आरबीआई/2014-15/436
डीसीबीआर.केंका.एलएस (पीसीबी) परि.सं.4/07.01.000/2014-15
28 जनवरी 2015
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
महोदया / महोदय,
वित्तीय रूप से सुदृढ़ और सुप्रबंधित बैंकों के रूप में शहरी सहकारी बैंकों के वर्गीकरण के लिए मानदंड़ों की समीक्षा
कृपया 13 अक्तूबर 2014 के हमारे परिपत्र सं.शबैंवि.केंका.एलएस (पीसीबी) परि.सं.20/07.01.000/2014-15 देखें।
2. हमें विभिन्न हित्तधारकों से यह अनुरोध करते हुए अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं कि उक्त परिपत्र के पैरा 3 में बताए गए विनियामकीय सहजता (Regulatory Comfort) की परिभाषा की समीक्षा की जाए। हमने मामले की जांच की है तथा यह निर्णय लिया है कि 'विनियामकीय सहजता' (Regulatory Comfort) की परिभाषा का संशोधन किया जाए। तदनुसार, एफएसडब्ल्यूएम (FSWM) के रूप में किसी शहरी सहकारी बैंक का वर्गीकरण किए जाने के उद्देश्य से विनियामकीय सहजता (Regulatory Comfort) की परिभाषा में बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू), भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए गए अनुदेश / निदेश शामिल किए जाएंगे, अर्थात् विनियामक अनुपालन (Regulatory Compliance) के मामले में बैंक के पास निष्पादन रिकार्ड हो तथा पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों / दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए बैंक पर कोई मौद्रिक दंड़ न लगाया गया हो।
3. एफएसडब्ल्यूएम (FSWM) बैंक के रूप में शहरी सहकारी बैंक को स्वीकार करने के लिए 13 अक्तूबर 2014 में निर्धारित अन्य सभी मानदंड़ अपरिवर्तित रहेंगे।
भवदीया,
(सुमा वर्मा)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |