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मास्टर निदेशों

मास्टर निदेश – भारत में विदेशी निवेश (08 अगस्त 2024 तक अद्यतन)

भा.रि.बैंक/विमुवि/2017-18/60
विमुवि मास्टर निदेश सं. 11/2017-18

04 जनवरी 2018
(08 अगस्त  2024 तक अद्यतन)
(17 मार्च 2022 तक अद्यतन)
(08 मार्च 2019 तक अद्यतन)
(19 दिसंबर 2018  तक अद्यतन)
(06 अप्रैल 2018 तक अद्यतन)
(12 जनवरी 2018 तक अद्यतन)

सेवा में,

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक और प्राधिकृत बैंक  

महोदया/महोदय,

मास्टर निदेश – भारत में विदेशी निवेश

भारत में विदेशी निवेश को विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा) की धारा 6 की उप-धारा 2(ए) और धारा-47 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 (एनडीआई नियमावली) जो दिनांक 17 अक्तूबर 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचना सं. एस.ओ. 3732 (ई) के माध्यम से प्रकाशित की गई थी, के तहत विनियमित किया जाता है। विनियामक ढांचे में हुए परिवर्तनों को शामिल करने के लिए इन नियमों में समय-समय पर संशोधन किए गए हैं एवं इन्हें गज़ट अधिसूचनाओं के माध्यम से प्रकाशित किया गया है।

2. एनडीआई नियमावली का नियम 2(ए) भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) को इन नियमों के कार्यान्वयन का अधिकार देता है, और इन नियमों के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने के लिए रिज़र्व बैंक आवश्यकतानुसार कतिपय निदेश, परिपत्र, अनुदेश, स्पष्टीकरण जारी कर सकता है या इनका निर्वचन कर सकता है।

3. इसीलिए, भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 की धारा-11 के तहत प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश जारी करता है। यह मास्टर निदेश उक्त नियमावली के कार्यान्वयन के उद्देश्य से उन तौर-तरीकों को भी बताता है, जो यह निर्धारित करते हैं कि प्राधिकृत व्यक्ति अपने ग्राहकों/ घटकों के साथ किस प्रकार विदेशी मुद्रा संबंधी कारोबार करेंगे।

4. इस मास्टर निदेश में "भारत में विदेशी निवेश" के संबंध में जारी अनुदेशों एवं फेमा के तहत इससे संबंधित प्रावधानों को एक जगह समेकित किया गया है। मास्टर निदेश में अंतर्निहित परिपत्रों/ अधिसूचनाओं, जिनके आधार पर इसे बनाया गया है, की सूची इसके अंत में अनुबंध-11 में दी गई है।

5. भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा भारत में निवेश हेतु भुगतान के तौर-तरीके और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं से संबंधित अनुदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान का तरीका और गैर-ऋण लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमावली, 2019 (फेमा 395) में अंतर्निहित हैं। रिपोर्टिंग में होने वाले किसी भी प्रकार के विलंब के मामले में ऐसी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति / संस्था ही विलंब प्रस्तुतीकरण शुल्क भरने के लिए जिम्मेदार होगा/होगी ।

6. कृपया ध्यान दिया जाए कि एनडीआई नियमावली को परिभाषित करने अथवा प्राधिकृत व्यक्ति अपने ग्राहकों/घटकों के साथ किस तरीके से संबंधित लेनदेन करेंगे, यह स्पष्ट करने हेतु जब भी आवश्यक हो, रिज़र्व बैंक ए.पी. (डीआईआर सीरिज) परिपत्रों के माध्यम से प्राधिकृत व्यक्तियों को निदेश जारी करेगा अथवा इस मास्टर निदेश को संशोधित करेगा। यह मास्टर निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के साथ पठित एनडीआई नियमावली के नियम-2(ए)(2) के अंतर्गत जारी किया गया है और यह किसी अन्य विधि/कानून के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता है।

भवदीय

(डॉ. आदित्य गेहा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


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