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मास्टर निदेशों

मास्टर निदेश - विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत अचल संपत्ति का अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण (01 सितंबर 2022 को अद्यतन)

भा.रि.बैंक/विमुवि/2015-16/7
विमुवि मास्टर निदेश सं.12/2015-16

1 जनवरी 2016
[01 सितंबर 2022 को अद्यतन]
[06 जून 2022 को अद्यतन]
[11 अप्रैल 2018 को अद्यतन]
[04 फरवरी 2016 को अद्यतन*]

सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक और प्राधिकृत बैंक

महोदया/ महोदय

मास्टर निदेश - विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत
अचल संपत्ति का अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण

भारतीय निवासियों द्वारा भारत के बाहर और अनिवासियों द्वारा भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण क्रमशः 22 अगस्त 2022 को जारी 1विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) नियमावली, 2022 के नियम-21 तथा दिनांक 22 अगस्त 2022 को जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) निदेश, 2022 के पैराग्राफ-25 तथा 17 अक्तूबर 2019 को जारी 2विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा) की धारा-6 की उप-धारा 2(ए), (4) और (5) के अनुसार विनियमित किया जाता है। विनियामक ढाँचे में हुए परिवर्तनों को अंतर्निहित करने के लिए नियमावली तथा विनियमावली को समय-समय पर संशोधित किया जाता है और संशोधित अधिसूचनाओं के जरिए उन्हें प्रकाशित किया जाता है।

2. भारतीय रिज़र्व बैंक इस नियमावली और विनियमावली की रूपरेखा के भीतर विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा-11 के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश भी जारी करता है। ये निदेश प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा विनियमों के कार्यान्वयन को ध्यान में रखते हुए अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ किए जाने वाले विदेशी मुद्रा कारोबार के तौर-तरीके निर्धारित करते हैं।

3. इस मास्टर निदेश में अचल संपत्ति के अधिग्रहण के विषय पर जारी अनुदेशों को समेकित किया गया है। इस मास्टर निदेश के आधार स्वरूप निहित परिपत्रों/ अधिसूचनाओं की सूची परिशिष्ट में दी गयी है। रिपोर्टिंग अनुदेश, रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश (1 जनवरी 2016 का मास्टर निदेश सं.18) में देखे जा सकते हैं ।

4. यह ध्यान दिया जाए कि जब कभी आवश्यक हो, रिज़र्व बैंक नियमावली, विनियमावली में अथवा प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों/ घटकों के साथ किए जाने वाले लेनदेन के तौर-तरीके में किसी परिवर्तन के संबंध में ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्रों के जरिए प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश जारी करेगा। साथ ही इस विषय पर जारी मास्टर निदेश में भी साथ-साथ यथोचित संशोधन किया जाएगा।

भवदीय

(विवेक श्रीवास्तव)
मुख्य महाप्रबंधक

* चूंकि इस मास्टर निदेश में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, अतः पाठक की सुविधा हेतु ट्रैक चेंज मोड में परिवर्तन दिखाने की बजाय इसे प्रतिस्थापित कर दिया गया है। किये गए परिवर्तन फुटनोट के रूप में सूचीबद्ध हैं।


3मास्टर निदेश 12/2015-16 – विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत अचल संपत्ति का अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण

भाग – I भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा भारत से बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण

4भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा भारत के बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण 22 अगस्त 2022 को जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) नियमावली, 2022 के नियम-21 तथा 22 अगस्त 2022 को जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) निदेश, 2022 के पैराग्राफ-25 द्वारा शासित किया जाएगा।

भाग – II भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण

1. प्रस्तावना

1.1 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा) केंद्र सरकार को, भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से पूंजी खाता लेनदेन, जिसमें ऋण लिखतें शामिल नहीं हैं, से संबंधित नियम बनाने का अधिकार प्रदान करता है। तदनुसार, केंद्र सरकार द्वारा दिनांक 17 अक्टूबर 2019 को 5विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 अधिसूचित की गई है, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया है, जो पूर्ववर्ती विदेशी मुद्रा प्रबंध (अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण), विनियमावली, 2018 को अधिक्रमित करती है। ये नियमावली भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा भारत में पांच वर्ष से तक की सीमा में लीज़ पर किए जाने वाले अचल संपत्ति के अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण पर लागू नहीं होते हैं।

1.2 फेमा अधिनियम की धारा 6(5) के अनुसार, भारत के बाहर का निवासी व्यक्ति भारत में स्थित किसी भी अचल संपत्ति को धारित कर सकता है, उसका स्वामित्व ले सकता है, उसे हस्तांतरित कर सकता है, अथवा उसमें निवेश कर सकता है यदि ऐसी संपत्ति का अधिग्रहण, धारण या स्वामित्व उसने अपने निवासी होने के समय किया हो अथवा भारत में निवासी किसी व्यक्ति से उसे वह विरासत में मिली हो।

2. परिभाषाएं

नियमावली में प्रयुक्त कुछ प्रमुख शब्दों की परिभाषाएँ निम्नानुसार हैं:

2.1 6'अनिवासी भारतीय' (एनआरआई) भारत के बाहर का निवासी व्यक्ति है, जो भारत का नागरिक है।

2.2 7'विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई)' भारत के बाहर निवासी कोई व्यक्ति है जो नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7(ए) के तहत विदेशी भारतीय नागरिक कार्डधारक के रूप में पंजीकृत है।

2.3 "भारत से बाहर प्रत्यावर्तन" का अर्थ है भारत में प्राधिकृत व्यापारी से विदेशी मुद्रा की खरीद अथवा आहरण एवं उसे सामान्य बैंकिंग चैनल के माध्यम से भारत के बाहर भेजना अथवा किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास खोले गए विदेशी मुद्रा में मूल्यवर्गीकृत खाते अथवा भारतीय मुद्रा में रखे खाते में जमा (क्रेडिट) करने से है, जिसे विदेशी मुद्रा में परिवर्तित किया जा सकता है;

2.4 'हस्तांतरण' में बिक्री, खरीद, दृष्टिबंधक, अदला-बदली, गिरवी, उपहार, ऋण अथवा अधिकार, टाइटल, कब्ज़े या ग्रहणाधिकार का किसी भी रूप में हस्तांतरण शामिल है।

2.5 'रिश्तेदार' का अर्थ कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(77) में परिभाषित रिश्तेदार है।

3. अनिवासी भारतीय (एनआरआई) द्वारा अधिग्रहण/हस्तांतरण

3.1 8अचल संपत्ति का अधिग्रहण

3.1.1 9अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अथवा विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) भारत में अचल संपत्ति (कृषि भूमि/बागवानी की भूमि/ फार्म हाउस को छोड़कर) खरीद सकता है।

3.1.2 10अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अथवा विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) भारत में निवासी व्यक्ति से अथवा ऐसे एनआरआई या ओसीआई से, जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(77) में यथापरिभाषित ‘रिश्तेदार’ है, से भारत में उपहार के रूप में अचल संपत्ति (कृषि भूमि/बागवानी की भूमि/ फार्म हाउस को छोड़कर) का अधिग्रहण कर सकता है।

3.1.3 11अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अथवा विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) भारत के बाहर निवासी किसी ऐसे व्यक्ति से विरासत के रूप में अचल संपत्ति का अधिग्रहण कर सकता है, जिसने ऐसी संपत्ति तत्समय लागू विदेशी मुद्रा संबंधी क़ानूनों के प्रावधानों के अनुसरण में अधिग्रहित की हो।

3.1.4 12अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अथवा विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) भारत में निवासी व्यक्ति से विरासत के रूप में अचल संपत्ति का अधिग्रहण कर सकता है।

3.2 अचल संपत्ति का हस्तांतरण

(ए) 13अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अथवा विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) भारत में निवासी व्यक्ति को भारत में अचल संपत्ति हस्तांतरित कर सकता है;

(बी) 14अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अथवा विदेशी भारतीय नागरिक(ओसीआई) किसी अन्य एनआरआई अथवा 15ओसीआई को अचल संपत्ति (कृषि भूमि/ बागवानी संपत्ति/ फार्म-हाउस को छोड़कर) हस्तांतरित कर सकता है। उपहार के रूप में अधिग्रहण करने के मामले में, हस्तांतरिती का कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(77) के अनुसार रिश्तेदार होना आवश्यक है।

3.3 अचल संपत्ति के अधिग्रहण के लिए भुगतान

(ए) 16अनिवासी भारतीय अथवा ओसीआई अचल संपत्ति के अधिग्रहण हेतु भुगतान, यदि कोई हो, भारत से बाहर किसी अन्य स्थान से आवक विप्रेषण के रूप में सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिये भारत में प्राप्त निधियों से अथवा अपने एनआरई/ एफ़सीएनआर(बी)/ एनआरओ खाते से डेबिट कर सकता है।

(बी) ऊपर विशेष रूप से उल्लिखित तरीकों के अलावा ऐसे भुगतान यात्री चेकों द्वारा अथवा विदेशी मुद्रा नोटों द्वारा अथवा किसी अन्य तरीके से नहीं किये जा सकते हैं।

174. अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अथवा विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) की/के पत्नी/ पति द्वारा संयुक्त अधिग्रहण

4.1 भारत के बाहर निवासी व्यक्ति, जो अनिवासी भारतीय अथवा विदेशी भारतीय नागरिक नहीं है, जो किसी अनिवासी भारतीय अथवा विदेशी भारतीय नागरिक का पति/पत्नी है, वह एक अचल संपत्ति (कृषि भूमि/ बागवानी संपत्ति/ फार्म-हाउस को छोड़कर) अपने एनआरआई/ ओसीआई पति/पत्नी के साथ संयुक्त रूप से अधिग्रहित कर सकता/सकती है।

4.2 इस पैराग्राफ के अंतर्गत किए गए हस्तांतरण के लिए प्रतिफल राशि भारत से बाहर के किसी स्थान से आवक विप्रेषण के रूप में सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिये अथवा अधिनियम या उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसरण में संबंधित व्यक्ति के धारित अनिवासी खाते से डेबिट करते हुए प्राप्त की जा सकती है। ऐसे भुगतान इस पैरा में विशेष रूप से उल्लिखित को छोड़कर यात्री चेकों द्वारा अथवा विदेशी मुद्रा नोटों द्वारा या किसी अन्य तरीके से नहीं किए जा सकते हैं।

4.3 शादी पंजीकृत होनी चाहिए और इस प्रकार की संपत्ति का अधिग्रहण करने के ठीक पहले कम से कम दो वर्ष की अवधि तक विवाह निरंतर बना रहा हो।

4.4 अनिवासी पति या पत्नी को इस तरह के अधिग्रहण से अन्यथा प्रतिबंधित नहीं किया जाना जाएगा।

185. दीर्घकालिक वीज़ा धारक द्वारा अधिग्रहण

5.1 कोई व्यक्ति यदि अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान का नागरिक है, जो उन देशों के अल्पसंख्यक समुदायों, जैसे: हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई, से संबंधित है, जो भारत में रह रहा है और जिसे केंद्र सरकार द्वारा दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) दिया गया है, वह भारत में अपने रहने के लिए एक आवासीय इकाई और अपने स्व-रोजगार के लिए केवल एक अचल संपत्ति खरीद सकता है।

5.2 इस प्रकार की संपत्ति केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित प्रतिबंधित/संरक्षित क्षेत्रों और सेना के छावनी क्षेत्रों में या उसके आसपास स्थित नहीं होनी चाहिए।

5.3 ऐसे व्यक्ति को उसकी संपत्ति जहां स्थित है उस जिले के राजस्व प्राधिकारी को एक घोषणा प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें निधियों के स्रोत का ब्योरा दिया गया हो और यह जानकारी भी हो कि वह दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) पर भारत में रह रहा है।

5.4 संपत्ति के पंजीकरण दस्तावेजों में राष्ट्रीयता और इस तथ्य का उल्लेख होना चाहिए कि वह व्यक्ति दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) पर है।

5.5 ऐसे व्यक्ति के भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की स्थिति में उसकी संपत्ति कुर्क/ज़ब्त की जा सकती है।

5.6 खरीदी गई संपत्ति के दस्तावेजों की प्रतिलिपियां पुलिस उप-अधीक्षक/ विदेशी नागरिक पंजीकरण कार्यालय/ संबंधित विदेशी नागरिक क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय तथा गृह मंत्रालय (विदेशी नागरिक अनुभाग) में प्रस्तुत करनी होगी ।

5.7 ऐसा व्यक्ति अपनी उक्त संपत्ति बेचने के लिए तभी पात्र होगा जब वह भारत की नागरिकता प्राप्त करें। तथापि, भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के पूर्व संपत्ति के हस्तांतरण हेतु पुलिस उप-अधीक्षक/ विदेशी नागरिक पंजीकरण कार्यालय/ संबंधित विदेशी नागरिक क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय की पूर्वानुमति प्राप्त करना आवश्यक है।

6. विदेशी दूतावासों/ राजनयिकों/ वाणिज्य दूतावासों द्वारा अचल संपत्ति का अधिग्रहण

विदेशी दूतावास/ राजनयिक/ वाणिज्य दूतावास भारत में अचल संपत्ति (कृषि भूमि/ बागबानी संपत्ति/ फार्म हाउस को छोड़कर) की खरीद/ बिक्री कर सकते हैं बशर्ते-

(ए) इस प्रकार की खरीद/ बिक्री के लिए भारत सरकार, विदेश मंत्रालय से अनापत्ति प्राप्त की गई हो, और

(बी) भारत में अचल संपत्ति के अधिग्रहण के लिए भुगतान सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिये विदेश से विप्रेषित निधियों में से किया गया हो ।

7. भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा अनुमत क्रियाकलाप करने के लिए अचल संपत्ति का अधिग्रहण

7.1 भारत से बाहर का निवासी व्यक्ति, जिसने भारत में कोई कारोबार को करने के लिए संपर्क कार्यालय से भिन्न किसी शाखा अथवा कार्यालय की स्थापना की है, वह अपने कारोबार को चलाने के लिए आवश्यक और प्रासंगिक होने पर भारत में अचल संपत्ति अधिग्रहित कर सकता है।

7.2 ऐसे व्यक्ति को संपत्ति के अधिग्रहण की तारीख से नब्बे दिनों के भीतर फॉर्म आई.पी.आई. (रिपोर्टिंग पर मास्टर निदेश में दिए गए अनुसार) में रिज़र्व बैंक को एक घोषणापत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है।

7.3 वह इस प्रकार अधिग्रहित की गई अचल संपत्ति को किसी ऋण हेतु ज़मानत के रूप में प्राधिकृत व्यापारी को बंधक के रूप में हस्तांतरित कर सकता है।

7.4 तथापि, पाकिस्तान या बांग्लादेश या श्रीलंका या अफगानिस्तान या चीन या ईरान या हांगकांग या मकाऊ अथवा नेपाल या भूटान अथवा 19डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के मूल/राष्ट्रीयता/स्वामित्व की संस्थाओं की शाखा, कार्यालय अथवा किसी अन्य कारोबारी स्थल द्वारा भारत में अचल संपत्ति के अधिग्रहण के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक है।

8. अचल संपत्ति की बिक्री से प्राप्त राशि का संप्रत्यावर्तन

8.1 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा),1999 की धारा 6(5) (भाग –II का संदर्भ पैरा 1.2) के अनुसार संपत्ति अधिग्रहित करने वाला कोई व्यक्ति अथवा उसका उत्तराधिकारी रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना अचल संपत्ति की बिक्री से प्राप्त राशि भारत से बाहर प्रत्यावर्तित नहीं कर सकता है। 20तथापि, यदि ऐसा व्यक्ति भारत से बाहर का निवासी है तो वह समय-समय पर यथासंशोधित, विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का विप्रेषण) विनियमावली, 2016 के तहत उपलब्ध सुविधाओं के अंतर्गत विप्रेषण कर सकता है।

8.2 भारत के बाहर निवासी भारतीय मूल के व्यक्ति21 द्वारा (पूर्ववर्ती विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2000 के प्रावधानों के तहत) अथवा एनआरआई या ओसीआई द्वारा भारत में कृषि भूमि/फार्म हाउस/ बागबानी संपत्ति को छोड़कर किसी अचल संपत्ति की बिक्री के मामले में, प्राधिकृत व्यापारी उस संपत्ति की बिक्री से प्राप्त राशि को भारत से संप्रत्यावर्तित करने हेतु अनुमति दे सकता है, बशर्ते निम्नलिखित शर्तों को पूर्ण किया जाता हो, अर्थात:

(ए) विक्रेता द्वारा वह अचल संपत्ति, अधिग्रहण के समय लागू विदेशी मुद्रा संबंधी कानून के प्रावधानों के अनुसार अधिग्रहित की गई हो22;

(बी) 23अचल संपत्ति के अधिग्रहण की राशि का भुगतान सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिए प्राप्त विदेशी मुद्रा के जरिये अथवा एफ़सीएनआर(बी) या एनआरई खाते में धारित निधियों से किया गया हो;

यदि भारत के बाहर निवासी 24भारतीय मूल के किसी व्यक्ति द्वारा [पूर्ववर्ती विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2000 के प्रावधानों के तहत] अथवा एनआरआई या ओसीआई द्वारा भारत में अचल संपत्ति की खरीद समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपयों में उधर लेना और उधार देना) विनियमावली, 2000 के अंतर्गत लिए गए आवास ऋणों में से की गई है और ऐसे ऋणों की चुकौती बैंकिंग चैनलों के जरिए विदेश से प्राप्त विप्रेषणों में से की जाती है अथवा अनिवासी भारतीय के एनआरई/ एफ़सीएनआर(बी) से डेबिट की जाती है तो इस प्रकार की ऋण-चुकौती को प्राप्त विदेशी मुद्रा के समतुल्य माना जाएगा।

(सी) आवासीय संपत्ति के मामले में, बिक्रीगत राशि का संप्रत्यावर्तन इस प्रकार की दो संपत्तियों तक सीमित है।

258.3 भारत में निवासी कोई व्यक्ति यदि समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 के अंतर्गत लिए गए अपने किसी बाह्य वाणिज्यिक उधार की चुकौती में असफल होता है, तो ऐसे मामलों में प्राधिकृत व्यापारी बैंक संबंधित पारदेशीय उधारदाता को अथवा प्रतिभूति न्यासी (सिक्योरिटी ट्रस्टी) को (जिसके पक्ष में बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने हेतु जमानत के तौर पर ऐसी अचल संपत्ति पर प्रभार सृजित किया गया हो) ऐसी अचल संपत्ति की बिक्री भारत में निवासी किसी व्यक्ति को करने की अनुमति प्रदान सकता है और बिक्री से प्राप्त राशि के संप्रत्यावर्तन की अनुमति केवल उक्त ऋण की बकाया राशि के भुगतान के लिए ही दे सकता है, ऐसी अनुमति किसी अन्य ऋण की चुकौती के लिए नहीं की जाएगी।

9. कतिपय देशों के नागरिकों द्वारा भारत में अचल संपत्ति के अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण पर रोक

269.1 पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगनिस्तान, चीन, ईरान, नेपाल, भूटान, मकाऊ, हाँगकाँग और डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के नागरिक भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति के बिना 5 साल से कम अवधि हेतु लीज़ पर लेने के सिवाय, भारत में कोई अचल संपत्ति अधिग्रहीत अथवा हस्तांतरित नहीं कर सकेंगे। इस प्रयोजन के लिए “नागरिक” शब्द में स्वाभाविक व्यक्ति और विधिक संस्थाएं शामिल होंगी।

279.2 उपर्युक्त पैरा 9.1 में लगाई गई रोक विदेशी भारतीय नागरिक (ओसीआई) पर लागू नहीं होगी।

10. विविध

10.1 प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक भारत में निवासी किसी व्यक्ति की अचल संपत्ति पर किसी बाह्य वाणिज्यिक उधारदाता अथवा किसी प्रतिभूति न्यासी के पक्ष में प्रभार सृजित करने के लिए निम्नलिखित शर्तों के अधीन अनापत्ति प्रदान कर सकते हैं:

(ए) ‘अनापत्ति’ किसी निवासी ईसीबी उधारकर्ता को ही प्रदान की जाएगी;

(बी) अचल संपत्ति पर सृजित किए गए ऐसे प्रभार की अवधि अंतर्निहित ईसीबी की परिपक्वता के साथ ही सह-समाप्य होनी चाहिए;

(सी) ऐसी ‘अनापत्ति’ को पारदेशीय ऋणदाता/ प्रतिभूति न्यासी द्वारा भारत में अचल संपत्ति अधिग्रहित करने के लिए अनुमति न माना जाए;

(डी) सृजित किए गाए प्रभार को प्रवर्तित/ इनवोक करने संबंधी मामले में, अचल संपप्ति की बिक्री भारत में निवासी किसी व्यक्ति को ही करनी होगी और बिक्री से प्राप्य राशि बकाया ईसीबी के समापन हेतु भारत से बाहर प्रत्यावर्तित की जाएगी;

2810.2 कोई प्राधिकृत व्यापारी, जो किसी पारदेशीय उधारदाता का भारतीय प्रतिनिधि है, वह रिज़र्व बैंक द्वारा इस संबंध में जारी निर्देशों के तहत एनआरआई अथवा ओसीआई, जो भारत के बाहर स्थित किसी कंपनी का निदेशक है, उस कंपनी को ऋण देने हेतु उस निदेशक की भारत में स्वामित्व वाली अचल संपत्ति को गिरवी रख सकता है;

(ए) उधारकर्ता कंपनी द्वारा ली गयी निधियों का प्रयोग मूल पारदेशीय कारोबारी उद्देश्यों के लिए किया जाए।

(बी) प्रभार इन्वोक किए जाने के मामले में प्राधिकृत व्यापारी किसी पात्र अधिग्राहक को ऐसी अचल संपत्ति की बिक्री करके बिक्री से प्राप्त राशि पारदेशीय उधारदाता को विप्रेषित कर सकता है।

2910.3 भारत से बाहर निवासी किसी व्यक्ति ने यदि तत्समय लागू विदेशी मुद्रा संबंधी कानूनों अथवा रिज़र्व बैंक की समान्य अथवा विशिष्ट अनुमति के तहत भारत में कोई अचल संपत्ति अधिग्रहित की है, वह भारत में निवासी किसी व्यक्ति को ऐसी संपत्ति हस्तांतरित कर सकता है बशर्ते लेनदेन समान्य बैंकिंग चैनलों के जरिये किए जाएं और यह भी कि ऐसे व्यक्ति को इस प्रकार के किसी अधिग्रहण हेतु अन्यथा रूप में प्रतिबंधित न किया गया हो।

10.4 इन निदेशों के अंतर्गत न आनेवाले संपत्ति के किसी भी हस्तांतरण के लिए रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति आवश्यक होगी।

10.5 भारत सरकार की 1 फरवरी 2009 की प्रेस प्रकाशनी (अनुबंध में संलग्न) के अनुसार भारत में निवासी व्यक्ति के रूप में माने जाने के लिए उस व्यक्ति को न केवल निवास की अवधि की शर्त (पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 182 दिनों से अधिक होने के कारण) पूरी करनी होगी, बल्कि उसके निवास का प्रयोजन, साथ ही उसे प्रदान किए गए भारतीय वीज़ा का प्रकार तथा अनिश्चित अवधि के लिए भारत में रहने का उसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए। इस संबंध में, पात्रता हेतु उस व्यक्ति के निवास का उद्देश्य वीज़ा सहित अन्य समर्थनकारी दस्तावेज़ो के माध्यम से स्पष्ट किया जाए।

3010.6 भारत से बाहर निवासी किसी व्यक्ति द्वारा अचल संपत्ति के अधिग्रहण या हस्तांतरण से संबंधित कोई भी लेनदेन भारत में बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किया जाना चाहिए।

3110.7 भारत से बाहर निवासी किसी व्यक्ति द्वारा भारत में धारित मौजूदा अचल संपत्ति यदि उसने तत्समय यथालागू नीति के अनुसार धारित की है, तो ऐसे मामले में विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 के अनुपालन हेतु किसी प्रकार के आशोधन की आवश्यकता नहीं होगी।

11. 32करों का भुगतान

भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा अचल संपत्ति के अधिग्रहण से संबंधित कोई भी लेनदेन भारत में लागू कर कानूनों और अन्य शुल्कों/प्रभारों के अधीन होगा।


परिशिष्ठ

इस मास्टर निदेश में समेकित की गई फेमा अधिसूचनाओं / ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्रों की सूची

अधिसूचना/ ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र दिनांक
33विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 17 अक्तूबर 2019
34विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) नियमावली, 2019 22 अगस्त 2022
35फेमा 21(आर)/2018-19-आरबी 26 मार्च 2018
ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 12 22 अगस्त 2022

अनुबंध

भारत सरकार की प्रेस प्रकाशनी

वित्त मंत्रालय

1 फरवरी 2009

भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा भूमि अर्जन करने के संबंध में सरकार की सूचना

15:08 भा.मा.स. के अनुसार

भारत सरकार ने राज्य सरकारों को भारत के बाहर निवासी व्यक्तियों द्वारा भारत में अचल संपत्ति के अधिग्रहण तथा हस्तांतरण के मामलों में अधिक सतर्क रहने के लिए तथा भारत में अचल संपत्ति की बिक्री अथवा खरीद के पंजीकरण से पहले फेमा के तहत पात्रता के संबंध में उनके संतुष्ट होने के लिए सूचित किया है। इस प्रकार की पूछताछ में इच्छुक खरीददार और विक्रेता, दोनों वर्गों को शामिल किया जाए। इस प्रकार की बिक्री/ खरीद के पंजीकरण से पूर्व संबंधित यात्रा दस्तावेज तथा वीज़ा के प्रकार का भी सत्यापन किया जाए। इसके अतिरिक्त, सरकार ने राज्य सरकारों के सभी संबंधित प्राधिकारियों को सूचित किया है कि जहाँ यथोचित लगें, प्राधिकारी विधिक अपेक्षाओं के साथ उनके अनुपालन निर्धारित करने के लिए पहले ही किये गये बिक्री/ खरीद के पंजीकरण की पुनरीक्षा करने पर विचार कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अचल संपत्ति अधिग्रहित करनेवाले व्यक्तियों को राज्य प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित की गयी अपेक्षाओं, यदि कोई हों, को पूर्ण करना होगा।

किसी विदेशी कंपनी, जिसने विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में शाखा अथवा कार्यालय अथवा अन्य कारोबारी स्थलों की स्थापना) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना फेमा 22/2000-आरबी) के प्रावधानों के तहत भारत में शाखा कार्यालय अथवा अन्य कारोबारी स्थल की स्थापना की है, वे भारत में अचल संपत्ति अधिग्रहित कर सकती हैं, जो इस प्रकार के क्रियाकलाप करने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण तथा हस्तांतरण) विनियमावली, 2000 के विनियम-5 में (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. 21/2000-आरबी) निर्धारित शर्त के अधीन आवश्यक अथवा प्रासंगिक है।

उपर्युक्त के अतिरिक्त, कोई विदेशी नागरिक जो नौकरी करने अथवा कारोबार/ व्यवसाय करने अथवा किसी अनिश्चित अवधि के लिए रहने के उसके उद्देश्य को दर्शाते हुए किसी अन्य प्रयोजन के लिए पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान 182 दिनों से अधिक अवधि के लिए भारत में रहता है, भारत में अचल संपत्ति अधिग्रहित कर सकता है क्योंकि इससे वह फेमा, 1999 की धारा 2(v) के अनुसार 'भारत में निवासी व्यक्ति' होगा। फेमा के तहत भारत में निवासी व्यक्ति के रूप में समझे जाने के लिए उस व्यक्ति को न केवल रहने की अवधि की शर्त (पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के दौरान 182 दिनों से अधिक होने के कारण) पूर्ण करनी है बल्कि उसके रहने का प्रयोजन, साथ ही उसे प्रदान किए गए भारतीय वीज़ा का प्रकार तथा अनिश्चित अवधि के लिए भारत में रहने का उसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए। इस संबंध में निवास के उद्देश्य से पात्र बनने के लिए वीज़ा सहित समर्थक दस्तावेज स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किए जाने चाहिए।

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण तथा हस्तांतरण) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. 21/2000-आरबी) में निहित प्रावधानों के अनुसार भारत के बाहर निवासी कोई भारतीय नागरिक और भारत के बाहर निवासी भारतीय मूल का व्यक्ति (PIO) भारत में कृषि भूमि, बागबानी अथवा फार्म-हाउस को छोड़कर अन्य अचल संपत्ति अधिग्रहित कर सकता है।

केंद्र सरकार के ध्यान में यह बात आयी है कि विदेशी नागरिक देश के कुछ भागों में, विशेषत: गोवा में अनधिकृत रूप से अचल संपत्ति की खरीद कर रहे हैं, जिससे गंभीर चिंता उत्पन्न हुई है। कई संगठनों तथा सामाजिक समूहों ने इस संबंध में उनकी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार को अभ्यावेदन भी किये हैं। यह भी देखा गया है कि भारत में आनेवाले विदेशी नागरिक किसी निश्चित अवधि के लिए जारी पर्यटन अथवा अन्य विज़ा पर 182 दिनों से अधिक अवधि के लिए रहते हुए तथा फेमा के तहत प्रचलित नियमों और विनियमों का उल्लंघन करते हुए भारत में अनधिकृत रूप से अचल संपत्ति अधिग्रहित कर रहे हैं।

बीएससी/बीवाई/जीएन-1/09


121 जनवरी 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 7(आर)/2015-आरबी का अधिक्रमण करते हुए उसे दिनांक 22 अगस्त 2022 से विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) नियमावली, 2022 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।

2 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और अंतरण) विनियमावली, 2018 का अधिक्रमण करते हुए उसे दिनांक 17 अक्तूबर 2019 से विदेशी मुद्रा प्रबंध (गरी-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।

3 विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) नियमावली, 2022 के अनुसरण में दिनांक 01 सितंबर 2022 तक अद्यतन।

4 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण और अंतरण) विनियमावली, 2015 का अधिक्रमण करते हुए उसे विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) नियमावली, 2022 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया, तथा “भारत के बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण अथवा हस्तांतरण” के लिए दिनांक 22 अगस्त 2022 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.12 के द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) निदेश, 2022 के जरिये दिनांक 22 अगस्त 2022 से अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण को तदनुसार शासित किया जाएगा।

5 अधिसूचना सं.फेना 21(आर) को फेम (एनडीआई) नियमावली, 2019 द्वारा अधिक्रमित किया गया है।

6 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था : “अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भारत का नागरिक है जो भारत के बाहर निवासी है”

7 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था : "भारतीय मूल का व्यक्ति' का अर्थ है कोई ऐसा व्यक्ति (जो पाकिस्तान या बांग्लादेश या श्रीलंका या अफगानिस्तान या चीन या ईरान या नेपाल या भूटान का नागरिक न हों) जिसके पास किसी भी समय भारतीय पासपोर्ट रहा हो, या जो स्वयं अथवा जिसके पिता या माता या दादा या दादी भारत के संविधान अथवा नागरिकता अधिनियम, 1955 (1955 का 57) के आधार पर कभी भारत के नागरिक रहे हों।"

8 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था : "अचल संपत्ति की खरीद”

9 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था : “कोई एनआरआई खरीद के माध्यम से भारत में अचल संपत्ति (कृषि भूमि/ बागवानी संपत्ति/ फार्म-हाउस को छोड़कर) अधिग्रहित कर सकता है।

10 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है।

11 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है।

12 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है।

13 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था : “कोई एनआरआई भारत में निवासी किसी व्यक्ति को भारत में कोई भी अचल संपत्ति हस्तांतरित कर सकता है।”

14 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था: “भारत से बाहर निवासी कोई एनआरआई अथवा पीआईओ भारत से बाहर निवासी किसी अन्य एनआरआई अथवा पीआईओ को अचल संपत्ति (कृषि भूमि/ बागवानी संपत्ति/ फार्म-हाउस को छोड़कर) हस्तांतरित कर सकता है।

15 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था: “अनिवासी भारतीय अचल संपत्ति (कृषि भूमि/ बागवानी संपत्ति/ फार्म-हाउस को छोड़कर) के अधिग्रहण के लिए भुगतान, भारत से बाहर के किसी स्थान से आवक विप्रेषण के रूप में सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिये भारत में प्राप्त निधियों से अथवा अपने अनिवासी विदेशी/ विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक)/ अनिवासी सामान्य खाते में डेबिट कर सकता है।“

16 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था: “अनिवासी भारतीय अचल संपत्ति (कृषि भूमि/ बागवानी संपत्ति/ फार्म-हाउस को छोड़कर) के अधिग्रहण के लिए भुगतान, भारत से बाहर के किसी स्थान से आवक विप्रेषण के रूप में सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिये भारत में प्राप्त निधियों से अथवा अपने अनिवासी विदेशी/ विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक)/ अनिवासी सामान्य खाते में डेबिट कर सकता है।“

17 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था: “4. भारतीय मूल का व्यक्ति द्वारा अधिग्रहण/ हस्तांतरण :

4.1 अचल संपत्ति का अधिग्रहण

भारत के बाहर निवासी पीआईओ भारत में निम्न प्रकार अचल संपत्ति (कृषि भूमि / बागबानी संपत्ति / फार्म हाउस को छोड़कर) अधिग्रहित कर सकता है:

4.2 उपहार के रूप में/ विरासत में अचल संपत्ति प्राप्त करना

भारत के बाहर निवासी पीआईओ अधिग्रहण कर सकता है:

(ए) भारत में निवासी किसी व्यक्ति अथवा किसी अनिवासी भारतीय अथवा भारत से बाहर निवासी पीआईओ से उपहार के रूप में भारत में अचल संपत्ति (कृषि भूमि / बागबानी संपत्ति / फार्म हाउस को छोड़कर) अधिग्रहित कर सकता है।

(बी) जिसने उक्त संपत्ति, संपत्ति के अर्जन के समय प्रचलित विदेशी मुद्रा कानून अथवा विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम के तहत बनाई गई विनियमावली के प्रावधानों के अनुसार खरीदी थी, के पास से अथवा भारत में निवासी किसी व्यक्ति से विरासत के रूप में भारत में अचल संपत्ति अर्जित कर सकता है।

4.3 अचल संपत्ति का हस्तांतरण

भारत के बाहर निवासी कोई पीआईओ निम्नलिखित का हस्तांतरण कर सकता है:

(ए) भारत में कोई अचल संपत्ति (कृषि भूमि / फार्म हाउस /बागबानी संपत्ति को छोड़कर) भारत में निवासी किसी व्यक्ति को बिक्री के रूप में हस्तांतरित कर सकता है।

(बी) वह भारत में कृषि भूमि / फार्म हाउस / बागबानी संपत्ति भारत में निवासी किसी व्यक्ति, जो भारत का नागरिक है, को उपहार अथवा बिक्री के रूप में अंतरित कर सकता है। वह भारत में अवसीय अथवा वाणिज्यिक संपत्ति भारत में निवासी किसी व्यक्ति को अथवा किसी अनिवासी भारतीय अथवा भारत से बाहर के निवासी भारतीय मूल के व्यक्ति को उपहार के रूप में हस्तांतरित कर सकता है।

4.3 भारत में अचल संपत्ति के अधिग्रहण के लिए भुगतान

(ए) कोई पीआईओ भारत में अचल संपत्ति (कृषि भूमि / फार्म हाउस/ बागबानी संपत्ति को छोड़कर) के अधिग्रहण के लिए भुगतान, सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिये आवक विप्रेषण द्वारा प्राप्त निधियों में से खरीद के रूप में अथवा अपने एनआरई/ एफ़सीएनआर(बी)/ एनआरओ खाते से डेबिट करते हुए कर सकता है।

(बी) ऐसे भुगतान उपर्युक्त में विशेष रूप से उल्लिखित को छोड़कर यात्री चेकों द्वारा अथवा विदेशी मुद्रा नोटों द्वारा या किसी अन्य तरीके से नहीं किए जा सकते हैं।

18 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने के पश्चात पैराग्राफ सं. 5 से 9 को क्रमशः 6 से 10 के रूप में क्रमांकित किया गया है।

19 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है।

20 विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का विप्रेषण) विनियमावली, 2000 के रूप में इसे जोड़ा गया था, जिसे विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का विप्रेषण) विनियमावली, 2016 द्वारा निरसित और प्रतिस्थापित किया गया। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था: “तथापि, यदि ऐसा व्यक्ति अनिवासी भारतीय अथवा भारत से बाहर का निवासी भारतीय मूल का व्यक्ति है तो वह विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का विप्रेषण) विनियमावली, 2000 के तहत उपलब्ध सुविधाओं के अंतर्गत विप्रेषण कर सकता है।“

21 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था:“भारत के बाहर निवासी एनआईआर/पीआईओ”

22 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे हटाया गया है। हटाये जाने से पूर्व इस खंड को निम्न प्रकार पढ़ा जाता था: “अथवा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2000 के प्रावधान’

23 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था: “ प्रत्यावर्तित की जाने वाली राशि सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिए प्राप्त विदेशी मुद्रा में अचल संपत्ति के अधिग्रहण के लिए अदा की गयी राशि अथवा एनआरई / एफ़सीएनआर (बी) खाते में धारित निधियों से अधिक नहीं होनी चाहिए।”

24 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था:“भारत के बाहर निवासी एनआईआर/पीआईओ”

25 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है।

26 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने से पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था:“ ऐसा कोई व्यक्ति जो पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, चीन, ईरान, नेपाल, भूटान, मकाऊ, अथवा हांगकांग का नागरिक है, रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना भारत में, पाँच वर्षों से कम अवधि के लिए अचल संपत्ति पट्टे पर लेने के सिवाय कोई अन्य अचल संपत्ति अर्जित अथवा अंतरित नहीं कर सकता है।”

27 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है।

28 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है।

29 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने के पश्चात मौजूदा पैराग्राफ सं. 9.2 और 9.3 को 10.4 और 10.5 के रूप में पुनः क्रमांकित किया गया है।

30 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है।

31 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने के पश्चात पैराग्राफ सं. 5 से 9 को क्रमशः 6 से 10 के रूप में क्रमांकित किया गया है।

32 फेमा 21(आर) दि: 26.03.2018 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियमावली, 2018 के द्वारा दिनांक 26 मार्च 2018 को इसे जोड़ा गया है। नया खंड जोड़े जाने के पूर्व इसे निम्न प्रकार पढ़ा जाता था: “करों का भुगतान – इन विनियमों के अंतर्गत अचल संपत्ति के अर्जन वाला लेनदेन भारत में लागू कर कानूनों के तहत आएगा।“

33 फेम (एनडीआई) नियमावली, 2019 द्वारा फेमा-21(आर) को अधिक्रमित किया गया है।

34 विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) नियमावली, 2019 द्वारा फेमा 7(आर) को अधिक्रमित किया गया है।

35 फेमा 21 को फेमा 21(आर) द्वारा अधिक्रमित एवं निरसित कर दिया गया है। उक्त अधिसूचना सरकारी राजपत्र में दिनांक 26 मार्च 2018 को जीएसआर संख्या 280(ई) के तहत प्रकाशित हुई थी।


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