बैंक नोट


वाटरमार्क


बैंक नोटों की महात्‍मा गॉंधी श्रृंखला में वाटरमार्क विण्‍डो में एक हल्‍का और बिम्‍ब प्रभाव तथा विधि दिशाओं वाली रेखाओं के साथ महात्‍मा गांधी का वाटरमार्क है।


सुरक्षा धागा

अक्‍तूबर 2000 में लागू किए गए 1000 रुपए के नोटों में पठनीय, मुखपृष्‍ठ पर 'भारत' ,(हिंदी में), '1000' और 'आरबीआइ' अंकन के साथ वैकल्पिक रूप से दृश्‍यमान लेकिन पृष्‍ठ भाग पर पूर्णत: अंतर्विष्‍ट विण्‍डो वाला सुरक्षा धागा है। 500 रुपए और 100 रुपए के नोटों में भी उसी प्रकार की दृश्‍यमान विशेषता तथा अंकन 'भारत' (हिंदी में) और 'आरबीआइ' के साथ एक सुरक्षा धागा है। प्रकाश के सामने रखने पर 1000 रुपए, 500 रुपए और 100 रूपए में एक रेखा लगातार दिखाई देती है। 5 रुपए, 10 रुपए, 20 रुपए, और 50 रुपए के नोटों में एक पठनीय, अंकन 'भारत' (हिंदी में) और 'आरबीआई' के साथ पूर्णत: अंतर्विष्‍ट विण्‍डो वाला एक सुरक्षा धागा है। सुरक्षा धागा महात गॉंधी के चित्र की बांयी ओर दिखाई देता है। महात्‍मा गांधी श्रृंखला के पूर्व में जारी किए नोटों में एक सादा, अपठनीय पूर्णत: अंतर्विष्‍ट सुरक्षा धागा है।

अप्रकट छवि

1000 रुपए, 500 रूपए, 100 रूपए, 50 रुपए और 20 रूपए के नोटों के मुखपृष्‍ठ पर महात्‍मा गांधी के चित्र की दाहिनी ओर की उर्ध्‍वाधार पट्टी में एक अप्रकट छवि संबंधित मूल्‍यवर्गीय मूल्‍य को संख्‍या में दर्शाती है। यह अप्रकट छवि तभी दिखाई देती है जब ऑंख के सामने नोट को क्षैतिज रूप से पकड़ा जाता है।


सूक्ष्‍म लेखन

यह विशेषता उर्ध्‍वाधार पट्टी और महात्‍मा गांधी के चित्र के बीच दिखाई देती है। इसमें 5 रुपए और 10 रुपए के नोटों में शब्‍द 'आरबीआई' रहता है। 20 रुपए और उससे अधिक के नोटों में भी सूक्ष्‍म अक्षरों में नोटों का मूल्‍यवर्गीय मूल्‍य रहता है। यह विशेषता किसी आवर्धक लेन्‍स के नीचे भली प्रकार देखी जा सकती है।

उत्‍कीर्ण मुद्रण

महात्‍मा गांधी के चित्र, रिज़र्व बैंक की मुहर, गारंटी और वचन उप-वाक्‍य, बॉंयी ओर अशोक स्‍तंभ प्रतीक, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के हस्‍ताक्षर उत्‍कीर्ण रूप से मुद्रित अर्थात उभरे मुद्रण वाले होते हैं जिन्‍हें 20 रुपए, 50 रुपए, 100 रुपए, 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों में छूकर महसूस किया जा सकता है।

पहचान चिह्न

10/- रुपए के नोटों को छोड़कर सभी नोटों के वाटरमार्क विण्‍डो की बॉंयी ओर उत्‍कीर्ण रूप में एक विशेष विशिष्‍टता डाली गई है। यह विशिष्‍टता विभिन्‍न मूल्‍यवर्गों के लिए विभिन्‍न आकारों (20 रुपए में उर्ध्‍वाधार आयताकार, 50 रुपए में वर्गाकार, 100 रुपए में त्रिकोणाकार, 500 रुपए में वृताकार तथा 1000 रुपए में समचतुर्भुजाकार) है और मूल्‍यवर्ग की पहचान करने में दृष्टिहीन लोगों की सहायता करता है।

प्रतिदीप्ति

नोटों के संख्‍या पटल को प्रतिदीप्‍त स्‍याही में मुद्रित किया गया है। नोटों में प्रकाशीय तन्‍तु हैं। दोनों तब देखे जा सकते हैं जब नोट को परा-बैंगनी लैम्‍प के सामने लाया जाता है।

प्रकाश में परिवर्तनीय स्‍याही

यह नवंबर 2000 में लागू संशोधित रंग योजना के साथ 500 रुपए और 1000 रूपए के नोटों में शामिल की गई एक नई सुरक्षा विशेषता है। क्रमश: 1000 रुपए और 500 रुपए के आमुख पर संख्‍या 1000 और 500 को प्रकाश में परिवर्तनीय स्‍याही अर्थात रंग बदलने वाली स्‍याही में मुद्रित किया गया है। संख्‍या 1000 और 500 का रंग नोट को सीधा देखने पर हरा दिखाई देता है लेकिन इसे तिरछा करने पर रंग बदलकर नीला हो जाता है।

अंकन को समझना

वाटरमार्क के समीप उर्ध्‍वाधार पट्टी के मध्‍य में नोट के सामने (खोखला) और पृष्‍ठ भाग (भरा हुआ) दानों ओर मुद्रित एक पुष्पित स्‍वरूप को दोनों तरु ठीक-ठीक अंकित किया गया है। इस स्‍वरूप को प्रकाश में देखने पर एक ही पुष्पित स्‍वरूप दिखाई पड़ता है।

जालसाजी के विरूद्ध विधिक प्रावधान

जाली नोटों का मुद्रण और परिचालन भारतीय दण्‍ड संहिता की धाराओं 489ए से 489इ के अंतर्गत अपराध है तथा किसी विधि न्‍यायालय द्वारा आर्थिक दण्‍ड अथवा कारावास अथवा दोनों के रूप में दण्‍डनीय है।

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