ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण- ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता लाना - स्वामीनाथन जे | 342 kb |
भारत का वित्तीय क्षेत्र – भावनिकता से समुत्थानशीलता की ओर - माइकल देवब्रत पात्र | 887 kb |
ऋण मध्यस्थता – क्या विनियमन बाजार के साथ समझौता कर सकते हैं? - एम. राजेश्वर राव | 395 kb |
फिनटेक और बदलते वित्तीय परिदृश्य - शक्तिकान्त दास | 337 kb |
फिनटेक नवाचार और विनियमन के लिए दृष्टिकोण - टी रबी शंकर | 296 kb |
मौद्रिक नीति निर्माण की कला: भारतीय संदर्भ - शक्तिकान्त दास | 374 kb |
जी 20 टेकस्प्रिंट फिनाले में मुख्य भाषण - शक्तिकान्त दास | 265 kb |
शाश्वत भविष्य के निर्माण के महत्वपूर्ण घटक : कुछ प्रतिबिंब - शक्तिकान्त दास | 359 kb |
वैश्विक अर्थव्यवस्था: चुनौतियां, अवसर और आगे का रास्ता - श्री शक्तिकान्त दास | 248 kb |
केंद्रीय बैंकिंग के लिए जलवायु संबंधी संकट - एम राजेश्वर राव | 264 kb |
भारतीय रिज़र्व बैंक और फिनटेक: आगे की राह - टी. रबी शंकर | 187 kb |
मौद्रिक नीति कार्य में सांख्यिकी की महत्वपूर्ण भूमिका - माइकल देबब्रत पात्र | 280 kb |
17वें सांख्यिकी दिवस सम्मेलन के अवसर पर उद्घाटन भाषण - शक्तिकान्त दास | 197 kb |
बैंकिंग पर्यवेक्षण पर कुछ दृष्टिकोण - एम के जैन | 341 kb |
अनिश्चितता के समय में केंद्रीय बैंकिंग: भारतीय अनुभव - शक्तिकान्त दास | 364 kb |
उत्पादकता: प्रगति का वादा - माइकल देवब्रत पात्र | 361 kb |
निरापद वित्तीय प्रणाली के लिए साइबर सुरक्षा - एम के जैन | 337 kb |
बैंकों में अभिशासन: सतत संवृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देना - एम. राजेश्वर राव | 325 kb |
बैंकों में अभिशासन: धारणीय संवृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देना - एम के जैन | 339 kb |
बैंकों में अभिशासन : टिकाऊ संवृद्धि और स्थिरता के लिए आवश्यक - शक्तिकान्त दास | 358 kb |
भारत के युग का उदय - माइकल देबब्रत पात्र | 313 kb |
भारतीय वित्तीय प्रणाली के लिए सुदृढ़ भविष्य का निर्माण - शक्तिकान्त दास | 281 kb |
विकसित भारत के लिए एक सहायक के रूप में वित्तीय क्षेत्र - एम. राजेश्वर राव | 248 kb |
भुगतान प्रणाली ऑपरेटर (पीएसओ) सम्मेलन में उद्घाटन भाषण - शक्तिकान्त दास | 219 kb |
भारत की अध्यक्षता के दौरान एक बेहतर वैश्विक आर्थिक व्यवस्था के लिए जी-20: - शक्तिकान्त दास | 222 kb |
भारत में फिनटेक क्रांति - नवोन्मेष, समावेशन और विनियमन - एम के जैन | 219 kb |
वित्तीय बाज़ारों में स्व-विनियमन - अतीत और भविष्य - एम राजेश्वर राव | 270 kb |
मिशन ‘हर पेमेंट डिजिटल’ का शुभारंभ - शक्तिकान्त दास | 153 kb |
भारत में वित्तीय बाजार: स्थिरता और विकास की यात्रा - शक्तिकान्त दास | 254 kb |
दक्षिण एशिया की वर्तमान समष्टि-आर्थिक चुनौतियां और नीतिगत प्राथमिकताएं - शक्तिकान्त दास | 225 kb |
फिनटेक और विनियमन - टी. रबी शंकर | 232 kb |
हरित वित्त के प्रसार में चुनौतियां और अवसर - एम राजेश्वर राव | 257 kb |
उभरती चुनौतियों के सामने वित्तीय क्षेत्र में क्षमता निर्माण - एम के जैन | 226 kb |
भारत में वित्तीय बेंचमार्क: एक महत्वपूर्ण चरण का आगमन - टी. रबी शंकर | 416 kb |
मौद्रिक नीति निर्माण पर एक विनोदी दृष्टि - माइकल देबब्रत पात्र | 250 kb |
आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग, आरबीआई का वार्षिक अनुसंधान सम्मेलन – गवर्नर द्वारा उद्घाटन भाषण - शक्तिकान्त दास | 228 kb |
संचरण में हानि? वित्तीय बाजार और मौद्रिक नीति - माइकल देबब्रत पात्र | 255 kb |
समावेशी और जिम्मेदार सूक्ष्म वित्त क्षेत्र की ओर यात्रा - एम राजेश्वर राव | 237 kb |
भारत सुदृढ़ता की कहानी - शक्तिकान्त दास | 234 kb |
भारतीय बैंकिंग के पचास वर्ष - आधारभूत सांख्यिकीय विवरणियों की दृष्टि से - माइकल देबब्रत पात्र | 174 kb |
वित्तीय सेवाओं के बदलते परिप्रेक्ष्य में ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता - शक्तिकान्त दास | 213 kb |
वित्तीय सेवाओं के बदलते परिप्रेक्ष्य में ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता - 28 अक्टूबर, 2022 को जोधपुर में आयोजित भारतीय रिजर्व बैंक लोकपाल वार्षिक सम्मेलन में गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक श्री शक्तिकान्त दास का उद्घाटन भाषण | 207 kb |
भारतीय वित्तीय प्रणाली में नीतिगत विकल्पों पर विचार - एम राजेश्वर राव | 252 kb |
रूपये का अंतरराष्ट्रीयकरण : क्या गियर बदलने का समय आ गया है? - टी रवि शंकर | 357 kb |
डीबीयू की वर्चुअल शुरुआत - शक्तिकान्त दास | 148 kb |
गुणात्मक ताकत के रूप में फिनटेक - शक्तिकान्त दास | 235 kb |
समावेशी ऋण: अगला लक्ष्य - एम. राजेश्वर राव | 234 kb |
वित्तीय बाजार सुधार: दृष्टिकोण और अपेक्षाएं - शक्तिकान्त दास | 220 kb |
भारत में कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार – चुनौतियां और संभावनाएं - टी. रबी शंकर | 569 kb |
दक्षिण एशिया में मुद्रास्फीति की गतिशीलता - माइकल देबब्रत पात्र | 217 kb |