आरबीआई/2023-24/14
विवि.एसएफजी.आरईसी.सं.10/30.01.021/2023-24
11 अप्रैल 2023
लघु वित्त बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर)
आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) सहित सभी जमा स्वीकार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी)
महोदया / महोदय,
हरित जमाराशियों के अंगीकरण हेतु ढांचा
जलवायु परिवर्तन को 21वीं सदी में वैश्विक समाज और अर्थव्यवस्था के सामने सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक माना गया है। वित्तीय क्षेत्र संसाधन जुटाने और हरित गतिविधियों / परियोजनाओं में उनके आबंटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हरित वित्त भी उत्तरोत्तर, भारत में गति प्राप्त कर रहा है।
2. विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा निधि जुटाने के लिए जमाराशियां एक प्रमुख स्रोत है। यह देखा गया है कि कुछ आरई पहले से ही हरित गतिविधियों और परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए हरित जमाराशियों की पेशकश कर रहे हैं। इसे आगे बढ़ाते हुए और देश में हरित वित्त पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और विकसित करने की दृष्टि से, आरई के लिए संलग्न हरित जमाराशियों के अंगीकरण हेतु ढांचे को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
3. यह ढांचा 1 जून 2023 से प्रभावी होगा।
भवदीय,
(सुनील टी.एस. नायर)
मुख्य महाप्रबंधक
हरित जमाराशियों के अंगीकरण हेतु ढांचा
क. प्रयोजन/औचित्य
ग्राहकों को हरित जमाराशियों की पेशकश करने के लिए विनियमित संस्थाओं (आरई) को प्रोत्साहित करना, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना, ग्राहकों को उनकी संधारणीयता के उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना, ग्रीनवाशिंग चिंताओं को दूर करना और हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के लिए ऋण के प्रवाह को बढ़ाने में सहायता करना।
1. प्रयोज्यता
इन अनुदेशों के प्रावधान निम्नलिखित संस्थाओं पर लागू होंगे, जिन्हें सामूहिक रूप से विनियमित संस्थाओं (आरई) के रूप में संदर्भित किया जाएगा:
(क) लघु वित्त बैंकों सहित अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर) और
(ख) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 19341 की धारा 45Iए के खंड (5) के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ पंजीकृत सभी जमा स्वीकार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सी), सहित राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 19872 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी)।
2. परिभाषाएं
इन दिशानिर्देशों में, जब तक कि संदर्भ में अन्यथा न कहा गया हो, यहां दी गई शर्तों का वही अर्थ होगा जो नीचे दिया गया है:
(क) "हरित गतिविधियों/परियोजनाओं" का अर्थ इन दिशानिर्देशों के पैरा 7 में निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करने वाली गतिविधियों/परियोजनाओं से है।
(ख) "हरित जमाराशियों" का अर्थ है एक निश्चित अवधि के लिए आरई द्वारा प्राप्त एक ब्याज-युक्त जमा और जिससे प्राप्त राशि को हरित वित्त (ग्रीन फाइनेंस) के लिए आबंटित करने के लिए निर्धारित किया गया है।
(ग) "हरित वित्त" का अर्थ इन दिशानिर्देशों के पैरा 7 में निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करने वाली गतिविधियों/परियोजनाओं को उधार देना और/या निवेश करना है जो जलवायु जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु अनुकूलन और लचीलापन, और अन्य जलवायु-संबंधी या पर्यावरणीय उद्देश्य - जिसमें जैव विविधता प्रबंधन और प्रकृति-आधारित समाधान शामिल हैं, आदि में योगदान करते हैं;
(घ) "ग्रीनवाशिंग" का अर्थ ऐसे उत्पादों/सेवाओं को हरित के रूप में विपणन करने की प्रक्रिया है, जो वास्तव में हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के रूप में परिभाषित होने की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं।
जब तक यहां परिभाषित नहीं किया गया है, तब तक अन्य सभी अभिव्यक्तियों का अर्थ वही होगा जो उन्हें बैंककारी विनियमन अधिनियम, 19493, या भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 या कोई वैधानिक संशोधन या पुन: अधिनियमन के तहत परिभाषित किया गया है अथवा जैसा कि वाणिज्यिक बोलचाल में उपयोग किया जाता है, जैसा भी मामला हो।
ख. हरित जमाराशियों का ढांचा
3. मूल्यवर्ग, ब्याज दरें और जमाराशियों की अवधि
विनियमित संस्थाओं द्वारा संचयी/गैर-संचयी जमाराशियों के रूप में हरित जमाराशियाँ जारी की जाएंगी। परिपक्वता पर, जमाकर्ता के विकल्प पर हरित जमाराशियों का नवीनीकरण अथवा निकासी की जाएगी। हरित जमाराशियों को केवल भारतीय रुपये में मूल्यवर्गित किया जाएगा। अवधि, आकार, ब्याज दर और अन्य नियम और शर्तें (जो संबन्धित आरई पर लागू हैं) जो दिनांक 03 मार्च 2016 को जारी मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2016, दिनांक 25 अगस्त 2016 को जारी मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां सार्वजनिक जमा की स्वीकृति (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 और दिनांक 17 फरवरी 2021 को जारी मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021, जिन्हें समय-समय पर संशोधित किया गया है, ये यथोचित परिवर्तनों सहित सभी हरित जमाराशियों पर भी लागू होगा।
4. नीति
आरई द्वारा हरित जमाराशियों पर एक व्यापक बोर्ड-अनुमोदित नीति तैयार की जाएगी, जिसमें हरित जमाराशियों को जारी करने और आबंटन से संबंधित सभी पहलुओं को विस्तार से बताया जाएगा। 'हरित जमाराशियों' के संबंध में उपर्युक्त नीति की एक प्रति आरई की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी।
ग. वित्तीय ढांचा
5. आरई द्वारा हरित जमाराशियों के प्रभावी आबंटन के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित वित्तीय ढांचा (फाइनेंसिंग फ्रेमवर्क) (एफएफ) स्थापित किया जाएगा, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल होंगे:
(i) पात्र हरित गतिविधियां/परियोजनाएं जिन्हें हरित जमाराशियों के माध्यम से जुटाई गई राशी से ("राशी के उपयोग" के अंतर्गत पैरा 7 में नीचे दी गई अनुमति के अनुसार) वित्तपोषित किया जा सकता है;
(ii) आरई द्वारा परियोजना मूल्यांकन और चयन की प्रक्रिया (अर्थात, जलवायु-संबंधी या पर्यावरणीय उद्देश्य), जिसमें पात्र श्रेणियों के अंतर्गत उधार देने/निवेश करने के लिए उपयुक्त परियोजनाओं की पहचान करना, उधारकर्ता द्वारा प्रदान की गई संधारणीयता की जानकारी की निगरानी और सत्यापन करना शामिल है;
(iii) हरित जमाराशियों की राशी का आबंटन4 और इसकी रिपोर्टिंग, राशी के आबंटन का तृतीय-पक्ष सत्यापन/आश्वासन और प्रभाव आंकलन ('तृतीय-पक्ष सत्यापन/आश्वासन और प्रभाव आंकलन’ के तहत पैराग्राफ 8 और 9 में नीचे दिए गए विवरण के अनुसार); और
(iv) हरित जमाराशि प्राप्तियों के अस्थायी आबंटन का विवरण (जो केवल एक वर्ष की अधिकतम मूल अवधि तक चलनिधि लिखतों में होगा, जिसे वित्तीय ढांचे के तहत विनिर्दिष्ट किया जाएगा) जिनका आबंटन पात्र गतिविधियों/परियोजनाओं के लिए लंबित है।
6. उपर्युक्त पहलुओं को निर्दिष्ट करते हुए वित्तीय ढांचे की एक प्रति आरई की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। आरई अपने एफएफ की बाह्य समीक्षा करने की भी व्यवस्था करेगा और बाह्य समीक्षक से किए परामर्श को एफएफ के कार्यान्वयन से पहले अपने वेबसाइट पर उपलब्ध कराएगा।
घ. राशी के उपयोग
7. हरित जमाराशियों से जुटाई गई राशी का आबंटन आधिकारिक भारतीय हरित वर्गीकरण पर आधारित होगा। एक अंतरिम उपाय के रूप में, जब तक वर्गीकरण अंतिम रूप नहीं लेता है, आरई को हरित गतिविधियों/परियोजनाओं की निम्नलिखित सूची5 के लिए हरित जमाराशियों के माध्यम से जुटाई गई प्राप्तियों को आबंटित करने की आवश्यकता होगी, जो संसाधन उपयोग में ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहित करती है, कार्बन उत्सर्जन और ग्रीन हाउस गैसों को कम करती है, जलवायु लचीलेपन और/या अनुकूलन और मूल्य को बढ़ावा देती है और प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता में सुधार लाती है।
क्षेत्र |
विवरण |
नवीकरणीय ऊर्जा |
• सौर/पवन/बायोमास/जलविद्युत ऊर्जा परियोजनाएं जो ऊर्जा उत्पादन और भंडारण को एकीकृत करती हैं।
•
नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने के लिए प्रोत्साहन देना। |
ऊर्जा दक्षता |
• इमारतों और संपत्तियों में ऊर्जा-कुशल और ऊर्जा-बचत प्रणालियों और प्रतिष्ठानों का डिजाइन और निर्माण।
• प्रकाश व्यवस्था में सुधार का अनुसमर्थन करना (उदाहरण के लिए एलईडी के साथ प्रतिस्थापन)।
• नई कम कार्बन वाली इमारतों के निर्माण में मदद करना और साथ ही मौजूदा इमारतों के लिए ऊर्जा-कुशल रेट्रोफिटिंग करना।
• बिजली ग्रिड के नुकसान को कम करने के लिए परियोजनाएं। |
स्वच्छ परिवहन |
• परिवहन के विद्युतीकरण को बढ़ावा देने वाली परियोजनाएं।
• चार्जिंग अवसंरचना के निर्माण सहित इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे स्वच्छ ईंधन को अपनाना। |
जलवायु परिवर्तन अनुकूलन |
• परियोजनाओं का उद्देश्य बुनियादी ढांचे को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अधिक लचीला बनाना है। |
धारणीय जल और अपशिष्ट प्रबंधन |
• जल कुशल सिंचाई प्रणालियों को बढ़ावा देना।
• परिवहन, उपचार और निपटान प्रणाली सहित अपशिष्ट जल अवसंरचना की स्थापना/उन्नयन।
• जल संसाधन संरक्षण।
• बाढ़ रक्षा प्रणाली। |
प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण |
• वायु उत्सर्जन में कमी, ग्रीनहाउस गैस नियंत्रण, मृदा उपचार, अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट रोकथाम, अपशिष्ट पुनर्चक्रण, अपशिष्ट में कमी और ऊर्जा/उत्सर्जन-कुशल अपशिष्ट-से-ऊर्जा6 को लक्षित करने वाली परियोजनाएं। |
हरित इमारतें |
• इमारतों से संबंधित परियोजनाएं जो क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों या पर्यावरणीय प्रदर्शन के प्रमाणन को पूरा करती हैं। |
जीवित प्राकृतिक संसाधनों और भूमि उपयोग का धारणीय प्रबंधन |
• कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और जलीय कृषि का पर्यावरणीय रूप से धारणीय प्रबंधन।
• वनरोपण/वनीकरण सहित धारणीय वानिकी प्रबंधन।
• प्रमाणित जैविक खेती को समर्थन।
• जीवित संसाधनों और जैव विविधता संरक्षण पर अनुसंधान। |
स्थलीय और जलीय जैव विविधता संरक्षण |
• तटीय और समुद्री पर्यावरण से संबंधित परियोजनाएं। • लुप्तप्राय प्रजातियों, आवासों और पारिस्थितिक तंत्रों के संरक्षण सहित जैव विविधता संरक्षण से संबंधित परियोजनाएं। |
बहिष्करण
• सुधार और उन्नयन सहित जीवाश्म ईंधन के नए या मौजूदा निष्कर्षण, उत्पादन और वितरण से जुड़ी परियोजनाएं; या जहां मुख्य ऊर्जा स्रोत जीवाश्म-ईंधन आधारित है।
• परमाणु ऊर्जा उत्पादन।
• प्रत्यक्ष अपशिष्ट भस्मीकरण।
• शराब, हथियार, तम्बाकू, गेमिंग, या ताड़ के तेल के उद्योग।
• संरक्षित क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले फीडस्टॉक का उपयोग करके बायोमास से ऊर्जा पैदा करने वाली अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं।
• लैंडफिल परियोजनाएं।
• 25 मेगावाट से बड़े जलविद्युत संयंत्र |
आरई यह सुनिश्चित करेंगे कि हरित जमाराशियों के माध्यम से जुटाई गई धनराशि को पात्र हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के लिए आवंटित किया जाए।
ड. तृतीय-पक्ष सत्यापन/ आश्वासन और प्रभाव आंकलन
8. वित्त वर्ष के दौरान आरई द्वारा हरित जमाराशियों के जरिए जुटाई गई निधियों का आबंटन किसी स्वतंत्र तृतीय-पक्ष सत्यापन/आश्वासन के अधीन होगा जो वार्षिक आधार पर किया जाएगा। तृतीय-पक्ष के मूल्यांकन से आरई निधियों के अंतिम-उपयोग संबंधी अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त नहीं हो जाता, जिसके लिए आंतरिक नियंत्रण और संतुलन की निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना होगा जैसा कि अन्य ऋणों के मामले में किया जाता है। उपर्युक्त पैरा 5 से 7 में निर्धारित ढांचे की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उधारकर्ताओं द्वारा अतिरिक्त रूप से पूरा किए जाने वाले संबंधित नियम और शर्तें निधियों के अंतिम-उपयोग का निर्धारण करने के दौरान अतिरिक्त जांच बिन्दु होंगी।
9. तृतीय-पक्ष सत्यापन/आश्वासन रिपोर्ट, कम से कम, निम्न पहलुओं को आच्छादित करेगी:
-
राशी का उपयोग उपर्युक्त पैरा 7 में दर्शाए गए पात्र हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के अनुसार किया जाना चाहिए। आरई जुटाई गई जमा राशि के लिए आबंटित निधि की अंतिम-उपयोग की निगरानी करेंगे।
-
नीतियां और आंतरिक नियंत्रण में, अन्य बातों के साथ-साथ, परियोजना मूल्यांकन और चयन, राशी का प्रबंधन, और उधारकर्ता द्वारा आरई को प्रदान की गई संधारणीयता संबंधी जानकारी का सत्यापन और रिपोर्टिंग और प्रकटीकरण शामिल हैं।
10. आरई, बाह्य फर्मों की सहायता से, वार्षिक रूप से हरित वित्त गतिविधियों /परियोजनाओं के लिए उधार दी गई या निवेश की गई निधियों से जुड़े प्रभाव का आंकलन एक प्रभाव आंकलन रिपोर्ट के माध्यम से करेगा। प्रभाव संकेतकों की एक व्याख्यात्मक सूची अनुबंध 1 में दी गई है। यदि आरई अपने ऋण/निवेश के प्रभाव को निर्धारित करने में असमर्थ हैं, तो वे कम से कम इसके कारण, कठिनाइयां और इसे संबोधित करने के लिए समयबद्ध भविष्य की योजनाओं का प्रकटीकरण करेंगे। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि प्रभाव आंकलन एक उद्विकासी क्षेत्र है, यह वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए स्वैच्छिक आधार पर किया जाएगा। आरई को वित्त वर्ष 2024-25 से अनिवार्य रूप से प्रभाव आंकलन करना होगा। आरई अपनी वेबसाइट पर तृतीय-पक्ष सत्यापन/आश्वासन और प्रभाव आंकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
च. रिपोर्टिंग और प्रकटीकरण
11. आरई द्वारा वित्तीय वर्ष की समाप्ति के तीन महीनों के भीतर अपने निदेशक बोर्ड के समक्ष एक समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित विवरण शामिल होंगे:
-
पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान हरित जमाराशियों के तहत जुटाई गई राशि
-
हरित गतिविधियों/परियोजनाओं की सूची, जिन्हें राशी आबंटित की गई है, साथ ही परियोजनाओं का संक्षिप्त विवरण
-
पात्र हरित गतिविधियों/परियोजनाओं को आबंटित राशि
-
तृतीय-पक्ष सत्यापन/आश्र्वासन रिपोर्ट और प्रभाव आंकलन रिपोर्ट की एक प्रति।
12. आरई अनुबंध 2 में निर्धारित प्रोफार्मा के अनुसार हरित जमा निधि के उपयोग के बारे में पोर्टफोलियो-स्तरीय जानकारी पर अपने वार्षिक वित्तीय विवरणों में उचित प्रकटीकरण करेंगे।
अनुबंध 1
प्रभाव संकेतकों की व्याख्यात्मक सूची
पात्र परियोजना श्रेणी |
प्रभाव संकेतक – उदाहरण |
नवीकरणीय ऊर्जा |
कुल नवीकरणीय क्षमता (MWh में) |
प्रति वर्ष उत्पन्न ऊर्जा (MWh) |
प्रति वर्ष टाला गया जीएचजी उत्सर्जन (टन CO2 समकक्ष, tCO2e में मापा गया) |
अपशिष्ट प्रबंधन |
प्रति वर्ष लैंडफिल से निकाला गया कचरा (tonnes) |
स्वच्छ परिवहन |
प्रति वर्ष टाला गया जीएचजी उत्सर्जन (tCO2e) |
नई स्वच्छ परिवहन अवसंरचना का निर्माण (km) |
उत्पादित इलेक्ट्रिक या कम उत्सर्जन वाले वाहनों की संख्या |
ऊर्जा दक्षता |
प्रति वर्ष ऊर्जा बचत (MWh) |
प्रति वर्ष टाला गया जीएचजी उत्सर्जन (tCO2e) |
वनरोपण/वनीकरण |
जीएचजी उत्सर्जन में कमी / हासिल किया गया कार्बन पृथक्करण (tCO2e में मापा गया) |
अनुबंध 2
हरित जमा से जुटाई गई निधि के उपयोग पर पोर्टफोलियो स्तर की जानकारी
(राशि ₹ करोड़) |
विवरण |
वर्तमान वित्तीय वर्ष |
पिछला वित्तीय वर्ष |
संचयी * |
कुल हरित जमा जुटाए गए (क) |
|
|
|
हरित जमा निधि का उपयोग ** |
(1) नवीकरणीय ऊर्जा |
|
|
|
(2) ऊर्जा दक्षता |
|
|
|
(3) स्वच्छ परिवहन |
|
|
|
(4) जलवायु परिवर्तन अनुकूलन |
|
|
|
(5) धारणीय जल और अपशिष्ट प्रबंधन |
|
|
|
(6) प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण |
|
|
|
(7) हरित भवन |
|
|
|
(8) जीवित प्राकृतिक संसाधनों और भूमि उपयोग का धारणीय प्रबंधन |
|
|
|
(9) स्थलीय और जलीय जैव विविधता संरक्षण |
|
|
|
आबंटित कुल हरित जमा निधि (ख = 1 से 9 का योग) |
|
|
|
हरित जमा निधि की राशि आवंटित नहीं की गई (ग = क – ख) |
|
|
|
पात्र हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के लिए लंबित हरित जमा राशी के अस्थायी आबंटन का विवरण |
|
|
|
* इसमें संचयी राशि शामिल होगी जब से आरई ने हरित जमा की पेशकश शुरू की थी। उदाहरण के लिए, अगर किसी बैंक ने 1 जून, 2023 से हरित जमा जुटाना शुरू किया है, तो 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाली अवधि के लिए वार्षिक वित्तीय विवरण में 1 जून 2023 से 31 मार्च 2025 तक जुटाई गई और आवंटित जमा राशि का विवरण शामिल होगा।
** प्रत्येक श्रेणी के अंतर्गत, आरई प्रत्येक उप-श्रेणी को आवंटित निधि के आधार पर उप-श्रेणियां प्रदान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आरई "नवीकरणीय ऊर्जा" के तहत उप-श्रेणियां जैसे कि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि प्रदान कर सकते हैं। |
|