आरबीआई/2024-25/07
सीओ.डीजीबीए.जीबीडी.सं.S2/31-12-010/2024-2025
1 अप्रैल 2024
सभी एजेंसी बैंक
महोदया/महोदय,
एजेंसी बैंक द्वारा सरकारी कारोबार के संचालन पर मास्टर परिपत्र – एजेंसी कमीशन का भुगतान
कृपया उपर्युक्त विषय पर 1 अप्रैल 2023 का हमारा मास्टर परिपत्र आरबीआई/2023-24/07 सीओ.डीजीबीए.जीबीडी.सं.एस1/31-12-010/2023-2024 देखें। हमने अब मास्टर परिपत्र को संशोधित और अद्यतन किया है जिसमें 31 मार्च 2024 के अंत तक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त विषय पर जारी किए गए महत्वपूर्ण अनुदेशों को संकलित किया गया है।
2. संशोधित मास्टर परिपत्र की प्रति आपकी सूचना के लिए संलग्न है। यह परिपत्र हमारी वेबसाइट https://mastercirculars.rbi.org.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
भवदीय
(इंद्रनील चक्रबर्ती)
मुख्य महाप्रबंधक
अनु: यथोक्त
एजेंसी कमीशन के संबंध में मास्टर परिपत्र
प्रस्तावना
1. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक केंद्र और राज्य सरकारों के सामान्य बैंकिंग कारोबार को अपने स्वयं के कार्यालयों के माध्यम से और आपसी समझौते से नियुक्त एजेंसी बैंकों के कार्यालयों के माध्यम से करता/चलाता है। एजेंसी बैंकों द्वारा किए जाने वाले सरकारी कारोबार के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक उन्हें एजेंसी कमीशन का भुगतान करता है। इस मास्टर परिपत्र के अनुबंध 1 में सूचीबद्ध किए गए परिपत्रों में निहित अनुदेशों को समेकित किया गया है।
एजेंसी कमीशन के लिए पात्र सरकारी लेनदेन
2. एजेंसी बैंकों द्वारा किए गए निम्नलिखित सरकारी कारोबार से संबंधित लेनदेनआरबीआई द्वारा भुगतान किए जाने वाले एजेंसी कमीशन के लिए पात्र होंगे:
(ए) केंद्र/राज्य सरकारों की ओर से राजस्व प्राप्तियाँ और भुगतान
(बी) केंद्र/राज्य सरकारों के संबंध में पेंशन का भुगतान
(सी) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विशेष रूप से बताए गए अन्य कोई कार्यजो एजेंसी कमीशन के लिए पात्र होंगे।
3. एजेंसी बैंक लघु बचत योजनाओं से संबंधित ऐसे कार्य भी करते हैं, जिसका कमीशन भारत सरकार द्वारावहन किया जाता है। हालांकि, ऐसे लघु बचत योजनाओं संबंधी कमीशन का निपटान भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संसाधित (प्रोसेस) किया जाता है और इसका निपटान केंद्रीय लेखा अनुभाग (सीएएस), नागपुर में किया जाता है, लघु बचत योजनाओं के लेनदेनों से संबंधित एजेंसी कमीशन की दरों का निर्णय भारत सरकार द्वारा किया जाता है। विशेष जमा योजना से संबंधित लेनदेनों [जिनका प्रतिरूप (मिरर) खाता भारतीय रिज़र्व बैंक में अनुरक्षित किया जाता है] से संबंधित एजेंसी कमीशन संबंधी दावों का निपटान भी केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर द्वारा किया जाता है।
4. वित्तीय संस्थाओं और बैंकों से सीधे उगाहे गए राज्य सरकारों के अल्पावधि/दीर्घावधि ऋण, एजेंसी कमीशन के लिए पात्र नहीं हैं क्योंकि ये लेनदेन सामान्य बैंकिंग कारोबार की प्रकृति के नहीं माने जाते हैं। लोक ऋण के प्रबंध के लिए एजेंट के रूप में कार्य करने हेतु रिज़र्व बैंक एजेंसी बैंकों को यथा सहमत दर पर अलग से पारिश्रमिक अदा करता है।
5. जब कभी एजेंसी बैंक भौतिक मोड या ई-मोड (चालान आधारित) के माध्यम से स्टांप शुल्क संग्रह करते हैं, वे एजेंसी कमीशन के भुगतान के लिए पात्र होते हैं बशर्ते कि एजेंसी बैंक ने स्टांप शुल्क संग्रह करने के लिए जनता से कोई शुल्क या राज्य सरकार से पारिश्रमिक प्राप्त नहीं किया हो।
6. यदि एजेंसी बैंक को फ्रैंकिंग विक्रेता के रूप में राज्य सरकार द्वारा काम दिया गया है और वे जनता से दस्तावेजों की फ्रैंकिंग के लिए स्टांप शुल्क का संग्रह करते हैं तो वे एजेंसी कमीशन के लिए पात्र नहीं होंगे क्योंकि राज्य सरकार फ्रैंकिंग विक्रेता के रूप में एजेंसी बैंक को कमीशन दे रही है। हालांकि, फ्रैंकिंग बार की खरीद के लिए भौतिक या ई-मोड में चालान के माध्यम से कोषागार में क्रेडिट करने के लिए फ्रैंकिंग विक्रेता द्वारा देय स्टांप शुल्क का संग्रह करने वाले एजेंसी बैंक एजेंसी कमीशन के लिए पात्र होंगे क्योंकि ऊपर बताए अनुसार यह स्टांप ड्यूटी का नियमित भुगतान होगा।
सरकारी लेनदेन, जो एजेंसी कमीशन के लिए पात्र नहीं हैं
7. एजेंसी बैंक, जो अपनी स्वयं की कर देयताएं अपनी स्वयं की शाखाओं के माध्यम से, अथवा जहां कहीं उनकी स्वयं की प्राधिकृत शाखाएं नहीं है, वहां भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य एजेंसी बैंक की प्राधिकृत शाखाओं के माध्यम से अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालयों के माध्यम से अदा कर रहे हैं, उन्हें इनका स्क्रौल में अलग से उल्लेख करना चाहिए। ऐसे लेनदेन एजेंसी कमीशन के भुगतान के लिए पात्र नहीं होंगे। एजेंसी कमीशन का दावा प्रस्तुत करते समय बैंकों को इस आशय का एक प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना चाहिए कि उनके द्वारा अदा की गई, उनकी स्वयं की कर देयताएं [स्रोत्र पर काटे गए कर (टीडीएस), कार्पोरेशन कर, इत्यादि] इसमें शामिल नहीं हैं।
8. निम्नलिखित गतिविधियाँ, अन्य बातों के साथ-साथ, एजेंसी बैंक व्यवसाय के दायरे में नहीं आती हैं और इसलिए वे एजेंसी कमीशन के भुगतान के लिए पात्र नहीं हैं:-
(ए) सरकारी ठेकेदारों/आपूर्तिकर्ताओं द्वारा एजेंसी बैंकों के माध्यम से प्रस्तुत बैंक गारंटी/जमानती जमाराशियाँ आदि, जो बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के लिए किया गया बैंकिंग लेनदेन है।
(बी) स्वायत्तशासी/सांविधिकनिकाय/नगरपालिकाओं/कंपनियों/निगमों/स्थानीय निकायों का बैंकिंग व्यवसाय।
(सी) स्वायत्तशासी/सांविधिक निकायों/नगरपालिकाओं/निगमों/स्थानीय निकायों आदि के द्वारा हुई हानि को शामिल करने के लिए सरकार द्वारा पूंजी की प्रकृति के रूप में वर्गीकृत किया गया भुगतान।
(डी) पूर्वनिधियन वाली योजनाएं, जिन्हें केंद्र सरकार के मंत्रालय/विभाग (महा लेखानियंत्रक के परामर्श से) याराज्य सरकार के विभाग द्वारा किसी बैंक के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है
(ई) स्वर्ण मुद्रीकरण योजना 2015 से संबंधित लेनदेन
(एफ) मंत्रालयों/विभागों आदि की ओर से बैंकों द्वारा खोले गए साख पत्र/बैंक गारंटी में से हुए लेनदेन को एजेंसी कमीशन के लिए अर्ह नहीं माना जाता है क्योंकि भारतीय रिज़र्व बैंक सरकारों से प्राप्त मेंडेट के आधार पर बैंकों को भुगतान किए गए राशि की ही प्रतिपूर्ति करता है।
(जी) एजेंसी कमीशन के लिए अपात्र के रूप में रिज़र्व बैंक या केंद्र या राज्य सरकार द्वारा विशेष तौर पर बताए गए अनुसार कार्य की अन्य कोई मद।
9. एजेंसी बैंकों को सूचित किया गयाहै कि एजेंसी कमीशन के लिए अपात्र लेनदेनों के संबंध में समय-समय पर आरबीआई द्वारा जारी किए गए अनुदेशों को पूरी तरह से पालन करें और तद्नुसार एजेंसी कमीशन के लिए अपने दावों को प्रस्तुत करें। एजेंसी कमीशन का दावा करते समय सभी एजेंसी बैंक यह प्रमाणित करें कि अपात्र लेनदेनों पर कोई भी एजेंसी कमीशन का दावा नहीं किया गया है।
10. एजेंसी बैंकों द्वारा लेनदेनों की रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजना: एनईएफटी 24X7 और आरटीजीएस 24X7 के परिचालन होने के बाद माल और सेवाकर (जीएसटी) और टिन 2.0 प्रणाली के अंतर्गत प्रत्यक्ष कर संग्रहण के लिए प्राधिकृत एजेंसी बैंक, वैश्विकछुट्टियों अर्थात् 26 जनवरी, 15 अगस्त, 2 अक्तूबर, सभी गैर कार्य दिवस शनिवार, सभी रविवार और आवश्यकता के कारण सरकारी लेनदेनों के लिएआरबीआई द्वारा घोषित अन्य कोई दिवस को छोड़कर सभी दिवसों में अपनी लगेज़ फाइलें भारतीय रिज़र्व बैंक के क्यूपीएक्स/ई-कुबेर में अपलोड करेंगे। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह लगेज फाइलें भारतीय रिज़र्व बैंक के क्यूपीएक्स/ई-कुबेर में प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक कार्यालय, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड और प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक कार्यालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा निर्धारित 1800 बजे या उससे पहले अपलोड की जायें। क्यूपीएक्स/ई-कुबेर में इन लगेज फाइलों को अपलोड करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एजेंसी बैंकों को समय-सीमा में 1800 बजे के बाद कोई छूट नहीं दी जाएगी।
11. संबंधित राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी से पुष्टि कराए जाने के बाद अनुवर्ती माह की आठवीं तारीख के बाद रिपोर्ट किए गए पिछले माह के राज्य सरकार के लेनदेन (इलैक्ट्रानिक तथा भौतिक मोड) और ऐसे लेनदेन, जो उससे पिछले माह के दौरान किए गए थे, की रिपोर्ट लेखांकन हेतु अलग स्टेटमेंट के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजी जानी चाहिए।
12. केंद्र सरकार के लेनदेन (इलेक्ट्रानिक तथा भौतिक मोड) अथवा उनके किसी समायोजन की रिपोर्ट यदि लेनदेन की तारीख के 90 दिनों बाद रिपोर्ट की जाती है तो एजेंसी बैंकों को इसके लिए संबंधित मंत्रालय/विभाग से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए और निपटान हेतु ऐसे लेनदेनों की रिपोर्ट करते समय इसे भारतीय रिज़र्व बैंक को अलग से प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
एजेंसी कमीशन के लिए दरें
13. एजेंसी बैंक समझौते के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अपनी निर्धारित दरों के अनुसार एजेंसी बैंक को भुगतान करता है। 1 जुलाई 2019 से प्रभावी लागू दरें नीचे दी जा रही है:-
क्र.सं. |
लेनदेन का प्रकार |
ईकाई |
संशोधित दर |
ए. |
(i) |
प्राप्तियां - भौतिक मोड |
प्रति लेनदेन |
₹40/- |
|
(ii) |
प्राप्तियाँ-ई-मोड |
प्रति लेनदेन |
₹9/- |
बी. |
पेंशन भुगतान |
प्रति लेनदेन |
₹75/- |
सी. |
पेंशन के अलावा अन्य भुगतान |
प्रति ₹100 का टर्नओवर |
6.5 पैसे प्रति ₹100 |
14. इस संदर्भ में, उपरोक्त सारणी में क्रम संख्या ए. (ii) के सामने दर्शाई गई ‘प्राप्तियां-ई-मोड लेनदेन’ ऐसे लेनदेन हैं जोकि धनप्रेषक के बैंक खाते से, इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से, निधि के प्रेषण के रूप में और वे सभी लेनदेन जिसमें नकद/लिखतों की भौतिक प्राप्ति शामिल नहीं है। उदाहरण के लिए इलेक्ट्रानिक रूप से जेनरेट किए गए तथा नकद/लिखतों के साथ प्रस्तुत चालान को भौतिक मोड के अंतर्गत किया गया लेनदेन माना जाना चाहिए।
15. जीएसटी के कार्यान्वयन के संदर्भ में यह सूचित किया जाता है कि जीएसटी भुगतान प्रक्रिया के अंतर्गत एकल कामन पोर्टल पहचान सं. (CPIN) सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर चालान पहचान संख्या (CIN) जेनरेट होती है, तो उसे एकल लेनदेन माना जाए चाहे वह एकाधिक प्रधान खाताशीर्ष/उप प्रधान खाताशीर्ष/लघु खाताशीर्ष वाले खातों में जमा किया जाता है। इसका आशय यह है कि एकल चालान के माध्यम से अदा किया गया सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और उपकर आदि को एकल लेनदेन माना जाएगा। इस प्रकार, एकल चालान पोर्टल पहचान सं. के अंतर्गत जोड़े गए सभी अभिलेखों को एजेंसी कमीशन का दावा करने के प्रयोजन से एकल लेनदेन माना जाएगा। यह 1 जुलाई 2017 से प्रभावी है।
16. इसी प्रकार लेनदेन, जो जीएसटी के अंतर्गत शामिल नहीं हैं, के मामले में एकल चालान (इलेक्ट्रानिक अथवा भौतिक) को केवल एकल लेनदेन माना जाएगा न कि एकाधिक लेनदेन, चाहे इसमें एकाधिक प्रधान खाताशीर्ष/उप प्रधान खाताशीर्ष/लघु खाताशीर्ष वाले खातों में जमा किया जाता है। अत: एकल चालान के अंतर्गत जोड़े गए अभिलेखों, जिनकी प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी हो गई है, को एजेंसी कमीशन के दावे के प्रयोजन से एकल लेनदेन माना जाएगा।
17. एजेंसी बैंक, पेंशन लेनदेन के लिए, ₹75/- प्रति लेनदेन की दर से एजेंसी कमीशन का दावा करने के लिए, केवल तभी पात्र होंगे, जब उनके द्वारा पेंशन के संवितरण का संपूर्ण कार्य, जिसमें पेंशन गणना का कार्य भी शामिल है, निष्पादित किया जाएगा। यदि पेंशन संवितरण से संबंधित कार्य, संबंधित सरकारी विभाग/कोषागार द्वारा किया गया हो और बैंकों द्वारा केवल उन्हें सरकारी खाते से एकल नामे द्वारा अपने यहाँ अनुरक्षित पेंशनरों के खातों में जमा करना अपेक्षित होतो ऐसे लेनदेन को 'पेंशन भुगतान के अलावा भुगतान' के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाएगा और वे 1 जुलाई 2019 से प्रभावी, प्रति ₹100/- के टर्नओवर पर 6.5 पैसे की दर से एजेंसी कमीशन के भुगतान के लिए पात्र होंगे।
18. एजेंसी कमीशन के भुगतान हेतु पात्र लेनदेनों की संख्या प्रति पेंशनरों के लिए प्रतिवर्ष 14 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसमें निवल पेंशन के भुगतान हेतु मासिक जमा का एक लेनदेन तथा मंहगाई राहत में वृद्धि, यदि लागू हो, के कारण बकाए के भुगतान के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम दो लेनदेन शामिल है। पेंशन के विलंब से प्रारंभ होने/पुन: प्रारंभ होने के कारण बकाए के भुगतान वाले मामले वाले लेनदेन एजेंसी कमीशन का दावा करने के लिए एकल लेनदेन होंगे। अर्थात् पेंशन के विलंब से प्रारंभ होने/पुन: प्रारंभ होने के कारण बकाए के भुगतान को एकल जमा लेनदेन माना जाएगा न कि अलग मासिक जमा वाले लेनदेन।
19. एजेंसी बैंक को पूरी दर पर एजेंसी कमीशन देय है बशर्ते बैंक द्वारा सभी स्तरों पर लेनदेनों का संचालन किया जाए। तथापि जहाँ ये कार्य दो बैंकों द्वारा किया जा रहा हो तो एजेंसी कमीशन बैंकों के मध्य 75:25 के अनुपात में शेयर किए जाएंगे। इस प्रकार, विस्तृत रूप में यह एजेंसी कमीशन एजेंसी बैंकों को निम्नलिखित ब्यौरे के अनुसार देय है:
(ए) ऐसे मामले में पूरी दर पर, जहाँ बैंक द्वारा सभी स्तरों, अर्थात् स्क्रौलों और चालानों/चेकों को भुगतान और लेखा कार्यालयों तथा कोषागारों/उप-कोषागारों को भेजे जाने तक, पर लेनदेनों का संचालन किया जाता है।
(बी) लागू दर के 75% की दर पर, जहाँ डीलिंग शाखा के लिए लेनदेनों का हिसाब रखने के लिए स्क्रौल और दस्तावेज भारतीय रिज़र्व बैंक अथवा सकारी कारोबार/व्यवसाय करने वाले किसी एजेंसी बैंक की स्थानीय/निकटतम शाखा को भेजना अपेक्षित हो।
(सी) लागू दर के 25% की दर पर, ऐसी एजेंसी बैंक शाखा के मामले में, जो अन्य बैंकों की डीलिंग शाखाओं से स्क्रौल और दस्तावेज प्राप्त करती है और ऐसे लेनदेनों के लेखांकन और स्क्रॉल और दस्तावेज भुगतान और लेखा कार्यालय, कोषागारों आदि को भेजने के लिए जिम्मेदार हैं।
20. सभी एजेंसी बैंकों को निधियों और एजेंसी कमीशन, दोनों से संबंधित अपने एजेंसी लेनदेन का निपटान किसी अन्य एजेंसी बैंक, जो कुछ मामलों में एग्रीगेटर का कार्य करते हैं, के माध्यम से करने के बजाए सीधे भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से करना चाहिए। इसी प्रकार राज्य सरकार/सरकारों की ओर से सभी एजेंसी बैंकों द्वारा किए गए भुगतानों का भी निपटान सीधे भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से करना चाहिए। एजेंसी बैंकों द्वारा एजेंसी लेनदेनों/स्क्रॉल का ब्यौरा सीधे संबंधित राज्य सरकार/कोषागार को भेजा जा सकता है। सीधे भारतीय रिज़र्व बैंक से दैनन्दिन आधार पर राज्य सरकार की निधियों (प्राप्ति और भुगतान) के निपटान की नई व्यवस्था 1 जनवरी 2018 से प्रभावी है।
एजेंसी कमीशन का दावा
21. एजेंसी बैंकों को केंद्र सरकार के लेनदेनों से संबंधित अपने एजेंसी कमीशन के दावे सीएएस नागपुर को और राज्य सरकार के लेनदेनों से संबंधित अपने एजेंसी कमीशन के दावे भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को निहित प्रारूप (जीएसटी विवरण के साथ) में प्रस्तुत करने होते हैं। तथापि, जीएसटी प्राप्ति लेनदेनों से संबंधित और टिन 2.0 व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्यक्ष कर संग्रहण से संबंधित लेनदेन के संबंध में एजेंसी कमीशन के दावे और मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, आरबीआई को रिपोर्ट किए गए आइसगेट पेमेंट गेटवे के माध्यम से अप्रत्यक्ष करों के संग्रहण से संबंधित लेनदेन का निपटान केवल भारतीय रिज़र्व बैंक के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा किया जाएगा और तदनुसार जीएसटी और टिन 2.0 व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्यक्ष कर और आइसगेट पेमेंट गेटवे के माध्यम से अप्रत्यक्ष करों का संग्रहण करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि उक्त प्राप्तियों से संबंधित एजेंसी कमीशन के अपने दावे केवल मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में ही प्रस्तुत करें। सीएएस, नागपुर, आरबीआई को रिपोर्ट किए गए केंद्र सरकार के लेनदेन के लिए एजेंसी कमीशन के दावों का निपटान, सीएएस, नागपुर, आरबीआई में किया जाना जारी रहेगा। सभी एजेंसी बैंकों के लिए एजेंसी कमीशन का दावा प्रस्तुत करने संबंधी प्रारूप और शाखा के अधिकारियों और सनदी लेखाकार (चार्टर्ड अकाउंटेंट) या लागत लेखाकार (कॉस्ट अकाउंटेट) द्वारा हस्ताक्षर किए जाने वाले अलग और विशिष्ट प्रमाणपत्रों के सेट क्रमश: अनुबंध-2, अनुबंध 2ए और अनुबंध 2बी में दिए गए हैं। ये प्रमाणपत्र, कार्यकारी निदेशक/मुख्य महाप्रबंधक (सरकारी कारोबार के प्रभारी) के इस आशय के नियमित प्रमाणपत्र कि कोई पेंशन बकाया क्रेडिट किया जाना बाकी नहीं है/नियमित पेंशन/बकाया जमा करने में कोई देरी नहीं हुई है, के अतिरिक्त होंगे।
22. जहाँ बाह्य लेखापरीक्षक, समवर्ती लेखा परीक्षक/सांविधिक लेखापरीक्षक भी हैं, ऐसे दावे समवर्ती/सांविधिक लेखापरीक्षक द्वारा प्रमाणित किए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त एजेंसी बैंकों से यह अपेक्षित है कि वे यह सुनिश्चित करें कि एजेंसी बैंकों के आंतरिक निरीक्षको/लेखा परीक्षको के द्वारा उनके शाखाओं के द्वारा प्रस्तुत किए गए एजेंसी कमीशन के दावे को सत्यापित करें और अपने निरीक्षण/लेखा-परीक्षा के दौरान इसकी यथार्थता की पुष्टि करें।
23. भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर से केंद्रीकृत रूप में केंद्र और राज्य सरकार के लेनदेनों के लिए प्राप्त एजेंसी कमीशन पर सेवा कर की प्रतिपूर्ति के लिए दावा करने संबंधी प्रक्रिया के बारे में हमारे 4 नवंबर 2016 के पत्र में निहित अनुदेशों का संदर्भ ग्रहण करें। सेवा कर के लिएमालऔर सेवा कर के फ्रेमवर्क में शामिल हो जाने के बावजूद भी यह प्रक्रिया जारी थी। केंद्रीकृत रूप में दावों को प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को ऐसी प्रणाली से बदल दिया गया है जिसके अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों/सीएएस, नागपुर, जैसा भी मामला हो, के द्वारा एजेंसी कमीशन के साथ लागू जीएसटी (वर्तमान में 18%) का भुगतान किया जाएगा।
24. दिनांक 01 जुलाई 2019 से किए गए पात्र सरकारी लेनदेनों के लिए एजेंसी बैंक ऊपर उल्लिखित संशोधित एजेंसी कमीशन के दरों के अनुसार लागू जीएसटी की राशि सहित अपने एजेंसी कमीशन के दावे को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी वर्तमान अनुदेशों के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों/सीएएस, नागपुर में जमा करेंगे। जीएसटी पर टीडीएस के संबंध में सरकार के अनुदेशों के अनुसार एजेंसी कमीशन का भुगतान करते समय भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यथालागू कटौती की जाएगी।
25. तथापि, 30 जून 2019 तक एजेंसी बैंकों द्वारा किए गए पात्र सरकारी लेनदेनों के लिए एजेंसी बैंक एसटी/जीएसटी की प्रतिपूर्ति के लिए केंद्रीकृत दावों के साथ-साथ एजेंसी कमीशन के दावों को पहले की तरह प्रस्तुत करता रहेगा।
26. एजेंसी बैंकों क लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि एजेंसी कमीशन का दावा निर्धारित प्रारूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय/केंद्रीय लेखा अनुभाग नागपुर को सही रूप में प्रस्तुत किया जाए। एजेंसी बैंक अपनी शाखाओं को सावधान करें कि वे हमारे क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत किए जाने वाले दावों का सही होना सुनिश्चित करें। ऐसे गलत दावे, यदि आंतरिक/समवर्ती लेखापरीक्षकों द्वारा यथाविधि प्रमाणित किए जाते हैं तो तिमाहीदावा करने संबंधी इस आवश्यक शर्त के प्रयोजन को अर्थहीन बना देंगे।
27. एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे एजेंसी कमीशन संबंधी दावे उस तिमाही, जिसमें ये लेनदेन किए गए हैं, के समाप्त होने के बाद 60 कैलेंडर दिनों के भीतर रिज़र्व बैंक में प्रस्तुत करें। यदि ऊपर उल्लिखित निर्धारित अवधि के भीतर बैंक ये दावे प्रस्तुत करने में असमर्थ रहते हैं तो वे विलंब का कारण देते हुए ही ऐसे दावे प्रस्तुत कर सकते हैं।
गलत दावों के लिए दण्ड ब्याज लगाना
28. एजेंसी बैंकों का भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ किए गए करार के अनुसार और सरकार या रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए अनुदेशों का अनुपालन नहीं करने या उल्लंघन करने पर दण्ड लगाया जाएगा। निपटाए गए एजेंसी कमीशन में से गलत दावों के लिए एजेंसी बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यथा अधिसूचित बैंक दर + 2% की दर पर दण्ड ब्याज अदा करना होगा।
अनुबंध 1
मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची
क्र. सं |
परिपत्र सं. |
दिनांक |
विषय |
1. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-190/31.12.010/2003-04 |
14 सितम्बर 2003 |
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एजेंसी कमीशन पर टीडीएस नहीं काटा जाएगा। |
2. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-41/42.02.001/2003-04 |
22 जुलाई 2004 |
एजेंसी बैंकों के माध्यम से आयकर और अन्य प्रत्यक्ष कर (केंद्र सरकार) तथा राज्य सरकारों के व्यवसाय कर/अन्य कर स्वीकार करने संबंधी योजना |
3. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-1225-1258/42.02.001/2004-05 |
27 अक्तूबर 2004 |
एजेंसी बैंकों के माध्यम से आयकर और अन्य प्रत्यक्ष कर (केंद्र सरकार) तथा राज्य सरकारों के व्यवसाय कर/अन्य कर स्वीकार करने संबंधी योजना |
4. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-2625-2658/31.12.010(सी)/2004-05 |
17 दिसंबर 2004 |
एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी कारोबार करने के लिए पारिश्रमिक-टर्नओवर कमीशन का भुगतान |
5. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-3568-3601/42.01.001/2004-05 |
13 जनवरी 2005 |
एजेंसी बैंकों के माध्यम से आयकर और अन्य प्रत्यक्ष कर (केंद्र सरकार) तथा राज्य सरकारों के व्यवसाय कर/अन्य कर स्वीकार करने संबंधी योजना |
6. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-4530/31.12.010 (सी)/2005-06 |
27 अक्तूबर 2005 |
एजेंसी बैंकों द्वारा प्रस्तुत एजेंसी कमीशन संबंधी दावे – सामान्य अनियमितताएँ |
7. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-11136/31.12.010 (सी)/2005-06 |
31 जनवरी 2006 |
एजेंसी बैंकों द्वारा प्रस्तुत एजेंसी कमीशन संबंधी दावे – सामान्य अनियमितताएँ |
8. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-13118/31.12.010(सी)/2005-06 |
02 मार्च 2006 |
एजेंसी बैंकों द्वारा प्रस्तुत एजेंसी कमीशन संबंधी दावे – सामान्य अनियमितताएँ |
9. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-13034/31.12.010 (सी)/2006-07 |
27 फरवरी 2007 |
पेंशन लेनदेन संबंधी एजेंसी कमीशन |
10. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-1800/31.12.010 (सी)/2009-10 |
21 अगस्त 2009 |
एजेंसी कमीशन दावों मे असामान्य बढ़ोत्तरी |
11. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-3903/31.12.010(सी)/2009-10 |
11 नवंबर 2009 |
एजेंसी कमीशन के दावे बाह्य लेखापरीक्षक/सनदी लेखाकार द्वारा प्रमाणित होने चाहिए |
12. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-160/31.12.010(सी)/2010-11 |
07 जुलाई 2010 |
एजेंसी कमीशन के दावे बाह्य लेखापरीक्षक द्वारा प्रमाणित होने चाहिए |
13. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-670/31.12.010 (सी)/2010-11 |
24 मार्च 2011 |
भारिबैं द्वारा एजेंसी कमीशन पर टीडीएस की कटौती नहीं की जाएगी |
14. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-8852/31.12.010(सी)/2010-11 |
21 जून 2011 |
रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टांप ड्यूटी संकलन हेतु एजेंसी कमीशन का भुगतान |
15. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-7575/31.12.011/2011-12 |
22 मई 2012 |
पेंशन लेनदेन संबंधी एजेंसी कमीशन |
16. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-2529/31.12.010(सी)/2012-13 |
31 अक्तूबर 2012 |
एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी कारोबार का संचालन – एजेंसी कमीशन का भुगतान- बैंकों द्वारा एजेंसी कमीशन का दावा करने संबंधी संशोधित प्रारूप – कार्यदल की अनुशंसाओं को लागू करना |
17. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-2995/31.12.010/2014-15 |
7 जनवरी 2015 |
एजेंसी कमीशन का भुगतान- बाह्य लेखापरीक्षकों द्वारा दावों का स्पष्टीकरण |
18. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.617/31.12.010(C)/2015-16 |
13 अगस्त 2015 |
एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी कारोबार का संचालन – एजेंसी कमीशन का भुगतान |
19. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.1636/31.12.010/2015-16 |
10 नवंबर 2015 |
एजेंसी कमीशन का भुगतान- बाह्य लेखापरीक्षकों द्वारा दावों का स्पष्टीकरण |
20. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.2278/31.12.010/2015-16 |
21 जनवरी 2016 |
पेंशन खातों पर एजेंसी कमीशन का भुगतान |
21. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.3262/31.02.007/2016-17 |
15 जून 2017 |
एजेंसी कमीशन दावे प्रस्तुत करने की अवधि |
22. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.3333/31.02.007/2016-17 |
22 जून 2017 |
सरकारी प्राप्तियों के लिए एजेंसी कमीशन का भुगतान |
23. |
डीजीबीए.जीएडी.सं 2294/15.04.001/2016-17 |
6 मार्च 2017 |
स्वर्ण मुद्रीकरण योजना |
24. |
डीजीबीए.जीएडी.सं.1007/15.04.001/2017-18 |
17 अक्तूबर 2017 |
स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, 2015 |
25. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.1324/31.02.007/2017-18 |
16 नवंबर 2017 |
जीएसटी प्राप्तियों के लिए एजेंसी कमीशन |
26. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.1472/31.02.007/2017-18 |
30 नवंबर 2017 |
एजेंसी बैंकों द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक को लेनदेनों की रिपोर्ट भेजना |
27. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.1498/31.02.007/2017-18 |
7 दिसंबर 2017 |
कुछ मामलों (निधियों और एजेंसी कमीशन के लिए) में एजेंसी लेनदेनों का निपटान सीधे भारतीय रिज़र्व बैंक से किया जाना |
28. |
भारिबैं/2018-19/16डीजीबीए.जीबीडी.सं.87/31.02.007/2018-19 |
12 जुलाई 2018 |
एजेंसी कमीशन दावों को प्रस्तुत करने की अवधि |
29. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.1590/44.02.007/2018-19 |
24 दिसंबर 2018 |
एजेंसी बैंकों को एजेंसी कमीशन का भुगतान – जीएसटी के अंतर्गत टीडीएस प्रावधानों की प्रयोज्यता |
30. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.1590/44.02.01/2018-19 |
23 जनवरी 2019 |
एजेंसी बैंकों को एजेंसी कमीशन का भुगतान – जीएसटी के अंतर्गत टीडीएस प्रावधानों की प्रयोज्यता |
31. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.3144/31.02.07/2018-19 |
20 जून 2019 |
सरकारी लेनदेनों पर बैंकों को भुगतान किए जाने वाला एजेंसी कमीशन में संशोधन और तर्कसंगत बनाना |
32. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.5/31.02.007/2019-20 |
31 जुलाई 2019 |
एजेंसी कमीशन- समाधान प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना |
33. |
डीजीबीए.जीबीडी.सं.648/31.12.007/2019-20 |
25 सितंबर 2019 |
एजेंसी कमीशन- समाधान प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना |
34. |
सीओ.डीजीबीए.जीबीडी.सं.एस957/43-33-005/2022-2023 |
14 नवम्बर 2022 |
टिन (TIN) 2.0 व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्यक्ष कर संग्रहण के लिए एजेंसी कमीशन |
35. |
सीओ.डीजीबीए.जीबीडी.सं.एस295/31-12-010/2023-2024 |
14 जून 2023 |
आइसगेट भुगतान गेटवे के माध्यम से अप्रत्यक्ष करों के संग्रहण के लिए एजेंसी कमीशन |
36. |
सीओ.डीजीबीए.जीबीडी.सं.एस1234/31-12-010/2023-2024 |
13 मार्च 2024 |
जीएसटी, आइसगेट और टिन 2.0 लगेज फ़ाइलों को अपलोड करने के लिए समय-सीमा |
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