30 जून 2023
भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण पर मूल सांख्यिकीय विवरणी - मार्च 2023
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाटाबेस पोर्टल (डीबीआईई) (वेबलिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=BsrPublications) पर ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) द्वारा ऋण पर मूल सांख्यिकीय विवरणी – मार्च 2023’1 नामक वेब प्रकाशनी जारी की। इस प्रकाशनी में वार्षिक मूल सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर)-1 प्रणाली के अंतर्गत एससीबी {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित} द्वारा प्रस्तुत डाटा के आधार पर बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं से संबंधित जानकारी दी गई है, जो उधारकर्ता के खाते का प्रकार, संगठन, पेशा/ गतिविधि और उधारकर्ता की श्रेणी, ऋण उपयोग करने वाले स्थान का जिला और जनसंख्या समूह, ब्याज दर, ऋण सीमा तथा बकाया राशि से संबंधित जानकारी संग्रहित करता है2।
प्रमुख बातें:
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सभी जनसंख्या समूहों ने पिछले वर्ष की तुलना में 2022-23 में काफी अधिक ऋण संवृद्धि दर्ज की।
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बैंकों की महानगरीय शाखाओं द्वारा ऋण में वार्षिक संवृद्धि 2022-23 में बढ़कर 15.2 प्रतिशत हो गई, जो पिछले वर्ष 9.2 प्रतिशत और 2020-21 में 1.4 प्रतिशत थी; इन तीनों वर्षों में ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी शाखाओं ने दोहरे अंक में संवृद्धि दर्ज की।
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हाल के वर्षों में व्यक्तिगत ऋण तीव्र गति से बढ़ रहे हैं; कुल बैंक ऋण में उनकी हिस्सेदारी पांच वर्ष पहले के 21.3 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2023 में 28.2 प्रतिशत हो गई।
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2022-23 के दौरान तेजी के बावजूद, औद्योगिक ऋण संवृद्धि कुल ऋण में संवृद्धि से काफी नीचे रही; मार्च 2023 में कुल बैंक ऋण में उद्योग की हिस्सेदारी पांच वर्ष पहले के 34.7 प्रतिशत से घटकर 25.0 प्रतिशत हो गई।
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2022-23 के दौरान मौद्रिक सख्ती के उपायों के अनुरूप, 9 प्रतिशत से अधिक ब्याज दर वाले ऋणों की हिस्सेदारी मार्च 2023 में बढ़कर 56.1 प्रतिशत हो गई, जो एक वर्ष पहले 31.4 प्रतिशत थी।
अजीत प्रसाद
निदेशक (संचार)
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/504
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