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मुद्रा निर्गमकर्ता

रिज़र्व बैंक देश का मुख्य नोट निर्गमकर्ता प्राधिकारी है। भारत सरकार के साथ हम स्वच्छ और असली नोटों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्र की मुद्रा के डिज़ाइन, उत्पादन और समग्र प्रबंध के लिए उत्तरदायी हैं।

अधिसूचनाएं


मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना

आरबीआई/डीसीएम/2024-25/112
डीसीएम (सीसी) सं. G-1/03.44.01/2024-25

01 अप्रैल, 2024

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
समस्त बैंक

महोदया/प्रिय महोदय,

मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना

आरबीआई अधिनियम, 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक, स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को साकार करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है। बैंक शाखाओं द्वारा उचित ग्राहक सेवा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अर्थ दण्ड योजना भी तैयार की है।

2. संलग्न मास्टर निदेश में इस विषय पर अद्यतन दिशानिर्देश/परिपत्र शामिल हैं।

भवदीय

(संजीव प्रकाश)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्न – यथोक्त


अनुलग्नक

मास्टर निदेश - आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कमी के लिए मुद्रा तिजोरियों एवं बैंक शाखाओं हेतु अर्थ दण्ड योजना

1. मुद्रा तिजोरियों सहित सभी बैंक शाखाओं के लिए दण्ड की योजना तैयार की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी बैंक शाखाएं/मुद्रा तिजोरियाँ स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए तथा परिचालन दक्षता में वृद्धि करने के लिए आम जनता/संबद्ध बैंक शाखाओं को बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान कर रहीं हैं।

2. दण्ड

आरबीआई को भेजे गये विप्रेषण, मुद्रा तिजोरियों के परिचालन संबंधित दिशानिर्देशों के अनुपालन, समझौता ज्ञापन, नोटों और सिक्कों के विनिमय, एटीएम में नकदी की पुन:पूर्ति आदि में पायी गयी कमियों के लिए बैंकों पर लगाये जाने वाले दण्ड निम्नानुसार होंगे:

क्रम संख्या अनियमितता का प्रकार दण्ड
i. गंदे नोटों के विप्रेषणों में नोटों की कमी और मुद्रा तिजोरी शेषों में नोटों और सिक्कों की कमी 50 तक के मूल्यवर्ग के नोटों के लिए

हानि की राशि के अतिरिक्त प्रति नोट 50/-।

100 तथा इससे ऊपर के मूल्यवर्ग के नोटों के लिए

हानि के अतिरिक्त प्रति नोट के मूल्यवर्ग के मूल्य के बराबर।

सारे मूल्यवर्ग के सिक्कों के लिए

हानि के अतिरिक्त प्रति सिक्के के मूल्यवर्ग के मूल्य के बराबर।

हानि की वसूली तथा दण्ड लगाने का काम, कमी का पता लगते ही, नोटों की संख्या को ध्यान में रखे बिना, तुरंत किया जाएगा।
ii. गंदे नोट प्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में पाये गये जाली नोट दिनांक 01 अप्रैल, 2024 के परिपत्र संख्या डीसीएम (एफएनवीडी) सं. जी-4/16.01.05/2024-25 के माध्यम से जारी अनुदेशों के अनुसार दण्ड लगाया जाएगा।
iii. गंदे नोट विप्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में पाये गये कटे-फटे नोट (जानबूझ कर काटे गए तथा बनाए गए नोटों सहित) हानि के अतिरिक्त मूल्यवर्ग को ध्यान में रखे बिना निरपेक्ष रूप से प्रति नोट 50/-।

हानि की वसूली तथा दण्ड लगाने का काम, पता लगते ही, नोटों की संख्या को ध्यान में रखे बिना, तुरंत किया जाएगा।
iv. आरबीआई के अधिकारियों द्वारा मुद्रा तिजोरियों में परिचालनात्मक अनुदेशों का अननुपालन पाया जाना, जैसे-

क. सीसीटीवी कार्यरत न होना, सीसीटीवी से संबन्धित नियमों / दिशानिर्देशों, रिकॉर्डिंग परिरक्षण अवधि तथा संबन्धित मामलों का पालन न करना।

ख. सुरक्षा कक्ष (मुद्रा तिजोरी वॉल्ट)में रखी शाखा की नकदी/दस्तावेज़।

ग. नोटों की छंटाई के लिए नोट सॉर्टिंग मशीन (एनएसएम) का उपयोग न करना (उच्च मूल्यवर्ग के नोटों की छंटाई के लिए एनएसएम का उपयोग नहीं करना अर्थात 100 तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट जो काउंटर से प्राप्त किए गए हैं अथवा मुद्रा तिजोरी/आरबीआई को विप्रेषित किए गए नोटों की छंटाई के लिए उपयोग नहीं करना)

घ. मुद्रा तिजोरी शेषों का, (i) उसकी अभिरक्षा से असंबद्ध अधिकारियों द्वारा द्विमासिक अंतराल पर और (ii) नियंत्रक कार्यालय के अधिकारियों द्वारा छ: माह के अंतराल पर, आकस्मिक सत्यापन न किया जाना।
प्रत्येक अनियमितता के लिए 5000 का दण्ड।

आगामी निरीक्षण अवधि या उससे पहले अनियमितता की पुनरावृत्ति होने पर दंड 10,000 तक बढ़ाया जायेगा।

दण्ड तत्काल रूप से प्रभावी होगा।
v. भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ किये गये करार (मुद्रा तिजोरियां खोलने और उनके रखरखाव के लिए) की किसी भी शर्त का उल्लंघन या विनिमय सुविधाएं प्रदान करने से संबंधित सेवा में भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारियों द्वारा पायी गयी कमी जैसे कि:

क. सिक्कों का स्टॉक होने के बावजूद, किसी भी व्यक्ति को काउंटर पर सिक्कों का वितरण न करना।

ख. गंदे नोटों के विनिमय के लिए, किसी बैंक शाखा द्वारा मना करना / किसी मुद्रा तिजोरी शाखा द्वारा किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत कटे-फटे नोटों के अधिनिर्णयन के लिए मना करना।

ग. अन्य बैंकों की सम्बद्ध शाखाओं/संबद्ध मुद्रा तिजोरियों को सुविधाएं/ सेवाएं देने से मना करना।

घ. आम जनता और संबद्ध शाखाओं द्वारा विनिमय/जमा हेतू प्रस्तुत कम मूल्यवर्ग (अर्थात 50 और उससे कम मूल्यवर्ग) के नोटों को अस्वीकृत करना।

ङ. मुद्रा तिजोरी शाखाओं द्वारा तैयार किये गये पुन: जारी करने योग्य नोटों के पैकेटों में आरबीआई द्वारा कटे-फटे, निर्मित, जाली नोट पाया जाना।
करार के उल्लंघन/सेवा में कमी के लिए 10,000।

एक वित्तीय वर्ष में क्रमिक निरीक्षण चक्र में या उससे पूर्व मुद्रा तिजोरी / शाखा द्वारा करार के उल्लंघन / सेवा में कमी की 5 से अधिक घटनाओं के लिए 5 लाख। इस प्रकार लगाये गये दंड को सार्व‍जनिक वेबसाइट (पब्लिक डोमेन) पर डाला जायेगा।

दण्ड तत्काल रूप से प्रभावी होगा।
vi. एटीएम को पुनःनहीं भरना दिनांक 10 अगस्त, 2021 के परिपत्र डीसीएम (आरएमएमटी) संख्या एस153/11.01.01/2021-22 के प्रावधानों और उसके बाद जारी निर्देशों के अनुसार दंड लगाया जाएगा।

3. दण्ड लगाने पर परिचालन दिशानिर्देश –

3.1 सक्षम प्राधिकारी

विसंगतियों का स्वरूप निर्धारित करने के लिए, उस क्षेत्रीय कार्यालय के निर्गम विभाग के प्रभारी अधिकारी ही सक्षम प्राधिकारी होंगें जिनके क्षेत्राधिकार में चूककर्ता मुद्रा तिजोरी/ बैंक शाखा स्थित है।

3.2 अपीलीय प्राधिकारी

(i) सक्षम प्राधिकारी के निर्णय के खिलाफ की जानेवाली अपील, बैंक को नामे करने के पश्चात एक माह के भीतर संबंधित मुद्रा तिजोरी/शाखा के नियंत्रक कार्यालय द्वारा संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक / मुख्य महाप्रबंधक/ कार्यालय प्रभारी को की जाए, जो ऐसी अपील को स्वीकार/अस्वीकार करने का निर्णय लेंगे। दंड से छूट के अनुरोध पर तभी विचार किया जाएगा जब इसके लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर सीवाईएम-सीसी पोर्टल में आवेदन किया गया हो। किसी अन्य प्रणाली द्वारा किये गये छूट के अनुरोधों पर विचार नहीं किया जाएगा। अपील नियमित रूप से या सामान्य कारणों के आधार पर नहीं की जानी चाहिए।

(ii) स्टाफ नया होना/अप्रशिक्षित होना, स्टाफ में जानकारी का अभाव, सुधारात्मक उपाय किये गये हैं/ किये जाएंगे, आदि के आधार पर दण्ड से छूट के लिए किये गये अपीलों पर विचार नहीं किया जाएगा।

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