(दिनांक 03 मार्च 2021 तक अद्यतन)
प्रश्न: 1. एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) क्या है ?
उत्तर: एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) की स्थापना क्षेत्रीय सहयोग प्राप्त करने की दिशा में उठाये गए कदम के रुप में संयुक्त राष्ट्र संघ के एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) के प्रयास में 9 दिसंबर 1974 में की गई। इसका मुख्यालय तेहरान, ईरान में है। समाशोधन संघ का मुख्य उद्देश्य है- सदस्य देशों के बीच पात्र लेनदेन के लिए बहुदेशीय आधार पर सुविधा प्रदान करना ताकि विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों तथा अंतरण लागतों को किफ़ायती बनाया जा सके एवं सहभागी देशों के बीच व्यापार संवर्धन हो सके।
प्रश्न: 2. एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के सदस्य कौन है ?
उत्तर: ईरान, भारत, बांगलादेश, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव और म्यांमार के केंद्रीय बैंक तथा मुद्रा प्राधिकारी एशियाई समाशोधन संघ (एसीयु) के सदस्य देश हैं।
प्रश्न 3. एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) से संबंधित अनुदेश कहाँ पर उपलब्ध हैं ?
उत्तर: रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विस्तृत प्रक्रियागत अनुदेश दिनांक 17 मार्च 2020 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.22 तथा समय-समय पर संशोधित माल तथा सेवाओं के निर्यात पर जारी 1 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.16/2015-16 में निहित हैं।
प्रश्न 4. भारत में प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) लेनदेन किस प्रकार किये जाते हैं ?
उत्तर: एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के जरिये किये जाने वाले सभी लेनदेन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों द्वारा अन्य सामान्य विदेशी मुद्रा लेनदेनों की तरह ही तदनुरुपी व्यवस्थाओं के माध्यम से किए जाने चाहिए।
प्रश्न 5. एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) में लेनदेनों के निपटान की ईकाई क्या है ?
उत्तर: एशियाई मौद्रीक यूनिट एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) खाते की सामान्य ईकाई है और उसे ‘एसीयू-डॉलर,‘एसीयू-यूरो’तथा ‘एसीयू-येन’ के रूप मूल्यवर्गित किया जाता है जिसका मूल्य क्रमशः एक अमरीकी डॉलर, एक यूरो तथा एक जापानी येन के समतुल्य है। एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के अंतर्गत भुगतान की सभी लिखतें एशियाई मौद्रिक इकाई (एएमयू) के रुप में मूल्यवर्गित की जानी आवश्यक हैं। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-1 बैंकों द्वारा ऐसी लिखतों का निपटान ऐसे एसीयू-डॉलर खातों, एसीयू-यूरो खातों एवं एसीयू-येन खातों के माध्यम से किया जाना चाहिए जो गैर-एसीयू लेनदेन के लिए खोले गए अन्य खातों यथा क्रमशः अमरीकी डॉलर, यूरो और जापानी येन खातों से भिन्न होने चाहिए। चूंकि ‘एसीयू-यूरो’की प्रोसेसिंग के लिए भुगतान चैनल की समीक्षा की जा रही है, इसलिए एसीयू-यूरो में किए जाने वाले परिचालनों को 1 जुलाई 2016 से अस्थायी रूप से बंद किया गया है तथा यूरो में किए जाने वाले व्यापार लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का अगली सूचना जारी किए जाने तक एसीयू तंत्र के बाहर निपटान करने की अनुमति दी गई है।
प्रश्न 6. एसीयू लेनदेनों के निपटान के लिए क्रियाविधि क्या है ?
उत्तर:
(i) लेनदेनों के बडे भाग का निपटान प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों द्वारा यथासंभव अन्य सहभागी देशों में बैंकों के साथ और इसके विपरित रखे गये खातों के जरिये सीधे ही किया जाना चाहिए, किसी एक दिशा में प्रभाव विस्तार का निपटान संबंधित देशों में केंद्रीय बैंकों द्वारा समाशोधन संघ के जरिये किया जाना आवश्यक है। हर समय एसीयू-डॉलर, एसीयू-यूरो तथा एसीयू-येन खाते में रखी गयी शेष राशियाँ उनके सामान्य विदेशी मुद्रा कारोबार की आवश्यकताओं के अनुरुप होनी चाहिए। 1 जुलाई 2016 से यूरो में किए जाने वाले व्यापार लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेनों का अगली सूचना जारी किए जाने तक एसीयू तंत्र के बाहर निपटान करने की अनुमति है।
(ii) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को वाणिज्यिक और अन्य पात्र लेनदेनों के निपटान अन्य सामान्य विदेशी मुद्रा लेनदेनों की तरह करने के लिए अनुमति दी गयी है।
प्रश्न 7. क्या प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन के बिना पाकिस्तान सहित सभी सदस्य देशों में सभी बैंकों के नामों में एसीयू-डॉलर, एसीयू-यूरो तथा एसीयू-येन खाता खोल सकते हैं ?
उत्तर: हाँ, इसकी अनुमति है। 1 जुलाई 2016 से यूरो में किए जाने वाले व्यापार लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का अगली सूचना जारी किए जाने तक एसीयू व्यवस्था के बाहर निपटान करने की अनुमति है।
प्रश्न 8. एसीयू के जरिये निपटान के लिए व्यवस्था क्या है ?
उत्तर: इस संबंध में परिचालन संबंधी विस्तृत दिशानिर्देश दिनांक 17 मार्च 2020 के ए.पी.(डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.22 तथा समय-समय पर यथासंशोधित माल तथा सेवाओं के निर्यात पर 1 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं.16/2015-16 में उपलब्ध हैं।
प्रश्न 9. ऐसे कौनसे लेनदेन हैं जो एसीयू के जरिये निपटान किये जाने के लिए पात्र हैं ?
उत्तर: निम्नलिखित भुगतान एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के जरिये किये जाने के लिए पात्र हैं -
i) आस्थगित भुगतान शर्त पर एसीयू के सदस्य देशो के बीच निर्यात/ आयात लेनदेनों के लिए; तथा
ii) वे निम्नलिखित प्रश्न सं.10 के अंतर्गत अपात्र नहीं घोषित किए हों।
टिप्पणी: म्यांमार के साथ किए जाने वाले व्यापार लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के अतिरिक्त किसी भी मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में निपटान किया जाए।
प्रश्न 10. ऐसे कौनसे लेनदेन हैं जो एसीयू के जरिये निपटान किये जाने के लिए पात्र नहीं हैं ?
उत्तर:
i) नेपाल में किसी आयातक निवासी, जिसे नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा में भुगतान करने के लिए अनुमति दी गयी है, द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं के मामले में किये जा रहे अपवादों को छोड़कर नेपाल और भारत तथा भूटान और भारत के बीच के भुगतान। ऐसे भुगतानों का निपटान एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) व्यवस्था के बाहर किया जाए; तथा
ii) रिज़र्व बैंक और अन्य सहभागियों के बीच पारस्परिक रुप से सहमत किये गए भुगतानों को छोड़कर ऐसे भुगतान जो कि एसीयू सदस्य देशों के बीच निर्यात/ आयात लेनदेन के कारण नहीं किए जा रहे हैं; तथा
iii) ईरान के साथ व्यापार लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का निपटान अगली सूचना प्राप्त होने तक किसी भी अनुमेय मुद्रा में एसीयू व्यवस्था के बाहर किया जाए।
प्रश्न 11. क्या सदस्य देशों के बीच सभी पात्र लेनदेनों का निपटान एसीयू के जरिये किया जाना आवश्यक है ?
उत्तर: हाँ । उपर्युक्त प्रश्न 10 में उल्लिखित लेनदेन को छोड़कर। तथापि, म्यांमार के साथ किए जाने वाले व्यापार लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के अतिरिक्त किसी भी मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में निपटान किया जा सकता है। श्रीलंका के साथ किए जाने वाले व्यापारिक लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के बाहर निपटान करने की अनुमति अगली सूचना जारी किए जाने तक दी गयी है। साथ ही, 1 जुलाई 2016 से ‘यूरो’ में किए गए व्यापारिक लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का एसीयू व्यवस्था के बाहर निपटान करने की अनुमति अगली सूचना जारी किए जाने तक दी गयी है। |