आरबीआई/डीएनबीआर/2016-17/38
मास्टर निदेश डीएनबीआर.पीडी.002/03.10.119/2016-17
25 अगस्त, 2016
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(22 फ़रवरी 2019 को संशोधित)
(05 अक्तूबर 2018 को संशोधित)
(31 मई 2018 को संशोधित)
(14 अगस्त 2017 को संशोधित)
मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक, ऐसा करना जनहित में आवश्यक समझकर तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के लाभ के लिए ऋण प्रणाली को विनियमित करने हेतु रिज़र्व बैंक को सक्षम बनाने के लिए नीचे निर्दिष्ट निदेश देना आवश्यक है, एतद्द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) (आरबीआई अधिनियम) की धाराओं यथा- 45जे, 45जेए, 45के, 45 एल तथा 45एमए द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में उसे सक्षम बनानेवाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 31 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं.डीएफसी.118/डीजी(एसपीटी)-98 में निहित पूर्ववर्ती निदेशों के अधिक्रमण में प्रत्येक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के लिए होने वाले इसके बाद निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 जारी करता है।
(मनोरंजन मिश्र)
मुख्य महाप्रबंधक |