1. बैंक द्वारा संग्रहीत एफ़सीएनआर(बी) जमाराशियों को स्वैप विंडो के अंतर्गत आरबीआई के साथ स्वैप करने के लिए पात्र होने के लिए पूर्व शर्तें कौनसी हैं?
6 सितंबर 2013 के बाद किसी भी अनुमत मुद्राओं में प्राप्त, न्यूनतम तीन वर्ष की परिपक्वता वाली तथा एक वर्ष की लॉक-इन अवधि वाली केवल नई एफ़सीएनआर (बी) जमाराशियाँ स्वैप-विंडो के अंतर्गत अनुमत जमाराशियाँ हैं। बैंक 14 अगस्त 2013 के परिपत्र डीबीओडी.डीआईआर.बीसी.38/13.03.00/2013-14 के साथ पठित एफ़सीएनआर(बी) जमाराशियों पर ब्याज दर से संबंधित 1 जुलाई 2013 के आरबीआई मास्टर परिपत्र में विनिर्दिष्ट किए गए अनुसार अनुमत अन्य प्रकार की एफ़सीएनआर (बी) जमाराशियाँ प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र हैं।
2. आरबीआई द्वारा प्रस्तावित स्वैप का स्वरूप क्या है?
स्वैप आरबीआई की ओर से सरल स्वरूप का बिक्री/खरीद विदेशी मुद्रा स्वैप है जिसके अंतर्गत जमाराशियों के केवल मूलधन के भाग को कवर किया जाता है और ब्याज के घटक को नहीं।
3. क्या स्वैप के प्रयोजन के लिए परिपक्व होने वाले एफ़सीएनआर(बी) जमाराशियों का नवीकरण कर के उन्हें नई जमाराशियों के रूप में माना जा सकता है?
हां। तथापि केवल ऐसी जमाराशियाँ, जिन्हें परिपक्वता पर न्यूनतम तीन वर्ष की अवधि के लिए नवीकृत किया गया है और एक वर्ष की लॉक-इन अवधि है, आरबीआई के पास स्वैप करने के लिए पात्र जमाराशियों के रूप में अर्हक होंगी।
4. 3.5 प्रतिशत की स्वैप लागत की गणना कैसे की जाएगी?
3.5 प्रतिशत की स्वैप लागत को स्वैप की अवधि के लिए छमाही अंतरालों पर अभिकलित किया जाएगा।
5. बैंक आरबीआई से स्वैप के लिए कब संपर्क कर सकता है?
जब कभी बैंक एक मिलियन अमरीकी डॉलर अथवा उससे अधिक राशि के एफ़सीएनआर (बी) जमाराशियाँ जुटाता है तब वह आरबीआई से संपर्क कर सकता है। साधारणतः बैंक, आरबीआई के वित्तीय बाज़ार विभाग से परामर्श कर सप्ताह में एक बार आरबीआई के साथ स्वैप लेनदेन कर सकता है।
6. स्वैप की अवधि का निर्धारण कैसे किया जाएगा?
स्वैप की अवधि अंतर्निहित एफ़सीएनआर(बी) जमाराशियों की अवधि के अनुरूप तीन वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि के लिए होगी। स्वैप विंडो का लाभ उठाने के लिए इच्छुक बैंक अवधि को दिनों की संख्या में निर्दिष्ट करते हुए आरबीआई से स्वैप के लिए संपर्क कर सकते हैं।
7. क्या स्वैप से मिलने वाले लाभ को जमाकर्ता को देना आवश्यक है?
आरबीआई द्वारा जारी मौजूदा दिशानिर्देश (14 अगस्त 2013 के परिपत्र डीबीओडी.डीआईआर.बीसी.38/13.03.00/2013-14) के अनुसार समग्र सीमा के भीतर जमाराशि की कीमत लगाने के लिए बैंक स्वतंत्र हैं।
8. जमाराशि के समय से पूर्व आहरण के मामले में क्या बैंक के लिए यह आवश्यक है कि वे स्वैप को रद्द करने के लिए आरबीआई से संपर्क करे?
हां, बैंकों के लिए यह आवश्यक है कि अंतर्निहित एफ़सीएनआर(बी) जमाराशि के समय से पूर्व आहरण किए जाने पर स्वैप को रद्द करने के लिए आरबीआई से संपर्क करें। आरबीआई तथा बैंक, दोनों के परिचालनगत तथा आपसी सुविधा के लिए एक बार जमाराशियों की एक निर्धारित राशि का समयपूर्व आहरण किए जाने पर स्वैप को रद्द किया जाए।
9. अंतर्निहित एफ़सीएनआर(बी) जमाराशि के समय से पूर्व आहरण किए जाने के पश्चात जब आरबीआई से कोई बैंक स्वैप को रद्द करने के लिए संपर्क करता है तो स्वैप की पुनः-कीमत कैसे निर्धारित की जाएगी?
स्वैप की कीमत का पुनः निर्धारण एफ़एक्यू के अंत में दिए गए उदाहरण में दिए गए अनुसार किया जाएगा।
10. क्या कोई बैंक आरबीआई से तब भी स्वैप को समाप्त करने के लिए संपर्क कर सकता है जब अंतर्निहित एफ़सीएनआर(बी) जमाराशि का समय से पूर्व आहरण नहीं किया गया हो?
नहीं।
11. आरबीआई के साथ स्वैप करने के प्रयोजन के लिए अमरीकी डॉलर से अन्य विदेशी मुद्राओं में जुटाई गई एफ़सीएनआर(बी) जमाराशियों की गणना कैसे की जाएगी?
अमरीकी डॉलर से अन्य अनुमत विदेशी मुद्राओं में जुटाई गई एफ़सीएनआर(बी) जमाराशियों के लिए, बैंक स्वैप करने के लिए पात्र समतुल्य अमरीकी डॉलर की राशि का अभिकलन स्वैप सौदा करने के दिन प्रचलित बाज़ार दर में उनका रूपान्तरण करके करे। बैंक रूपान्तरण करने के संबंध में एक सुसंगत नीति का पालन करें और इस प्रकार के रूपांतरणों के लिए जिस क्रियाविधि का पालन क्यी अगया है उसका एक समुचित प्रलेख (ऑडिट ट्रेल) रखें।
12. समय पूर्व आहरण करने पर बैंकों से अमरीकी डॉलर का बहिर्गमन होगा। क्या बैंक विदेशी मुद्रा निधियन के किसी अन्य उपलब्ध स्रोत का उपयोग करते हुए इस डॉलर की मांगों को पूरा कर सकते हैं?
जैसे कि पूर्व में कहा है बैंकों को जमाराशियों के समय से पूर्व आहरण के मामले में स्वैप को समाप्त करने के लिए आरबीआई से अनिवार्यतः संपर्क करना है। तथापि आरबीआई के साथ किए गए स्वैप की समाप्ती के लंबित रेहते बैंक अन्य अनुमत स्रोतों से निधियों की व्यवस्था कर सकते हैं।
13. क्या स्वैप करने के लिए बैंकों को आरबीआई के साथ आईएसडीए करार करना होगा?
बैंकों को आरबीआई के साथ आईएसडीए करार करने की आवश्यकता नहीं है।
14. जुटाए गए नए एफ़सीएनआर(बी) जमा की मूल अवधि तीन वर्ष से अधिक है, लेकिन आरबीआई के साथ स्वैप सुविधा का लाभ उठाते समय यदि शेष परिपक्वता तीन वर्ष से कम होने की स्थिति में क्या कोई आरबीआई के साथ स्वैप कर सकता है?
चूंकि आरबीआई के साथ स्वैप एक मिलियन अमरीकी डॉलर के गुणजों में किया जाएगा, इसलिए यह संभाव है कि किसी बैंक को एक मिलियन डॉलर की न्यूनतम राशि को जुटाने के लिए रुकना पड़े। ऐसे मामले में बैंकों को तीन वर्ष से थोड़ी कम अवधियों के लिए स्वैप करने की अनुमति दी जाएगी बशर्ते उन्होंने एक वर्ष के लॉक-इन अवधि वाली न्यूनतम तीन वर्ष की मूल अवधि के लिए नई पात्र एफ़सीएनआर(बी) जमाराशि जुटाई हो।
15. आरबीआई के साथ किए गए स्वैप में एक बड़ी जोखिम सीमा का उपयोग किया जाएगा (क्योंकि वह बैंक के लिए निष्क्रिय बाज़ार इन-दी मनी स्वैप होगा) । इससे पूंजीगत अपेक्षाओं पर काफी प्रभाव पड़ेगा। क्या आरबीआई पर इस प्रकार के एक्सपोजरों को पूंजी पर्यपता अपेक्षाओं से छूट दी जाती है?
हां।
16. क्या कोई बैंक खाता धारक को विदेश में ऋण दे सकते हैं और क्या ऋण दात्री संस्था ऐसी जमाराशियों पर ग्रहनाधिकार लगा सकता है?
कृपया आरबीआई की वैबसाइट पर उपलब्ध “अनिवासी भारतियों के लिए उपलब्ध विभिन्न जमा योजनाओं की विशेषताएं” विषय पर उपलब्ध एफ़एक्यू (13 सितंबर 2013 को अद्यतन) देखें। बैंकों को एफ़सीएनआर(बी) खाता धारकों को ऋण देने तथा ऐसी जमाराशियों पर ग्रहणाधिकार लगाने की अनुमति है।
उदाहरण
(कृपया उपर्युक्त प्रश्न सं. 8 का उत्तर देखें)
ए. आरबीआई के साथ बिक्री/खरीद स्वैप कराते समय |
बैंक आरबीआई के साथ 19 सितंबर 2013 को 1235 दिन के स्वैप टेनोर का स्वैप डील करता है। |
नियर/स्पॉट चरण |
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23 सितंबर 2013 |
फार चरण (स्पॉट चरण में 1235 दिन की अवधि जोड़कर) |
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09 फरवरी 2017 |
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नियर चरण (आरबीआई के लिए खरीद) |
फार चरण (आरबीआई के लिए बिक्री) |
मूल्य तारीखें |
23 सितंबर 2013 |
09 फरवरी 2017 |
स्वैप राशि (मूलधन) |
1 मिलियन अमरीकी डॉलर |
1 मिलियन अमरीकी डॉलर |
अमरीकी डॉलर- भारतीय रुपया दर |
62.6390 |
70.4419* |
*स्वैप की अवधि के लिए 62.6390 के नियर लेग दर को 3.5 प्रतिशत से छः माही आधार पर कंपाउंड करके अभिकलित किया गया |
आरबीआई के साथ लेनदेन: 19 सितंबर 2013 को बैंक आरबीआई के साथ 62.6390/70.4419 पर 1 मिलियन अमरीकी डॉलर का बिक्री/खरीद स्वैप करेगा। बिक्री चरण को उस दिन के आरबीआई के संदर्भ दर पर किया जाता है। |
बी. अंतर्निहित एफ़सीएनआर(बी) जमाराशि के समय से पूर्व आहरण किए जाने के कारण स्वैप के रद्द/समाप्त करने के समय |
यदि स्वैप 756 दिन के बाद समाप्त किया जाता है तो स्वैप की शेष अवधि 479 दिन रहेगी। स्वैप लागत को निम्नानुसार पुनर्निर्धारित किया जाएगा: |
स्वैप की पूर्ण की गई अवधि (756 दिन) के लिए लागू किए जानेवाली संशोधित स्वैप लागत 14.9% (3.5%+4.0%+7.4%) के बराबर होगी। यह मान लिया जाता है कि समाप्ती के समय 469 दिन की शेष अवधि के लिए प्रचलित अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया स्वैप दर 7.4% होगा। |
संशोधित स्वैप की लागत को बैंक द्वारा आरबीआई के साथ किए जानेवाले नए स्वैप लेनदेन (बिक्री/खरीद) के पहले चरण में समायोजित किया जाएगा। |
मौजूदा स्वैप को रद्द करते समय किया जाने वाला नया स्वैप |
नीयर चरण (आरबीआई के लिए बिक्री) |
फार चरण (आरबीआई के लिए खरीद) |
मूल्य तरीखे |
19 अक्तूबर 2015 |
09 फरवरी 2017 |
दर |
84.3561 |
70.4419 |
आरबीआई के साथ लेनदेन: 15 अक्तूबर 2015 को बैंक आरबीआई के साथ 84.3561/70.4419 पर 1 मिलियन अमरीकी डॉलर का बिक्री/खरीद स्वैप करेगा। |
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