অধ্যায় / अध्याय 2
বিশেষ্য আৰু সর্বনাম আৰু ইয়াৰ ওপৰত লিঙ্গ, বচন আৰু কাৰকৰ প্রভাব
संज्ञा एवं सर्वनाम तथा उन पर लिंग, वचन और कारक का प्रभाव
2.1 বিশেষ্য / संज्ञा
কোনো ব্যক্তি, স্থান, বস্তু অথবা ভাবৰ নামক বিশেষ্য বুলি কোৱা হয় । হিন্দীত বিশেষ্য তিন প্রকৰৰ - ১. ব্যক্তিবাচক বিশেষ্য, ২. জাতিবাচক বিশেষ্য আৰু ৩. ভাববাচক বিশেষ্য
किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। हिंदी में संज्ञा के तीन मुख्य भेद हैं: 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा, 2. जातिवाचक संज्ञा और 3. भाववाचक संज्ञा
বিশেষ্যৰ ৰূপ পৰিবর্তন / संज्ञाओं का रूप परिवर्तन
বিশেষ্য সব্যয় শব্দ । বিশেষ্য শব্দৰ ৰূপ তিনটা কাৰণত পৰিবর্তিত হয় - ১.লিঙ্গ দ্বাৰা ২. বচন দ্বাৰা ৩. কাৰক দ্বাৰা ।
संज्ञा विकारी शब्द हैं। संज्ञा शब्द के रूप तीन कारणों से बदलते हैं : 1. लिंग से, 2. वचन से और 3. कारक से।
2.2 সর্বনাম / सर्वनाम
সর্বনাম এনে শব্দ যি বিশেষ্যৰ পৰিবর্তে ব্যবহৃত হয় ।
सर्वनाम वे शब्द हैं जो संज्ञाओं के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं।
উদাহৰন / उदाहरण: मोहन आज अस्वस्थ है। उसको डॉक्टर के पास ले जाओ।
এই বাক্যত মোহনেৰ পৰিবর্তে ‘उसको’ ব্যবহাৰ কৰা হৈছে । গতিকে এইটো সর্বনাম । একাধিকবাৰ বিশেষ্য ব্যাবহাৰ কৰাৰ পৰিবর্তে সর্বনাম ব্যাবহাৰ কৰা হয় ।
इस वाक्य में मोहन के स्थान पर ‘उसको’ का प्रयोग किया गया है। अत: यह सर्वनाम है। सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के बार-बार प्रयोग को दूर करने के लिए किया जाता है।
खुद, स्वयं, स्वत: ও নিজবাচক সর্বনাম ৰূপে ব্যবহৃত হয় / खुद, स्वयं, स्वत: भी निजवाचक सर्वनाम के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
যেনে / जैसे - मैं खुद यह काम कर सकता हूं; आप स्वयं वहां जाइए।
সর্বনাম শব্দৰ ৰূপ-ৰচনা / सर्वनाम शब्दों की रूप-रचना
বিশেষ্যৰ তুলনাত কিছু সর্বনাম পদত কাৰকৰ বাবে বেছি ৰূপান্তৰ দেখা যায় । কিছুমান বহুপ্রচলিত সর্বনামৰ ৰূপ-ৰচনা এনে ধৰণৰ
संज्ञाओं की तुलना में कुछ सर्वनामों में कारकों के कारण अधिक रूपांतर देखा जाता है। कुछ बहु प्रचलित सर्वनामों की रूप-रचना इस प्रकार हैं :
मैं- मैं, मैंने, मुझे, मुझको, मुझसे, मेरे द्वारा, मेरे लिए, मेरा, मेरे, मेरी, मुझमें, मुझ पर
हम- हम, हमने, हमें, हमको, हमसे, हमारे द्वारा, हमारे लिए, हमारा, हमारे, हमारी, हममें, हम पर
तू- तू, तूने, तुझे, तुझको, तुझसे, तेरे द्वारा, तेरे लिए, तेरा, तेरे, तेरी, तुझमें, तुझ पर
तुम- तुम, तुमने, तुम्हें, तुमको, तुमसे, तुम्हारे द्वारा, तुम्हारे लिए, तुम्हारा, तुम्हारे, तुम्हारी, तुममें, तुम पर
वह- वह, उसने, उसे, उसको, उससे, उसके द्वारा, उसके लिए, उसका, उसके, उसकी, उसमें, उस पर
वे- वे, उन्होंने, उन्हें, उनको, उनसे, उनके द्वारा, उनके लिए, उनका, उनके, उनकी, उनमें, उन पर
यह- यह, इसने, इसे, इसको, इससे, इसके द्वारा, इसके लिए, इसका, इसके, इसकी, इसमें, इस पर
ये- ये, इन्होंने, इन्हें, इनको, इनसे, इनके द्वारा, इनके लिए, इनका, इनके, इनकी, इनमें, इन पर
कोई- कोई, किसीने, किन्हींने, किसी को, किन्हीं को आदि।
कौन- कौन, किसने, किन्होंने, किसको, किसे, किन्हें, किनको आदि।
जो- जिसने, जिन्होंने, जिसको, जिसे, जिनको, जिन्हें आदि।
2.3 লিঙ্গ / लिंग
লিঙ্গ - হিন্দী ভাষাত লিঙ্গ দুই প্রকাৰৰ (১) পুংলিঙ্গ আৰু (২) স্ত্রীলিঙ্গ ।
लिंग - हिंदी भाषा में दो ही लिंग माने जाते हैं – (i) पुल्लिंग और (ii) स्त्रीलिंग।
সাধাৰণ ভাবে লিঙ্গ নির্ণয়ৰ বাবে কিছু সংকেত দিয়া হ’ল, ইয়াৰ কিছু ব্যাতিক্রম আছে যদিও অধিকাংশ ক্ষেত্রতেই এইটো প্রয়োজ্য :
आम तौर पर लिंग की पहचान के लिए कुछ संकेत दिए जा रहे हैं, इनके कई अपवाद हैं, फिर भी अधिकांश स्थानों पर ये सहायक हो सकते हैं :
2.3.1 পুংলিঙ্গ / पुल्लिंग
- ‘आ’ ৰ দ্বাৰা শেষ হোৱা শব্দ / आ’ से अंत होने वाले शब्द :
উদাহৰণ / उदा- कपड़ा, पैसा, पहिया, आटा आदि।
ব্যতিক্রম / अपवाद- हवा, दवा, सजा, खटिया आदि। - ‘ना’, ‘आव’, ‘पन’, ‘पा’ ৰ দ্বাৰা শেষ হোৱা ভাব বাচক বিশেষ্য / ना’, ‘आव’, ‘पन’, ‘पा’ से अंत होने वाली भाववाचक संज्ञाएं :
যেনে / जैसे - गाना, बहाव, लड़कपन, बचपन, बुढ़ापा आदि। - ‘आन’ দ্বাৰা শেষ হোৱা ক্রিয়াসূচক শব্দ / आन’ (আন) से अंत होने वाली क्रियार्थक संज्ञाएं :
যেনে / जैसे - लगान, खान-पान, मिलान आदि।’ - त्व’, ‘त्य’, ‘व्य’, ‘र्य’ শেষ হোৱা বিশেষ্য / त्व’, ‘त्य’, ‘व्य’, ‘र्य’ से अंत होने वाली संज्ञाएं : যেনে / जैसे – व्यक्तित्व, कृत्य, कर्तव्य, चातुर्य आदि।
- ‘अ’ দিয়ে সমাপ্ত হওয়া বিশেষ্য : / ‘अ’ से अंत होने वाली संज्ञाएं :
যেনে / जैसेः घर, मकान, खेत, पेड़ आदि।
ব্যতিক্রম / अपवाद : किताब, कलम, दीवार आदि। - দেশ, পর্বত, সাগৰৰ নাম / देशों, पर्वतों, सागरों के नाम :
যেনে / जैसेः भारत, चीन, जापान, अमेरिका, इटली, हिमालय, विंध्याचल, आल्प्स, हिंद महासागर, अरब सागर आदि। - সমস্ত ধাতু আৰু গহনাৰ নাম / सभी धातुओं और गहनों के नाम :
যেনে / जैसेः सोना, हीरा, लोहा आदि।
ব্যতিক্রম / अपवाद : चाँदी। - দিন আৰু মাহৰ নাম / दिनों और महीनों के नाम :
দিন / दिन- रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार।
মাহ / महीने- चैत्र, वैशाख, जेठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन। - গছৰ নাম / पेड़ के नाम : आम, कटहल, ताड़, पीपल, बरगद, सागौन, शीशम आदि।
ব্যতিক্রম / अपवाद : इमली। - শস্যৰ নাম / अनाजों के नाम : धान, चावल, गेहूं, बाजरा, चना, तिल।
ব্যতিক্রম / अपवाद : ज्वार, दाल, अरहर, मटर।
2.3.2 স্ত্রীলিঙ্গ / स्त्रीलिंग
- ‘ई’ (ঈ)ৰ দ্বাৰা সমাপ্ত হোৱা বিশেষ্য / ‘ई’ से अंत होने वाली संज्ञाएं :
যেনে / जैसेः नदी, चिट्ठी, टोपी, रोटी, गाली, विनती।
ব্যতিক্রম / अपवाद : पानी, घी, दही, मोती। - ঊনবাচক বিশেষ্য / ऊनवाचक संज्ञाएं : खटिया, डिबिया, पुड़िया।
- ‘आ’ (আ)দ্বাৰা শেষ হোৱা সংস্কৃত বিশেষ্য / ‘आ’ से अंत होने वाली संस्कृत की संज्ञाएं :
যেনে / जैसेः दया, कृपया, क्षमा।
ব্যতিক্রম / अपवाद : पिता, कर्ता। - ‘इ’(ই)ৰ দ্বাৰা সমাপ্ত হোৱা বিশেষ্য / ‘इ’ से अंत होने वाली संज्ञाएं :
যেনে / जैसेः रुचि, विधि, गति।
ব্যতিক্রম / अपवाद : मुनि, ऋषि। - ता’, ‘वट’, ‘हट’, ‘ट’, ‘त’ ৰ দ্বাৰা সমাপ্ত হোৱা বিশেষ্য / ‘ता’, ‘वट’, ‘हट’, ‘ट’, ‘त’ से अंत होने वाली संज्ञाएं :
যেনে / जैसेः सुंदरता, रुकावट, घबराहट, बनावट, बगावत। - ‘त’ অথবা ‘ट’ ৰ দ্বাৰা সমাপ্ত হোৱা বিশেষ্য / ‘त’ या ‘ट’ से अंत होने वाली संज्ञाएं :
যেনে / जैसेः छत, खाट, हाट।
ব্যতিক্রম / अपवाद : पेट, खेत आदि। - নদীৰ নাম / नदियों के नाम :
যেনে / जैसेः गंगा, जमुना, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी।
ব্যতিক্রম / अपवाद : सिंधु, ब्रह्मपुत्र। - ভাষাৰ নাম / भाषाओं के नाम :
যেনে / जैसेः हिंदी, जापानी, अंग्रेज़ी, जर्मन आदि। - ‘ऊ’ (ঊ) ৰ দ্বাৰা সমাপ্ত হোৱা শব্দ / ‘ऊ’ से अंत होने वाले शब्द :
যেনে / जैसेः लू, बालू, झाड़ू
ব্যতিক্রম / अपवाद : आलू, आंसू, डाकू, भालू।
উপৰোক্ত সঙ্কেত কেবল উদাহৰণ স্বৰূপে দিয়া হল আৰু ইয়াৰ ব্যবহাৰৰ সুযোগ অত্যন্ত সীমিত । মনোযোগেৰে পঢ়ি আৰু অভিধান / জ্ঞান কোষৰ সহায়ত জ্ঞান বৃদ্ধি কৰিব পৰা যায় । তথাপিও বিশেষ্যৰ লিঙ্গ সম্পর্কে জ্ঞান বঢ়াবৰ বাবে কিছু প্ৰস্তাৱ তলত দিয়া হল ।
उपर्युक्त संकेत केवल उदाहरण स्वरूप के हैं और इनका दायरा अत्यंत सीमित है। ध्यानपूर्वक पठन और शब्द कोश के सहारे जानकारी को बढ़ाया जा सकता है। तथापि, संज्ञा के लिंग की जानकारी के लिए कुछ सुझाव नीचे दिए गए हैं :
- ক্রিয়াৰ দ্বাৰা / क्रिया से : सरकार आदेश जारी करती है; बैंक अधिसूचना जारी करता है।
- বিশেষ্যৰ বিশেষণৰ দ্বাৰা / संज्ञा के विशेषण से : अच्छा लड़का; अच्छी लड़की; मोटी फाइल; मोटा रजिस्टर।
- বিশেষ্যৰ সৈতে সংলগ্ন হৈ থকা বিভক্তিৰ দ্বাৰা / संज्ञा के साथ जुड़ी विभक्ति से : व्यय की राशि; गत वर्ष का पुरस्कार।
- বচনৰ দ্বাৰা / वचन से : लड़का – लड़के।
নোটঃ মনত ৰাখিব ‘आ’(আ)ৰ দ্বাৰা শেষ হোৱা পুংলিঙ্গ শব্দক বহুবচনলৈ ৰূপান্তৰিত কৰাৰ সময়ত ‘आ’(আ)ৰ সলনি এ ব্যৱহাৰ কৰা হয় । অন্যান্য পুংলিঙ্গ পুংলিঙ্গ শব্দত এনে ধৰণৰ কোনো পিৰবৰ্ত্তন নহয় ।
नोट : ध्यान रखें कि ‘आ’ से अंत होने वाले पुल्लिंग शब्दों का वचन बदलने के लिए ‘आ’ को ‘ए’ में बदल दिया जाता है। अन्य पुल्लिंग शब्दों में ऐसा कोई परिवर्तन नहीं किया जाता है।
যেনে / जैसे- एक लड़का – चार लड़के, एक बकरा – दो बकरे लेकिन एक घर – चार घर। एक पत्र – पांच पत्र।
2.4 বচন / वचन
শব্দৰ যি ৰূপৰ দ্বাৰা এক বা একাধিক সংখ্যা বুজোৱা হয় তাকে বচন বোলে । হিন্দী ভাষাত বচন দুই প্রকাৰৰ : একবচন আৰু বহুবচন ।
शब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध हो उसे वचन कहते हैं। हिंदी भाषा में दो वचन हैं : एकवचन और बहुवचन।
একবচন : শব্দৰ যি ৰূপৰ দ্বাৰা এজন ব্যক্তি বা এটা বস্তুক বুজোৱা হয় তাকে এক বচন বুলি কোৱা হয় ।
एकवचन : शब्द के जिस रूप से एक व्यक्ति या वस्तु का बोध हो उसे एकवचन कहते हैं।
যেনে / जैसे- घोड़ा, कन्या, नदी।
বহুচন : শব্দৰ যি ৰূপৰ দ্বাৰা একাধিক ব্যক্তি বা বস্তুক বুজোৱা হয় তাকে বহুবচন বোলে ।
बहुवचन : शब्द के जिस रूप से एक से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं का बोध हो उसे बहुवचन कहते हैं।
যেনে / जैसे- घोड़े, कन्याएं, नदियां।
2.5 কাৰক / कारक
বিশেষ্য বা সর্বনামৰ যি ৰূপৰ দ্বাৰা ক্ৰিয়াৰ সৈতে তাৰ সম্পৰ্ক জনা যায় তাকে কাৰক বোলে । যি চিনে কাৰকৰ সম্পর্ক ষ্পষ্ট কৰে তাক কাৰক চিন , বিভক্তি বা পৰাসৰ্গ বোলা হয় । কাৰক আঠ প্ৰকাৰৰ
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध क्रिया के साथ जाना जाता है, उसको कारक कहते हैं। कारकीय संबंध को प्रकट करने वाले चिह्नों को कारक-चिह्न, विभक्ति या परसर्ग कहते हैं। कारक के आठ भेद होते हैं :
ক্র.সং. क्र.सं. | কাৰকৰ নাম कारक का नाम | বিভক্তি বা পৰসর্গ विभक्ति या परसर्ग |
1 | কৰ্ত্তা / कर्ता | ‘ने’ या ‘o’ (कुछ भी नहीं)।@ ‘ने’ নাইবা ‘o’ (একো নাই)।@ |
2 | কর্ম / कर्म | ‘को’ या ‘o’ (कुछ भी नहीं)।# ‘को’ নাইবা ‘o’ (একো নাই)।# |
3 | কৰণ / करण | से, के द्वारा, के साथ (সাধন স্পষ্ট কৰাৰ বাবে / साधन प्रकट करने के लिए ) |
4 | সম্প্রদান / संप्रदान | को, के लिए, हेतु |
5 | অপাদান / अपादान | से (পৃথক কৰাৰ বাবে / अलगाव दर्शाने के लिए) |
6 | সম্বন্ধ / संबंध | का, के, की (रा, रे, री, ना, ने, नी) |
7 | অধিকৰণ / अधिकरण | में, पर |
8 | সম্বোধন / संबोधन | हे, रे, अरे, ओ... |
2.6 ‘নে’ ৰ ব্যবহাৰ / ‘ने’ का प्रयोग
নোটঃ অসমীয়াত নে ৰ ব্যৱহাৰ নহয়, কিন্তু হিন্দীত ‘নে’ৰ ব্যৱহাৰ কৰা হয় ।
কেৱল মাত্ৰ সমৰ্থক ধাতুৰ দ্বাৰা গঠিত অতীতকালৰ কৃদন্তৰ দ্বাৰা গঠিত ক্ৰিয়াৰ সৈতে ব্যৱহাৰ কৰা হয়।
कर्ता कारक में ‘ने’ का प्रयोग सामान्यत: केवल सकर्मक धातुओं से बने भूतकालिक कृदंत (देखिए क्रिया का अध्याय) से बनी क्रियाओं के साथ होता है ।
যেনে / जैसे : राम ने रोटी खाई, मोहन ने पत्र लिखा है, सीता ने आम खरीदे थे।
এই বাক্য সমূহৰ ‘खाई’, ‘लिखा’, ‘खरीदे’ সকর্মক ধাতু সমূহ ‘खाना’, ‘लिखना’, ‘खरीदना’ ৰ অতীত কালেৰ কৃদন্ত ৰূপ, সেই বাবেই এই শব্দ সমূহৰ কৰ্ত্তাৰ সৈতে ‘নে’ ব্যবহাৰ হৈছে । অকর্মক ধাতুৰ দ্বাৰা গঠিত ক্রিয়াৰূপৰ সৈতে নে ব্যবহাৰ নহয় ।
इन वाक्यों में खाई, लिखा, खरीदे सकर्मक धातु खाना, लिखना, खरीदना के भूतकालिक कृदंत हैं, अत: इनके कर्ता के साथ ‘ने’ लगा है। अकर्मक धातुओं से बने क्रिया-रूपों के साथ ‘ने’ का प्रयोग नहीं होता ।
যেনে / जैसे : राम गया, मोहन बहुत चिल्लाया, सीता खूब सोई।
কিছু ব্যতিক্রম / कुछ अपवाद हैं :
(क) बोलना, भूलना, लाना সকর্মক ক্রিয়া কিন্তু এই শব্দবোৰৰ দ্বাৰা গঠিত অতীত কালৰ ৰূপৰ সৈতে ‘নে’ ব্যবহৃৰ নহয় ।
बोलना, भूलना, लाना सकर्मक क्रियाएँ है किन्तु इनसे बने भूतकालिक रूपों के साथ ‘ने’ का प्रयोग नहीं होता।
(अ) किसान बोला
(आ) तुम भूल गए हो।
(इ) मोहन मिठाई लाया
(ख) नहाना, छींकना, खाँसना অকর্মক ক্রিয়া কিন্ত এই শব্দ সমূহৰ দ্বাৰা গঠিত অতীত কালৰ কৃদন্তৰ সৈতে ‘নে’ ব্যবহৃত হয় ।
नहाना, छींकना, खॉंसना, अकर्मक क्रियाएँ हैं किन्तु इनसे बने भूतकालिक कृदन्तों के साथ ‘ने’ का प्रयोग होता है।
(अ) राम ने नहाया (कुछ लोग ‘राम नहाया’ भी बोलते हैं।)
(आ) मोहन ने छींका।
(इ) सीता ने खाँसा ।
(ग) लगना, सकना, जाना, चुकना, पाना, रहना, उठना, बैठना, पड़ना প্রভৃতি সহায়ক ক্রিয়াপদ যুক্ত হ’লে সকর্মক ধাতুৰ সৈতে ‘নে’ ব্যবহাৰ নহয় ।
लगना, सकना, जाना, चुकना, पाना, रहना, उठना, बैठना, पड़ना, सहायक क्रियाएँ लगने पर सकर्मक धातुओं के साथ भी ‘ने’ का प्रयोग नहीं होता।
सीता रोटी खाने लगी।
राजीव सारा खाना खा गया।
मोहन पत्र नहीं लिख सका।
हीरा अपना करम कर चुका।
(घ) কোনো কোনো লোকে बकना, जानना আদি শব্দৰ সৈতে ‘নে’ ব্যবহাৰ কৰে কিন্তু কিছুমানে নকৰে ।
कुछ लोग तो बकना, जानना आदि के साथ ‘ने’ का प्रयोग करते हैं, किन्तु कुछ लोग नहीं करते।
2.7 বিশেষ্য শব্দৰ বচন পৰিবৰ্ত্তনৰ নিয়ম (কাৰকৰ চিনৰ প্ৰতি ধ্যান ৰাখিব লাগিব / संज्ञा शब्दों का वचन बदलने के नियम (कारक चिन्हों को ध्यान में रखते हुए)
বাক্যৰ মধ্য প্ৰয়োগ কৰাৰ সময়ত কেতিয়াবা কেতিয়াবা বিশেষ্য শব্দৰ সৈতে ने, को, से, के लिए প্রভৃতি কাৰক চিহ্ন ব্যবহৃত হয় আকৌ কেতিয়াবা কেতিয়াবা নহয় । সেইবাবে বিশেষ্যৰ বহুবচন দুই ধৰণে গঠিত হয়ঃ
वाक्य में प्रयोग करते समय संज्ञा शब्दों के साथ कई बार ने, को, से, के लिए आदि कारक चिह्न लगते हैं और कई बार नहीं लगते। इस कारण शब्दों के बहुवचन भी दो प्रकार से बनते हैं :
(क) যেতিয়া শব্দৰ সৈতে কাৰক চিহ্ন ব্যবহৃত নহয় / जब शब्दों के साथ कारक चिह्न नहीं लगते।
(ख) যেতিয়া শব্দেৰ সৈতে কাৰক চিহ্ন ব্যবহৃত হয় / जब शब्दों के साथ कारक चिह्न लगते हैं।
আকাৰান্ত পুংলিঙ্গ / आकारांत पुल्लिंग – (যেনে / जैसे घोड़ा)
लड़का, बच्चा, गदहा (गधा), रुपया, कुत्ता, चूहा, बेटा, चीता, कीड़ा, साला, पर्दा, दरवाज़ा, बग़ीचा প্রভৃতি পুংলিঙ্গ শব্দৰ বহুবচন আকাৰন্ত হয় আৰু কিছু ব্যতিক্রমো আছে ।
इस पुल्लिंग वर्ग में लड़का, बच्चा, गदहा (गधा), रुपया, कुत्ता, चूहा, बेटा, चीता, कीड़ा, साला, पर्दा, दरवाज़ा, बग़ीचा आदि अधिसंख्य आकारांत शब्द आते हैं। इसके कुछ अपवाद भी हैं –
(2) অন্যান্য পুংলিঙ্গ अन्य पुल्लिंग – (যেনে / जैसे व्यंजनांत मित्र, इकारांत कवि, ईकारांत साथी, उकारांत साधु तथा ऊकारांत डाकू প্রভৃতি / आदि) ।
(3) ইকাৰান্ত / इकारांत – (যেনে / जैसे जाति), ঈকাৰান্ত / ईकारांत (যেনে / जैसे लड़की), इयांत (যেনে / जैसे गुडि़या) স্ত্রীলিঙ্গ / स्त्रीलिंग।
(4) অন্যান্য স্ত্রীলিঙ্গ / अन्य स्त्रीलिंग – (যেনে जैसे ব্যাঞ্জন / व्यंजनांत पुस्तक, আকাৰন্ত / आकारांत माता, উকাৰন্ত / उकारांत ऋतु, ঊকাৰন্ত / ऊकारांत बहू तथा ঔকাৰান্ত / ओकारांत गौ আদি / आदि)
2.8 বিশেষণ / विशेषण
যি শব্দৰ দ্বাৰা বিশেষ্য বা সর্বনামৰ বৈশিষ্ট্য প্রকাশ কৰা হয় তাকে বিশেষণ বোলা হয় ।
जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट होती है, उसे विशेषण कहते हैं।
যেনে / जैसे- यह सुंदर फूल है; वह काला घोड़ा है; पांच लड़कियां पढ़ रही हैं; गिलास भर दूध लाओ; काले बादल घिर आए हैं; यह बाग सुंदर है।
নোট : বিশেষণে যি শব্দেৰ বৈশিষ্ট প্রকাশ কৰে তাক বিশেষ্য বোলা হয় ।
नोट : विशेषण जिस शब्द की विशेषता प्रकट करता है उसे विशेष्य कहा जाता है।
যেনে / जैसे- सुंदर फूल में सुंदर विशेषण और फूल विशेष्य ।
বিশেষণ পদত লিঙ্গ, বচন আৰু কাৰকৰ পার্থক্য খুব কম হয় । কেবল মাত্র কিছু আকাৰন্ত (‘আ’ ৰ দ্বাৰা শেষ হোৱা) বিশেষণ পদৰ এই ধৰণে পৰিবর্তন হয় । विशेषणों में लिंग, वचन और कारक संबंधी अंतर बहुत कम होता है। केवल कुछ ‘आकारांत’ (‘आ’ से अंत होने वाले) विशेषणों में ही इस प्रकार के परिवर्तन आते हैं।
যেনে / जैसे- अच्छा लड़का, अच्छे लड़के, अच्छी लड़की। अच्छे लड़के को, अच्छे लड़कों को, अच्छी लड़की को।
2.9 উপসর্গ আৰু প্রত্যয় / उपसर्ग एवं प्रत्यय
2.9.1 উপসর্গ / उपसर्ग
সেই বর্ণ বা বর্ন-সমূহকে উপসৰ্গ বুলি কোৱা হয়, যাক পৃথককৈ প্রয়োগ কৰা নহয়, শব্দৰ অৰ্থ বৈশিষ্ট্য অনাৰ বাবে শব্দৰ আগত বা শব্দৰ সৈতে যুক্ত কৰা হয় ।
‘उपसर्ग’ उस वर्ण या वर्ण-समूह को कहते हैं, जिसका स्वतंत्र प्रयोग न होता हो, और जो किसी शब्द के पूर्व, कुछ आर्थिक विशेषता लाने के लिए जोड़ा जाए।
ভাৰতীয় ভাষা পৰিয়ালত উপসৰ্গৰ ব্যবহাৰ প্রাচীন কালৰ পৰা হৈ আহিছে । প্রথমতে পৃথক / স্বতন্ত্র শব্দ আছিল যাৰ নিজস্ব অর্থ আছিল । পৰবর্তী কালত ইয়াৰ স্বতন্ত্রতা সম্পূৰ্ণ ৰূপে বিলীন হৈ কেবল মাত্র মূল শব্দৰ সৈতে ব্যৱহাৰ হ’বলৈ ধৰিলে। সংস্কৃত ভাষাত , परा, अप, सम, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर् আদি 22 টা উপসর্গ আছে ।
भारतीय परिवार में उपसर्गों का इतिहास काफी प्राचीन काल तक जाता है। पहले ये स्वतंत्र शब्द थे तथा इनका अपना अर्थ था। बाद में इनकी यह स्वतंत्रता पूर्णत: समाप्त हो गई और ये केवल मूल शब्द से संबद्ध होकर ही आने लगे। संस्कृत में प्र, परा, अप, सम, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर् आदि 22 उपसर्ग माने जाते हैं।
ঐতিহাসিক দৃষ্টিত উপসর্গ তিন প্রকাৰৰ / ऐतिहासिक दृष्टि से हिंदी उपसर्ग तीन प्रकार के हैं :
তৎসম / तत्सम (যেনে / जैसे - अभाव, अभिमान),
তদ্ভব / तद्भव (যেনে / जैसे - पैसे,उनचास),
বিদেশাগত / विदेशज (যেনে / जैसे - दरअसल, उपगवर्नर) ।
2.9.2 প্রত্যয় / प्रत्यय
প্রত্যয় ধ্বনি বা ধ্বনি-সমুহৰ এনে এটি ভাষা সম্বন্ধীয় একক যি কোনো শব্দ বা ধাতুৰ শেষত যুক্ত হৈ নতুন শব্দ বা ৰূপ তৈয়াৰ কৰে ।
प्रत्यय ध्वनि अथवा ध्वनि-समूह की वह भाषिक इकाई है जिसे किसी शब्द अथवा धातु के अंत में जोड़कर शब्द अथवा रूप की रचना की जाती है।
(क) তৎসম প্রত্যয় / तत्सम प्रत्यय – যি সংস্কৃতৰ সমান । ये संस्कृत के समान हैं, যেনে / जैसे वैज्ञानिक (इक), प्रिया (आ) आदि ।
(ख) তদ্ভব প্রত্যয় / तद्भव प्रत्यय – হিন্দীত বহু তদ্ভব প্রত্যয় আছে / तद्भव प्रत्यय हिंदी में काफ़ी है, যেনে / जैसे कठिनाई (आई), बनावट (आवट) आदि।
(ग) দেশজ প্রত্যয় / देशज प्रत्यय – দেশজ প্রত্যয়া বূৎপিত্ত জনা নাযায় ৷ देशज प्रत्यय अज्ञात व्युत्पत्तिक होते है। जैसे घुमक्कड़ (अक्कड़) ।
(घ) বিদেশী প্রত্যয় / विदेशी प्रत्यय – পাৰ্চী (আৰবী) আৰু ইংৰাজীৰ পৰা অহা প্ৰত্যক / फ़ारसी (अरबी) एवं अंग्रेजी से आए प्रत्यय, যেনে / जैसे - कार (सलाहकार), इज्म (कम्यूनिज्म) ।
2.10 ক্রিয়া আৰু ক্রিয়া বিশেষণ / क्रिया और क्रिया विशेषण
2.10.1 ক্রিয়া / क्रिया
যি শব্দৰ দ্বাৰা কোনো কাম কৰা বা কামৰ বোধ বুজোৱা হয় তাকে ক্রিয়া বোলে ।
जिस शब्द से किसी कार्य के करने का या होने का बोध हो उसे क्रिया कहते हैं।
উদাহৰণ / उदाहरण: राम चिट्ठी लिखता है; फाइलें अलमारी में रखी हैं; पेड़ की डाली टूट गई।
প্রথম বাক্যত ৰামে লিখাৰ (‘लिखने’) কাম কৰিছে আৰু দ্বিতীয় বাক্যত ৰখাৰ (‘रखी’) আৰু তৃতীয় বাক্যত ভঙাৰ (‘टूट’) ভাব বুজোৱা হৈছে । সেই বাবে এই তিনিটাই ক্রিয়া পদ ।
पहले वाक्य में राम ‘लिखने’ का कार्य कर रहा है और दूसरे दोनों में ‘रखने’ और ‘टूटने’ का कार्य हो रहा है। इसलिए ये तीनों पद क्रिया के उदाहरण हैं।
2.10.2 ধাতু / धातु
ক্রিয়াৰ মূলকেই ধাতু বোলা হয় ।
क्रिया के मूल अंश को धातु कहते हैं।
যেনে / जैसे- पढ़, लिख, उठ, खेल, सो, देख आदि। धातु के पीछे ‘ना’ जोड़ने से पढ़ना, लिखना, उठना, खेलना, सोना, देखना প্রভৃতি শব্দ সাধাৰণ ক্রিয়া পদলৈ ৰূপান্তৰিত হয় / आदि क्रिया के सामान्य रूप में बन जाते हैं।
প্রত্যেক ক্রিয়াৰ দুটা পক্ষ – কার্য আৰু ফল । কৰ্ত্তা - যিয়ে কামটো কৰিছে, কর্ম – যাৰ ওপৰত ক্ৰিয়াৰ প্ৰভাব বা ফল পৰে ৷
प्रत्येक क्रिया में दो बातें होती हैं – व्यापार (कार्य) और फल। कर्ता- क्रिया के व्यापार को करने वाला; कर्म- जिस पर क्रिया का फल पड़ता है।
‘धोबी कपड़े धोता है’ – এই বাক্যত ‘धोता है’ ক্রিয়া পদ । ধোবাৰ কাম কপোৰ ধোৱা তাৰ ফল দেখা যায় কাপোৰাৰ ওপৰত । এই বাক্যত ধোবা কৰ্ত্তা আৰু কাপোৰ কর্ম । ‘कपड़े’ শব্দটো নাথাকিলে ‘धोना’ ক্রিয়াপদ হ’ব নোৱাৰে ।
‘धोबी कपड़े धोता है’ – इस वाक्य में ‘धोता है’ क्रिया है, धोने का व्यापार (कार्य) धोबी करता है और उसका फल ‘कपड़े’ पर पड़ता है। इस वाक्य में ‘धोबी’ कर्ता है और ‘कपड़े’ कर्म। ‘कपड़े’ के बिना ‘धोना’ क्रिया नहीं हो सकती।
2.10.3 ক্রিয়াৰ প্রকাৰ ভেদ / क्रिया के भेद
ক্রিয়া দুই প্রকাৰৰ (i) সকর্মক আৰু (ii) অকর্মক ।
क्रिया के दो भेद होते हैं : (i) सकर्मक और (ii) अकर्मक।
(i) সকর্মক ক্রিয়াঃ সকর্মক ক্রিয়াৰ সৈতে সদায় কৰ্ম থাকে বা কাম হোৱাৰ সম্ভাবনা থাকে । অর্থাৎ যি ক্রিয়াৰ ফল কর্মেৰ ওপৰত পৰে তাকে সকর্মক ক্রিয়া বোলে ।
सकर्मक क्रिया : सकर्मक क्रियाओं के साथ कर्म होता है या उसके होने की संभावना रहती है। अर्थात जिन क्रियाओं का फल कर्म पर पड़ता है, उन्हें ‘सकर्मक’ क्रियाएं कहते हैं।
উদাহৰণ / उदाहरण: विभाग ने पुस्तक खरीदी; नरेश पत्र लिखेगा; सरकार नियम बनाएगी।
এই বাক্য সমূহৰ पुस्तक, पत्र আৰু नियम কর্ম । खरीदने, लिखने আৰু बनाने’ৰ কাম অন্য কোনোবাই কৰিছে কিন্ত তাৰ ফল এইবোৰৰ ওপৰত পৰিছে । গতিকে এই ক্রিয়া তিনিটা সকর্মক ক্রিয়া ।
इन वाक्यों में पुस्तक, पत्र और नियम कर्म हैं। खरीदने, लिखने और बनाने का कार्य तो कोई और कर रहा है पर फल इन पर पड़ रहा है। अत: ये तीनों क्रियाएं सकर्मक हैं।
(ii) অকর্মক ক্রিয়া / अकर्मक क्रिया
অকর্মক ক্ৰিয়াৰ সৈতে কৰ্ম নাথাকে । যি ক্রিয়াৰ কার্য্য আৰু ফল দুয়োটাই কৰ্ত্তাৰ সৈতে যুক্ত তাকে অকর্মক ক্রিয়া বোলে । কিয়নো তাত কোনো কৰ্ম নাথাকে ।
अकर्मक क्रियाओं के साथ कर्म नहीं रहता। अर्थात जिन क्रियाओं के व्यापार और फल दोनों कर्ता में ही पाए जाएं उन्हें ‘अकर्मक’ क्रिया कहते हैं। क्योंकि उनमें कर्म नहीं होता है।
উদাহৰণ / उदाहरण : राजेश सोया है; दीपा हँसती है; बच्चे खेलते हैं; पक्षी उड़ता है।
এই বাক্য সমূহৰ सोया है, हँसती है, खेलते हैं और उड़ता है- অকর্মক ক্রিয়া ।
इन वाक्यों में सोया है, हँसती है, खेलते हैं और उड़ता है – अकर्मक क्रियाएं हैं।
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2.10.4 ক্রিয়াৰ কাল / क्रिया का काल
ক্রিয়া / কার্য সম্পাদনৰ সময়কেই ক্রিায়ৰ কাল বোলা হয় । ক্রিয়াৰ কাল মূলতঃ তিন প্রকাৰৰ
क्रिया का वह रूप जिससे उसके होने या करने का समय जाना जाए, काल कहते हैं। इसके तीन भेद हैं:
(क) অতীত কালঃ অতীতত কোনো কাম সম্পন্ন হৈছে এনে ভাব প্ৰকাশ কৰিলে তাৰ কালক অতীত কাল বোলা হয় ।
भूत काल : भूत काल क्रिया का वह रूप है जिससे बीते समय में क्रिया का होना या करना पाया जाए।
যেনে / जैसे- मोहन ने टिप्पणी लिखी।
(ख) বৰ্ত্তমান কালঃ বৰ্ত্তমান সময়ত কোনো কাম কৰা হৈছে; এনে ভাব প্ৰকাশ কৰিলে তাৰ কালক বৰ্ত্তমান কাল বুলি কোৱা হয় ।
वर्तमान काल : वर्तमान काल क्रिया का वह रूप है जिससे वर्तमान (चालू) समय में क्रिया का होना या करना पाया जाए।
যেনে / जैसे- प्रभा गाना गाती है।
(ग) ভবিষত কালঃ ভবিষ্যতত কোনো কাম সম্পন্ন হ’ব – এনে ভাব প্ৰকাশ কৰিলে তাৰ কালক ভবিষ্যত কাল বুলি কোৱা হয় ।
भविष्यत् काल : भविष्यत् काल क्रिया का वह रूप है जिससे भविष्यत् (आने वाले) समय में क्रिया का होना या करना पाया जाए।
যেনে / जैसे- वह कल दिल्ली जाएगा।
2.10.5 ক্রিয়াৰ বাচ্য / क्रिया का वाच्य
বাচ্য ক্রিয়াৰ এনে এটি ৰূপ যাৰ দ্বাৰা বুজা যায় যে ক্ৰিয়াই যি কামটো সম্পন্ন কৰিছে তাৰ প্ৰধান বিষয় কৰ্ত্তা, কৰ্ম নে ভাব। বাচ্য তিনি প্রকাৰৰ:
वाच्य क्रिया का वह रूप है जिससे यह माना जाए कि क्रिया द्वारा किए हए कार्य का प्रधान विषय कर्ता है, कर्म है या भाव है। वाच्य के तीन भेद हैं :
- কৰ্ত্তৃবাচ্য : বাক্যত কৰ্ত্তাৰ প্ৰাধান্য ৰক্ষিত হলে তাক কৰ্ত্তৃবাচ্য বোলে । ইয়াত ক্ৰিয়াৰ লিঙ্গ, বচন আৰু পুৰুষ কৰ্ত্তা অনুসাৰে হয় । ইয়াক কৰ্ত্তা প্ৰধান ক্ৰিয়া বুলিও কোৱা হয়। যেনে -
कर्तृवाच्य : इसमें क्रिया का लिंग, वचन और पुरुष ‘कर्ता’ के अनुसार होता है। इसको कर्तृप्रधान क्रिया भी कहते हैं।
যেনে / जैसे- सहायक मसौदा लिखता है। लता कथा सुनाती है। कर्मचारी काम करते हैं। - কর্মবাচ্য : কর্মপদ প্রধান ৰূপে প্রকাশিত হলে তাকে কর্মবাচ্য বোলে । ইয়াত ক্রিয়াৰ লিঙ্গ, বচন আৰু পুরুষ কর্ম অনুসাৰে হয় । ইয়াক কর্ম প্রধান ক্রিয়াও বোলা হয় ।
कर्मवाच्य : इसमें क्रिया का लिंग, वचन और पुरुष ‘कर्म’ के अनुसार होता है। इसको कर्मप्रधान क्रिया भी कहते हैं।
যেনে / जैसे- सहायक द्वारा मसौदा लिखा गया। सरकार द्वारा नियम बनाए जाते हैं।
হিন্দী ভাষাত বেছি ভাগ কৰ্ত্তৃবাচ্য ব্যবহাৰ হয় ।
हिंदी में अधिकतर कर्तृवाच्य का ही प्रयोग होता है। - ভাববাচ্য : এনে ধৰণৰ বাক্যত কৰ্ম নাথাকে আৰু এনে বাক্যত কৰ্ত্তায়ো প্ৰাধান্য নাপায় । বাক্যত ক্ৰিয়াৰ অৰ্থই কৰ্ত্তাৰ সৈতে ‘से’ বা ‘के द्वारा’ যুক্ত কৰিলে কৰ্ত্তবাচ্যৰ পৰা ভাববাচ্য ৰূপান্তৰিত হয় ।
भाववाच्य : प्रधानता हो और न कर्म की, बल्कि जहां क्रिया का भाव ही मुख्य हो, उसे भाववाच्य कहते हैं। इसमें कर्ता के आगे ‘से’ या ‘के द्वारा’ लगा दें तो कर्तृवाच्य से भाववाच्य रूप बनाया जा सकता है।
উদাহৰণ / उदाहरण : - मुझसे बोला भी नहीं जाता।
- हमसे बैठा नहीं जाता।
- राधा से रात भर कैसे जगा जाएगा?
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2.10.6 ক্রিয়া বিশেষণ / क्रियाविशेषण
যি শব্দই ক্ৰিয়াৰ কিবা বিশেষত্ব প্ৰকাশ কেৰ তাকে ক্ৰিয়া বিশেষণ বোলা হয় ।
जो शब्द क्रिया की विशेषता बताएं या क्रिया के अर्थ में कुछ विशेषता प्रकट करे, वे क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
যেনে / जैसे- जल्दी, यहां आदि।
2.11 বাক্য ৰচনা / वाक्य-रचना
কিছুমান পদ সু বিন্যস্ত হৈ বাক্য গঠন কৰে । এই পদ বিশেষ্য, সর্বনাম, বিশেষণ, ক্রিয়া অথবা অব্যয় হ’ব পাৰে।
वाक्य की रचना मूलत: पदों से होती है। ये पद संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय होते हैं।
কেতিয়াবা কেতিয়াবা কেইটামান পদৰ দ্বাৰা পদবন্ধ গঠিত হয় । আৰু বাক্য ৰচনা কৰাৰ সময়ত এই পদবন্ধ, বিশেষ্য, সর্বনাম, বিশেষণ, ক্রিয়াবিশেষণ প্রভৃতি ৰূপত আছে।
कभी-कभी पदों से पदबंध की रचना होती है, और वाक्य की रचना में ये पदबंध, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रियाविशेषण आदि के रूप में आते हैं।
ওপৰত যি কোৱা হৈছে সেইবোৰ সৰল বাক্য ৰচনাৰ ক্ষেত্ৰত দেখা যায় । আৰু ইয়াৰ ভিতৰত এটা উদ্দেশ্য আৰু এটা বিধেয় থাকে । যেনে ধৰণে পূৰ্বে কোৱা হৈছে বিভিন্ন ধৰণৰ সৰল বাক্য ব্যৱহাৰ কৰি বিভিন্ন প্ৰকাৰৰ যৌগিক আৰু মিশ্র বাক্য ৰচনা কৰা হয় । মিশ্ৰ বাক্যত দুটা বা তাতোধিক সৰল বাক্য যুক্ত হৈ থাকে য’ত এটা প্রধান উপবাক্য হয় আৰু বাকী নির্ভৰশীল উপবাক্য । যৌগিক বাক্যত সৰল বাক্য এনেদৰে যুক্ত হয় যে তাত কোনো নির্ভৰশীল উপবাক্য নাথাকে ।
उपर्युक्त बातें सरल वाक्य की रचना में मिलती हैं जिसमें, जैसा कि पीछे कहा जा चुका है, कि एक उद्देश्य और एक विधेय होता है। संयुक्त और मिश्रित वाक्य की रचना जैसा कि पीछे दिया गया है, विभिन्न प्रकार के सरल वाक्यों से होती है। मिश्रित वाक्य में दो या अधिक सरल वाक्य इस प्रकार जोड़े जाते हैं कि उनमें एक तो प्रधान उपवाक्य हो जाता है, और शेष आश्रित उपवाक्य रहते हैं। संयुक्त वाक्य में सरल वाक्य इस प्रकार जोड़े जाते हैं कि कोई भी उपवाक्य आश्रित नहीं होता।
পদ ব্যৱহাৰ কৰি বাক্য ৰচনা কৰাৰ সময়ত পদ ক্ৰমৰ আৰু অন্বয়ৰ বিশেষ মহত্ব আছে যাক তলত দেখুওৱা হৈছে ।
पदों से वाक्य-रचना करने के संदर्भ में पदक्रम एवं अन्वय का विशेष महत्व है, जिसका विवेचन नीचे दर्शाया गया है:
2.12 পদক্রম / पदक्रम (word order)
পদক্ৰমৰ অৰ্থ হ’ল বাক্যত পদ সমূহক কেনেদৰে সজোৱা হ’ব তাৰ অনুক্ৰম । পদক শব্দ বুলি কোৱাৰ বাবে কিছুমানে পদক্ৰমক শব্দ ক্ৰমো বোলে । সকলো ভাষাৰেই বাক্যত পদ বা শব্দেৰ নিজস্ব অনুক্রম থাকে । উদাহৰণ হিচাপে কোৱা হয় যে ইংৰাজীতে কর্তা+ক্রিয়া+কর্ম (Ram killed Mohan) । এই অনুক্রম হলে হিন্দী ভাষাত হব কর্তা+কর্ম+ক্রিয়া (राम ने मोहन को मार डाला)। ইয়াত হিন্দী বাক্যত পদক্রমৰ ওপৰত আলোচনা কৰা হৈছে । গুৰুত্ব পূৰ্ণ সূত্ৰ তলত দিয়া হ’ল -
‘पदक्रम’ का अर्थ है ‘वाक्य में पदों के रखे जाने का क्रम’। ‘पद’ को ‘शब्द‘ कहने के कारण कुछ लोग ‘पदक्रम’ को ‘शब्दक्रम’ भी कहते हैं। हर भाषा के वाक्य में पदों या शब्दों के अपने क्रम होते हैं। उदाहरण के लिए अंग्रेजी में कर्ता+क्रिया+कर्म (Ram killed Mohan) का क्रम है तो हिंदी में कर्ता+कर्म+क्रिया (राम ने मोहन को मार डाला)। यहां हिंदी वाक्यों में पदक्रम पर विचार किया जा रहा है। मुख्य बातें निम्नांकित हैं—
(1) কৰ্ত্তা বাক্যৰ আদিতে বহে আৰু ক্রিয়া প্ৰায়েই শেষত বহে / कर्ता वाक्य में पहले और क्रिया प्राय: अंत में होती है :
যেনে / जैसे - मोहन गया, लड़का दौड़ा। यों बल देने के लिए क्रम उलट भी सकते हैं। गया वह लड़का, पास हो चुके तुम।
(2) কৰ্ত্তাৰ বিস্তাৰ তাৰ আগত আৰু ক্ৰিয়াৰ বিস্তাৰ কৰ্ত্তাৰ পিছত হয় / कर्ता का विस्तार उसके पहले तथा क्रिया का विस्तार कर्ता के बाद आता है :
যেনে / जैसे - राम का लड़का मोहन गाड़ी से अपने घर गया।
(3) কৰ্ম অথবা পৰিপূৰক কৰ্ত্তা আৰু ক্ৰিয়াৰ মাজত থাকে / कर्म तथा पूरक कर्ता और क्रिया के बीच में आते हैं :
যেনে / जैसे - राम ने पुस्तक ली।
যদি দুটা কার্য্য সম্পাদিত হয় তেতিয়া হলে গৌণ কার্য্যটো প্রথমে আৰু মূখ্য কার্য্যটো পিছত বহে / यदि दो कर्म हों तो गौण कर्म पहले तथा मुख्य कर्म बाद में आता है :
যেনে / जैसे - राम ने मोहन को पत्र लिया।
কর্ম আৰু পৰিপূৰকৰ বিস্তাৰ তাৰ আগত বহে / कर्म तथा पूरक के विस्तार उनके पूर्व आते हैं:
যেনে / जैसे - राम ने अपने मित्र के बेटे राजीव को बधाई का पत्र लिखा, मोहन अच्छा डाक्टर है। জোৰ দিয়াৰ বাবে কৰ্ম প্ৰথমতেও বহিব পাৰে / बल देने के लिए कर्म पहले भी आ सकता है :
যেনে / जैसे - पुस्तक ले ली तुमने?
(4) বিশেষণ পদ সাধাৰণতে বিশেষ্য পদৰ আগত বহে / विशेषण प्राय: विशेष्य के पूर्व आते हैं :
যেনে / जैसे - तेज़ घोड़े को इनाम मिला, अकर्मण्य विद्यार्थी फेल हो गया है।
(5) ক্রিয়াবিশেষণ সাধাৰণতে কৰ্ত্তা আৰু ক্ৰিয়াৰ মাজত বহে / क्रियाविशेषण प्राय: कर्ता और क्रिया के बीच में आते हैं :
যেনে / जैसे - बच्चा धीरे-धीरे खा रहा है।
(6) সর্বনাম পদ সাধাৰণতে বিশেষ্য পদৰ ঠাইত বহে / सर्वनाम प्राय: संज्ञा के स्थान पर आता है
(7) হিন্দীত ক্রিয়া সাধাৰণতে শেষত বহে / हिंदी में क्रिया सामान्यत: अंत में आती है :
যেনে / जैसे - मैं चला, मैं अब चला।
2.13 অন্বয় / अन्वय (Agreement)
হিন্দী ভাষাত অন্বয়ৰ অর্থ হল ‘পিছলৈ যোৱা’ অনুৰূপ হোৱা বা ‘সমানতা’। ব্যাকৰণত ইয়াৰ অর্থ হল ব্যাকৰণিক সমসত্বতা অর্থাৎ বাক্যৰ মাজত হওঁক বা বেছি শব্দৰ পাৰস্পৰিক ব্যাকৰণিক সমসত্বাকে অন্বয় বোলা হয় । ই লিঙ্গ, বচন, পুৰুষৰ মূল আৰু বিকৃত ৰূপ ।
‘अन्वय’-का अर्थ है ‘पीछे जाना’, ‘अनुरूप होना’ अथवा ‘समानता’। व्याकरण में इसका अर्थ है ‘व्याकरणिक एकरूपता’ अर्थात् वाक्य में हो या अधिक शब्दों की आपसी व्याकरणिक एकरूपता को अन्वय कहते हैं। यह लिंग, वचन, पुरुष, तथा मूल और विकृत रूप की होती है:
(क) सीता घर गई। (दोनों स्त्रीलिंग एकचवन)
(ख) लड़का घर गया। (दोनो पुल्लिंग एकवचन)
(ग) वह नेता है (दोनों अन्य पुरुष एकवचन)
(घ) सिपाही काले घोड़े पर बैठा है। (दोनों विकृत रूप)
তলত বিভিন্ন প্ৰকাৰৰ শব্দৰ অন্বয়ৰ বিষয়ে সংক্ষেপে বৰ্ণনা কৰা হ’ল / आगे विभिन्न प्रकार के शब्दों के बीच अन्वय पर संक्षेप में विचार किया जा रहा है:
(क) কৰ্ত্তা আৰু ক্ৰিয়াৰ অন্বয় / कर्ता और क्रिया का अन्वय
(1) যদি কৰ্ত্তাৰ সৈতে কাৰকৰ চিহ্ন যুক্ত নহয় তেতিয়া হ’লে ক্ৰিয়া কৰ্ত্তা অনুসাৰে হয় / यदि कर्ता के साथ कारक-चिह्न न लगा हो तो क्रिया कर्ता के अनुसार होती है :
যেনে / जैसे - लड़की खाना खा रही है, लड़का रोटी खा रहा है। यह ध्यान देने की बात है कि कर्म का प्रभाव क्रिया पर ऐसी स्थिति में नहीं पड़ता।
(2) ইয়াৰ বিপৰীতে যদি কৰ্ত্তাৰ সৈতে ने, को, से প্রভৃতি কাৰকৰ চিহ্ন যুক্ত হয় তেতিয়া হলে কৰ্ত্তা আৰু ক্ৰিয়াৰ অন্বয় নহয় / इसके विपरीत यदि कर्ता के साथ ने, को, से आदि कारक-चिह्न लगे हों तो कर्ता और क्रिया का अन्वय नहीं होता :
যেনে / जैसे - राम ने रोटी खाई, मोहन को जाना है सीता को जाना है, लड़कों को जाना है, लड़कियों को जाना है, राम से चला नहीं जाता, सीता से चला नहीं जाता, लड़कों से चला नहीं जाता।
(3) কৰ্ত্তাৰ প্ৰতি সন্মান পদৰ্শন কৰাৰ বাবে কৰ্ত্তাৰ একবচনৰ সৈতে বহুবচনৰ ক্ৰিয়া ব্যৱহৃত হয় / कर्ता के प्रति यदि आदर सूचित करना है, तो एकवचन कर्ता के साथ बहुवचन की क्रिया आती है :
যেনে / जैसे - भगवान बुद्ध महान व्यक्ति थे, महात्मा गांधी मानवता के सच्चे नेता थे।
(4) বাক্যত যদি একেই লিঙ্গ, বচন, পুৰুষৰ কাৰক-চিহ্ন বর্জিত কৰ্ত্তা और’ ‘तथा’ আদি শব্দৰ সৈতে সাঙোৰ খাই থাকে তেতিয়া হ’লে সেই লিঙ্গত বহুবচনৰ ক্রিয়া ব্যৱহৃত হয় :
वाक्य में यदि एक ही लिंग, वचन, पुरुष के कारक-चिह्न रहित कर्ता ‘आदि से जुड़े हों तो क्रिया उसी लिंग में बहुवचन में होती है :
যেনে / जैसे - राम, मोहन और दिनेश विदेश जा रहे हैं; शीला, अलका तथा करुणा कल आएँगी।
কিন্তু যদি এনে ধৰণৰ শব্দ মিলিত হৈ এটা বস্তুৰ ধাৰণা প্ৰকাশ কৰে তেনে ক্ষেত্ৰত এক বচনৰ ক্ৰিয়া ব্যৱহৃত হয় :
किन्तु यदि ऐसे कई शब्द मिलकर एक ही वस्तु का बोध करा रहे हों तो क्रिया एकवचन में होगी :
যেনে / जैसे - यह रही उसकी घोड़ा-गाड़ी।
(5) ভিন্ন-ভিন্ন লিঙ্গৰ দুটা একবচন কৰ্ত্তা যদি কাৰক চিহ্ন বর্জিত হয় তেতিয়াহলে তাত পুং লিঙ্গ-বহুবচন ক্ৰিয়া ব্যৱহৃত হয়
अलग-अलग लिंगों के दो एकवचन कर्ता यदि कारक-चिह्न रहित हों तो क्रिया पुल्लिंग-बहुवचन में होती है –
যেনে / जैसे - वर और वधू गए, माताजी और पिताजी आएँगे।
(6) যদি ভিন্ন-ভিন্ন লিঙ্গ আৰু বচনৰ কোনো কৰ্ত্তা কাৰক চিহ্ন বর্জিত হয় তেতিয়াহলে তাত ক্ৰিয়া বচন অনুসাৰে বহুবচন হ’ব কিন্তু লিঙ্গ অনুসাৰে শেষ কৰ্ত্তাৰ লিঙ্গ হ’ব :
यदि अलग-अलग लिंगों और वचनों के कई कर्ता कारक-चिह्न रहित हों तो क्रिया वचन की दृष्टि से तो बहुवचन में होगी किन्तु लिंग की दृष्टि से अंतिम कर्ता के लिंग के अनुसार: যেমন / जैसे - एक लड़का और कई लड़कियां जा रही हैं, एक लड़की और कई लड़के जा रहे हैं।
(7) যদি একাধিক পুৰুষৰ কৰ্ত্তা থাকে তেতিয়া হলে প্ৰথমে অন্য পুৰুষ,তাৰ পিছত মধ্যম পুৰুষ আৰু সকলোৰে শেষত উত্তম পুৰুষৰ কৰ্ত্তা বহিব ।
यदि कर्ता कई पुरुषों में हों तो पहले अन्य पुरुष को उसके बाद मध्यम पुरुष को और सबसे अन्त में उत्तम पुरुष को रखना चाहिए। क्रिया अन्तिम के अनुसार होगी।
যেনে / जैसे - आओ, मोहन तुम और हम पढ़ें : मोहन और तुम जाओ; श्याम तुम और मैं चलूंगा।
(8) दर्शन, आँसू, प्राण, होश আদি শব্দ কৰ্ত্তা হিচাপে ব্যৱহৃত হলে ক্ৰিয়াৰ বহুবচন হ’ব ।
दर्शन, आँ सू, प्राण, होश, आदि के कर्ता रूप में आने पर क्रिया बहुवचन में होती है :
যেনে / जैसे - बहुत दिनों बाद आपके दर्शन हुए हैं, शेर को देखते ही मेरे तो प्राण ही सूख गए।
(9) ক্ৰিয়াৰ লিঙ্গ স্পষ্ট নহ’লে তাত পুংলিঙ্গৰ ক্ৰিয়া ব্যৱহাৰ কৰা হয় :
कर्ता के लिंग का पता न हो तो क्रिया पुल्लिंग होती है :
যেনে / जैसे - अभी-अभी कौन बाहर गया है?
(ख) কর্ম আৰু ক্রিয়াৰ অন্বয় / कर्म और क्रिया का अन्वय
কৰ্ত্তাৰ সৈতে কাৰক চিহ্ন থাকিলে ক্ৰিয়া কৰ্ম অনুসাৰে হয়
कर्ता के साथ कारक-चिह्न हो तो क्रिया कर्म के अनुसार होती है :
যেনে / जैसे - राम ने रोटी खाई, सीता ने एक आम खाया, लड़कों ने वह प्रदर्शनी देखी, मोहन को रोटी खानी है, सीता को अभी अखबार पढ़ना है, शीला से यह खाना अब खाया नहीं जाता, रामू से ये सूखी रोटियां नहीं खाई जातीं, बीमार को रोटी खानी चाहिए, बीमार को दूध पीना चाहिए।
কৰ্ম অনুসাৰে ক্ৰিয়া ব্যৱহৃত হোৱাৰ বাবে কৰ্মৰ সৈতে কাৰক চিহ্ন নথকাটো প্ৰয়োজনীয় । যদি কাৰক চিহ্ন থাকে তেতিয়াহলে ক্ৰিয়াই তাক অনুসৰণ নকৰে :
क्रिया के कर्म के अनुसार होने के लिए आवश्यक है कि कर्म के साथ कारक-चिह्न न हो। यदि कारक-चिह्न हुआ तो क्रिया उसका अनुसरण नहीं करेगी :
যেনে / जैसे - सीता ने उस चिट्ठी को पढ़ा, राम ने उस चिट्ठी को पढ़ा।
একেদৰে কৰ্ত্তাৰ সৈতে কাৰক চিহ্ন নাথাকিলেও ক্ৰিয়াই কৰ্মক অনুসৰণ নকৰে :
ऐसे ही कर्ता के साथ कारक-चिह्न न हुआ तब भी क्रिया कर्म का अनसुरण नहीं करेगा :
যেনে / जैसे - राम रोटी खा रहा है, सीता चावल खा रही है।
(ग) কৰ্ত্তা আৰু কর্ম নিৰপেক্ষ ক্ৰিয়া / कर्ता और कर्म से निरपेक्ष क्रिया
যদি কৰ্ত্তা আৰু কৰ্ম উভয়ৰ সৈতে কাৰক চিহ্ন থাকে তেতিয়া হ’লে ক্ৰিয়া সদায় পুংলিঙ্গ একবচন হয় :
यदि कर्ता और कर्म दोनों के साथ कारक-चिह्न हों तो क्रिया सदा ही पुल्लिंग एकवचन होती है :
যেনে / जैसे - छात्र ने छात्रा को देखा, छात्रा ने छात्र को देखा, छात्रों ने छात्रा को देखा, छात्राओं ने छात्रों को देखा, मैंने (पुरुष) उसे (स्त्री) देखा, उसने (स्त्री) मुझे (पुरुष) देखा।
(घ) বিশেষণ আৰু বিশেষ্য পদৰ অন্বয় / विशेषण और विशेष्य का अन्वय
যি বিশেষণ পদ আকাৰন্ত হয় তাত বিশেষণৰ অন্বয় ব্যৱহৃত হ’ব পাৰে । শেষত সকলো বিশেষণ, যাক বিশেষণৰ অধ্যায়ত আলোচনা কৰা হৈছে, সদায় অপৰিবৰ্ত্তিত হৈ থাকে :
विशेषण के अन्वय का प्रश्न केवल उन्हीं विशेषणों के साथ उठता है जो आकारांत होते हैं। शेष सभी विशेषण, जैसा कि विशेषण के अध्याय में कहा जा चुका है, हमेशा एकरूप रहते हैं:
যেনে / जैसे - सुन्दर फूल, सुन्दर पत्ती, सुन्दर फूलों को, सुन्दर पत्तियां।
(1) বিধেয়-বিশেষণ ৰূপে আকাৰান্ত বিশেষণ বিশেষ্য পদৰ আগত ব্যৱহৃত হওঁক বা পিছত সেই লিঙ্গ বচন বিশেষ্য অনুসাৰে হয় :
आकारांत विशेषण चाहे विशेष्य के पहले आए अथवा बाद में विधेय-विशेषण के रूप में, वह लिंग-वचन में विशेष्य के अनुसार ही रहता है :
যেনে / जैसे - वह पेड़ बहुत लंबा है, वह लंबा पेड़ खूबसूरत है, वह लंबी डाली फूलों से लदी है, वह डाली लंबी है।
(2) যদি বিশেষ্য মূল ৰূপে ব্যবহৃত হয় তেতিয়াহলে আকাৰন্ত বিশেষণ পদো মূল ৰূপে ব্যবহৃত হয়, কিন্তু যদি সেইটো বিকৃত ৰূপত থাকে তেতিয়াহলে বিশেষণ পদো বিকৃত ৰূপত থাকে :
यदि विशेष्य मूल रूप में है तो आकारांत विशेषण भी मूल रूप में आता है, किन्तु यदि वह विकृत रूप में है तो विशेषण भी विकृत रूप में आता है :
যেনে / जैसे - लंबा लड़का गया, लंबे लड़के को बुलाओ।
বিশেষ্য বিকৃত ৰূপত আছে কিন্তু পৰিবৰ্ত্তিত হোৱা নাই তেনে ক্ষেএতো বিশেষণ পৰিবৰ্ত্তিত হ’ব :
विशेष्य विकृत रूप में हो किन्तु परिवर्तित न हो, तब भी विशेषण परिवर्तित हो जाएगा:
যেনে / जैसे - पीला फूल खिला है, पीले फूल को तोड़ लो।
(3) এটা বিশেষণৰ কেবাটাও বিশেষ্য থাকিলেও এই নিয়মৰ প্ৰযোজ্য হয়
एक विशेषण के कई विशेष्य हों तब भी ये ही नियम लागू होते हैं:
যেনে / जैसे - वह बड़ा और हरा मकान सुन्दर है, उस बड़े और हरे मकान में कौन रहता है?
(4) বহু সমাস নোহোৱা বিশেষ্য পদৰ বিশেষণ নিকটবৰ্ত্তী বিশেষ্য পদৰ অনুৰূপ হয় ।
अनेक समासरहित विशेष्यों का विशेषण निकटवर्ती विशेष्य के अनरूप होता है।
যেনে / जैसे - भोले-भाले बच्चे और बच्चियां, भोली-भाली बच्चियां और बच्चे।
(ड.) সম্বন্ধ আৰু সম্বন্ধীয় অন্বয় / संबंध और संबंधी का अन्वय
ওপৰত বিশেষণৰ বাবে যি নিয়ম দিয়া হৈছে সেয়া সম্বন্ধৰ ৰূপৰ ক্ষেত্ৰতো প্ৰষোজ্য । বাস্তবত সম্বন্ধৰ ৰূপ বিশেষণেই হয় আৰু সম্বন্ধী বিশেষ্য পদ হয় :
सम्बन्ध के रूपों पर भी वही नियम लागू होते हैं, जो ऊपर विशेषण के बारे में दिए गये हैं। वस्तुत: सम्बन्ध के रूप विशेषण ही होते हैं तथा सम्बन्धी विशेष्य होता है :
যেনে / जैसे - यह मेरी छड़ी है, यह छड़ी मेरी है, उसकी माताजी तथा पिताजी गये, उसके पिताजी तथा माताजी गईं।
(च) সর্বনাম আৰু বিশেষ্য পদৰ অন্বয় / सर्वनाम और संज्ञा का अन्वय
(1) য’ত সর্বনাম পদ ব্যবহৃত হয় তাত সি তাৰ বিশেষ্য পদৰ লিঙ্গ-বচনক অনুসৰণ কৰে :
सर्वनाम उसी संज्ञा के लिंग-वचन का अनुसरण करता है, जिसके स्थान पर आता है :
যেনে / जैसे - वह (सीता) गई, वह (राम) गया, वे (लड़के) गए, मेरे पिताजी और बड़े भाई आए हैं, वे (लोग) कल जाएँगे।
(2) সম্ভাষনৰ ক্ষেত্ৰত এক বচন আৰু বিশেষ্য পদৰ বাবে সৰ্বনামৰ বহু বচনৰ ৰূপ ব্যৱহৃত হয় ।
आदर के लिए एकवचन संज्ञा के लिए बहुवचन सर्वनाम का प्रयोग होता है।
যেনে / जैसे - पिताजी आए हैं और वे एक-दो दिन रुकेंगे; उसके बाद उन्हें बम्बई जाना होगा।
(3) কোনো জাতিৰ প্রতিনিধি ৰূপে ‘मैं’ ৰ পৰিবৰ্ত্তে ‘हम’ ব্যবহৃত হয় । একেদৰে ‘मेरा’ ৰ পৰিবৰ্ত্তে ‘हमारा’ আদি শব্দ ব্যবহৃত হয় । সেই বাবেই সম্পাদক, প্রতিনিধি মণ্ডলৰ নেতা, দেশৰ প্রতিনিধি, দেশৰ প্রতিনিধি স্বৰূপ ভাষণৰত ৰাষ্ট্রপতি, প্রধানমন্ত্রী আদিয়ে- हम, हमारा ইত্যাদি শব্দ ব্যৱহাৰ কৰে, मैं, मेरा ইত্যাদি শব্দ ব্যবহাৰ নকৰে। যদি তেওঁলোকে मैं, मेरा ইত্যাদি শব্দ ব্যৱহাৰ কৰে তেতিয়া হ’লে সেয়া তেওঁলোকৰ ব্যক্তিগত ৰূপ বুজায়।
किसी वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में ‘मैं’ के स्थान पर ‘हम’ का प्रयोग होता है। इसी प्रकार ‘मेरा’ के स्थान पर ‘हमारा’ आदि अन्य रूपों का भी। इसीलिए संपादक, प्रतिनिधि-मंडल का नेता, देश का प्रतिनिधि, देश की ओर से बोलनेवाला राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि हम, हमारा आदि का ही प्रयोग करते हैं, मैं, मेरा आदि का नहीं। यदि वे मैं, मेरा आदि का प्रयोग करें तो उसका अर्थ उनका व्यक्तिगत रूप आदि होता है।
(4) तू, तुम, आप তিনিওটা শব্দই মধ্যম পুৰুষৰ, কিন্ত ব্যবহাৰৰ ক্ষেত্রত বিশেষ্য পদ অনুসাৰে ব্যবহৃত হয়। এই তিনিটা শব্দৰ সর্বনামৰ প্রয়োগ পূৰ্বতে বৰ্ণনা কৰা হৈছে ।
तू, तुम, आप तीनों ही मध्यम पुरुष हैं, किन्तु प्रयोग में वे सम्बन्धित संज्ञा के अनुसार आते हैं। तीनों का अन्तर सर्वनाम के प्रसंग में बतलाया जा चुका है।
2.14 अध्याहार / অধ্যাহাৰ
বাক্যৰ অর্থ বুজাবৰ বাবে বাক্য গঠনৰ সময়ত এনে কিছু শব্দ ব্যবহাৰ কৰা হয় যিবোৰ ব্যবহাৰ নকৰিলও বাক্যৰ অর্থৰ কোনো পৰিবৰ্ত্তন নহয়, এইবোৰকে অধ্যাহাৰ বুলি কোৱা হয় । ‘राम जा रहा है और मोहन भी’ বাক্যৰ সম্পূৰ্ণ বাক্যটি হ’ল : ‘राम जा रहा है और मोहन भी जा रहा है’, কিন্তু শেষেৰ ’जा रहा है’ লুপ্ত কৰি বাক্যক এনেদৰে সংক্ষিপ্ত কৰা হ’ল ।
अध्याहार का अर्थ है, वाक्य का अर्थ करते समय कुछ ऐसे शब्दों को लाना जिन्हें वाक्य बनाते समय छोड़ दिया गया है क्योंकि उनके न रहने पर भी उस प्रसंग में वाक्य को समझने में बाधा नहीं पड़ती। ‘राम जा रहा है और मोहन भी’ वाक्य मूलत: हे ‘राम जा रहा है और मोहन भी जा रहा है’, किन्तु अन्तिम ’जा रहा है’ का अध्याहार करके वाक्य को यह संप्क्षित रूप दे दिया गया है।
অধ্যাহাৰৰ কিছু প্ৰকাৰ ভেদ আছে : ক) কৰ্ত্তাৰ অধ্যাহাৰ – सुना है राजा साहब के घर चोरी हो गई (খ) ক্রিয়াৰ অধ্যাহাৰ (1) প্রচলিত প্রবাদ : घर की मुर्गी दाल बराबर, नया नौ दिन पुराना सौ दिन। (2) राम जा रहा है और मोहन। ইয়াত ‘जा रहा है’ ৰ অধ্যাহাৰ, (ग) বাক্যাংশৰ অধ্যাহাৰ– (अ) প্রশ্নোত্তৰত : প্রশ্ন – तुम्हारा नाम क्या है? উত্তৰ - राम (‘मेरा नाम’ আৰু ‘है’ ৰ অধ্যাহাৰ)। (आ) অন্য স্থানত : वह ऐसा सीधा है जैसे गाय (‘सीधी होती है’ ৰ অধ্যাহাৰ)।
अध्याहार कई प्रकार का हाता है : (क) कर्ता का अध्याहार – सुना है राजा साहब के घर चोरी हो गई, (ख) क्रिया का अध्याहार – (1) लोकोक्तियों में : घर की मुर्गी दाल बराबर, नया नौ दिन पुराना सौ दिन। (2) राम जा रहा है और मोहन। यहां ‘जा रहा है’ का अध्याहार है, (ग) वाक्यांश का अध्याहार – (अ) प्रश्नोत्तर में : प्रश्न – तुम्हारा नाम क्या है? उत्तर- राम (‘मेरा नाम’ तथा ‘है’ का अध्याहार)। (आ) अन्यत्र : वह ऐसा सीधा है जैसे गाय (‘सीधी होती है’ का अध्याहार)।
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