(22 नवंबर 2022 को अद्यतन किया गया)
1. कार्ड कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: कार्डों को उनके जारी करने, कार्ड धारक द्वारा उनके उपयोग और भुगतान के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। चार प्रकार के कार्ड होते हैं (क) डेबिट कार्ड, (ख) क्रेडिट कार्ड, (ग) प्रीपेड कार्ड, तथा (घ) इलैक्ट्रोनिक कार्ड।
2. इन कार्डों को कौन जारी करता है?
उत्तर: डेबिट कार्ड बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं और ये बैंक खाते से जुड़े हुए होते हैं। क्रेडिट कार्ड आम तौर पर बैंकों और कुछ गैर-बैंकों द्वारा जारी किए जाते हैं, लेकिन अन्य स्वीकृत संस्थाओं द्वारा भी जारी किए जा सकते हैं। प्रीपेड कार्ड बैंकों/गैर-बैंकों द्वारा कार्डधारक द्वारा अग्रिम भुगतान किए गए मूल्य के विरुद्ध जारी किए जाते हैं और ऐसे कार्डों में संग्रहीत किए जाते हैं जिन्हें कार्ड या वॉलेट के रूप में जारी किया जा सकता है।
3. डेबिट कार्ड के क्या उपयोग हैं?
उत्तर: डेबिट कार्ड का उपयोग एटीएम से नकदी आहरण में, पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनलों अथवा ई-कॉमर्स (ऑनलाइन खरीद) पर माल और सेवाओं की खरीद के लिए किया जा सकता है। उनका उपयोग घरेलू स्तर पर किया जा सकता है, किन्तु यदि कार्ड धारक द्वारा अनुरोध किया जाए तो इसके अंतर्राष्ट्रीय उपयोग की अनुमति भी दी जा सकती है। उनका उपयोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को घरेलू निधि अंतरण के लिए भी किया जा सकता है।
4. क्रेडिट कार्ड के उपयोग क्या हैं?
उत्तर: क्रेडिट कार्ड का उपयोग पीओएस टर्मिनलों / ई-कॉमर्स (ऑनलाइन खरीद) में माल और सेवाओं की खरीदारी के लिए किया जाता है । इन कार्डों का उपयोग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जा सकता है (बशर्ते वे अंतरराष्ट्रीय उपयोग के लिए सक्षम किए गए हों)। क्रेडिट कार्डों का उपयोग एटीएम से नकदी निकालने के लिए और देश के भीतर बैंक खातों, डेबिट कार्डों, क्रेडिट कार्डों और प्रीपेड कार्डों में धन अंतरण के लिए भी किया जा सकता है।
5. प्रीपेड कार्डों के क्या उपयोग हैं?
उत्तर: मूल रूप से, प्रीपेड कार्ड (ए) छोटे पीपीआई और (बी) पूर्ण-केवाईसी पीपीआई हो सकते हैं। उपयोग पीपीआई के प्रकार पर निर्भर करता है और निर्धारित सीमाओं और शर्तों के अधीन है। इन्हें बैंकों और गैर-बैंकों दोनों द्वारा जारी किया जा सकता है।
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छोटे पीपीआई का उपयोग स्पष्ट रूप से पहचाने गए व्यापारिक स्थानों / प्रतिष्ठानों के समूह पर केवल वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए किया जा सकता है, जिनके पास पीपीआई को भुगतान उपकरणों के रूप में स्वीकार करने के लिए जारीकर्ता के साथ एक विशिष्ट अनुबंध (या भुगतान एग्रीगेटर / भुगतान गेटवे के माध्यम से अनुबंध) है।
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पूर्ण केवाईसी-पीपीआई का उपयोग वस्तुओं और सेवाओं की खरीद, धन हस्तांतरण या नकद निकासी के लिए किया जा सकता है।
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न के अंतर्गत पीपीआई पर और विस्तृत जानकारी दी गई है।
6. इलेक्ट्रॉनिक कार्ड क्या हैं?
उत्तर: इलेक्ट्रॉनिक कार्ड को विशिष्ट ओवरड्राफ्ट खातों में जारी किए गए डेबिट कार्ड के रूप में माना जा सकता है जो बिना किसी विशिष्ट अंतिम-उपयोग प्रतिबंध के व्यक्तिगत ऋण की प्रकृति के हैं। बैंकों को ओवरड्राफ्ट खातों वाले प्राकृतिक व्यक्तियों को इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है ताकि ऐसे खातों में घरेलू डिजिटल लेनदेन को सक्षम किया जा सके। सुरक्षा, प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए), मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर), आदि जैसे सभी उद्देश्यों के लिए डेबिट कार्ड से संबंधित निर्देश ऐसे इलेक्ट्रॉनिक कार्ड पर भी लागू होते हैं।
7. पीओएस टर्मिनल पर कार्ड का उपयोग करने के विभिन्न तरीके क्या हैं?
उत्तर: एक कार्ड को पीओएस टर्मिनल पर स्वाइप किया जा सकता है (चुंबकीय-स्ट्रिप कार्ड), अंदर प्रविष्ट किया जा सकता है (चिप आधारित कार्ड) या टैप किया जा सकता है (संपर्क रहित नियर फील्ड कम्यूनिकेशन {एनएफसी} कार्ड)।
8. मैगनेटिक स्ट्रिप कार्ड, ईएमवी चिप और पिन कार्ड और संपर्क रहित एनएफसी कार्ड क्या हैं?
उत्तर: मैगनेटिक स्ट्रिप कार्ड में कार्ड पर मौजूद मैगनेटिक स्ट्रिप पर कार्ड का डेटा संग्रहीत होता है जबकि ईएमवी चिप और पिन कार्ड में डेटा चिप में संग्रहीत किया जाता है। ईएमवी चिप और पिन कार्ड में कार्डधारक सत्यापन के लिए अतिरिक्त इनपुट के रूप में पिन आवश्यक है । एक संपर्क रहित एनएफसी कार्ड में कार्ड को कार्ड रीडर के पास रखा जाता है जिससे कार्ड की पहचान की जाती है। ईएमवी चिप और पिन कार्ड और संपर्क रहित एनएफसी कार्ड को मैगनेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड की तुलना में सुरक्षित माना जाता है।
9. कार्ड प्रेजेंट (सीपी) और कार्ड नॉट प्रेजेंट (सी एन पी) लेन-देन क्या हैं?
उत्तर: कार्ड प्रेजेंट (सीपी) लेनदेन एक कार्ड लेनदेन है जो लेनदेन के स्थान पर कार्ड की भौतिक उपस्थिति के माध्यम से किया जाता है। इसे फेस-टू-फेस अथवा प्रोक्सिमिटी भुगतान लेन-देन के रूप में भी जाना जाता है। इसका एक उदाहरण है किसी एटीएम या किसी पीओएस टर्मिनल पर किया गया लेनदेन। कार्ड नॉट प्रेजेंट (सी एन पी) लेन-देन में कार्ड की भौतिक रूप से उपस्थिती की आवश्यकता नहीं होती है। इसे रिमोट लेनदेन भी कहा जाता है। इसका एक उदाहरण है ऑनलाइन लेन-देन अथवा मोबाइल बैंकिंग लेन-देन जिसमें कार्ड का उपयोग किया गया है।
10. कार्ड के माध्यम से नकदी निकासी या माल और सेवाओं की खरीद के लिए सीमा कौन तय करता है?
उत्तर: एटीएम से नकद निकासी और वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए सीमा कार्ड जारीकर्ता द्वारा तय की जाती है। इन सीमाओं के भीतर, कार्ड धारक घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय, पीओएस, एटीएम, ऑनलाइन लेनदेन, संपर्क रहित लेनदेन आदि जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए लेनदेन की सीमा निर्धारित और संशोधित कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा पीओएस टर्मिनलों पर डेबिट कार्ड और पूर्ण-केवाईसी प्रीपेड कार्ड का उपयोग करके नकद निकासी की अनुमति दी गई है जिससे ₹10,000 की समग्र मासिक सीमा के भीतर प्रति लेनदेन अधिकतम ₹2,000 निकाले जा सकते हैं। कार्डधारक उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली ऐसी सुविधाओं के विवरण के लिए अपने जारीकर्ता से पता कर सकते हैं।
11. क्या ऐसा कोई तरीका है जिसके माध्यम से ग्राहक तुरंत यह पता कर सके कि उसके कार्ड का उपयोग करते हुए धोखाधड़ी द्वारा लेनदेन किया गया है या नहीं ?
उत्तर: भारतीय रिजर्व बैंक कार्ड भुगतान को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न कदम उठाता रहा है। आरबीआई ने बैंकों को सभी कार्ड लेनदेन के लिए ऑनलाइन अलर्ट भेजने के लिए अनिवार्य किया है ताकि कार्ड धारक अपने कार्ड पर होने वाले लेनदेन से अवगत हो सकें। इससे लाभ उठाने के लिए, कार्डधारकों को एसएमएस / ई-मेल अलर्ट के लिए पंजीकरण करने की सलाह दी जाती है।
12. कार्ड के माध्यम से किए जाने वाले लेनदेन को धोखाधड़ी से कैसे सुरक्षित रखा जाता है?
उत्तर: भारत में जारी किए गए सभी कार्डों पर किए गए सीपी और सीएनपी लेनदेनों को प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) के साथ सुरक्षित किया गया है। प्रमाणीकरण का यह अतिरिक्त कारक किसी भी रूप में हो सकता है जिनमें से कुछ सामान्य रूप हैं पिन, डाइनेमिक वन टाइम पासवर्ड, स्टैटिक कोड इत्यादि। जहां विदेशी मुद्रा का बहिर्वाह किया जाना हो वहाँ प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) की आवश्यकता नहीं होती है। इसी तरह से एनएफ़सी कांटैक्टलेस टेक्नोलोजी का प्रयोग करते हुए कार्ड प्रेजेंट लेनदेन के मामले में (एटीएम पर किए गए लेनदेन के मामलों को छोड़कर) 5,000/- रुपये तक के अधिकतम मूल्य के लेनदेनों को प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) की आवश्यकता के बिना अनुमति प्रदान की गई है बशर्ते इसकी विशेष अनुमति ग्राहक से ली गई हो और ईएमवी मानकों का अनुपालन किया जाए।
13. एक अनधिकृत व्यक्ति द्वारा कार्ड के कपट पूर्वक उपयोग के मामले में बैंक की देयताएँ क्या हैं?
उत्तर: सीएनपी लेनदेन के मामले में, आरबीआई ने घरेलू लेनदेन के लिए एएफए प्रदान करना अनिवार्य कर दिया है। यदि एएफए के बिना कोई लेन-देन हुआ है और ग्राहक ने शिकायत की है कि लेनदेन उसके द्वारा नहीं किया गया है, जारीकर्ता बैंक बिना किसी आपत्ति के ग्राहक को नुकसान की प्रतिपूर्ति करेगा। इसके अलावा, अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन के मामले में ग्राहक की देयता, भारतीय रिजर्व बैंक के परिपत्रों दिनांक 06 जुलाई 2017 का परिपत्र DBR.No.Leg.BC.78/09.07.005/2017-18, 14 दिसंबर 2017 का परिपत्र DCBR.BPD.(PCB/RCB).Cir.No.06/12.05.001/2017-18 तथा 27 अगस्त 2021 के पीपीआई पर मास्टर निदेशों का पैरा 17 (12 नवंबर 2021 तक अद्यतन) के प्रावधानों के अनुसार सीमित है।
ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा केवल सूचना और सामान्य मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए जारी किए जाते हैं। इनके आधार पर की गई कार्रवाइयों और / या निर्णयों के लिए बैंक को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। स्पष्टीकरणों या व्याख्याओं के लिए, यदि कोई हो, तो बैंक द्वारा समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों और अधिसूचनाओं द्वारा निर्देशित हो सकते है।
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