Click here to Visit the RBI’s new website

BBBPLogo

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अनिवासियों द्वारा भारत में खोले जाने वाले खाते

(12 फरवरी 2020)

प्रश्न 1. अनिवासी भारतीय किसे कहा जाता है?
प्रश्न 2. भारतीय मूल का व्यक्ति (पीआईओ) किसे कहा जाता है?
प्रश्न 3. अनिवासियों द्वारा भारत में कौन-से प्रमुख खाते खोले जा सकते हैं?
प्रश्न 4. क्या बांग्लादेश/ पाकिस्तान के नागरिक अथवा बांग्लादेश/ पाकिस्तान से नियंत्रित या उनकी स्वामित्वाधीन किसी इकाई का भारत में खाता खोला जा सकता है?
प्रश्न 5. भारत की यात्रा करने वाले यात्री कौन-कौन से खाते खोल सकता है?
प्रश्न 6. विशेष अनिवासी रुपया (एसएनआरआर) खाता क्या होता है? यह एनआरओ खाते से कैसे अलग हैं
प्रश्न 7. विदेशी राजनयिक शिष्टमंडलों/ कार्मिकों तथा भारत में उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किस प्रकार की जमाराशियां धारित की जा सकती हैं?
प्रश्न 8. क्या नेपाल तथा भूटान के निवासी भारत में खाते रख सकते हैं?
प्रश्न 9. क्या बहुपक्षीय संगठन भारत में जमाराशियाँ रख सकते हैं?
प्रश्न 10. कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा-160 के अनुपालन में क्या कोई भारतीय कंपनी अनिवासियों से जमाराशियां स्वीकार कर सकती है?
प्रश्न 11. क्या कोई विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अथवा कोई विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक भारत में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है?
प्रश्न 12. भारत में कौन तथा किस प्रयोजन के लिए एस्क्रो खाते खोल सकता है?

प्रश्न 1. अनिवासी भारतीय किसे कहा जाता है?

उत्तर: ‘अनिवासी भारतीय’ (एनआरआई) भारत से बाहर निवास करने वाला व्यक्ति है, जो भारत का नागरिक है।

प्रश्न 2. भारतीय मूल का व्यक्ति (पीआईओ) किसे कहा जाता है?

उत्तर: ‘भारतीय मूल का व्यक्ति’ (पीआईओ) भारत से बाहर का निवासी है, जो बांग्लादेश या पाकिस्तान अथवा केंद्र सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट ऐसे किसी अन्य देश से भिन्न किसी देश का नागरिक है, और जो निम्नलिखित शर्तें पूरी करता है:

ए) जो भारतीय संविधान के अनुसार अथवा नागरिकता अधिनियम, 1955 (1955 का 57) के अनुसार भारत का नागरिक था, अथवा

बी) वह ऐसे किसी भौगोलिक क्षेत्र से आता हो, जो 15 अगस्त 1947 के बाद भारत का हिस्सा बन गया; अथवा

सी) वह भारतीय नागरिक का या ऊपर उल्लिखित पैरा (ए) या (बी) में उल्लिखित किसी व्यक्ति का पुत्र /पुत्री या पोता /पोती अथवा पर-पोता/ पर-पोती है; अथवा

डी) वह किसी भारतीय नागरिक का विदेशी मूल का पति/ की पत्नी है, अथवा ऊपर उल्लिखित पैरा (ए) (बी) या (सी) में उल्लिखित किसी व्यक्ति का विदेशी मूल का पति/ की पत्नी है।

पीआईओ में नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा-7(ए) की परिभाषा के अंतर्गत ‘विदेशी भारतीय नागरिक कार्ड-धारक” भी शामिल है। उक्त विदेशी भारतीय नागरिकता कार्डधारक व्यक्ति भारत के बाहर का निवासी व्यक्ति होना चाहिए।

प्रश्न 3. अनिवासियों द्वारा भारत में कौन-से प्रमुख खाते खोले जा सकते हैं?

ब्योरा अनिवासी (बाह्य) रुपया खाता योजना (एनआरई खाता) विदेशी मुद्रा(अनिवासी) (बैंक) खाता योजना – [एफ़सीएनआर (बी) खाता] अनिवासी (सामान्य) रुपया खाता योजना- [एनआरओ खाता]
(1) (2) (3) (4)
खाता कौन खोल सकता है? एनआरआई/ पीआईओ

पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के व्यक्ति/ इकाइयों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक है।
भारतीय रूपयों में मूल्यवर्गीकृत राशियों में वास्तविक लेनदेन हेतु भारत के बाहर का निवासी कोई भी व्यक्ति।

पाकिस्तान की नागरिकता/ मूल वाले व्यक्ति/ संस्थाओं तथा बांग्लादेश के मूल वाली इकाइयों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक है।

भारत में निवासी पाकिस्तान/ बांग्लादेश के नागरिक जोकि उन देशों में अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई) से आते हैं और जिन्हें दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) प्रदान किया गया है अथवा एलटीवी के लिए जिनका आवेदन सरकार के विचाराधीन है, वे किसी प्राधिकृत व्यापारी बैंक में केवल एक एनआरओ खाता खोल सकते हैं और वह समय-समय पर अद्यतन की गई 1 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 5(आर)/2016-आरबी में उल्लिखित शर्तों के अधीन होगा।

भारत में डाक घर भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों कें नाम में बचत बैंक खाता खोल सकते हैं और उन्हीं शर्तों के अधीन प्रचालन की अनुमति दे सकते हैं जो प्राधिकृत व्यापारी/ प्राधिकृत बैंक के पास रखे एनआरओ खातों पर लागू हैं ।
संयुक्त खाता दो अथवा उससे अधिक एनआरआई/ पीआईओ के नाम पर संयुक्त रूप से धारित किए जा सकते हैं।

एनआरआई/ पीआईओ द्वारा निवासी रिश्तेदार के साथ ‘पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी व्यक्ति’ आधार पर संयुक्त रूप से धारित किए जा सकते हैं (रिश्तेदार का तात्पर्य कंपनी अधिनियम, 2013 में परिभाषित किए गए अनुसार होगा)। तथापि, एनआरआई/ पीआईओ खाताधारक के जीवनकाल के दौरान निवासी रिश्तेदार मुख्तारनामा धारक के रूप में खाते को परिचालित कर सकता है।
02 अथवा उससे अधिक एनआरआई/ पीआईओ के नाम पर संयुक्त रूप से धारित किए जा सकते हैं। निवासी व्यक्तियों के साथ खाते संयुक्त रूप से “पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी व्यक्ति’ के आधार पर धारित किए जा सकते हैं ।
मुद्रा भारतीय रुपये कोई भी अनुमत मुद्रा अर्थात कोई विदेशी मुद्रा जो मुक्त रूप से परिवर्तनीय हो। भारतीय रुपये
खाते का प्रकार बचत, चालू, आवर्ती, सावधि जमा खाता केवल मियादी जमा खाता बचत, चालू, आवर्ती, सावधि जमा खाता
सावधि जमाराशि की अवधि एक से तीन वर्ष की अवधि के लिए, तथापि बैंकों को उनकी आस्ति-देयता की दृष्टि से तीन वर्ष की अवधि से अधिक समय के लिए एनआरई जमाराशियाँ स्वीकृत करने की अनुमति दी गई है। ऐसी अवधि जो कि 1 वर्ष से कम नहीं है और 5 वर्ष से अधिक नहीं है। निवासी खातों पर यथालागू
अनुमत जमा इस खाते में अनुमत जमा नीम्नलिखित है :

भारत के बाहर से आवक विप्रेषण, खाते में उपचित हो रहा ब्याज, निवेश पर ब्याज, अन्य एनआरई / एफसीएनआर (बी) खातों से अंतरण, निवेशों से प्राप्त परिपक्वता राशियां (यदि ऐसे निवेश इस खाते से या आवक विप्रेषण के माध्यम से किए गए हैं)

चालू आय जैसेकि किराया, लाभांश, पेंशन, ब्याज आदि को एनआरई खाते में अनुमत क्रेडिट माना जाएगा।

सावधानी: केवल ऐसी जमा जिनकी प्रत्यावर्तनीयता समाप्त न हुई हो।
भारत के बाहर से आवक विप्रेषण, भारत में वैध देयताएं और अन्य एनआरओ खातों से अंतरण एनआरओ खाते में अनुमत एनआरओ क्रेडिट है।

उदारीकृत विप्रेषण योजना के अधीन निर्धारित सीमा के भीतर निवासी द्वारा एनआरआई/ पीआईओ के रिश्तेदार को दिए गए रूपया उपहार/ ऋण रिश्तेदार के एनआरओ खाते में जमा किए जाए ।
अनुमत नामे (डेबिट) इस खाते से अनुमत डेबिट हैं– स्थानीय संवितरण, भारत के बाहर विप्रेषण, अन्य एनआरई / एफसीएनआर (बी) खाते में अंतरण और भारत में निवेश। स्थानीय भुगतानों के प्रयोजन, अन्य एनआरओ खातों में अंतरण या विदेश में वर्तमान आय के विप्रेषण के लिए खाते से डेबिट किया जा सकता है।

इनके अलावा विदेशी मुद्रा प्रबंध (आस्तियों का विप्रेषण) विनियमावली, 2016 में निर्धारित शर्तों के अधीन एनआरआई/ पीआईओ द्वारा 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक के संप्रत्यावर्तन को छोड़कर एनआरओ खाते में शेष राशि को विदेश में संप्रत्यावर्तित नहीं किए जा सकते हैं।
इस 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर सुविधा के भीतर निधियां एनआरई खाते में अंतरित की जा सकती हैं।
संप्रत्यावर्तनीयता संप्रत्यावर्तनीय संपूर्ण चालू आय के अलावा अन्य कोई राशि संप्रत्यावर्तनीय नहीं है।

एनआरआई/ पीआईओ के एनआरओ खातों में शेष राशियाँ उनकी अन्य पात्र आस्तियों सहित प्रत्येक वित्तीय वर्ष(अप्रैल-मार्च) में 1(एक) मिलियन अमरीकी डॉलर तक विप्रेषित की जा सकती हैं।
कर देयता खातों में अर्जित आय आयकर से मुक्त है तथा उनमें शेष राशियाँ संपत्ति कर से मुक्त हैं। करों के लिए पात्र
भारत में ऋण प्राधिकृत व्यापारी सामान्य मार्जिन आवश्यकताओं की शर्त के अधीन, बिना किसी सीमा के, खाताधारक/ किसी तीसरे पक्ष को भारत में ऋण दे मंजूर सकते हैं। ये ऋण भारत से बाहर संप्रत्यावर्तित नहीं किए जा सकते हैं तथा भारत में भी इनका उपयोग केवल विनियमावली में निर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए ही किया जा सकता है।

किसी तीसरे पक्ष को मंजूर किए गए ऋणों के मामले में इस प्रकार की सुविधाएं निवासी व्यक्ति/ फ़र्म/ कंपनी को प्राप्त हो सकें इसलिए अपनी जमाराशियों को गिरवी रखने के लिए सहमत होने वाले अनिवासी-जमाकर्ता के लिए विदेशी मुद्रा में कोई भी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष प्रतिफल नहीं होना चाहिए।

खाताधारक को मंजूर किए गए ऋण के संबंध में, इसकी चुकौती या तो जमाराशियों में से समायोजन द्वारा या सामान्य बैंकिंग चैनल के माध्यम से भारत से बाहर आवक विप्रेषणों में से या खाताधारक के एनआरओ खाते में जमा शेष से की जा सकती है।

जमाराशियों के समय-पूर्व आहरण की सुविधा वहाँ उपलब्ध नहीं होगी जहाँ ऐसी जमाराशियों के बदले ऋण लिए गए हैं।

ऋण में सभी प्रकार की निधि आधारित/ गैर-निधि आधारित सुविधाएं शामिल होंगी।
सामान्य शर्तों और मार्जिन आवश्यकताओं के अधीन जमाराशियों के बदले खाताधारक या किसी अन्य पक्ष को भारत में ऋण प्रदान किए जा सकते हैं। ऋण की राशि का प्रयोग पुन: उधार देने, कृषि/ बागवानी गतिविधियों या अचल संपत्ति की खरीद में निवेश के लिए नहीं किया जाएगा।

ऋण में सभी प्रकार की निधि आधारित/ गैर-निधि आधारित सुविधाएं शामिल होंगी।
भारत के बाहर ऋण प्राधिकृत व्यापारी भारत में एनआरआई/ एफ़सीएनआर (बी) खातों में धारित निधियों की ज़मानत पर वास्तविक/ अनुमत प्रयोजनों के लिए सामान्य मार्जिन अपेक्षाओं के अधीन भारत के बाहर स्थित अपनी शाखाओं/ प्रतिनिधि बैंकों को अनिवासी जमाकर्ताओं को अथवा उनके पक्ष में या जमाकर्ता के अनुरोध पर किसी तीसरे पक्ष को ऋण प्रदान करने की अनुमति दे सकते हैं।

ऋण में सभी प्रकार की निधि आधारित/ गैर-निधि आधारित सुविधाएं शामिल होंगी ।
अनुमति नहीं है।
ब्याज की दर विनियमन विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार
निवासी के पक्ष में पावर ऑफ एटॉर्नी द्वारा परिचालन पावर ऑफ एटॉर्नी के अनुसार खाते में किए जाने वाले परिचालन, अनुमत स्थानीय भुगतान अथवा सामान्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से स्वयं खाताधारक को विप्रेषण करने के लिए किए जानेवाले आहरणों तक सीमित है। पावर ऑफ एटॉर्नी के अनुसार खाते में किए जाने वाले परिचालन, रुपये में अनुमत स्थानीय भुगतान, खाताधारक को भारत के बाहर वर्तमान आय को विप्रेषित अथवा सामान्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से स्वयं खाताधारक को विप्रेषित करने के लिए किए जानेवाले आहरणों तक सीमित है। विप्रेषण करते समय संप्रत्यावर्तनीयता की सीमाएं एवं शर्तें लागू होंगी।
निवासी स्थिति में परिवर्तन : अनिवासी से निवासी में परिवर्तन नौकरी के उद्देश्य से खाताधारक के भारत में लौटने या उसकी निवासी स्थिति में परिवर्तन हो जाने पर खाताधारक के विकल्प पर एनआरई खातों को तत्काल निवासी खाते में विनिर्दिष्ट किया जाना चाहिए अथवा इन खातों में रखी निधियों को आरएफसी खातों में अंतरित कर दियाजाना चाहिए। निवासी स्थिति में परिवर्तन होने पर एफ़सीएनआर(बी) जमाराशियों को खाताधारक की इच्छानुसार संविदाकृत ब्याजदर पर परिपक्वता तक जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है।

एफ़सीएनआर(बी) जमाराशियों की परिपक्वता पर प्राधिकृत व्यापारियों को खाताधारक के विकल्प पर उन्हें निवासी रुपया जमा खातों अथवा आरएफ़सी खाते(यदि जमाकर्ता आरएफ़सी खाता खोलने के लिए पात्र हो) में परिवर्तित करना चाहिए।
किसी भी प्रयोजन के लिए अनिश्चित अवधि हेतु भारत में रहने की इच्छा से खाताधारक के भारत लौटने पर एनआरओ खातों को निवासी खातों के रूप में निर्दिष्ट किया जाना चाहिए।

इसी प्रकार, जब कोई निवासी भारतीय भारत के बाहर का निवासी व्यक्ति बन जाता है, तो उसका मौजूदा खाता एनआरओ खाते के रूप में निर्दिष्ट किया जाना चाहिए।

प्रश्न 4. क्या बांग्लादेश / पाकिस्तान का कोई नागरिक अथवा बांग्लादेश / पाकिस्तान से नियंत्रित/ के स्वामित्वाधीन किसी इकाई का भारत में खाता हो सकता है?

उत्तर: पाकिस्तान की नागरिकता/ स्वामित्व वाले व्यक्तियों/ इकाइयों द्वारा खाते खोलने और बांग्लादेश के स्वामित्व की इकाइयों द्वारा खाते खोलने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन आवश्यक है।

तथापि, बांग्लादेश की नागरिकता वाले व्यक्ति एनआरओ खाता खोल सकते हैं, बशर्ते ऐसे व्यक्ति(यों) के पास वैध वीज़ा हो और विदेशी नागरिक पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ)/ विदेशी नागरिक क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) द्वारा जारी वैध आवासीय परमिट हो।

भारत में निवासी पाकिस्तान/ बांग्लादेश के नागरिक जोकि उन देशों में अल्पसंख्यक समुदायों (हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई) से आते हैं, और जिन्हें दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) प्रदान किया गया है अथवा एलटीवी के लिए जिनका आवेदन विचाराधीन है, वे किसी प्राधिकृत व्यापारी बैंक के पास केवल एक एनआरओ खाता खोल सकते हैं और वह समय-समय पर अद्यतन की गई 1 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 5(आर)/2016-आरबी में उल्लिखित शर्तों के अधीन होगा। इस प्रकार के एनआरओ खाते खोलना दिनांक 28 मार्च 2019 के एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.28 द्वारा दिए गए अनुदेश के अनुसार संबंधित प्राधिकृत बैंक द्वारा खोले गए खातों के ब्यौरे तिमाही आधार पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने के अधीन होगा।

प्रश्न 5. भारत की यात्रा करने वाले यात्री कौन-कौन से खाते खोल सकता है?

उत्तर: भारत की यात्रा कर रहे गैर-भारतीय मूल के विदेशी नागरिक बैंकिंग चैनल के माध्यम से भारत के बाहर से विप्रेषित निधियों या उसके द्वारा भारत में लाई गई विदेशी मुद्रा की बिक्री से एनआरओ (चालू/ बचत) खाता खोल सकता है। भारत से प्रस्थान करते समय एनआरओ खाते में शेष जमाराशि का भुगतान खाताधारक को किया जा सकता है, बशर्ते कि खाता छह माह से अनधिक की अवधि के लिए रखा गया है और खाते में उस पर उपचित ब्याज से इतर कोई स्थानीय निधियां जमा नहीं की गई हैं।

प्रश्न 6. विशेष अनिवासी रुपया (एसएनआरआर) खाता क्या है? इसमें तथा एनआरओ खाते में क्या अंतर है?

उत्तर: भारत के बाहर का निवासी कोई भी व्यक्ति जिसका भारत में कारोबारी हित निहित है, वह अधिनियम के प्रावधानों, तथा उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों और विनियमों के अनुरूप रूपये में वास्तविक लेनदेन करने के लिए किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास अपना विशेष अनिवासी रुपया खाता (एसएनआरआर) खोल सकता है। एसएनआरआर खाते की विशेषताएं नीचे दी गई हैं:

एसएनआरआर खाता और एनआरओ खाता के बीच का अंतर नीचे बताया गया है :

ब्योरा विशेष अनिवासी
रुपया खाता (एसएनआर)
सामान्य अनिवासी
रुपया खाता
(एनआरओ)
(1) (2) (3)
खाता कौन खोल सकता है? भारत के बाहर का निवासी कोई भी व्यक्ति जिसका भारत में कारोबारी हित निहित है, वह रूपये में वास्तविक लेनदेन करने के लिए यह खाता खोल सकता है।

पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के व्यक्ति/ इकाइयों को एसएनआरआर खाता खोलने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है।
भारतीय रूपयों में मूल्यवर्गीकृत राशियों में वास्तविक लेनदेन हेतु भारत के बाहर का निवासी कोई भी व्यक्ति।

पाकिस्तान की नागरिकता/ मूल वाले व्यक्ति/ इकाइयों तथा बांग्लादेश के मूल वाली इकाइयों के लिए ऐसे खाते खोलने हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक है।

तथापि, भारत में निवासी पाकिस्तान/ बांग्लादेश के नागरिक जोकि उन देशों में अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई) से आते हों और जिन्हें दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) प्रदान किया गया है अथवा एलटीवी के लिए जिनका आवेदन सरकार के विचाराधीन है, वे किसी प्राधिकृत व्यापारी बैंक में केवल एक एनआरओ खाता खोल सकते हैं और वह समय-समय पर अद्यतन की गई 1 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 5(आर)/2016-आरबी में उल्लिखित शर्तों के अधीन होगा।
खाते का प्रकार ब्याज रहित खाता चालू, बचत, आवर्ती, सावधि जमा

ब्याज दर - विनियमन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार
अनुमत लेनदेन खाते में डेबिट/ क्रेडिट खाताधारक के कारोबारी प्रचालनो कें अनुरूप विशिष्ट/ प्रासंगिक होंगे। जमा (क्रेडिट) :

भारत के बाहर से आवक विप्रेषण, भारत में वैध देयताएं और अन्य एनआरओ खातों से अंतरण और फेमा, 1999 तथा उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों/ विनियमों / निदेशों के अनुसरण में प्राप्त राशियाँ।

नामे (डेबिट) :

स्थानीय भुगतान, अन्य एनआरओ खातों में अंतरण, वर्तमान आय का विप्रेषण, अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के प्रभारों के निपटान हेतु इस खाते से डेबिट किया जा सकता है।
अवधि खाते की अवधि खाताधारक की संविदा/ प्रचालन की अवधि / कारोबार की अवधि के अनुरूप होगी और यह अवधि रिज़र्व बैंक के विशिष्ट अनुमोदन को छोड़कर किसी भी मामले में सात वर्ष से अधिक नहीं होगी।

सात वर्ष की अवधि संबंधी रोक ऐसे एसएनआरआर खातों पर लागू नहीं होगी जो अधिसूचना सं. फेमा 5(आर) की अनुसूची-1 के पैराग्राफ-1 के उप-पैरा (i) से (iv) में उल्लिखित प्रयोजनों हेतु खोले गए हैं।
इन खातों पर अवधि संबंधी कोई रोक नहीं है।
संप्रत्यावर्तनीयता संप्रत्यावर्तनीय हैं। वर्तमान आय; एनआरआई/ पीआईओ द्वारा फेमा 13(आर) के प्रावधानों के अनुसरण में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 1(एक) मिलियन अमेरिकी डॉलर तक विप्रेषण को छोड़ कर अन्य प्रयोजनों के लिए यह खाता संप्रत्यावर्तनीय नहीं है

प्रश्न 7. विदेशी राजनयिक शिष्टमंडलों/ कार्मिकों तथा भारत में उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किस प्रकार की जमाराशियां धारित की जा सकती हैं?

उत्तर: निम्नलिखित खातों की अनुमति है :

ए. विदेशी राजनयिक शिष्टमंडलों/ कार्मिकों तथा भारत में उनके परिवार के सदस्यों द्वारा एडी बैंक में रुपया खाते खोले जा सकते हैं।

बी. राजनयिक शिष्टमंडल तथा राजनयिक कर्मचारी विशेष रुपया खाते अर्थात डिप्लोमैटिक बॉण्ड स्टोर्स खाता खोल सकते हैं; ताकि वे उन फ़र्मों तथा कंपनियों से बॉण्डेड स्टॉक खरीद सकें जिन्हें बॉण्ड में स्टोअर के आयात हेतु सीमाशुल्क प्राधिकारियों द्वारा कतिपय शर्तों के अधीन विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं। खाते में धारित राशि रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के बिना भारत से बाहर संप्रत्यावर्तित की जा सकती हैं।

सी. राजनयिक शिष्टमंडल, राजनयिक कर्मचारियों और गैर-राजनयिक स्टाफ-सदस्यों, जो संबंधित अन्य देशों के नागरिक हैं और भारत में विदेशी दूतावासों का आधिकरिक पासपोर्ट रखते हैं, वे भारत में विदेशी मुद्रा खाते खोल सकते हैं। यह खाता चालू खाता या सावधि जमा खाते के रूप में रखा जा सकता है और राजनयिक कार्मिकों तथा गैर-राजनयिक स्टाफ सदस्यों के मामले में इसे बचत खाते के रूप में भी रखा जा सकता है। इन खातों को आवक विप्रेषण के माध्यम से और भारत में राजनयिक शिष्टमंडल के रुपया खाते में से किए जाने वाले अंतरणों (जिन्हें भारत में वीजा शुल्क के रूप में संग्रहीत किया जाता है) के मार्फत क्रेडिट किया जा सकता है। ऐसे खाते में धारित निधियों को यदि रूपये में परिवर्तित किया जाता है तो उस राशि को विदेशी मुद्रा में फिर से परिवर्तित नहीं किया सकेगा। खाते की निधियां रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के बिना भारत से बाहर संप्रत्यावर्तित की जा सकती हैं।

प्रश्न 8. क्या नेपाल और भूटान के निवासी भारत में खाता खोल सकते हैं?

उत्तर: नेपाल और भूटान के निवासी व्यक्ति भारत में प्राधिकृत व्यापारी के पास भारतीय रुपया (आईएनआर) खाता खोल सकते हैं।

प्रश्न 9. क्या बहुपक्षीय संगठनों के भारत में खाते/ जमाराशियाँ हो सकती हैं?

उत्तर: कोई भी बहुपक्षीय संगठन, जिसका भारत एक सदस्य देश है अथवा उसकी सहायक संस्थाएं/ सम्बद्ध निकाय और उनके भारत में पदस्थ अधिकारी भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास अपना खाता खोल सकते हैं।

प्रश्न 10. कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा-160 के अनुपालन में क्या कोई भारतीय कंपनी अनिवासियों से जमाराशियां स्वीकार कर सकती है?

उत्तर: हां, यदि आवश्यक हो तो इस प्रकार से जमाराशियों तथा धनवापसी की स्वीकृति चालू खाता लेनदेन के अंतर्गत कवर होगी तथा इसे फेमा की दृष्टि से किसी प्रतिबंध के बिना मुक्त रूप से किया जा सकेगा।

प्रश्न 11. क्या कोई विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अथवा कोई विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक भारत में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है?

उत्तर: हां, कोई विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अथवा कोई विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक, यदि भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड (सेबी) के संबंधित विनियमों के अंतर्गत सेबी में पंजीकृत हैं तो वह विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 के प्रावधानों के अनुसार निवेश के प्रयोजन से ब्याज-रहित विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है तथा ऐसे खाते को धारित किए रख सकता है।

प्रश्न 12. भारत में कौन और किस प्रयोजन के लिए एस्क्रो खाते खोल सकता है?

उत्तर: पूंजीगत लिखतों / परिवर्तनीय नोटों के अधिग्रहण/ अंतरण के लिए निवासी और अनिवासी अर्जक एस्क्रो एजेंट के रूप में समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 के प्रावधानों तथा विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 की अनुसूची-5 के में विनिर्दिष्ट नियमों और शर्तों के अनुपालन में भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास भारतीय रूपयों में एस्क्रो खाता खोल सकते हैं।


2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष