आरबीआई/2025-26/101
सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.एस-955/02-30-010/2025-26
28 नवंबर 2025
सभी भुगतान प्रणाली प्रदाता और भुगतान प्रणाली प्रतिभागी
महोदया / प्रिय महोदय,
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों का अनुपालन
रिज़र्व बैंक ने आज, 25 फरवरी 2016 के आरबीआई निदेश डीबीआर.एएमएल.बीसी.सं.81/14.01.001/2015-16 (जैसा कि समय-समय पर अद्यतन किया जाता है) को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया है।
2. उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए, सभी भुगतान प्रणाली प्रदाता और सिस्टम प्रतिभागी को दिए गए निर्देशों में बताए गए मास्टर निदेश के सभी संदर्भ को ‘भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक – अपने ग्राहक को जानिए) निदेश, 2025’ के संदर्भ के तौर पर पढ़ा जाएगा। अलग-अलग परिपत्र में किए गए बदलावों की सूची साथ में दी गई है।
3. यह निदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के तहत जारी किया गया है।
भवदीय,
(गुणवीर सिंह)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध
भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत जारी निर्देशों में बदलाव
सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.एस-955/02-30-010/2025-26 तारीख 28 नवंबर 2025
| निदेश |
पारा |
मौजूदा दिशा-निदेश |
संशोधित दिशा-निदेश |
| प्रीपेड भुगतान लिखत (पीपीआई) पर मास्टर निदेश |
6.1 |
विनियमन विभाग (डीओआर), आरबीआई द्वारा 'मास्टर निदेश अपने ग्राहक को जानिए निदेश, 2016 में जारी अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) / धन-शोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद वित्तपोषण का मुकाबला (सीएफटी) करने संबंधी दिशानिर्देश, समय-समय पर यथा अद्यतन, पीपीआई जारी करने वाली सभी संस्थाओं पर आवश्यक परिवर्तनों सहित लागू होंगे। |
भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक – अपने ग्राहक को जानिए) निदेश, 2025’ में भारतीय रिजर्व बैंक के विनियमन विभाग (डीओआर), आरबीआई द्वारा ज़ारी अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) / धन-शोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद वित्तपोषण का मुकाबला (सीएफटी) करने संबंधी दिशानिर्देश, समय-समय पर यथा अद्यतन, पीपीआई जारी करने वाली सभी संस्थाओं पर आवश्यक परिवर्तनों सहित लागू होंगे। |
| प्रीपेड भुगतान लिखत (पीपीआई) पर मास्टर निदेश |
9.1 (i) b. |
न्यूनतम विवरण में वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) से सत्यापित मोबाइल नंबर और नाम संबंधी स्व-घोषणा तथा केवाईसी पर मास्टर निदेश, समय-समय पर यथा संशोधित, में दिए गए किसी भी 'अनिवार्य दस्तावेज' अथवा 'आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी)' अथवा किसी भी नाम से ऐसे किसी भी दस्तावेज, जिसे इस उद्देश्य के लिए सूचीबद्ध किया गया हो, में दिया गया विशिष्ट पहचान / पहचान संख्या शामिल होंगे; |
न्यूनतम विवरण में वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) से सत्यापित मोबाइल नंबर और नाम संबंधी स्व-घोषणा तथा केवाईसी पर मास्टर निदेश, समय-समय पर यथा संशोधित, में दिए गए किसी भी 'अनिवार्य दस्तावेज' अथवा 'आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी)' या भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक – अपने ग्राहक को जानिए) निदेश, 2025’ में किसी भी नाम से ऐसे किसी भी दस्तावेज, जिसे इस उद्देश्य के लिए सूचीबद्ध किया गया हो, में दिया गया विशिष्ट पहचान / पहचान संख्या शामिल होंगे; |
| प्रीपेड भुगतान लिखत (पीपीआई) पर मास्टर निदेश |
9.1 (ii) b. |
न्यूनतम विवरण में ओटीपी से सत्यापित मोबाइल नंबर और नाम संबंधी स्व-घोषणा तथा केवाईसी पर मास्टर निदेश, समय-समय पर यथा संशोधित, में दिए गए किसी भी 'अनिवार्य दस्तावेज' अथवा ओवीडी अथवा किसी भी नाम से ऐसे किसी भी दस्तावेज, जिसे इस उद्देश्य के लिए सूचीबद्ध किया गया हो, में दिया गया विशिष्ट पहचान / पहचान संख्या शामिल होंगे; |
न्यूनतम विवरण में ओटीपी से सत्यापित मोबाइल नंबर और नाम संबंधी स्व-घोषणा तथा केवाईसी पर मास्टर निदेश, समय-समय पर यथा संशोधित, में दिए गए किसी भी 'अनिवार्य दस्तावेज' अथवा ओवीडी या भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक – अपने ग्राहक को जानिए) निदेश, 2025’ में किसी भी नाम से ऐसे किसी भी दस्तावेज, जिसे इस उद्देश्य के लिए सूचीबद्ध किया गया हो, में दिया गया विशिष्ट पहचान / पहचान संख्या शामिल होंगे; |
| भुगतान एग्रीगेटर (पीए) के विनिमयन पर मास्टर निदेश |
4 k. |
केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर), आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी), समकक्ष ई-दस्तावेज, डिजिटल केवाईसी और वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) का वही अर्थ होगा जैसा कि आरबीआई मास्टर निदेश डीबीआर.एएमएल.बीसी.सं.81/14.01.001/2015-16 दिनांक 25 फरवरी, 2016 को 'मास्टर निर्देश - अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) निर्देश, 2016' पर परिभाषित किया गया है, जैसा कि समय-समय पर संशोधित किया गया है (इसके बाद 'केवाईसी पर एमडी' के रूप में संदर्भित)। |
केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर), आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी), समकक्ष ई-दस्तावेज, डिजिटल केवाईसी और वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) का वही अर्थ होगा जैसा कि आरबीआई मास्टर निदेश भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक – अपने ग्राहक को जानिए) निदेश, 2025’ पर परिभाषित किया गया है, जैसा कि समय-समय पर संशोधित किया गया है (इसके बाद 'केवाईसी पर एमडी' के रूप में संदर्भित)। |
| भुगतान एग्रीगेटर (पीए) के विनिमयन पर मास्टर निदेश |
15 क. i. |
एमडी-केवाईसी के अनुलग्नक-I में दी गई डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया (बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट के स्थान पर) |
एमडी-केवाईसी के पारा 24 में दी गई डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया (बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट के स्थान पर) |
| भुगतान एग्रीगेटर (पीए) के विनिमयन पर मास्टर निदेश |
15 क. ii. |
केवाईसी पर एमडी के पैराग्राफ 18 के अनुसार, केवल व्यक्ति/स्वामी/पावर ऑफ अटॉर्नी धारक/लाभार्थी स्वामी/व्यापारी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता की सहायता करने वाले एजेंट द्वारा सहायता प्राप्त वी-सीआईपी। पीए, व्यापारी की सहायता करने वाले एजेंट का विवरण रखेगा, जहां ऐसे एजेंटों की सेवाएं ली जाती हैं। |
केवाईसी पर एमडी के पैराग्राफ 27 के अनुसार, केवल व्यक्ति/स्वामी/पावर ऑफ अटॉर्नी धारक/लाभार्थी स्वामी/व्यापारी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता की सहायता करने वाले एजेंट द्वारा सहायता प्राप्त वी-सीआईपी। पीए, व्यापारी की सहायता करने वाले एजेंट का विवरण रखेगा, जहां ऐसे एजेंटों की सेवाएं ली जाती हैं। |
| आधार सक्षम भुगतान प्रणाली - एईपीएस टचपॉइंट ऑपरेटरों की समुचित सावधानी |
अनुबंध पारा 2.1 |
अधिग्रहणकर्ता बैंक सभी एटीओ को शामिल करने से पहले उनकी समुचित सावधानी करेगा, और वही प्रक्रिया अपनाएगा जो रिजर्व बैंक द्वारा जारी मास्टर निर्देश - अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 (समय-समय पर अद्यतन) भाग-I का पैराग्राफ 16, अध्याय-VI में निर्धारित व्यक्तियों के लिए ग्राहक समुचित जांच प्रक्रिया में बताई गई है। हालाँकि, यदि एटीओ द्वारा व्यवसाय संवाददाता/उप-एजेंट के रूप में उनकी भूमिका के संबंध में समुचित सावधानी पहले ही किया जा चुका है, तो उसे अपनाया जा सकता है। अधिग्रहणकर्ता बैंक एटीओ के केवाईसी का समय-समय पर अद्यतनीकरण भी करेगा। |
अधिग्रहणकर्ता बैंक सभी एटीओ को शामिल करने से पहले उनकी समुचित सावधानी करेगा, और वही प्रक्रिया अपनाएगा जो रिजर्व बैंक द्वारा जारी जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक – अपने ग्राहक को जानिए) निदेश, 2025’ (समय-समय पर अद्यतन) में व्यक्तियों के लिए इंगित किया गया है। हालाँकि, यदि एटीओ द्वारा व्यवसाय संवाददाता/उप-एजेंट के रूप में उनकी भूमिका के संबंध में समुचित सावधानी पहले ही किया जा चुका है, तो उसे अपनाया जा सकता है। अधिग्रहणकर्ता बैंक एटीओ के केवाईसी का समय-समय पर अद्यतनीकरण भी करेगा। |
| देशी धन अंतरण – फ्रेमवर्क का संशोधन |
1 b) i. |
धन प्रेषण करने वाले बैंक/उनके व्यवसाय प्रतिनिधि (बीसी) समय-समय पर संशोधित ‘मास्टर निदेश - अपने ग्राहक को जानिए निदेश, 2016’ के अनुसार सत्यापित सेल फोन नंबर और स्व-प्रमाणित 'आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी)' के अनुसार धन प्रेषक को पंजीकृत करेंगे। |
धन प्रेषण करने वाले बैंक/उनके व्यवसाय प्रतिनिधि (बीसी) समय-समय पर संशोधित भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक – अपने ग्राहक को जानिए) निदेश, 2025’ के अनुसार सत्यापित सेल फोन नंबर और स्व-प्रमाणित 'आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी)' के अनुसार धन प्रेषक को पंजीकृत करेंगे। |
| व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली (टीआरईडीएस) के लिए दिशानिर्देश |
14. |
केवाईसी दस्तावेजीकरण और इसकी प्रक्रिया को मानकीकृत किया जा सकता है और टीआरईडीएस द्वारा सभी हितधारकों को इसका खुलासा किया जा सकता है। चूंकि इसके लिए एमएसएमई विक्रेता/खरीदार के बैंकर की पुष्टि की आवश्यकता होती है, इसलिए केवाईसी दस्तावेजीकरण मौजूदा विनियामक आवश्यकताओं (भारतीय रिजर्व बैंक के "मास्टर निर्देश - अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) निर्देश, 2016" दिनांक 25 फरवरी, 2016 (समय-समय पर संशोधित)) के अनुपालन में बैंकों द्वारा किए गए दस्तावेजीकरण/सत्यापन के साथ समकालिक हो सकता है। |
केवाईसी दस्तावेजीकरण और इसकी प्रक्रिया को मानकीकृत किया जा सकता है और टीआरईडीएस द्वारा सभी हितधारकों को इसका खुलासा किया जा सकता है। चूंकि इसके लिए एमएसएमई विक्रेता/खरीदार के बैंकर की पुष्टि की आवश्यकता होती है, इसलिए केवाईसी दस्तावेजीकरण मौजूदा विनियामक आवश्यकताओं (भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक – अपने ग्राहक को जानिए) निदेश, 2025’ (समय-समय पर संशोधित)) के अनुपालन में बैंकों द्वारा किए गए दस्तावेजीकरण/सत्यापन के साथ समकालिक हो सकता है। |
|