव डालना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड का लगाया जाना आरबीआई द्वारा बैंक के विरुद्ध शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना है।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

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