सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 (2006 का 38) की धारा 4 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का
प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ग्राहकों का सहायक सामान्य लेजर
(सीएसजीएल) खाता खोलने और रखने की शर्तों एवं सीएसजीएल खातेदारों द्वारा अपने ग्राहकों
के हित की रक्षा करने के लिए रखे जानेवाले अभिलेखों एवं अपनाई जाने वाली कार्यविधि
को एतद्द्वारा विनिर्दिष्ट करता है।
निम्नलिखित संस्थाएं रिज़र्व बैंक में अपने ग्राहकों अर्थात् श्रेष्ठ प्रतिभूति
खातेदारों (जीएएच) की तरफ से सीएसजीएल खाता खोलने एवं रखने के लिए पात्र हैं:
ii) ऐसे अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक जिनकी निवल मालियत 200 करोड़ रुपये या उससे अधिक
है एवं सीआरएआर 10% और अधिक है और जो उन राज्य सरकारों के हैं जिन्होंने भारतीय रिज़र्व
बैंक के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
iii) अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक जिनकी निवल मालियत 100 करोड़ रुपये या अधिक है।
iv) प्राथमिक व्यापारी
बशर्ते कि उपरोक्त संस्थाएं भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित नियामक विभाग से इस आशय
का अनापत्ति प्रमाण-पत्र हासिल करें कि वे उपरोक्त पात्रता मानदंड (जो भी लागू हो)
को पूरा करती हैं एवं बैंक को कोई विनियामक/ पर्यवेक्षी असुविधा नही है।
2. इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित संस्थाओं को भी बैंक में सीएसजीएल खाता खोलने एवं
रखने की अनुमति है:
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सीएसजीएल खातेदार यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन ग्राहकों के लिए श्रेष्ठ प्रतिभूति खाता
खोला/रखा गया है, वे सरकार द्वारा जारी सामान्य ऋण अधिसूचनाओं एवं विशिष्ट ऋण अधिसूचनाओं
के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियां धारित करने के लिए पात्रता की शर्तें पूरी करते हैं।
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सीएसजीएल खातेदार अपने श्रेष्ठ प्रतिभूति खातेदारों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक
के बैंकिंग परिचालन एवं विकास विभाग/शहरी बैंक विभाग/ग्रामीण आयोजना एवं ऋण विभाग द्वारा
जारी समय-समय पर यथा लागू 'अपने ग्राहक को जानिए' (केवाईसी) संबंधी दिशानिर्देशों का
पालन करेंगे।
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कोई ग्राहक सीएसजीएल खातेदारों में से किसी एक के पास विशिष्ट खाता संख्या वाला एक
ही श्रेष्ठ प्रतिभूति खाता खोलने के लिए पात्र है। तदनुसार, सीएसजीएल खातेदार ग्राहक
की तरफ से खाता खोलने के पूर्व उससे इस संबंध में एक घोषणा पत्र प्राप्त करें। तथापि,
कोई ग्राहक निक्षेपागारों में निक्षेपागार सहभागियों (डीपी) के माध्यम से अतिरिक्त
अभौतिक (डिमेट) खाता रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित प्रयोजनों के लिए खोल एवं रख सकता
है।
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सीएसजीएल खातेदारों के पास खातों को रखने एवं अपने ग्राहकों की तरफ से व्यापार करने
के लिए सूचना प्रौद्यौगिकी (आईटी) की पर्याप्त बुनियादी सुविधा होनी चाहिए और व्यवसाय
निरंतरता के लिए आकस्मिक/बैक-अप योजना भी होनी चाहिए। सूचना प्रौद्योगिकी सुविधाओं
की प्रमाणित व्यावसायिकों द्वारा हर साल सूचना प्रणाली (आईएस) लेखापरीक्षा की जाएगी
एवं उनके द्वारा की गई टीका-टिप्पणियों का तत्काल अनुपालन किया जाएगा।
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सीएसजीएल खातेदार, ग्राहकों के साथ एक करार निष्पादित करेंगे जिसमें वे स्पष्ट रूप
से इस बात का उल्लेख करेंगे कि किन परिस्थितियों में वे ग्राहकों की तरफ से प्रतिभूतियों
को स्वीकार/विमोचित करेंगे एवं निधियों को स्वीकार/ विमोचित करेंगे। साथ ही, उसमें
ग्राहकों के अधिकार एवं दायित्व तथा उन्हें उपलब्ध शिकायत निवारण प्रणाली का उल्लेख
भी होगा।
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सीएसजीएल खातेदार यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्राहकों से संबंधित व्यापार/लेनदेन, संबंधित
ग्राहकों के अनुदेशों के अनुसार किये जाते हैं और वे अपने ग्राहकों से प्राप्त ऐसे
अनुदेशों का उपयुक्त रिकार्ड भी रखेंगे। तदनुसार, सीएसजीएल खातेदार ग्राहकों से लिखित
रूप से सहमति प्राप्त किये बिना उनके द्वारा देय किसी भी राशि को आंशिक रूप से अथवा
पूर्ण रूप से चुकाने के लिए सीएसजीएल खाते में धारित सरकारी प्रतिभूतियों का समंजन
अथवा अन्यथा लेनदेन नहीं करेगा।
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सीएसजीएल खातेदार सीएसजीएल खाते से/में सरकारी प्रतिभूतियों की आवाजाही के लिए उत्तरदायी
होगा और ग्राहक या रिज़र्व बैंक द्वारा मांगे जाने पर सिस्टम सृजित ऑडिट ट्रेल प्रदान
करेगा।
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सीएसजीएल खातेदार लेनदेन की तारीख को संबंधित ग्राहकों की ओर से पूरे किये गये प्रत्येक
क्रय/विक्रय लेन-देन के लिए एक सौदा पर्ची जारी/पोस्ट करेगा जिसमें आइएसआइएन, लिखत
का नाम, क्रय/विक्रय की मात्रा, क्रय/विक्रय का मूल्य, सेवा प्रभार आदि ब्यौरा दिया
जाएगा। साथ ही, सीएसजीएल खातेदार, करार के अनुसार तथा ग्राहकों के विशेष अनुरोध पर,
प्रत्येक ग्राहक को सरकारी प्रतिभूतियों का बकाया/लेनदेन ब्योरा दर्शाते हुए नियमित
रूप से विवरण भेजेगा तथा ग्राहकों से शेष की पुष्टि का प्रमाणपत्र प्राप्त करेगा।
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सीएसजीएल खातेदार ग्राहकों के निधि खाते में देय तारीख को ही ब्याज/मोचन की राशि जमा
करेगा और तत्संबंधी उपयुक्त रिकार्ड सत्यापन के लिए रखेगा।
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सीएसजीएल खातेदार, ग्राहकों की ओर से पूरे किये गये प्रत्येक लेनदेन के निपटान के
लिए जिम्मेदार होगा और प्रतिभूतियों/निधियों की किसी भी कमी को सीएसजीएल खातेदार के
विरुद्ध एसजीएल सौदा बाउन्सिग के मामले के रूप में माना जाएगा। साथ ही, सीएसजीएल खातेदार
ग्राहकों की ओर से कोई भी सौदा प्रस्तुत करने से पहले यह सुनिश्चित करेगा कि संबंधित
ग्राहक ऐसे लेन-देन/सौदे में भाग लेने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के अद्यतन दिशानिर्देशों
के अनुसार पात्र है।
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सीएसजीएल खातेदारों के पास उनके बोर्ड द्वारा विधिवत अनुमोदित एक अच्छ़ी तरह से प्रलेखित
परिचालन मैनुअल होगा जिसमें ग्राहकों की ओर से उपयुक्त ढंग से व्यापार सुनिश्चित
करने के लिए डीलरों/मिड-ऑफिस/बैक-ऑफिस की भूमिकाओं/जिम्मेदारियों और परिणामी नियंत्रण
और संतुलन का स्पष्ट उल्लेख होगा ताकि ऐसे अभिरक्षात्मक कारोबार से सीएसजीएल खातेदार
एवं उसके ग्राहकों को होने वाली किसी भी जोखिम को कम किया जा सके।
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सीएसजीएल खातेदार अपने सीएसजीएल खाते में बकाया शेषों का समाधान अपने पास रखी ग्राहकवार
धारिता के ब्योरे की तुलना में पीडीओएनडीएस डेटा के अनुसार सुनिश्चित करेंगे। बकाया
शेषों में यदि कोई असंतुलन पाया गया तो उसे पीडीओएनडीएस हेल्प डेस्क, डीआईटी और पीडीओ,
मुंबई को तत्काल सूचित किया जाएगा ताकि अगले दिनांत से पहले बकाया शेषों का समाधान
सुनिश्चित किया जा सके।
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सीएसजीएल खातेदारों को चाहिए कि वे अपने सीएसजीएल खाते के परिचालनों एवं अपने ग्राहकों
के श्रेष्ठ प्रतिभूति खातों में होने वाले लेन-देनों को संगामी लेखापरीक्षकों की परिवीक्षा
के अधीन लाएं जो अन्य बातों के साथ-साथ सीएसजीएल खातों में लेन-देनों के निम्नलिखित
पहलुओं की जांच कर अभिमत देंगे:
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ग्राहकों का खाता खोलने के लिए पूरा प्रलेखीकरण;
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सीएसजीएल खाते में प्रत्येक लेन-देन संबंधित ग्राहक द्वारा प्राधिकृत है और खरीदी/बेची
गई प्रतिभूतियों को नियत तारीख को ग्राहकों के श्रेष्ठ प्रतिभूति खाते में जमा किया
गया है/नामे डाला गया है;
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ग्राहकों की ओर से किए गए प्रत्येक लेन-देन के लिए उन्हें समय पर जमा/नामे सूचनाएं
जारी करना।
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सीएसजीएल खाते में बकाया शेष का ग्राहक-वार धारिता ब्यौरे के साथ दैनिक समाधान;
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ग्राहकों से छमाही आधार पर शेष की पुष्टि का प्रमाण-पत्र प्राप्त करना;
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ग्राहकों के निधि खाते में नियत तारीख को ब्याज/मोचन आय को जमा किया जाता है, और
- यह सुनिश्चित करना कि भारतीय रिज़र्व बैंक के अद्यतन दिशानिर्देशों के अनुसार ग्राहक
सौदा/लेन-देन करने के लिए पात्र था और सौदे का
मूल्य प्रचलित बाजार दरों के अनुरूप है।
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सीएसजीएल खातेदार सूचना प्रणाली लेखापरीक्षा रिपोर्ट एवं सीएसजीएल खाते से संबंधित
संगामी लेखापरीक्षकों की रिपोर्ट बोर्ड की लेखापरीक्षा समिति को तिमाही आधार पर या
इससे कम अवधि के अंतरालों में प्रस्तुत करेंगे। सीएसजीएल खातेदार इसकी पुष्टि करते
हुए कि लेखा परीक्षा संबंधी टीका-टिप्पणियों के अनुपालन और उनके द्वारा किये गये दैनिक
समाशोधन कार्य का ब्यौरा बोर्ड की लेखा परीक्षा समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया
है, एक तिमाही प्रमाण पत्र भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित विनियामक विभाग को प्रस्तुत
करें और ऐसे रिकार्ड को रिज़र्व बैंक के निरीक्षण दल को अवलोकनार्थ उपलब्ध कराएं।
तथापि, एनएसडीएल, सीडीएसएल, एसएचसीआइएल और अन्य ऐसी संस्थाओं के मामले में जिनका
विनियमन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नहीं किया जाता है, अनुपालन प्रमाण-पत्र पीडीओ
को प्रस्तुत किया जाए।
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सीएसजीएल खातेदार अनुबंध-I के अनुसार अपने ग्राहकों
के बीच एवं सीएसजीएल खातेदारों और ग्राहक के बीच किए गए लेन-देनों का विवरण देते हुए
साप्ताहिक आधार पर मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, वित्तीय बाजार विभाग,
केंद्रीय कार्यालय, 23वी मंजिल, फोर्ट, मुंबई-400001(ई-मेल)
को एक इलैक्ट्रॉनिक विवरण प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा, सीएसजीएल खातेदार वित्तीय
बाज़ार विभाग को ग्राहकों के खातों में हुए ऐसे समस्त लेन-देनों को शामिल करते हुए
एक 'अपवाद रिपोर्ट' को प्रस्तुत करेगा, जो बाज़ार दरों से अलग दरों पर अर्थात किसी
भी दिशा में तीन मानक व्यतिक्रमों से अधिक दरों पर किये गये हैं। इस प्रकार की सूचना
को जनरेट करने के लिए यदि पहले ही सक्षम सिस्टम विकसित नहीं किया गया है तो ऐसा किया
जाए।
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सीएसजीएल खातेदार अनुबंध II और
III के अनुसार इलैक्ट्रानिक रूप सें मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक,
आंतरिक ऋण प्रबंध विभाग, केंद्रीय कार्यालय, 23वी मंजिल, फोर्ट, मुंबई-400001 (ई-मेल)
को तिमाही आधार पर 31 मार्च, 30 जून, 30 सितम्बर और 31 दिसम्बर को यथा विद्यमान ग्राहक-वार
धारिता विवरण अगली तिमाही के पहले सप्ताह तक प्रस्तुत करेगा।
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ऐसे बैंक जो सीएसजीएल खातेदार हैं, अपने ही निवेशों एवं दलालों सहित अपने ग्राहकों
की ओर से किये गये निवेशों के संबंध में हर साल 31 मार्च तथा 30 सितंबर की स्थिति के
अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक के बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग/शहरी बैंक विभाग/ग्रामीण आयोजना
और ऋण विभाग, जो भी लागू हो, के संबंधित केंद्रीय/क्षेत्रीय कार्यालयों को अर्धवार्षिक
समीक्षा रिपोर्ट की प्रतियां प्रस्तुत करेंगे। प्राथमिक व्यापारी 31 मार्च तथा 30
सितंबर की स्थिति के अनुसार अपनी अर्धवार्षिक समीक्षा रिपोर्ट आंतरिक ऋण प्रबंध विभाग,
भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करेंगे।
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एक सीएसजीएल खाते से दूसरे एसजीएल/सीएसजीएल खाते में सरकारी प्रतिभूतियों के मूल्य
मुक्त अंतरण (वीएफटी) की अनुमति भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मामला-दर-मामले के आधार
पर निक्षेपगारों के साथ स्वयं के डिमैट खाते में अंतरण अथवा मार्जिन अपेक्षा संबंधी
प्रतिभूतियों के अंतरण अथवा भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के संपार्श्वीकृत उधार और
ऋणदायी परिचालनों अथवा समय समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा यथा अनुमोदित अन्य किसी प्रयोजनों
के लिए दी जा सकती है। साथ ही, यदि कोई श्रेष्ठ प्रतिभूति खातेदार किसी सीएसजीएल खातेदार
के पास रखे अपने खाते को बंद करके दूसरे सीएसजीएल खातेदार के पास एक नया श्रेष्ठ प्रतिभूति
खाता खोलना चाहता है तो श्रेष्ठ प्रतिभूति खातेदार निम्नलिखित प्रलेखों को प्रस्तुत
करते हुए एक सीएसजीएल खातेदार से दूसरे सीएसजीएल खातेदार को अपनी प्रतिभूतियों के ऐसे
मूल्य मुक्त अंतरण के लिए क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, लोक ऋण कार्यालय,
मुंबई के अनुमोदन के लिए अनुरोध कर सकता है:
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श्रेष्ठप्रतिभूतिखातेदारद्वाराइसआशयकाअनुरोधपत्रकिउनके वर्तमान सीएसजीएल खातेदार के
पास रखे सरकारी प्रतिभूतियों के समस्त शेष को मूल्य मुक्त आधार पर नये सीएसजीएल
खातेदार को अंतरित किया जाए। इसके साथ एक सीएसजीएल खाते से दूसरे सीएसजीएल खातें में
प्रतिभूतियों के अंतरण का अनुमोदन देते हुए श्रेष्ठ प्रतिभूति खातेदार (कंपनी के मामले
में) के निदेशक बोर्ड द्वारा पारित संकल्प की प्रति संलग्न की जानी चाहिए।
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अंतरणकर्ता/अंतरितीसीएसजीएलखातेदारसेऐसीप्रतिभूतियोंके जमा/नामे हेतु प्राप्त अनापत्ति
पत्र, और
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अंतरणकर्ता और अंतरिती द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित एसजीएल अंतरण प्रपत्र इस बात का
उल्लेख करते हुए एक घोषणा पत्र के साथ कि यह लेन देन एक ही श्रेष्ठ प्रतिभूति खातेदार
के एक खाते से दूसरे खाते में प्रतिभूतियों के अंतरण के लिए है और इसमें कोई वित्तीय
प्रतिफल शामिल नहीं है।
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सीएसजीएल खाते की सुविधा का किसी भी प्रकार का दुरुपयोग सरकारी प्रतिभूति अधिनियम,
2006 (2006 का 38) की धारा 27 के अंतर्गत दंडनीय होगा।
(एच. आर. खान)
कार्यपालक निदेशक