आर्थिक नीति और विश्लेषण विभाग के इतिहास कक्ष को भारतीय रिजर्व बैंक के संस्थागत
इतिहास का लेखन कार्य सौंपा गया है। इसका उद्देश्य बैंक के कार्यसंचालन, महत्वपूर्ण
घटनाओं, नीतियों, भारत में केंद्रीय बैंकिंग के विकास के साथ-साथ इस संगठन के संस्थागत
विकास के साथ- साथ इस संगठन केसंस्थागत विकास के संबंध में प्रलेखन, संग्रहण,संकलन
करके एक व्यापक, प्राइज़ व वस्तुनिष्ठ अध्ययन प्रस्तुत करना है।
|
इस इतिहास का अभिप्राय है संदर्भगत कार्य के रूप में प्रदान करना और भारत के मौद्रिक,
केंद्रीय बैंकिंग और विकास आदि के इतिहास संबंधी साहित्य में प्रमुख योगदान करना।
|
केंद्रीय बैंक के संस्थागत इतिहास के माध्यम से किसी-न-किसी प्रकार से देश का मौद्रिकम
इतिहास सामने आाता है, साथ ही, इसके जरिए नीतियों को ठोस रुप में और मानवीय परिप्रेक्ष्य
में मूर्त रूप प्रदान करने, चिंतन-मनन, त्रुटियों, चिंतन प्रक्रिया, निर्णय लेने की
पद्धति आदि पर प्रकाश डाला गया है और विभिन्न काल खंडों से संबंधित राजनीतिक अर्थव्यवस्था
का व्यापक वर्णन किया गया है।
|
बैंक, अब तक तीन खडों का प्रकाशन कर चुका है। पहले खंड 1935 में बैंक की स्थापना से
लेकर 1950 में भारत गणराज्य की स्थापना तक की अवधि का समावेश है, जिसे श्री एस.एल.एस.सिन्हाने
भूतपूर्व गवर्नर श्री सी.डी.देशमुख की अध्यक्षता में गठित संपादकीय समिति के समग्र
मार्गदशन में लखिा था और इसका प्रकाशन 1970 में किया गया। दूसरे खंड में 1951 से 1967
तक की अवधि को शामिल किया गया है, जोकि बैंकों के राष्ट्रीयकरण से ठीक पहले वाली अवधि
है जब भारतीय बैंकिंग में महत्वपूर्ण मोड़ आया था। इसका संकलन इतिहास दल द्वारा किया
गया और इसके लेखक श्री जी.बालचंद्रन हैं। इसे 1997 में प्रकाशित किया गया।
|
तीसरे खंड का प्रकाशन मार्च 2006 में किया गया। इसके अंतर्गत 1967 से 1981 तक
अर्थात बैंकों के राष्ट्रीयकरण की अवधि, राष्ट्रीयकरण की परवर्ती अवधि, बैंकिंग से
संबंधित उस 'विकास अवधि' को प्रलेखबद्ध किया गया है, जब बैंकिंग क्षेत्र में सर्वाधिक
वृद्धि हुई थी, साथ ही आम जनता को बैंकिंग सेवा प्राप्त होने लगी थी। 1981 को यह तर्क
सामने रखते हुए विभाजक सीमा तय की गई थी कि इससे अवधि के दौरान बैंकिंग और वित्तीय
क्षेत्र में राजनीतिक तर्क के संबंध में उच्चतम आांकड़े परिलक्षित होते हैं। यह वही
अवधि थी जब परिवर्तन के बीज बोये गये थे और बौद्धिक विचार-धारा उदारवाद की दिशा में
आगे बढ़ रही थी।
|
इस परियोजना की स्रोत सामग्री के अंतर्गत प्राथमिक सामग्री के तौर पर बैंक के अभिलेखागार,
बैंक एवं सरकार द्वारा नियुक्त विभिन्न समितियों, बैंक की रिपोर्टों, पंच-वर्षीय योजनाओं,
लोक सभा की कार्यवाहियों, समाचार-पत्रों की रिपोर्टों से संबंधित सामग्रियों के साथ-साथ
ऐसी गौण सामग्रियां भी शामिल की गई हैं जिन पर बैंक की नीतियों के संबंध में जनमत झलकता
हो। स्रोत सामग्री के तहत अभिलेखबद्ध मौखिक वृत्त, विशेष रूप से बैंक के भूतपूर्व कार्यपालकों
एवं अन्य कार्यकताओं के मौखिक कथन को भी शामिल किया गया है।
|
इतिहास कक्ष बैंकिंग समुदाय के सदस्यों, सेवानिवृत्त अधिकारियों, भूतपूर्व कर्मचारियों/इस
संबंध में जनसाधारण से सुझाव/टिप्पणियां/फोटो/दस्तावेजों के साथ-साथ उपाख्यानात्मक
व इसी प्रकार संबंधित सामग्री सादर आमंत्रित करता है, कृपया सामग्री rbihist@vsnl.net के पते पर भेजें।।
|