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वित्तीय समावेशन और विकास

यह कार्य वित्तीय समावेशन, वित्तीय शिक्षण को बढ़ावा देने और ग्रामीण तथा एमएसएमई क्षेत्र सहित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्ध कराने पर नवीकृत राष्ट्रीय ध्यानकेंद्रण का सार संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

प्रेस प्रकाशनी


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वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफआई): 2025-30

1 दिसंबर 2025

वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफआई): 2025-30

वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी-एससी) की उप-समिति द्वारा अपनी 32वीं बैठक में अनुमोदित वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफआई): 2025-30 को श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 1 दिसंबर 2025 को औपचारिक रूप से जारी किया गया।

2. एनएसएफआई: 2025-30 एक समन्वित पारितंत्र दृष्टिकोण पर जोर देता है, जिससे अंतिम मील तक पहुंच की गुणवत्ता और स्थिरता तथा वित्तीय सेवाओं के प्रभावी उपयोग में सुधार होगा। यह देश में वित्तीय समावेशन की स्थिति को उन्नत करने के लिए पाँच कार्यनीतिक उद्देश्य (पंच-ज्योति) और उन्हें पूरा करने के लिए 47 कार्य बिन्दुओं का मेन्यू निर्धारित करता है। पंच ज्योति निम्नानुसार हैं:

  1. परिवारों और सूक्ष्म उद्यमों के लिए वित्तीय सुरक्षा और वित्तीय संरक्षण हेतु समान, दायित्वपूर्ण, उपयुक्त और किफायती वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता और उपयोग में सुधार करना,

  2. महिला- प्रवण वित्तीय समावेशन के लिए लिंग- संवेदनशील दृष्टिकोण तथा विशेष रूप से अल्प सेवा प्राप्त करने वाले और असुरक्षित क्षेत्रों के लिए परिवारों की वित्तीय सुदृढ़ता में सुधार हेतु विभेदित कार्यनीतियां अपनाना,

  3. आजीविका, कौशल विकास और समर्थन पारितंत्र और उसकी सहबद्धता को वित्तीय समावेशन के साथ समन्वय करना,

  4. वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए एक साधन के रूप में वित्तीय शिक्षा प्रदान करना, और

  5. ग्राहक संरक्षण और शिकायत निवारण उपायों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को सुदृढ़ बनाना।

3. यह कार्यनीति, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विभिन्न हितधारकों के साथ देशव्यापी चर्चा और आर्थिक कार्य विभाग और वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम और वित्तीय शिक्षा केंद्र के साथ परामर्श के बाद वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता संबंधी तकनीकी समूह (टीजीएफ़आईएफएल) के तत्वावधान में तैयार की गई है।

4. पिछली कार्यनीति, यथा एनएसएफआई: 2019-2024 के अंतर्गत शामिल पांच वर्ष की अवधि में वित्तीय समावेशन के पहुंच, उपयोग और गुणवत्ता आयामों में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया था। एनएसएफआई: 2025-30 में इन उपलब्धियों को समेकित करने और वित्तीय समावेशन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।

(ब्रिज राज)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1596

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