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मास्टर निदेशों

मुद्रा तिजोरियों सहित बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर "मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस)" हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर अनुदेश

आरबीआई/2022-23/90
डीसीएम(सीसी) सं.जी-3/03.41.01/2022-23

01 अप्रैल 2022

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
समस्त बैंक

महोदया/प्रिय महोदय,

मुद्रा तिजोरियों सहित बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर ‘मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस)’ हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर अनुदेश

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 तथा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के अनुसार, बैंक मुद्रा प्रबंधन के भाग के रूप में स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है। इस संबंध में, आम जनता को बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने हेतु सभी बैंक शाखाओं को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने ‘मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस)’ नामक प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा तैयार की है।

2. संलग्न मास्टर अनुदेश में उक्त विषय पर अद्यतन दिशानिर्देश / परिपत्र शामिल किए गए गए हैं। नए निर्देशों के जारी किए जाने पर अनुदेश को अद्यतन किया जाएगा।

भवदीय

(संजीव प्रकाश)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्न : यथोक्त


अनुलग्नक

मुद्रा तिजोरियों सहित बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर ‘मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस)’ हेतु प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा पर मास्टर अनुदेश

1. मुद्रा प्रबंधन के भाग के रूप में स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए आम जनता को बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करने हेतु सभी बैंक शाखाओं को प्रोत्साहित करने हेतु भारतीय रिजर्व बैंक ने “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस)” नामक प्रोत्साहन योजना की रूपरेखा तैयार की है।

2. प्रोत्साहन

योजना के अनुसार, बैंक अपेक्षित बुनियादी ढांचे की स्थापना तथा नोटों एवं सिक्कों के विनिमय की सुविधा प्रदान करने हेतु निम्नलिखित वित्तीय प्रोत्साहन पाने हेतु पात्र हैं :

क्रम संख्या सेवा का प्रकार प्रोत्साहन का विवरण
i) अल्प बैंकिंग सेवाओं वाले राज्यों में 1 लाख से कम जनसंख्या वाले केन्द्रों में मुद्रा तिजोरियाँ खोलना तथा उनका रखरखाव करना क. पूंजीगत लागत : प्रति मुद्रा तिजोरी 50 लाख की उच्चतम सीमा के अधीन पूंजीगत व्यय के 50% की प्रतिपूर्ति। उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 50 लाख की उच्चतम सीमा के अधीन पूंजीगत व्यय के 100% तक प्रतिपूर्ति के पात्र हैं।

ख. राजस्व लागत : पहले 3 वर्षों के लिए राजस्व व्यय के 50% की प्रतिपूर्ति। उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए पहले 5 वर्षों के लिए राजस्व व्यय के 50% की प्रतिपूर्ति हेतु पात्र हैं।
ii) बैंक शाखाओं के काउंटरों पर गंदे नोटों का विनिमय / कटे फटे बैंक नोटों का अधिनिर्णयन क. गंदे नोटों का विनिमय : 50/- मूल्यवर्ग तक के गंदे नोटों के विनिमय के लिए 2/- प्रति पैकेट।

ख. कटे फटे नोटो का अधिनिर्णयन : 2/- प्रति नोट।
iii) सिक्कों का वितरण i. सिक्कों के वितरण के लिए 65/- प्रति बैग

ii. समवर्ती लेखा परीक्षक (सीए) का इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ग्रामीण तथा अर्द्धशहरी क्षेत्रों में सिक्का वितरण के लिए 10/- प्रति बैग अतिरिक्त प्रोत्साहन का भुगतान किया जाएगा।

iii. प्रोत्साहन का भुगतान, बैंकों से दावों की प्रतीक्षा किए बिना, मुद्रा तिजोरियों से हुए निवल आहरण के आधार पर किया जाएगा।

3. कार्यनिष्पादन आधारित प्रोत्साहन के भुगतान हेतु अन्य परिचालन अनुदेश

  1. भारतीय रिजर्व बैंक के निर्गम कार्यालयों में प्राप्त गंदे नोटों के आधार पर प्रोत्साहन का भुगतान किया जाएगा।

  2. गंदे नोट के विप्रेषणों के साथ प्राप्त / अलग से पंजीकृत / बीमाकृत डाक से सीलबंद लिफाफे में भारतीय रिजर्व बैंक को भेजे गए अधिनिर्णित नोटों के संबंध में प्रोत्साहन का भुगतान किया जाएगा।

  3. बैंकों को प्रोत्साहन हेतु अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है । मुद्रा तिजोरी शाखा उनसे संबंद्ध शाखाओं/तिजोरियों को उनके द्वारा प्रस्तुत गंदे नोटों / वितरित सिक्कों / अधिनिर्णीत कटे-फटे नोटों हेतु समानुपातिक आधार पर प्रोत्साहन का भुगतान पारित करेगी।

  4. सिक्कों के वितरण का सत्यापन भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा मुद्रा तिजोरियों के निरीक्षण / शाखाओं में आकस्मिक दौरों के माध्यम से किया जाएगा।

  5. दिनांक 27 अगस्त 2021 के परिपत्र डीसीएम (सीसी) सं.97527/03.41.01/2021-22 के माध्यम से जारी अनुदेश यथावत रहेंगे।


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