आरबीआई/2021-22/78
एफएमआरडी.डीआईआरडी.01/14.01.001/2021-22
01 अप्रैल, 2021
(08 जून, 2023 को संशोधित किया गया)
(25 जून, 2021 को संशोधित किया गया)
प्रति,
बाजार के सभी पात्र सहभागी
महोदया / महोदय,
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजार) निदेश, 2021
कृपया 06 जून 2019 को जारी किए गए द्वितीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2019-20 के एक भाग के तौर पर मुद्रा बाजार निदेशों की समेकित समीक्षा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विकासात्मक और विनियामक नीतियों के बारे में दिए गए वक्तव्य के पैराग्राफ 6 का अवलोकन कीजिए।
2. इन निदेशों के प्रारूप पर सार्वजनिक अभिमत के लिए 04 दिसम्बर 2020 को जारी किया गया था। बाजार के सहभागियों से प्राप्त फीड-बैक के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक (मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजार) निदेश, 2021 की समीक्षा करके इन्हें अंतिम रूप दिया गया। ये निदेश संलग्न हैं।
भवदीया,
(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक
वित्तीय बाजार विनियमन विभाग
अधिसूचना सं.एफएमआरडी.डीआइआरडी.02/14.01.001/2021-22 दिनांक 01 अप्रैल 2021
(मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजार) निदेश, 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसका उल्लेख अधिनियम के रूप में किया गया है) की धारा 45यू के साथ पठित इसी अधिनियम की धारा 45W के तहत प्रदत्त शक्तियों और इस कार्य के लिए सक्षमता देने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए और दिनांक 7 जुलाई 2016 के एफएमआरडी मास्टर निदेश सं. 2/2016-17, की धारा I तथा दिनांक 29 अक्तूबर 2018 के निदेश सं. एफएमआरडी. डीआईआरडी.09/14.01.001/2018-19 और दिनांक 4 दिसम्बर 2020 के निदेश सं. एफएमआरडी. डीआईआरडी. 01/14.01.001/2020-21 को निष्प्रभावी करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसका उल्लेख रिज़र्व बैंक के रूप में किया गया है), एतदद्वारा मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में कारोबार करने के पात्र सभी व्यक्तियों और एजेन्सियों को निम्नलिखित निदेश जारी करता है:
1. लघु-शीर्षक और प्रवर्तन
(क) इन निदेशों को मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजार) निदेश 2021 कहा जाएगा।
(ख) ये निदेश 5 अप्रैल 2021 से प्रभावी होंगे।
2. परिभाषाएं
(क) इन निदेशों के प्रयोजन से यदि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित नहीं हो तो :-
(i) “बैंक” का आशय है बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 5 के खंड (c) में यथा परिभाषित कोई बैंकिंग कम्पनी (किसी पेमेन्ट बैंक और किसी लघु वित्त बैंक सहित) या इसी अधिनियम की धारा 5 के खंड (ja), (da) और (nc) में क्रमश: परिभाषित “भारतीय स्टेट बैंक” अथवा इसी अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित इसी अधिनियम की धारा 5 के खंड (cci) में यथा परिभाषित कोई “क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक,” कोई “समनुरूपी नया बैंक”;
(ii) “मांग मुद्रा” का आशय है ओवरनाइट आधार पर अप्रतिभूत निधियों से उधार लेना या इनको उधार देना;
(iii) “पूंजीगत निधियां” इनका वही आशय रहेगा जो रिज़र्व बैंक के विनियमन विभाग द्वारा जारी और समय-समय पर यथासंशोधित अनुमेय पूंजी विनियमों में निर्धारित किया गया है और इनका आकलन लेखापरीक्षित नवीनतम तुलन-पत्र के अनुसार किया जाएगा।
(iv) “इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म” या “ईटीपी” का आशय वही रहेगा जो 05 अक्तूबर 2018 को जारी और समय-समय पर यथासंशोधित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 के पैरा 2 (1) (iii) में निर्धारित किया गया है;
(v) “एक्सचेंज” का आशय होगा मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज और इसका अर्थ भी वही रहेगा जो प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 की धारा 2(f) में निर्धारित किया गया है।
(vi) “पखवाड़े” का वही आशय होगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 में निर्धारित किया गया है;
(vii) “नेगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम-कॉल” या “एनडीसी-कॉल” वह इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म है जो कॉल, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में संव्यवहारों के निष्पादन और रिपोर्टिंग की जाती है;
(viii) “निवल स्वामित्वाधीन निधि” का वही आशय रहेगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45- IA के तहत दिए गए स्पष्टीकरण में निर्धारित किया गया है;
(ix) “नोटिस मुद्रा” का आशय होगा ओवरनाइट उधार लेने और उधार देने के अलावा 14 दिनों की शामिल अवधि के लिए अप्रतिभूत निधियों से उधार लेना या उधार देना;
(x) “ओवर दि काउन्टर बाजारों” अथवा “ओ टी सी बाजारों” से आशय है एक्सचेंजों के अलावा किसी भी अन्य तरीके से किए गए संव्यवहार और इनमें इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर निष्पादित संव्यवहार भी शामिल होंगे;
(xi) “भुगतान बैंक” का आशय है 27 नवम्बर 2014 को जारी और समय-समय पर यथा संशोधित “भुगतान बैंकों की लाइसेन्सिंग हेतु रिज़र्व बैंक गाइड-लाइन्स” की शर्तों के अनुसार नियंत्रित और बैंककारी विनियम अधिनियम, 1949 की धारा 22 के तहत लाइसेन्स प्राप्त बैंक;
(xii) “प्राथमिक डीलर” का आशय है ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनी जिसके पास 29 मार्च 1995 को जारी और समय-समय पर यथा-संशोधित "सरकारी प्रतिभूति बाजार में प्राथमिक डीलर हेतु गाइड-लाइन्स" का अनुसरण करते हुए प्राथमिक डीलर के रूप में कार्य करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा जारी प्राधिकृतिकरण पत्र है।
(xiii) “लघु वित्त बैंक” का आशय है ऐसा बैंक जो बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 22 के तहत लाइसेन्स प्राप्त है और जो 27 नवम्बर 2014 को जारी तथा समय-सयम पर यथा संशोधित “लघु वित्त बैकों की लाइसेन्सिंग हेतु रिज़र्व बैंक गाइडलाइन्स” के अनुसार नियंत्रित होता है;
(xiv) “सावधि मुद्रा” का आशय है अप्रतिभूत निधियों से 14 दिन से अधिक और एक वर्ष तक के लिए उधार लेना या उधार देना।
(ख) ऐसे शब्द और अभिव्यक्तियां जिन्हें इन निदेशों में प्रयुक्त किया गया है किन्तु परिभाषित नहीं किया गया है उनका वही अर्थ रहेगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में निर्धारित किया गया है।
3. सहभागी
निम्नलिखित संस्थाएं मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में उधारदाताओं और उधारकर्ताओं के रूप में सहभागिता करने के पात्र होंगे :
(क) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (लोकल एरिया बैंकों के अलावा);
(ख) भुगतान बैंक;
(ग) लघु वित्त बैंक;
(घ) क्षेत्रीण ग्रामीण बैंक;
(ङ) राज्य सहकारी बैंक, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक और शहरी सहकारी बैंक (इसके बाद सहकारी बैकों के रूप में उल्लिखित); और
(च) प्राथमिक डीलर।
4. विवेकाधीन सीमाएं
(क) मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में उधारियों के बकाया संव्यवहारों के संदर्भ में विवेकाधीन सीमाओं का निर्णय रिज़र्व बैंक के विनियमन विभाग द्वारा एक्सपोजर मानदंडों के लिए निर्धारित विनियमन व्यवस्था के दायरे में रहते हुए सहभागी संस्था के बोर्ड के अनुमोदन से लिया जाएगा।
(ख) मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में उधार लेने के बकाया संव्यवहारों हेतु विवेकाधीन सीमाओं को तालिका-1 में दिया गया है।
तालिका 1: मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में उधार लेने के बकाया लेनदेन हेतु विवेकाधीन सीमाएं |
क्र.सं. |
सहभागी वर्ग |
विवेकाधीन सीमाएं |
1. |
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक1 |
मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा: विनियमन विभाग द्वारा निर्धारित अंतर-बैंक देनदारियों हेतु विवेकाधीन सीमाओं के अंतर्गत आंतरिक बोर्ड द्वारा अनुमोदित सीमाएं। |
2. |
लघु वित्त बैंक |
मांग, नोटिस मुद्रा:
(i)
किसी भी रिपोर्टिंग पखवाड़े में दैनिक औसत आधार पर पूंजीगत निधियों का 100%
(ii)
किसी भी दिए गए दिन को पूंजीगत निधियों का 125%
सावधि मुद्रा:
(i) अंतर-बैंक देनदारियों के लिए विवेकाधीन सीमाओं के भीतर आंतरिक बोर्ड द्वारा अनुमोदित सीमा। |
3. |
भुगतान बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक |
मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा:
(i) किसी भी रिपोर्टिंग पखवाड़े में दैनिक औसत आधार पर पूंजीगत निधियों का 100%
(ii) किसी भी दिए गए दिन को पूंजीगत निधियों का 125% |
4. |
सहकारी बैंक |
मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा:
(i)
विगत वित्तीय वर्ष के अंत की स्थिति के अनुसार सकल जमाराशियों का 2.0% |
5. |
प्राथमिक डीलर |
मांग और नोटिस मुद्रा:
(i) किसी भी रिपोर्टिंग पखवाड़े में दैनिक औसत आधार पर विगत वित्तीय वर्ष के अंत की स्थिति के अनुसार निवल स्वामित्वाधीन निधि (एनओएफ) का 225%
सावधि मुद्रा2:
(i) विगत वित्तीय वर्ष के अंत की स्थिति के अनुसार निवल स्वामित्वाधीन निधि (एनओएफ) का 225%। |
(ग) पात्र सहभागी, अपने-अपने निदेशक बोर्ड (या समतुल्य निकायों) के अनुमोदन से मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में उधार लेने और उधार देने के लिए विवेकाधीन सीमाओं के भीतर रहते हुए अलग से आंतरिक सीमाएं निर्धारित करेंगे। पात्र सहभागियों द्वारा तय की गई इन आंतरिक सीमाओं की जानकारी क्लीयरकार्प डीलिंग सिस्टम लि. रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत एनडीएस-कॉल सिस्टम प्रचालकों में किसी अन्य को दी जाएगी ताकि एनडीएस-कॉल प्लेटफार्म पर सीमाओं का निर्धारण किया जा सके, इसकी जानकारी ईमेल के माध्यम से वित्तीय बाजार विनियमन विभाग (एफएमआरडी) को दी जाए।
5. सामान्य दिशानिदेश
(क) ब्याज दरें: मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में ब्याज दरों पर निर्णय लेने के लिए पात्र सहभागी स्वतंत्र हैं।
(ख) ट्रेडिंग स्थल: मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा संव्यवहारों के निष्पादन एनडीएस-कॉल प्ललेटफॉर्म या रिज़र्व बैंक द्वारा इस प्रयोजन के लिए निर्धारित किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म सहित ओवर-दि-काउन्टर बाजारों में किए जाएंगे।
(ग) बाजार का समय: मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा संव्यवहारों के लिए बाजार का समय प्रत्येक कारोबारी दिवस को प्रात: 9:00 बजे से लेकर सायं 5:00 बजे तक अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर यथानिर्धारित किए अनुसार रहेगा।
(घ) बाजार की परिपाटियां और प्रलेखन: पात्र सहभागी फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट एन्ड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा रिज़र्व बैंक के परामर्श से समय-समय पर यथा-निर्धारित बाजार की मानक परिपाटियों, कार्यपद्धतियों और प्रलेखन का अनुसरण करेंगे।
6. निरस्तीकरण और परिसमापन
(क) समान्यतया मांग, नोटिस अथवा सावधि मुद्रा संव्यवहार को निरस्त नहीं किया जाएगा।
(ख) परस्पर सहमत कीमत पर परिक्वता से पहले ही मांग, नोटिस अथवा सावधि मुद्रा संव्यवहार का परिसमापन किया जा सकता है।
(ग) मांग, नोटिस अथवा सावधि मुद्रा संव्यवहार के किसी भी निरस्तीरकण अथवा परिसमापन की रिपोर्ट इन निदेशों के पैराग्राफ 7 में निर्धारित किए अनुसार की जाएगी।
7. रिपोर्टिंग अपेक्षाएं
(क) एनडीसी-कॉल प्लेटफॉर्म के अलावा अन्य प्लेटफॉर्म पर निष्पादित मांग, नोटिस अथवा सावधि मुद्रा के सभी संव्यवहारों को निष्पादन के (वह समय जब ब्याज दर पर सहमति हुई) 15 मिनट के भीतर ही यथास्थिति अनुवार एनडीएस-कॉल प्लेटफार्म पर संव्यवहार करने वाले दोनों ही प्रतिपक्षों द्वारा या संबंधित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म द्वारा रिपोर्ट किया जाएगा। ऐसे पात्र सहभागी जो एनडीएस-कॉल प्लेटफार्म के सदस्य नहीं हैं वे इन निदेशों के जारी होने की तारीख से छह माह की अवधि के भीतर इसकी सदस्यता अवश्य ले लेंगे।
(ख) एनडीएस-कॉल प्लेटफार्म पर निष्पादित नोटिस अथवा सावधि मुद्रा संव्यवहारों को अलग से रिपोर्ट करने की जरूरत नहीं है।
(ग) मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा के संव्यवहारों के किसी भी निरस्तीकरण अथवा परिसमापन को निरस्तकरण के 15 मिनट के भीतर यथास्थिति अनुवार एनडीएस-कॉल प्लेटफार्म पर संव्यवहार के प्रत्येक प्रतिपक्ष द्वारा अथवा संबंधित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म द्वारा रिपोर्ट किया जाएगा।
(घ) किसी प्रतिपक्ष द्वारा ओटीसी बाजारों की उसी डील की गलत अथवा एकाधिक रिपोर्टिंग करने पर इसकी जानकारी तत्काल ही क्लीयरकार्प डीलिंग सिस्टम लि. अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत एनडीएस-कॉल सिस्टम के किसी अन्य परिचालक के ध्यान में लानी होगी और इसकी जानकारी वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केन्द्रीय कार्यालय, फोट्र, मुम्बई को भी ईमेल के माध्यम से दी जाएगी।
8. रिज़र्व बैंक द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान करने का दायित्व : मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में कारोबार करने वाले व्यक्तियों या एजेन्सियों से रिज़र्व बैंक के अभिमत में संगत समझी जाने वाली कोई भी जानकारी या विवरणी रिज़र्व बैंक मंगा सकता है या स्पष्टीकरण मांग सकता है, और ऐसे व्यक्ति एजेन्सियां और सहभागी ऐसी जानकारी, विवरणी या स्पष्टीकरण अवश्य ही प्रस्तुत करेंगे।
9. आंकड़ों का प्रसरण : रिज़र्व बैंक अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत कोई भी व्यक्ति मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजरों में संव्यवहारों से संबद्ध किसी भी अज्ञातनामकृत आंडकड़े प्रकाशित कर सकता है।
10. निदेशों का उल्लंघन : किसी भी व्यक्ति या एजेन्सी द्वारा इन निदेशों के किसी भी प्रावधान या किसी भी अन्य अनुमेय कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने की दशा में रिज़र्व बैंक कानून के अनुसार कोई दंडात्मक या विनियामक कार्रवाई करने के अलावा उस व्यक्ति या एजेन्सी को अपने कार्यों की पैरवी करने के लिए पर्याप्त अवसर देने के बाद उस व्यक्ति या एजेन्सी को मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में कारोबार की अनुमति रोक सकता है, इस रोक की अवधि एक बार में एक माह से अधिक की नहीं होगी, और रिज़र्व बैंक अपनी इस कार्रवाई को प्रकाशित कर सकता है।
11. इन निदेशों के लागू होने की तारीख के बाद से मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा के सभी संव्यवहारों पर ये निदेश लागू होंगे। एफएमआरडी मास्टर निदेश सं.2/2016-17 दिनांक 07 जुलाई 2016 के प्रथम खंड; निदेश सं. एफएमआरडी.डीआईआरडी.09/14.01.001/2018-19 दिनांक 29 अक्तूबर 2018 और निदेश सं. एफएमआरडी.डीआईआरडी.01/14.01.001/2020-21 दिनांक 4 दिसम्बर 2020 के प्रावधान संबंधित संविदाओं की समयावधि पूरी होने तक इन निदेशों के अनुसरण में किए गए संव्यवहारों पर यथावत लागू रहेंगे।
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